खेत में पानी भरने से हुआ है नुकसान, तो सरकार देगी मुआवजा, ऐसे करें आवेदन
बारिश के मौसम में अक्सर सुनने को मिलता है कि किसानों की फसल, खेत में जलभराव की वजह से खराब हो गई। अब किसानों को इस विषय में राहत देने के लिए हरियाणा सरकार ने गिरदावरी (Girdawari) का काम शुरू किया है, जिसके अंतर्गत जलभराव के कारण जो भी आपकी फसल का नुकसान हुआ है उसको लेकर सरकार को बता सकते हैं और आपकी फसल का जितना नुकसान हुआ है, उसके हिसाब से आपको मुआवजा मिल जाएगा। गिरदावरी का काम 5 सितंबर तक चलेगा, इसलिए अगर आपने अभी तक इसके अंतर्गत रजिस्टर नहीं कराया है, तो आज ही करा लें। गिरदावरी को आसान भाषा में कहें, तो अगर आपकी फसल की क्षति का ब्योरा राज्य सरकार के पास अभी नहीं है, तो आप भेज सकते हैं। चूंकि, अभी केवल एक हफ्ता ही बचा है, तो आपको इस बारे में विचार करने की जरूरत है। इसके लिए आपको उस खेत की फोटो खींचनी होगी जिसमें जलभराव की वजह से आपकी फसल की क्षति हुई है और उस फोटो को ब्योरे के साथ ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करना होगा। ई-फसल क्षतिपूर्ति सूचना देने के लिए 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पर फसल का पंजीकरण अनिवार्य है। इस तरह से आप अपनी मुआवजा प्राप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा देंगे।ये भी पढ़ें: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को क्या है फायदा गौर करने वाली बात है कि बारिश के सीज़न में कई खेतों में पानी भर जाने से राज्य सरकार ने गिरदावरी का काम 5 अगस्त से शुरू कर दिया था। इसके अंतर्गत जो भी फसलें बर्बाद हुई होंगी, उनका मुआवजा सरकार देगी। हाल ही में इस बारे में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए बताया। उन्होंने इस दौरान कहा कि जिन किसानों के खेतों में जलभराव देखने को मिला है, उसको लेकर सरकार गंभीर है और उचित कदम उठा रही है। उन्होंने इस दौरान कहा कि हर चीज़ को लेकर पारदर्शिता बरती जा रही है। लेकिन अगर किसान को फिर भी लग रहा है कि उसकी गिरदावरी सही नहीं हुई है, तो वे अपनी फसल का ब्योरा, पोर्टल पर फोटो सहित अपलोड कर सकते हैं। इस तरह से पटवारी एक बार फिर से, फसल में हुए नुकसान का आंकलन करेगा और रिपोर्ट पेश करेगा। इसके अलावा उप मुख्यमंत्री ने एक और बात कही। उन्होंने कहा कि बारिश के सीज़न में गरीबों के मकानों को काफी नुकसान पहुंचता है। ऐसे में सरकार इसको लेकर जल्दी ही बड़ा फैसला लेने वाली है। उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में गरीबों के मकानों को नुकसान पहुंचने पर उन्हें 80 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। इसके लिए कानून में संशोधन करना होगा, इसके बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
ये भी पढ़ें: भारत मौसम विज्ञान विभाग ने दी किसानों को सलाह, कैसे करें मानसून में फसलों और जानवरों की देखभाल मुआवजे की प्रक्रिया हमारे देश में कितनी जटिल है, ये सभी जानते हैं। इसी बात पर जोर देते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए संबंधित उपायुक्त को शक्ति दी जाएगी, ताकि मुआवजे की राशि को जल्दी से जल्दी प्रभावित लोगों के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जा सके। उन्होंने इस दौरान कहा कि इसके पहले मुआवजे का प्रावधान बाढ़ के समय पर मकानों को नुकसान होने पर ही मिलता था, लेकिन गरीबों के मकान तो बरसात में भी गिर जाते हैं। इसमें खेत में ट्यूबवेल पर बने कमरे के नुकसान को लेकर भी गरीबों की मदद की जाएगी।
01-Sep-2022