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डेयरी व्यवसाय

जानें कैसे आप बिना पशुपालन के डेयरी व्यवसाय खोल सकते हैं

जानें कैसे आप बिना पशुपालन के डेयरी व्यवसाय खोल सकते हैं

किसान भाई बिना गाय-भैंस पालन के डेयरी से संबंधित व्यवसाय चालू कर सकते हैं। इस व्यवसाय में आपको काफी अच्छा मुनाफा होगा। अगर आप भी कम पैसे लगाकर बेहतरीन मुनाफा कमाने के इच्छुक हैं, तो यह समाचार आपके बड़े काम का है। आज हम आपको एक ऐसे कारोबार के विषय में जानकारी देंगे, जिसमें आपकी मोटी कमाई होगी। परंतु, इसके लिए आपको परिश्रम भी करना होगा। भारत में करोड़ो रुपये का डेयरी व्यवसाय है। यदि आप नौकरी छोड़कर व्यवसाय करना चाहते हैं, तो हमारा यह लेख आपके लिए बेहद फायदेमंद है। दरअसल, हम अगर नजर डालें तो डेयरी क्षेत्र में विभिन्न तरह के व्यवसाय होते हैं। इसमें आप डेयरी प्रोडक्ट का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं या गाय-भैंस पालकर दूध सप्लाई कर अच्छा मुनाफा कमा सकते है। परंतु, आप गाय-भैंस नहीं पालना चाहते हैं और डेयरी बिजनेस करना चाहते हैं तो भी आपके लिए अवसर है। आप मिल्क कलेक्शन सेंटर खोल सकते हैं।

दूध कलेक्शन की विधि

बहुत सारे गांवों के पशुपालकों से दूध कंपनी पहले दूध लेती है। ये दूध भिन्न-भिन्न स्थानों से एकत्रित होकर कंपनियों के प्लांट तक पहुंचता है। वहां इस पर काम किया जाता है, जिसमें पहले गांव के स्तर पर दूध जुटाया जाता है। फिर एक स्थान से दूसरे शहर या प्लांट में भेजा जाता है। ऐसे में आप दूध कलेक्शन को खोल सकते हैं। कलेक्शन सेंटर गांव से दूध इकट्ठा करता है और फिर इसको प्लांट तक भेजता है। विभिन्न स्थानों पर लोग स्वयं दूध देने आते हैं। वहीं बहुत सारे कलेक्शन सेंटर स्वयं पशुपालकों से दूध लेते हैं। ऐसे में आपको दूध के फैट की जांच-परख करनी होती है। इसे अलग कंटेनर में भण्डारित करना होता है। फिर इसे दूध कंपनी को भेजना होता है।

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कीमत इस प्रकार निर्धारित की जाती है

दूध के भाव इसमें उपस्थित फैट और एसएनएफ के आधार पर निर्धारित होते हैं। कोऑपरेटिव दूध का मूल्य 6.5 प्रतिशत फैट और 9.5 प्रतिशत एसएनएफ से निर्धारित होता है। इसके उपरांत जितनी मात्रा में फैट कम होता है, उसी तरह कीमत भी घटती है।

सेंटर की शुरुआत इस प्रकार से करें

सेंटर खोलने के लिए आपको ज्यादा रुपयों की जरूरत नहीं होती है। सबसे पहले आप दूध कंपनी से संपर्क करें। इसके पश्चात दूध इकट्ठा कर के उन्हें देना होता है। बतादें, कि यह कार्य सहकारी संघ की ओर से किया जाता है। इसमें कुछ लोग मिलकर एक समिति गठित करते हैं। फिर कुछ गांवों पर एक कलेक्शन सेंटर बनाया जाता है। कंपनी की ओर से इसके लिए धनराशि भी दी जाती है।
डेयरी व्यवसाय के लिए इस नस्ल की भैंस को शानदार माना जाता है

डेयरी व्यवसाय के लिए इस नस्ल की भैंस को शानदार माना जाता है

यदि आप भी डेयरी व्यवसाय के लिए भैंस पालन करने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए मेहसाना नस्ल का पालन करना शानदार साबित हो सकता है। ये भैंस अपनी दुग्ध उत्पादन क्षमता के लिए मशहूर है। ये भैंस आपको वार्षिक लाखों का मुनाफा प्रदान कर सकती है। ग्रामीण इलाके से लेकर शहरी क्षेत्रों में भैंस पालन एक अच्छा कारोबार बनकर उभरा रहा है। बहुत सारे किसान एवं डेयरी पालक दूध की बढ़ती खपत को मंदेनजर रखते हुए भैंस पालन कर रहे हैं। यही कारण है, कि भैंस पालन का व्यवसाय दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। भैंस लेने से पूर्व लोग सामान्य तौर पर सही नस्ल का चुनाव नहीं कर पाते हैं। जिसके परिणामस्वरूप उन्हें हानि उठानी पड़ती है। ऐसी स्थिति में आज हम आपको भैंस की एक ऐसी उन्नत नस्ल के विषय में बताएंगे, जो अपनी अधिक दूध उत्पादन क्षमता के लिए मशहूर है। आज हम जिस नस्ल की भैंस के विषय में बात कर रहे हैं उस भैंस का नाम मेहसाणा है। आप भैंस की इस नस्ल को अपनाकर वर्षभर में शानदार मुनाफा अर्जित कर सकते हैं।

पशुपालक वार्षिक कितना मुनाफा कमा सकते हैं

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि भैंस की यह नस्ल इतनी शानदार है, कि ये वर्ष भर में आपको डेढ़ लाख तक का मुनाफा प्रदान कर सकती है। इस भैंस की उत्पत्ती गुजरात राज्य में हुई है। क्योंकि, गुजरात के मेहसाना जनपद में इस नस्ल की बुहतायत है। इसलिए मेहसाणा जनपद के नाम पर ही भैंस का नाम पड़ा है। मेहसाना के अतिरिक्त ये भैंस साबरकांठा, बनासकांठा, अहमदाबाद और गांधीनगर जनपदों में भी पाई जाती है। इस नस्ल को मेहसाणा या मेहसानी के नाम से जाना जाता है। यह एक शांत स्वभाव की भैंस होती है, जिसके कारण किसान या डेयरी पालक इसे पालना काफी पसंद करते हैं।

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मेहसाणा भैंस प्रतिदिन कितने लीटर दूध देती है

मेहसाणा नस्ल की भैंस स्वयं की दूध उत्पादन क्षमता के लिए बेहद मशहूर है। मेहसाणा भैंस को व्यावसायिक डेयरी फार्म के लिए उत्तम माना जाता है। दूध उत्पादन क्षमता की बात करें तो मेहसाणा भैंस प्रतिदिन 5 से 8 लीटर तक दूध देती है। उच्च प्रबंधन एवं पोषण के साथ, ये भैंस प्रतिदिन 10 लीटर तक दूध भी प्रदान कर सकती हैं। वहीं, ब्यांत काल में यह भैंस औसतन 1800 से 2000 लीटर तक दूध प्रदान करती है। भैंस की इस नस्ल की कीमत 50 हजार से 1 लाख रुपये तक होती है। दरअसल, इस भैंस की कीमत क्षेत्र, आकार एवं स्वास्थ्य पर निर्भर करती है।

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मेहसाणा नस्ल की क्या-क्या विशेषताएं हैं

मेहसाणा नस्ल की भैंस काले, भूरे और सलेटी रंग को होती है। वहीं, इसका आकार मुर्रा भैंस के मुकाबले में बड़ा होता है। परंतु, वजन में ये उससे कम होती है। एक नर मेहसाणा के औसत शरीर का वजन 560 किलोग्राम तक होता है। तो उधर मादा का वजन लगभग 480 किलोग्राम तक होता है। इनके सींग सामान्यतः हंसिया के आकार के होते हैं। मुर्रा भैंस के मुकाबले में कम घुमावदार होते हैं। इनकी गर्दन काफी लंबी होती है और भली भांति स्थित भी होती है। इनका चेहरा लंबा एवं सीधा होता है। थूथन चौड़ी और नथुने खुले हुए होते हैं। साथ ही आंखे सुंदर, काली और चमकीली होती हैं। ऐसा कहा जाता है, कि मुर्राह और सुरती नस्ल की क्रॉस ब्रीडिंग के द्वारा मेहसाणा नस्ल विकसित हुई है। मेहसाणा भैंस अपनी प्रजनन क्षमता के लिए भी काफी मशहूर है। भैंस की यह नस्ल दुग्ध उत्पादन क्षमता के लिए जानी जाती है। बतादें, कि एक ब्यांत में यह भैंस औसतन 1800 से 2000 लीटर तक दूध प्रदान करती है।