Ad

गोट पॉक्स वैक्सीन

दिल्ली सरकार ने की लम्पी वायरस से निपटने की तैयारी, वैक्सीन खरीदने का आर्डर देगी सरकार

दिल्ली सरकार ने की लम्पी वायरस से निपटने की तैयारी, वैक्सीन खरीदने का आर्डर देगी सरकार

देश में लम्पी वायरस ( Lumpy Virus ) कहर मचा रहा है। इस बीमारी के कारण देश में अब तक लाखों मवेशी मारे जा चुके हैं। लम्पी वायरस का सबसे ज्यादा कहर राजस्थान में देखने को मिला है, जहां पर इस वायरस की वजह से रातों रात लाखों गायों ने दम तोड़ दिया। इसके साथ ही राजस्थान की सीमा से लगने वाले राज्यों में भी इस वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है। इस वायरस ने दिल्ली को भी अपनी चपेट में ले लिया है, जिससे दिल्ली के किसान बेहद चिंतित हैं। इसके समाधान के लिए अब दिल्ली सरकार ने पहल शुरू कर दी है। इसके तहत दिल्ली सरकार 60 हजार गोट पॉक्स वैक्सीन ( Goat Pox Vaccine ) खरीदने जा रही है। इसकी जानकारी दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने दी थी। उन्होंने बताया कि लम्पी वायरस दिल्ली में तेजी से फ़ैल रहा है। अभी तक दिली में इस वायरस के 173 मामले दर्ज किये जा चुके हैं जो बेहद चिंता का विषय है। दिल्ली में लम्पी वायरस के सभी मामले दक्षिण-पश्चिम दिल्ली से सामने आये हैं जहां इस वायरस का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। सरकारी पशु चिकित्स्कों के साथ दिल्ली सरकार की टीम ने गोयला डेयरी, घुम्मनहेड़ा, नजफगढ और रेवला खानपुर इलाके से लम्पी वायरस के ये मामले दर्ज किये हैं। इन इलाकों में बहुत सारी गौशालाएं मौजूद हैं जहां पर हजारों की तादाद में गायें रहती हैं।


ये भी पढ़ें:
लम्पी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease)
दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में लगभग 80 हजार गायें हैं। इस हिसाब से सरकार ने कैलकुलेशन करके 60 हजार गोट पॉक्स वैक्सीन खरीदने की योजना बनाई है। ताकि जल्द से जल्द राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की गायों को लम्पी वायरस से सुरक्षित किया जा सके। गोपाल राय ने बताया कि वैक्सीन खरीददारी अपने अंतिम दौर में है और दवा कम्पनी की तरफ से जल्द से जल्द दिल्ली सरकार को वैक्सीन उपलब्ध करवा दी जाएंगी। गोपाल राय ने बताया कि सरकार इस वायरस से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसके तहत दिल्ली सरकार ने वायरस की रोकथाम में के लिए सैम्पल लेने प्रारम्भ कर दिए हैं और सैम्पलों की जांच जल्दी से जल्दी की जा रही है ताकि समय रहते गायों में वायरस का पता लगाया जा सके। इसके लिए सरकार ने वायरस के नमूने इकट्ठे करने के लिए दो मोबाइल पशु चिकित्सालय भी तैनात किए हैं जो जगह-जगह पर जाकर पशुओं से सैंपल एकत्रित करके जांच के लिए भेज रहे हैं। इसके साथ ही सरकार ने वायरस से निपटने के लिए ग्यारह रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया है। साथ ही कई अन्य लोगों को नियुक्त किया है जो समूह में जाकर गौ पालकों को लम्पी वायरस से होने वाले नुकसान के बारे में जागरुक करेंगे। गोपाल राय ने बताया कि सरकार ने इस बीमारी से सम्बंधित गौ पालकों और किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। किसान 8287848586 में फ़ोन करके वायरस से सम्बंधित अपनी शंकाओं का समाधान कर सकते हैं। इसके लिए सरकार ने एक अलग से कार्यालय बनाया है जहां पर इसका कॉल सेंटर स्थापित किया गया है।


ये भी पढ़ें: लंपी स्किन बीमारी को लेकर राजस्थान सरकार ने कसी कमर, भर्ती होंगे अस्थाई डॉक्टर
पशुओं में फैलने वाला यह लम्पी रोग देश के कई राज्यों में तेजी से पैर पसार रहा है। अभी तक देश के 12 से अधिक राज्यों में 15 लाख से ज्यादा पशु इस रोग से संक्रमित हो चुके हैं। साथ ही हजारों पशुओं की इस वायरस की वजह से मौत हो चुकी है। इसका कहर मुख्यतः राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश और दिल्ली में देखने को मिल रहा है। हालांकि कई प्रदेशों की सरकारों ने वैक्सीनेशन की रफ़्तार तेज करके इस रोग पर काबू पाने का भरसक प्रयास किया है। फिलहाल सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन राजस्थान में किया जा रहा है क्योंकि इस वायरस की वजह से राजस्थान सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है।

क्या है लम्पी वायरस और यह कैसे फैलता है ?

विशेषज्ञों ने बताया है कि लम्पी वायरस एक त्वचा रोग है। यह पशुओं के बीच तेजी से फैलता है। इस वायरस के माध्यम से स्वस्थ्य पशु, संक्रमित पशु के संपर्क में आने के बाद तुरंत ही संक्रमित हो जाता है। इसके अलावा यह वायरस मच्छरों, मक्खियों, जूं और ततैया के माध्यम से भी फैलता है, क्योंकि इनकी वजह से स्वस्थ्य पशुओं का बीमार पशुओं के साथ संपर्क स्थापित हो जाता है। इसके अलावा यह वायरस पशुओं के एक ही पात्र में पानी पीने से भी तेजी से फैलता है। इस वायरस से संक्रमित होने के बाद मवेशियों में तेज बुखार, आंखों से पानी आना, नाक से पानी निकलना, त्वचा की गांठें और दुग्ध उत्पादन में कमी हो जाना जैसे लक्षण आसानी से देखे जा सकते हैं जो बेहद चिंता का विषय है, क्योंकि इस वायरस से संक्रमित होने के बाद पशु बहुत जल्दी दम तोड़ देते हैं।


ये भी पढ़ें:
जानिए खुरपका-मुंहपका रोग के लक्षण और उसका बचाव
लम्पी वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण देश में हजारों मवेशी प्रतिदिन मारे जा रहे हैं, जिससे देश में जानवरों की कमी हो सकती है। इसका सीधा असर देश में दुग्ध उत्पादन पर पड़ेगा। अगर ऐसा ही चलता रहा तो कुछ दिनों बाद भारत में दूध की कमी महसूस की जाने लगेगी, जो सरकार के लिए एक नया सिरदर्द साबित हो सकती है। क्योंकि दुग्ध उत्पादन में कमी के बाद दूध के दामों में तेजी से बढ़ोत्तरी संभव है और यह बाजार में ग्राहकों को प्रभावित करेगी।
राजस्थान: लंपी स्किन रोग को लेकर सरकार एक्शन मोड पर

राजस्थान: लंपी स्किन रोग को लेकर सरकार एक्शन मोड पर

अगले 2 माह में 40 लाख पशुओं का वैक्सीनेशन करवाएगी सरकार

देश भर में इन दिनों लंपी स्किन रोग या ‘लम्पी स्किन डिजीज‘ या एलएसडी (LSD –
Lumpy Skin Disease) मवेशियों के ऊपर कहर बनकर टूट पड़ा है। इस रोग की वजह से अभी तक देश में हजारों गायों की मौत हो चुकी है और लाखों गायें संक्रमित हो चुकी हैं, जिससे दुग्ध उत्पादन में कमी आई है और किसानों को भारी घाटा झेलना पड़ा है। राज्य में ज्यादातर पशु बीमार हैं, इसलिए राज्य सरकार के ऊपर इसे ठीक करने का प्रेशर भी बढ़ता जा रहा है। इसको देखते हुए अब राजस्थान की सरकार लंपी स्किन रोग से निपटने के लिए एक्शन मोड में आ गई है। राज्य सरकार ने त्वरित फैसला लेते हुए बताया है, राजस्थान के भीतर सरकार अगले 60 दिनों में 40 लाख मवेशियों का वैक्सीनेशन करवाने जा रही है। वैक्सीनेशन के प्रबंधन को लेकर सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं। मवेशियों में फैल रही लंपी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिए जो भी कार्य हो रहे हैं, उसको लेकर राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने सभी जिला कलेक्टरों एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से चर्चा की तथा कार्यों में प्रगति की जानकारी ली। लम्पी स्किन डिजीज के देशी उपचार के लिए यह पोस्ट पढ़ें : लम्पी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) ऊषा शर्मा ने बताया कि मवेशियों में फैल रही लंपी स्किन डिजीज को लेकर राज्य सरकार बेहद चिंतित है तथा इसके रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। अब पशुओं को जितनी भी वैक्सीन लगाईं जाएंगी, उनकी प्रतिदिन समीक्षा की जाएगी। टीकाकरण के लिए सरकार ने जो लक्ष्य रखा है उसके अनुसार ही प्रतिदिन काम किया जाएगा। अब पशु विभाग के अधिकारियों को गौशालाओं में प्रतिदिन अवलोकन के आदेश दिए गए हैं। पशुपालन विभाग के सरकारी सचिव पीसी किशन ने कहा, "वैक्सीनेशन के काम में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 40 लाख वैक्सीन लगाने के टारगेट को देख़ते हुए प्रतिदिन एक लाख वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक गोट पॉक्स वैक्सीन Goat Pox Vaccine ) की सबसे ज्यादा 7 लाख डोज एकमेर जिले को आवंटित की गईं हैं।"

ये भी पढ़ें: राजस्थान में लंपी के वेरिएंट बदलने की आशंका से पशुपालको में चिंता
पीसी किशन ने बताया कि अभी तक इस वायरस के रोकथाम के लिए राज्य में 16 लाख 22 हजार मवेशियों को पूर्ण रूप से वैक्सीनेट किया जा चुका है। राज्य में अभी तक लम्पी स्किन रोग की वजह से 14.16 लाख पशु संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 13.63 लाख का अभी तक उपचार किया जा चुका है। उपचार किये जाने के बाद अभी तक 8.67 लाख पशु पुर्ण रूप से स्वस्थ्य हो चुके हैं। सरकार लगातार प्रयास कर रही है ताकि जल्दी से जल्दी इस बामारी को पूर्ण रूप से ख़तम किया जा सके। इस बीमारी की वजह से किसानों को बहुत ज्यादा घाटा हुआ है, इसलिए राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार से इस इस बीमारी को महामारी घोषित करने की मांग की है, ताकि पशुपालकों और गौशालाओं को इस बीमारी से मरने वाली गायों का मुआवजा दिलवाया जा सके। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं, जिसमें उन्होंने इस बीमारी की भयावहता पर प्रधाममंत्री मोदी का ध्यान आकृष्ट करवाया है।
आने वाले दिनों में ऐसा रहेगा आगरा का मौसम, कुछ महत्वपूर्ण सलाहें

आने वाले दिनों में ऐसा रहेगा आगरा का मौसम, कुछ महत्वपूर्ण सलाहें

कृषि विज्ञान केन्द्र बिचपुरी आगरा को भारत मौसम विज्ञान विभाग नई दिल्ली से प्राप्त मौसम के पूर्वानुमान के आधार पर आगामी पांच दिनों में बादल न रहने व वर्षा नहीं होने का अनुमान है। हवा लगभग 4.2 से 10.7 किमी प्रतिघंटा की औसत गति से मुख्यतः पूरव - उत्तर से पश्चिम - उत्तर से बहने की संभावना है। अधिकतम तापमान 26.9 से 30.2 व न्यूनतम तापमान 11.7 से 14.7 डिग्री सेल्सियस के लगभग रहने की संभावना है। आपेक्षिक आर्द्रता सुबह 33 से 46 व शाम को 18 से 24 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है।


ये भी पढ़ें:
बरसात की वजह से खराब हुई धान की तैयार फसल, किसानों ने मांगा मुआवजा
किसानों को सलाह है, कि खरीफ फसलों (धान) के बचे हुए अवशेषों (पराली) को ना जलाऐं। क्योंकि इससे वातावरण में प्रदूषण होता है, जिससे स्वास्थय सम्बन्धी बीमारियों की संभावना बढ जाती है। इस कारण फसलों की उत्पादकता व गुणवत्ता प्रभावित होती है। किसानों को सलाह है, कि धान के बचे हुए अवशेषों (पराली) को जमीन में मिला दें। इससे मृदा की उर्वरकता बढ़ती है, साथ ही यह पलवार का भी काम करती है। धान के अवशेषों को सड़ाने के लिए पूसा डीकंपोजर कैप्सूल का उपयोग @ 4 कैप्सूल/हैक्टेयर किया जा सकता है। किसानों को सलाह दी जाती है, कि वह स्थानीय कृषि रसायन विक्रेताओं की सलाह पर कृषि कार्य ना करें कृषि विज्ञान केंद्र से सलाह लेकर ही कृषि कार्य करें।

फसल सम्बंधित महत्वपूर्ण सलाहें

गेंहू की बुवाई हेतू खाली खेतों को तैयार करें तथा उन्नत बीज व खाद की व्यवस्था करें। उन्नत प्रजातियाँ-सिंचित परिस्थिति- (एच. डी. 3226), (एच. डी. 2967), (एच. डी. 3086), (एच. डी. 2851)। बीज की मात्रा 100 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर। जिन खेतों में दीमक का प्रकोप हो तो क्लोरपाईरिफाँस 20 ईसी @ 5 लीटर प्रति हैक्टेयर की दर से पलेवा के साथ दें। नत्रजन, फास्फोरस तथा पोटाश उर्वरकों की मात्रा 120, 50 व 40 कि.ग्रा. प्रति हैक्टेयर होनी चाहिये।


ये भी पढ़ें:
गेहूँ की फसल की बात किसान के साथ
बरसीम की बुवाई के लिए खेत की तैयारी करें। बुवाई का समय मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर तक उचित रहता है, प्रजातियां- वरदान, मेस्कावी, J.H.B-146, J.H.T.B-146. बीज दर: प्रति हैक्टेयर 25-30 किग्रा० बीज बोते है। पहली कटाई मे चारा की उपज अधिक लेने के लिए 1 किग्रा० /हे० चारे वाली टा -9 सरसों का बीज बरसीन में मिलाकर बोना चाहियें। उर्वरक: 20 किग्रा० नत्रजन एंव 80 किग्रा० फास्फोरस प्रति हैक्टेयर की दर से बोते समय खेत में छिड़क कर मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें।

बागवानी (अमरुद) सम्बंधित सलाह

अमरूद में शीत ऋतु के फल बन चुके हैं। आवश्यकता आधारित सिंचाई के माध्यम से मिट्टी में उचित नमी बनाए रखें। कलम के नीचे से निकल रहे कल्लों को तोड़ते रहें। वृक्ष के थाले को खरपतवार मुक्त रखें। यदि ड्रिप प्रणाली से उर्वरकोंका कों प्रयोग किया जा रहा है, तो पानी में घुलनशील उर्वरकों को 7 दिनों के अंतराल पर प्रयोग करें। इस स्तर पर, फलों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पोटेशियम का प्रयोग महत्वपूर्ण है।

ये भी पढ़ें:
बागवानी लगाने के लिए बिहार सरकार किसानों को दे रही है 25000 रुपया

पशु सम्बंधित सलाह

किसान भाइयो लम्पी स्किन रोग की रोकथाम के लिए जनपद में "गोट पॉक्स वैक्सीन" उपलब्ध है। स्वस्थ पशु का वैक्सीनेसन कराएं। रोग से प्रभावित पशु को देखते ही नजदीकी पशुचिकित्सक को सूचना दें। लंपी स्किन रोग का घरेलू उपचार-1 kg नीम की पत्तियों को 4 लीटर पानी मे हल्की आग पर उबालें और जब पानी आधा रह जाये तब उसे ठंडा करके छान लें, और रोग से प्रभावित पशु के शरीर को शूती कपड़े से पोछदें। यह प्रक्रिया पशु के ठीक होने तक करते रहें।