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जूट की खेती

किसानों को लिए बड़ी खुशखबरी, सरकार के इस फैसले से मिलेगा डबल फायदा

किसानों को लिए बड़ी खुशखबरी, सरकार के इस फैसले से मिलेगा डबल फायदा

केंद्र सरकार की ओर से उन किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है, जो जूट की खेती करते हैं. दरअसल केंद्र सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है. बताया जा रहा है कि सरकार का ये फैसला बेहद अहम है, जो लगभग 40 लाख जूट के किसानों को फायदा पहुंचाने वाला है. केंद्र सकरार ने पैकेजिंग में जूट का इस्तेमाल अनिवार्य रूप से करने के नियमों को आगे बढ़ाने पर मुहर लगा दी है. इन नियमों के अनुसार खाने पीने की 100 फीसद चीजों और चीनी की 20 फीसद पैकिंग जूट के बैग में करनी जरूरी होगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया है. बता दें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यह बैठक सम्पन्न हुई. ये भी देखें: बागवानी के साथ-साथ फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर हर किसान कर सकता है अपनी कमाई दोगुनी कैबिनेट ने जूट को साल 2022 से 2023 के लिए पैकेजिंग में जूट का जरूरी रूप से इस्तेमाल करने और इसके आरक्षण से जुड़े नियमों को मंजूरी दी है. इस फैसले से सबसे ज्यादा राहत जूट मिलों और अन्य इकाइयों में काम करने वाले करीब तीन से चार लाख श्रमिकों को मिलने वाली है. इसके अलावा लाखों किसानों के परिवारों को अपनी आजीविका चलाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा जूट के अनिवार्य इस्तेमाल से पर्यावरण को साफ और सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि जूट एक ऐसा फाइबर है, जो पूरी तरह से नेचुरल, बायोडिग्रेडेबल और फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है.

अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है जूट

पश्चिम बंगाल से लेकर बिहार, ओडिशा, त्रिपुरा, असम और मेघालय के लिए जूट बेहद जरूरी है. क्योंकि यहां की अर्थव्यवस्था जूट पर ही टिकी हुई है. वहीं आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए भी जूट बेहद महत्वपूर्ण है. जूट पैकेजिंग यानी की जेपीएम अधिनियम के तहत आरक्षण नियम जूट क्षेत्र में करीब 3.7 लाख श्रमिकों के अलावा लाखों जूट किसानों के लिए बेहतर रोजगार उपलब्ध करवाता है.

9 हजार करोड़ रुपये की है खरीद

बात जेपीएम अधिनियम की करें तो 1987 जूट किसानों, जूट से बने सामान और कामगरों में लगे श्रीमोकों के हित में है. जूट के उद्योग के कुल उत्पादन का लगभग 75 फीसद जूट से बने बोर हैं. जिनमें से करीब 85 फीसद की आपूर्ति भारतीय खाध्य निगम और राज्य खरीद एजेंसियों के द्वारा की जाती है. बता दें कि सरकार खाने की चीजों की पैकेजिंग के लिए हर साल लगभग 9 हजार करोड़ रुपये के जूट के बोरे खरीदती है. इतना ही नहीं इससे जूट कामगारों और जूट किसानों को उनकी उमज के लिए बाजार को सुनिश्चित किया जाता है.

दिया जाता है लीगल फ्रेमवर्क

भारत और गुयान के बीच केंद्रीय मंत्रीमंडल ने हवाई सर्विस एग्रीमेंट पर भी साइन करके अपनी सहमती जता दी है. जानकारी के लिए बता दें कि, गुयाना के साथ हुए हवाई समझौते पर साइन करने से दोनों देशों के बीच होने वाली हवाई सेवाओं के लिए एक रूपरेखा तय भी की जाएगी. हवाई सर्विस समझौते की बात करें तोम यह एक ऐसा एग्रीमेंट है, जहां दोनों देशों के बीच में एयर ऑपरेशंस के लिए लीगल फ्रेमवर्क दिया जाता है. ये भी देखें: ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए स्टार्टअप्स को बढ़ावा देगी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी

भारत सरकार करती है इसका गठन

अंतरराष्ट्रीय सिविल एविएशन साल 1944 पर सम्मेल में हुए बदलाव से जुड़े अनुच्छेद 3 बीआईएस और अनुछेदन 50 ए के अलावा अनुच्छेदन 56 पर तीन तरह के प्रोटोकॉल के रॉटिफिकेशन को केंद्रीय मंत्रीमंडल ने अपनी मंजूरी दी है. इसके अलावा देश के 22वें लॉ आयोग के कार्यालय को भी 31 अगस्त साल 2014 तक बढ़ाने की मंजूरी मंत्रीमंडल ने दे दी है. आपको बता दें कि, देश का लॉ आयोग एक तरह का नॉन सांविधिक निकाय है. भारत सरकार की तरफ से इसका गठन किया जाता है.
केंद्र ने जूट की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया, जूट उत्पादकों को हुआ फायदा

केंद्र ने जूट की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया, जूट उत्पादकों को हुआ फायदा

पूर्वी भारत में जूट का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है। मुख्यतः पूर्वी उत्तर प्रदेश, मेघालय, त्रिपुरा, बिहार, असम, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में लाखों किसान जूट की खेती किया करते हैं। जूट का उत्पादन करने वाले किसान भाइयों के लिए बड़ा समाचार है। किसानों की मांग को मंदेनजर रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मेंं 6 फीसद का इजाफा करने का निर्णय लिया है। जिसके लिए आर्थिक मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए ) ने स्वीकृति भी दे दी है। विशेष बात यह है, कि सीसीईए द्वारा एमएसपी में यह वृद्धि केवल 2023-24 सीजन हेतु की गई है। इससे भारत के लाखों किसान भाइयों को लाभ होगा। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सीसीईए ने कच्चे जूट की एमएसपी में 300 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया है। फिलहाल, एक क्विंटल जूट का भाव 5050 रुपये हो गया है। साथ ही, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने केंद्र सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए कहा है, कि एमएसपी की यह वृध्दि वर्ष 2018-19 में घोषित उत्पादन खर्च के अनुसार है। जानकारी के लिए बतादें कि इससे भारत के 40 लाख किसान लाभांवित होंगे। वहीं, 4 लाख कामगार भी इससे फायदा उठाएंगे। उन्होंने बताया है, कि एमएसपी में वृद्धि होने से पैदावार की अखिल भारतीय औसत लागत पर 63.20% का रिटर्न मिलेगा।

जूट का सर्वाधिक उत्पादन इस राज्य में होता है

जानकारी के लिए बतादें, कि पूर्वी भारत में जूट का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है। विशेष रूप से मेघाल, त्रिपुरा, बिहार, असम, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश में लाखों किसान जूट का उत्पादन करते हैं। इन किसानों की आमदनी का प्रमुख साधन भी जूट की खेती होती है। विशेष बात यह है, कि इन प्रदेशों के 33 जनपदों के अंदर जूट का उत्पादन किया जाता है। बतादें कि इन राज्यों में से जूट का सर्वाधिक उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल है। यहां समकुल जूट का 50 फीसद से भी ज्यादा का उत्पादन होता है। यही कारण है, कि पूर्व में पश्चिम बंगाल के अंदर सर्वाधिक जूट मिला था। ये भी पढ़े: सेहत के साथ किसानों की आय भी बढ़ा रही रागी की फसल

केंद्र व राज्य सरकारें जूट की वस्तुओं के कुल पैदावार की 70% खरीदारी करती हैं

जूट का कृषि क्षेत्र में बेहद इस्तेमाल किया जाता है। जूट के इस्तेमाल से थैला, बोरी, बैग और बहुत सी अन्य प्रकार की वस्तुएं भी निर्मित की जाती हैं। साथ ही, जूट उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए, सरकार द्वारा जूट पैकेजिंग अधिनियम, 1987 को अधिनियमित किया है। इसके अंतर्गत जूट में पैक की जाने वाली कुछ वस्तुओं को निर्धारित किया गया है। वहीं, केंद्र सरकार द्वारा जूट बैग में खाद्यान्नों की पैकिंग हेतु आरक्षण भी दे रखा है। इसके खाद्यान्न एवं चीनी हेतु क्रमशः 100% एवं 20% जूट के बैग में पैकिंग जरुरी की गई है। विशेष बात यह है, कि केंद्र एवं राज्य सरकारें खाद्य पदार्थों की पैकिंग हेतु जूट की वस्तुओं की कुल पैदावार का 70% फीसद खरीदारी करती हैं। मुख्य बात यह है, कि जूट की बोरी का सर्वाधिक इस्तेमाल धान एवं गेहूं खरीदी के समय पैकिंग हेतु किया जाता है।
जूट का इस्तेमाल किन-किन वस्तुओं के लिए किया जाता है

जूट का इस्तेमाल किन-किन वस्तुओं के लिए किया जाता है

जूट की खेती से किसान भाइयों को जबरदस्त आमदनी हो सकती है। चलिए जानने की कोशिश करते हैं, कि जूट का इस्तेमाल किन-किन चीजों को बनाने में होता है। जूट की खेती बेहद ही मशहूर है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि जूट नेपाल, न्यूजीलैंड, ब्राजील, पाकिस्तान, भारत, बांगलादेश, चीन और थाईलैंड जैसे देशों में व्यापक पैमाने से उगाया जाता है। इसकी खेती किसानों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है। क्योंकि, जूट से विभिन्न प्रकार की महत्वपूर्ण चीजों का निर्माण किया जाता है। इसका उपयोग उन वस्तुओं को निर्मित करने में किया जाता है, जिनकी मांग बाजार में काफी अधिक है। इसके अतिरिक्त जूट से निर्मित चीजों का भाव भी ज्यादा मिलता है। आपकी जानकारी के लिए बताने वाले हैं, कि जूट का इस्तेमाल किन-किन वस्तुओं को निर्मित करने में होता है।

जूट से बनने वाली चीजों की सूची

टैक्सटाइल उत्पाद: जूट एक तरह का पट्टू होता है, जो शुष्क जल अथवा घास के रेशों से निर्मित किया जाता है। जूट के रेशों को कपड़ों के उत्पादन में इस्तेमाल किया जाता है। जूट के कपड़े, साड़ी, शर्ट, कुर्ता, पैंट, लंबी और छोटी टोपी आदि निर्मित किए जाते हैं। जूट एक सामान्य और सुगंधित वस्त्र होता है, जिसको ग्रीष्मकाल में आरामदायक माना जाता है। ये भी पढ़े:
जूट की खेती से संबंधित विस्तृत जानकारी कारपेट: जूट के रेशों का इस्तेमाल कारपेट बनाने के लिए भी किया जाता है। इसको आकर्षक कारपेट बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो कि घरों, ऑफिसों और बाकी जगहों की सजावट में इस्तेमाल होते हैं। इसके अतिरिक्त जूट के रेशों से जूते भी निर्मित किए जाते हैं। इनको पैरों के लिए बेहद सुरक्षित माना जाता है। जूट के बैग: जूट को बैगों के निर्माण में भी इस्तेमाल किया जाता है, जिन बैगों को निर्मित करने में इसका इस्तेमाल होता है। इसके अंतर्गत बीच बैग, राजमार्ग बैग, शॉपिंग बैग, हथियार बैग, सामग्री बैग आदि शम्मिलित हैं। जूट के बैग बाजार में काफी ज्यादा महँगा होता है। ये भी पढ़े: केंद्र ने जूट की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया, जूट उत्पादकों को हुआ फायदा जूट के आभूषण: जूट के आभूषण आपके सौंदर्य और स्टाइल को निखारने में सहायता करते हैं। जूट से हाथी के दांत की माला, झूमर, हार, बांगड़ा, चूड़ी आदि जैसे आभूषण तैयार किए जाते हैं।

इन चीजों को बनाने में भी जूट का होता है इस्तेमाल

बतादें, कि जूट का इस्तेमाल तकिये, टेबल मैट व मल्टीपर्पस यूज, रसोई के लिए पोछा, चप्पल, वेस्ट, बेल्ट और चादर जैसे उत्पाद भी निर्मित करने में किया जाता है। इससे आप यह अनुमान लगा सकते हैं, कि जूट से किसान कितनी आमदनी कर सकते हैं।