Ad

खेती में ड्रोन

किसानों को खेती में ड्रोन का उपयोग करने पर मिलेगा फायदा, जानें कैसे

किसानों को खेती में ड्रोन का उपयोग करने पर मिलेगा फायदा, जानें कैसे

भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत की जनसंख्या का एक बहुत बड़ा हिस्सा उसी पर निर्भर है। इसी को देखते हुए भारत सरकार कृषकों के लिए बहुत सारी योजनाएं ला रही है जिससे किसानों को उनके खेती के कार्यों में अधिक से अधिक सुविधा प्राप्त हो सके और लागत घटने के साथ-साथ किसानों की आय भी बढ़े।

ड्रोन खरीदने वाले विभिन्न वर्गों के लोगों को छूट

ऐसी एक योजना भारत सरकार ने ड्रोन खरीदने पर लागू की है इस योजना के तहत ड्रोन खरीदने वाले विभिन्न वर्गों के लोगों को छूट भी प्रदान की गई है। इस योजना में किसानों, महिलाओं, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति आदि को ड्रोन खरीदने के लिए 5 लाख तक की सब्सिडी का प्रावधान रखा गया है। वहीं अन्य किसानों को 40% अर्थात 4 लाख रुपए तक की सहायता प्रदान की जाती है।

ये भी पढ़ें:
मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना में लाभांवित होंगे हजारों किसान
 

हमारे देश के किसानों को खेती के दौरान काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसी ही समस्यों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को चलाया गया है। ताकि किसानों को खेती के कार्यों में कोई परेशानी न हो और वे खेती के कामों को अच्छे ढंग से कर सकें। इसी को देखते हुए भारत सरकार द्वारा ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है और ड्रोन के खरीद पर 50% की सब्सिडी भी दी जा रही है। साथ ही व्यक्तिगत तौर पर ड्रोन खरीदने के लिए भी आर्थिक मदद देने का प्रावधान है। भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर जी कहते हैं कि इस योजना से भारत के किसानों को बहुत फायदा मिलेगा। किसानों की लागत घटेगी वह आय में वृद्धि होगी।

कृषि क्षेत्र में क्या काम करेगा ड्रोन

कृषि के क्षेत्र में ड्रोन (Agriculture Drone) की अहम भूमिका है। ड्रोन के जरिए खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव बहुत ही कम समय में हो सकेगा जिससे समय और मजदूरी की बचत होगी। ड्रोन के माध्यम से किसान की कई प्रकार से सहायता होगी एक तो किसान के समय की बचत होगी और दूसरा कि खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव समान रूप से हो सकेगा और अगर हम पारंपरिक रूप से खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव कराएं तो पूरे खेत पर कीटनाशकों का छिड़काव एक समान नहीं हो पाता।

ये भी पढ़ें:
भेड़, बकरी, सुअर और मुर्गी पालन के लिए मिलेगी 50% सब्सिडी, जानिए पूरी जानकारी

ड्रोन से बचत की सम्भावना

यदि हम छिड़काव के लिए मजदूरों को लगाएं तो दो-तीन मजदूर आराम से लग जाएंगे और अगर प्रत्येक मजदूर का ₹500 भी जोड़ें तो लगभग 15 सौ रुपए कीटनाशक के छिड़काव में खर्च होते हैं। और वही अगर हम ड्रोन के माध्यम से कीटनाशकों का छिड़काव करवाएं तो हमें महज 1 एकड़ में ₹400 का खर्च आएगा। साथ ही अगर पानी की बात की जाए 1 एकड़ में हमें 150 से 200 लीटर पानी की आवश्यकता होती है और वही अगर यह काम ड्रोन से कराया जाए तो हमें केवल 10 लीटर पानी की आवश्यकता होती है इससे हमारे पानी की भी बचत होगी।

ड्रोन खरीद की खास बात

1. ड्रोन के माध्यम से कृषि सर्विस देने वाले किसान सहकारी समिति व ग्रामीण उद्यमियों को कस्टम हायरिंग केंद्रों द्वारा ड्रोन खरीद के लिए 40 फ़ीसदी की दर से या ₹400000 तक की सब्सिडी दी जाएगी। 2. भारत के अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति किसानों महिलाओं आदि को ड्रोन खरीदी पर 50 फीसदी या ₹500000 तक की छूट का प्रावधान है। 3. खेती में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए SMAM योजना के तहत ढूंढ खरीद पर 100 फ़ीसदी तक की छूट का प्रावधान रखा गया है। 4. इसके अलावा कृषि उत्पादक संगठनों को ड्रोन खरीदने पर 75 फ़ीसदी तक की आर्थिक सहायता दी जाती है।

ड्रोन से काबू हुए थे टिड्डी दल

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि यह तकनीक भारत के अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है जिससे उन्हें खेती के कार्य में सुविधा होगी वह लागत में कमी आएगी और उनकी आय बढ़ेगी। ड्रोन के माध्यम से टिड्डी दलों को काबू करना आसान हो जाएगा। कृषि सचिव मनोज अहूजा ने कहा कि ड्रोन को किसानों के पास ले जाने के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं और सरकार भी इस संबंध में प्रतिबद्ध है।

ड्रोन करेंगे खेती, इंसान करेंगे आराम, जानिए क्या है मास्टर प्लान

ड्रोन करेंगे खेती, इंसान करेंगे आराम, जानिए क्या है मास्टर प्लान

देशभर में ड्रोन के जरिये कृषि को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है. इसी की तर्ज पर एक कम्पनी ने बड़ा मास्टर प्लान तैयार किया है. जिसमें खेती के लिए ड्रोन ही काफी होंगे. और इंसानों की जरूरत नहीं पड़ेगी. ताजा जानकारी के मुताबिक कृषि में इस्तेमाल किये जाने वाले ड्रोन को बनाने वाली आयोटेक वर्ल्ड एविगेशन ने बड़ा समझौता किया है. यह समझौता कृषि सेक्टर में इंसानों के बजाय ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. महाराष्ट्र के वसंतराव नाईक मराठवाडा कृषि विद्यापीठ के साथ इस समझौते को किया गया है. इस समझौते को लेकर कंपनी ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि, इसका उद्देश्य ड्रोन को प्रद्योगिकी में आगे बढ़ाने के अलावा कृषि उत्पादन को बढ़ाने का है. साथ किसानों के बीच जागरूकता फैलाना भी इसका मुख्य उद्देश्य है.

पहले ही हुई थी साझेदारी की घोषणा

समझौते ज्ञापन की बात करें तो, वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विद्यापीठ के कुलपति डॉक्टर इंद्र मणि और स्टार्ट-अप
आईओटी का वर्ल्ड एविगेशन की तरफ से निदेश अनूप कुमार ने साइन किये. बता दें साल 2017 में इसी तरह की साझेदारी की घोषणा की गयी थी.

कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को मिलेगा बढ़ावा

जानकारी के मुताबिक समझौता करने वाले दोनों पक्ष कृषि के क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल करने को बढ़ावा देंगे. इसके अलावा कृषि प्रशिक्षण केंद्र और आरपीटीओ को बनाने के लिए मिलाकर काम किया जाएगा. आयोतेक वर्ल्ड के सह संस्थापक दीपक भारद्वाज के मुताबिक युनिवर्सिटी के साथ समझौते से कंपनी को ड्रोन टेक्नोलॉजी में और भी ज्यादा खोज करने में मदद मिल सकती है. इसके अलावा कृषि ड्रोन के लिए रिमोट पायलट आईओटी का वर्ल्ड वीएनएमकेवी के साथ मिलकर इसकी स्थापना में भागीदार होगा. आपको बता दें इससे देश में ड्रोन पायलट की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी. ये भी पढ़ें: सरकार से मिल रहा ड्रोन लेने पर १०० % तक अनुदान, तो क्यों न लेगा किसान मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्टार्टअप का अपना अलग रिमोट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन है. इस ऑर्गनाइजेशन में ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग के साथ ड्रोन पायलेट को लाइसेंस भी दिया जाता है.
इस राज्य में ड्रोन से छिड़काव करने पर किसानों को 50% प्रतिशत छूट

इस राज्य में ड्रोन से छिड़काव करने पर किसानों को 50% प्रतिशत छूट

बिहार राज्य में किसान भाइयों को फसलों पर दवा छिड़काव के लिए मोटा अनुदान दिया जाऐगा। किसान भाई इस अनुदान का लाभ उठाने के लिए कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर ड्रोन के माध्यम से दवा छिड़कने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

​खेत में खड़ी फसल की शानदार उपज पाने के लिए किसान भाई विभिन्न प्रकार के कार्य करते हैं। कृषक फसल अच्छी हो फसल पर कीटों का प्रकोप ना हो इसके लिए उस पर कीटनाशक का स्प्रे करते हैं। आज हम आपको इसी से जुड़ी एक खुशखबरी सुनाने जा रहे हैं। 

फसल सुरक्षा योजना के तहत ड्रोन से छिड़काव पर 50 फीसद छूट 

फसल सुरक्षा योजना में पहली बार ड्रोन के जरिए से कीटनाशकों का छिड़काव शम्मिलित किया गया है। बिहार सरकार किसानों को प्रति एकड़ कीटनाशक छिड़काव करने के लिए 50% प्रतिशत रुपये देगी। कीटनाशकों के छिड़काव के लिए एक सेवा प्रदाता चयनित किया गया है। 15 जनवरी से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई थी।

ये भी पढ़ें: इस राज्य में फसल पर ड्रोन से छिड़काव व निगरानी बिल्कुल मुफ्त में की जाएगी

रैयत एवं गैर-रैयत किसान दोनों ही इसका फायदा प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए कृषकों को आवेदन करने के दौरान शपथ पत्र या पंचायत प्रतिनिधि का सुझाव पत्र भी देना पड़ेगा। योजना के अंतर्गत किसान ड्रोन से छिड़काव को कम से कम एक एकड़ और अधिकतम 10 एकड़ में कर सकता है। 

किसानों की दवा स्प्रे पर कितने रुपए प्रति एकड़ लागत आऐगी  

किसानों को ड्रोन से दवा का छिड़काव करने पर 480 रुपये प्रति एकड़ की लागत आऐगी। सरकार इस पर पचास फीसद यानी 240 रुपये का अनुदान देगी। अन्य 240 रुपये किसान को देने होंगे। किसानों को कृषि विभाग व कृषि वैज्ञानिकों की ओर से अनुशंसित नहीं किए गए कीटनाशकों का उपयोग करना चाहिए। ड्रोन किसानों को आलू, मक्का, गेहूं, दलहन, तिलहन और अन्य फसलों पर कीटों को नियंत्रित करने में सहायता कर सकते हैं। कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को ही योजना का फायदा मिलेगा।

कहाँ करें ड्रोन से दवा स्प्रे के लिए आवेदन ? 

किसान कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर ड्रोन के जरिए दवा छिड़कने के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते वक्त आपको आधार कार्ड, जमीन का रकबा, फसल का प्रकार और जमीन की रसीद देनी होगी। प्राप्त आवेदनों का सत्यापन कृषि समन्वयक, पौधा संरक्षण कर्मी, प्रखंड तकनीकी एवं सहायक प्रबंधक करेंगे। चयनित एजेंसी ड्रोन के माध्यम से दवा का छिड़काव करेगी। ड्रोन से छिड़काव करने से किसानों का स्वास्थ्य खराब नहीं होगा। जबकि मशीनों से छिड़काव करने में ज्यादा पानी, श्रम और धन की जरूरत होती है।