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कृषि यंत्रों पर सब्सिडी

इस राज्य में सुपर सीडर पर 40 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है

इस राज्य में सुपर सीडर पर 40 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है

वर्तमान में संभागीय कृषि अभियांत्रिकी विभाग सतना में किसान भाइयों के लिए सुपर सीडर उपलब्ध है। विशेष बात यह है, कि यदि किसान भाई सीडर खरीदते हैं, तो इस पर उन्हें 40 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। मध्य प्रदेश की राज्य सरकार किसान भाइयों की आमदनी में इजाफा करने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं जारी कर रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत किसान भाइयों की खेती करने की तकनीक वैज्ञानिक रूप धारण कर गई है। इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश में कृषकों को कृषि यंत्रों पर अच्छा-खासा अनुदान भी दिया जा रहा है। परंतु, फिलहाल रीवा और सतना जनपद के किसानों के लिए काफी अच्छी खुशखबरी है। यहां के कृषकों को सुपर सीडर मशीन खरीदने के लिए अच्छा-खासा अनुदान प्रदान किया जा रहा है। 

सुपर सीडर किसानों के लिए काफी उपयोगी साबित होता है

मीडिया खबरों के अनुसार, सुपर सीडर एक ऐसा यंत्र है, जिसको ट्रैक्टर के साथ जोड़कर खेती-बाड़ी करने के कार्य में लिया जाता है। इस यंत्र का सर्वाधिक इस्तेमाल फसलों की बुवाई करने हेतु किया जाता है। इसके इस्तेमाल से नरवाई की दिक्कत परेशानी दूर हो चुकी है। अब ऐसी स्थिति में गेहूं एवं चने की खेती करने वाले कृषकों के लिए सुपर सीडर यंत्र बेहद उपयोगी साबित होता है। 

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सुपर सीडर के उपयोग से नरवाई जलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि किसी फसल के डंठल को नरवाई कहा जाता है। सुपर सीडर धान एवं गेहूं की डंठल को छोटे- छोटे भागों में विभाजित कर मृदा में मिला देता है। अब ऐसी स्थिति में सुपर सीडर मशीन से फसलों की बिजाई करने वाले कृषकों को नरवाई को आग के जरिए जलाना नहीं पड़ता है। इससे प्रदूषण पर भी रोक लगती है। 

सुपर सीडर पर 40 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा

फिलहाल, संभागीय कृषि अभियांत्रिकी विभाग सतना में किसान भाइयों के लिए सुपर सीडर उपलब्ध हैं। विशेष बात यह है, कि यदि किसान भाई सीडर खरीदेंगे तो 40 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। मुख्य बात यह भी है, कि यह यंत्र एक घंटे में एक एकड़ भूमि में फैले नरवाई को चौपट कर देती है। इसके पश्चात फसलों की बिजाई करती है। धान के उपरांत गेहूं एवं गेंहू के बाग मूंग की खेती करने वाले कृषकों के लिए सुपर सीडर किसी वरदान से कम नहीं है। किसान भाई सुपर सीडर के माध्यम से वर्षभर में अच्छी-खासी आमदनी की जा सकती है। वैसे तो सुपर सीडर की कीमत लगभग 3 लाख रुपये है। परंतु, कृषि विभाग की तरफ से 40 प्रतिशत प्रतिशत अनुदान मिलने के पश्चात इसकी कीमत काफी हद तक कम हो जाती है।

इस राज्य में 50 प्रतिशत अनुदान पर मिल रहे ट्रैक्टर जल्द आवेदन करें

इस राज्य में 50 प्रतिशत अनुदान पर मिल रहे ट्रैक्टर जल्द आवेदन करें

हरियाणा राज्य सरकार किसानों के लिए अहम कार्य कर रही है। प्रदेश में किसानों को 50 % अनुदान पर ट्रैक्टर उपलब्ध करा रही है। जिसका लाभ लेने के लिए किसानों को 20 जनवरी तक ड्रा रजिस्ट्रेशन हेतु https://agriharyana.gov.in/ पर ऑनलाइन 10,000 रुपये का शुल्क जमा कराना होगा। आजकल कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण एवं आधुनिक तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। क्योंकि अधिकांश खेती किसानी से जुड़े कामों में किसानों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और समय भी अधिक लगता है। मशीनों के उपयोग से इन दोनों समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है। दरअसल ,मशीनों के प्रयोग से समय और मेहनत दोनों की बचत होती है। सरकार ने इसी बात को ध्यान में रखकर ट्रैक्टरों पर अनुदान देने की पहल की है। इसकी मुख्य वजह यह है कि अधिकांश कृषि यंत्र ट्रैक्टर के माध्यम से संचालित किये जाते हैं। साथ ही, ट्रैक्टर की मदद से किसान कृषि कार्यों सहित के उत्पादन को बाजार में ले जाने के लिए भी मदद मिलेगी।


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ट्रैक्टर का मूल्य काफी महंगा होने की वजह से हर किसान इसको खरीदने के लिए सक्षम नहीं होता है। हालाँकि, किसान हित में चलाई गई योजनाओं ने इस कार्य को काफी सुगम बना दिया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी विभिन्न योजनाओं के तहत ट्रैक्टर खरीदने हेतु कर्ज एवं अनुदान की सुविधा प्रदान की जाती है। इसी क्रम में फिलहाल हरियाणा सरकार व अन्य राज्य सरकारों द्वारा भी किसानों को ट्रैक्टर खरीदने हेतु सहायता की जा रही है। हरियाणा सरकार किसानों को 50% अनुदान की सहायता करके किसानों को ट्रैक्टर मुहैय्या करा रही है।

हरियाणा सरकार अनुदान पर उपलब्ध करा रही ट्रै्क्टर

आपको बतादें कि हरियाणा कृषि विभाग की तरफ से पानीपत जनपद के कृषकों को 30 ट्रैक्टर सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ट्रैक्टर पर दिए जा रहे अनुदान की अधिकतम राशि 3 लाख रुपये मतलब 50% फीसद तय की गई है। जो भी किसान अनुदान पर ट्रैक्टर खरीदना चाहते हैं, तो वह 20 जनवरी तक अपना ड्रॉ पंजीयन सुनिश्चित कर लें। इसी संदर्भ में जिला उपायुक्त ललित सिवाच का कहना है, कि प्रमाणित किसानों हेतु ड्रॉ रजिस्ट्रेशन का शुल्क 10,000 रुपये तय किया गया है। जिसे https://agriharyana.gov.in/ पर ऑनलाइन तौर पर जमा कराना होगा। यदि किसानों के द्वारा आवेदन करने के उपरांत इस शुल्क को पोर्टल के जरिए से जमा नहीं करवाया, ऐसी स्थिति में उनका आवेदन रोक लिया जाएगा। साथ ही, जो किसान शुल्क जमा कर देंगे, उनका ऑनलाइन ड्रॉ के माध्यम से जिला स्तर की समिति चयन करेगी।

किसान इस योजना का कैसे फायदा उठा सकते हैं

इस योजना के सन्दर्भ में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सहायक अभियंता का कहना है, कि चयन के बाद किसान को अनुमोदित निर्माता अथवा डीलर से स्वयं की रुचिनुसार ट्रैक्टर के मॉडल की खरीद लें। उसके बाद अनुदान की निर्धारित धनराशि के अतिरिक्त शेष लागत अनुमोदित वितरक के खाते में ई-वाउचर सहित जमा करानी होगी। इसी मध्य निर्माता वितरक को भी किसान की विस्तृत जानकारी, बैंक का विवरण, ट्रैक्टर का मॉडल, कीमत का निदेशालय के पोर्टल या ई-मेल के माध्यम से सब्सिडी ई-वाउचर हेतु आवेदन करना होगा।

अनुदान का लाभ लेने के लिए निर्धारित शुल्क की अंतिम तिथि

हरियाणा सरकार द्वारा ट्रैक्टर पर 50% अनुदान पाने हेतु 16 जनवरी तक शुल्क जमा करने का निर्देश दिया गया हैं। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा कृषकों हेतु 55 प्रकार के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी मुहैय्या कराई जा रही है। आपको यह भी बतादें, कि इस योजना का फायदा केवल अनुसूचित जाति के कृषकों को ही मिल पाएगा। जो एस.बी. 89 योजना के तहत 35hp मॉडल के ट्रैक्टर हेतु तय नियम व पात्रता के अनुरूप आवेदन किया जा सकता है।
किसानों को सस्ते में मिलेंगे कृषि यंत्र, सरकार दे रही 50% सब्सिडी

किसानों को सस्ते में मिलेंगे कृषि यंत्र, सरकार दे रही 50% सब्सिडी

पंजाब के किसानों की आय बढ़ाने के लिए पंजाब सरकार काफी कोशिशों में लगी हुई है. जिसके तहत सीएम भगवंत मान की सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला किया है. राज्य की सरकार कृषि के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए पुरजोर कोशिशें कर रही है. इसकी तर्ज पर वो नई से नई तकनीकों को भी बढ़ावा दे रही है. जिस वजह से किसानों को अब सस्ते में कृषि यंत्र उपलब्ध हो जाएंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि पंजाब सरकार ने इन्हीं कृषि यंत्रो पर 50 फीसद तक सब्सिडी देने का फैसला लिया है. बता दें पंजाब सरकार के मुताबिक किसानों को अब परम्परागत खेती की बजाय तकनीकी पर आधारित खेती करने की तरफ रुख करना चाहिए. जिस वजह से उनकी आय में कुछ बढ़ोतरी हो सके. इन्हीं सब बातों को देखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने खेती में उपयुक्त होने वाले यंत्रों की खरीद पर करीब 50 फीसद की सब्सिडी देने का फैसला कर लिया है. ये भी देखें: २०२२-२३ के लिए कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन की प्रकिया जारी : डा. कर्मचंद, हरियाणा वहीं डीसी गुरदासपुर डॉक्टर हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि, राज्य सरकार का किसानों से यह भी आग्रह है कि, किसान अपनी खेती में नये नये यंत्रों का इस्तेमाल करें. ताकि उनकी कमाई पहले से ज्यादा हो सके. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, मान की सरकार कृषि यंत्रीकरण के तहत कृषि और किसान कल्याण विभाग किसानों को 28 फरवरी तक सब्सिडी देगा. इसके अलावा ट्रैक्टर अपट्रेंड, असिस्टेंट स्प्रेयर, ऑटोमेटिक और सेमी ऑटोमेटिक पोटैटो पॉटर, न्यूमेटिक प्लांटर लेजर लैंड लेवलर, पावर वीडर जैसे यंत्रों को अगर किसान खरीदते हैं, तो उन्हें इसके लिए 50 फीसद की भारी सब्सिडी दी जाएगी.

पोर्टल पर मिलेगी डीलर्स की सूची

सरकार की इस योजना का फायदा उठाने के लिए सबसे पहले किसानों को इसके लिए आवेदन करना होगा. जिसके लिए उन्हें इससे सम्बंधित आधिकारिक वेबसाइट https://www.agrimachinerypb.com/ पर विजिट करके अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. जिसने बाद ही उन्हें सब्सिडी का फायदा मिल सकेगा. इसके अलावा कस्टम हायरिंग सेंटर को स्थापित करने के लिए भी पंजाब सरकार सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है. वहीं जानकारी के लिए बता दें कि, लाभार्थियों का चयन वेबसाइट के माध्यम से किया जाएगा. इतना ही नहीं कृषि यंत्रों के निर्माता डीलर्स की सूची भी इसी पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जाएगी. ताकि किसानों को यंत्रों को लेने में आसानी हो.

यहां पर मिलेगी जरूरी जानकारी

डीसी ने बताया कि, जो किसान जरनल कैटेगरी के हैं, अगर वो कृषि उपकरण खरीदते हैं, तो इसके लिए उन्हें 40 फीसद की सब्सिडी दी जाएगी. वहीं अन्य कैटेगरी के किसानों को 50 फीसद सब्सिडी का फायदा मिलेगा. इसके अलावा जो भी कस्टम हायरिंग सेंटर्स की स्थापना करना चाहते हैं, उन्हें 40 फीसद की सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाएगी. इस योजना से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए किसान किसी भी प्रखंड कृषि विभाग या कृषि अभियंता ऑफिस में जाकर संपर्क कर सकते हैं.
इस राज्य में कृषकों के लिए 110 तरह के कृषि यंत्रों पर मिल रही बंपर सब्सिड़ी

इस राज्य में कृषकों के लिए 110 तरह के कृषि यंत्रों पर मिल रही बंपर सब्सिड़ी

कृषि यांत्रिकरण योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले अनुदान के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 10 अक्टूबर, 2023 से शुरू कर दी जाएगी। इस दौरान बिहार राज्य के किसान पंजीकरण कर 110 तरह के कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। खेती-किसानी में मशीनीकरण के आने के उपरांत किसानों की स्थिति में निरंतर बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कृषि कंपनियों के माध्यम से भी किसानों की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए नवीन-नवीन मशीनों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही, भारत सरकार की तरफ से भी कृषि उपकरणों को खरीदने के लिए वक्त-वक्त पर योजनाएं भी जारी की जाती हैं। इसी कड़ी में बिहार सरकार ने प्रदेश के लघु किसानों को कृषि उपकरणों का फायदा उपलब्ध कराने के लिए कृषि यांत्रिकरण योजना की शुरुआत की है।

कृषि यंत्रो पर 40 से लेकर 80 प्रतिशत तक अनुदान

इस योजना के अंतर्गत राज्य के किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए 40 से 80 प्रतिशत तक अनुदान की सुविधा मुहैय्या कराई जाती है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि सरकार की इस योजना के लिए प्रति वर्ष किसानों के आवेदन मांगे जाते हैं। साथ ही, बिहार सरकार ने कृषि यांत्रिकरण योजना को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। बतादें, कि 10 अक्टूबर, 2023 से बिहार राज्य के कृषकों के लिए कृषि यांत्रिकरण योजना में पंजीकरण की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।

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बिहार सरकार की तरफ से 110 कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है

कृषि यांत्रिकरण योजना में बिहार के किसानों को समकुल 110 तरह के बेहतरीन कृषि यंत्रों पर सब्सिड़ी प्रदान की जाती है। खेती-किसानी के ये उपकरण खेती से जुड़े तकरीबन प्रत्येक कार्य को सुगम बनाने में संभव हैं। जैसे कि- खेत की जुताई, बुवाई, निराई-गुड़ाई, सिंचाई, कटाई एवं बाकी बहुत सारे कार्यों को मिनटों में पूर्ण कर सकते हैं। बतादें, कि इन कृषि मशीनों के लिए बिहार सरकार ने वर्ष 2023-24 में लगभग 119 करोड़ रुपये की लागत का प्लान तैयार किया है।

पंजीकरण की प्रक्रिया 10 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी

बिहार राज्य के किसान कृषि यांत्रिकरण योजना के अंतर्गत लाभ उठाना चाहते हैं, तो वह 10 अक्टूबर, 2023 से कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान पाने के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को पूर्ण कर दें। दरअसल, पंजीकरण की यह प्रक्रिया 1 महीने मतलब कि 10 नवंबर, 2023 तक जारी रहेगी। इस दौरान इच्छुक किसान भाई इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।

योजना के लिए बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • बैंक पासबुक
  • मोबाइल नंबर
  • ईमेल आईडी
  • कृषि यांत्रिकरण योजना में पंजीकरण की प्रक्रिया
  • इस योजना का फायदा पाने हेतु इच्छुक कृषकों को बिहार कृषि विभाग पोर्टल की अधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
  • वेबसाइट पर जाने के बाद आपको होम पेज के कृषि यांत्रिकरण योजना विकल्प पर क्लिक करना है। फिर आपको कृषि यांत्रिकरण योजना के अंतर्गत पंजीकरण की प्रक्रिया को पूर्ण करना है।
रोटावेटर की खरीदी पर किसानों को मिलेगी सब्सिडी

रोटावेटर की खरीदी पर किसानों को मिलेगी सब्सिडी

सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए कृषि यंत्र सुधार करने के लिए अनुदान योजना चलाई है। सरकार द्वारा किसानों को सस्ती दर पर कृषि यंत्र प्रदान की जा रही है। विभिन्न राज्यों में इस योजना को अलग-अलग नामों से चलाया जाता है। 

कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान (Krishi Yantra Anudan Yojana Rajasthan), कृषि यंत्रीकरण योजना उत्तर प्रदेश (Agricultural Mechanization Scheme) और ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना मध्यप्रदेश (E-Krishi Yantra Anudan Yojana) चल रही हैं। किसानों को इन योजनाओं के तहत राज्य अपने स्तर पर कृषि उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी का लाभ देते हैं।

रोटावेटर का क्या कार्य होता है?

रोटावेटर का इस्तेमाल खेत को जोतने के लिए किया जाता है। रोटावेटर से जुताई करते ही जमीन भुरभुरी हो जाती है। इसकी सहायता से फसलों को मिट्टी में मिलाना बहुत आसान होता है। रोटावेटर के प्रयोग से खेत की मिट्टी उपजाऊ बनती है।

रोटावेटर पर किसानों को कितनी सब्सिडी मिलेगी

किसानों को राज्य सरकार से रोटावेटर खरीदने पर 40 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु और सीमांत किसानों और महिलाओं को कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत 20 बीएचपी से अधिक क्षमता वाले रोटावेटर की कीमत का 50 प्रतिशत, या 42,000 से 50,400 रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी। 

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साथ ही, अन्य श्रेणी के किसानों को रोटावेटर की लागत पर 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी, जो 34,000 से 40,300 रुपये तक हो सकती है।

रोटावेटर कितनी कीमत तक मिल जाता है? 

कई कंपनिया रोटावेटर का निर्माण करती है साथ ही इनकी कीमत भी किसानों के बजट के आधार पर निर्धारित करती है। रोटावेटर की कीमत लगभग 50,000 रुपए से शुरू होकर 2 लाख रुपए तक है। रोटावेटर की कीमत इसके फीचर्स और स्पेसिफिकेशन के आधार पर निर्धारित की जाती है।

रोटावेटर की खरीदी के लिए पात्रता और शर्तें   

  • आवेदक के पास स्वयं के नाम से कृषि भूमि होनी चाहिए या अविभाजित परिवार में राजस्व रिकार्ड में नाम होना चाहिए।
  • ट्रैक्टर चलित कृषि यंत्र के लिए सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन आवेदक के नाम से होना चाहिए।
  • विभाग की किसी भी योजना में किसी भी प्रकार का कृषि यंत्र एक किसान को तीन वर्ष की अवधि में केवल एक बार दिया जाएगा।
  • एक वित्तीय वर्ष में एक किसान को सभी योजनाओं में अलग-अलग प्रकार के तीन कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जाएगा।
  • राज किसान साथी पोर्टल पर सूचीबद्ध किसी भी पंजीकृत निर्माता या विक्रेता से कृषि यंत्र खरीदने पर ही अनुदान दिया जाएगा।

रोटावेटर की खरीद पर सब्सिडी लेने के लिए आवेदन प्रिक्रिया 

इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आपको राजकिसान पोर्टल पर आवेदन करना होगा जिससे की आपको समय पर योजना का लाभ प्राप्त हो सके। पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों का रैंडमाइजेशन के बाद ऑनलाइन वरीयता क्रम के आधार पर निस्तारण किया जाएगा। 

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जो किसान स्वयं आवेदन करना चाहते हैं, वे राजकिसान पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। यदि स्वयं आवेदन नहीं कर सकते हैं तो आप अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आप आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा किए जाने की प्राप्ति रसीद ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकते हैं। 

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज 

आवेदन करते समय आपके पास आधार कार्ड, जनाधार कार्ड, जमाबंदी की नकल (जो छह माह से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए), जाति प्रमाण पत्र, ट्रैक्टर का पंजीयन प्रमाण-पत्र (आर.सी.) की प्रति (ट्रैक्टर चलित यंत्रों के लिए अनिवार्य) की आवश्यकता होगी।   

राज्य के किसानों कृषि कार्यालय से प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद ही कृषि यंत्रों की खरीदी कर सकेंगे। किसान को मोबाइल संदेश या उनके क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक से स्वीकृति की जानकारी दी जाएगी। 

कृषि उपकरण या मशीन की खरीद के बाद कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि अधिकारी द्वारा भौतिक जांच की जाएगी। सत्यापन के समय कृषि यंत्र की खरीद का बिल देना होगा। तब ही अनुदान का भुगतान किसान के बैंक खाते में डिजिटल रूप से किया जाएगा।