सरकार ने खाद्यान्न सुनिश्चित करने के लिए गेहूं की कीमतों पर नियंत्रण हेतु क्या तैयारी की है ?
गेंहू व आटे की कीमतों को नियंत्रण में रखना सरकार की जिम्मेदारी होती है। अब जैसा कि हम सब जानते हैं, कि अनाज की कीमतों में इजाफा देखा जा रहा है। इसके लिए सरकार ने कीमतों को कम करने हेतु 3.46 लाख टन गेहूं और 13,164 टन चावल खुले बाजार में विक्रय किया है। लेकिन, 5 लाख टन और खाद्यान्न बाजार में उतारने की योजना बनाई है, जिससे कि कीमतों को नियंत्रण में रखा जा सके। खाद्य वस्तुओं की बढ़ती महंगाई ने सरकार की चिंता को बढ़ा रखा है। बाजार में पर्याप्त उपलब्धता बरकरार रखने के लिए सरकार ने लगभग 4 लाख टन गेहूं एवं चावल खुले बाजार में उतार दिया है। वहीं, वर्तमान में 5 लाख टन अनाज तथा उतारने की तैयारी चल रही है। ऐसा कहा जा रहा है, कि जनवरी के दूसरे सप्ताह तक यह खाद्यान्न खुले बाजार में उतार दिया जाएगा।
एफसीआई की तरफ से इन थोक विक्रेताओं को खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है
केंद्र सरकार ने खाद्यान्न खरीद तथा वितरण नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (FCI) के माध्यम से खुले बाजार में खद्यान्न उपलब्ध करा रही है। खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने की कोशिशों के अंतर्गत थोक उपभोक्ताओं को ई-नीलामी के माध्यम से इस सप्ताह 3.46 लाख टन गेहूं एवं 13,164 टन चावल विक्रय किया है। विगत वर्ष चावल की बिक्री 3,300 मीट्रिक टन की गई थी।ये भी पढ़ें: दालों की कीमतों में उछाल को रोकने के लिए सरकार ने उठाया कदम
चावल को कितनी कीमत पर बिक्रय किया गया है
26वीं ई-नीलामी में 4 लाख टन गेहूं तथा 1.93 लाख टन चावल की प्रतुति थोक विक्रेताओं के लिए की गई थी, जिसके पश्चात 3.46 लाख टन गेहूं एवं 13,164 टन चावल थोक विक्रेताओं को बिक्रय किया गया है। गेहूं की औसत कीमत 2,178.24 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। वहीं, चावल 2905.40 रुपये प्रति क्विंटल औसत कीमत पर विक्रय किया गया था।