बरगद का पेड़ एवं इससे मिलने वाले लाभ और हानी क्या है?
बरगद के पेड़ को वट वृक्ष के नाम से भी जाना जाता हैं। यह पेड़ विशाल शाखाओं वाला होता है। बरगद का पेड़ अत्यधिक छायादार होता हैं साथ ही लम्बे समय तक जीवित रहने वाला वृक्ष है। फिकस बेंघालेंसिस बरगद के पेड़ का वानस्पतिक नाम हैं। बरगद के पेड़ का तना बहुत ही मजबूत और सीधा रहता है। बरगद का पेड़ ज्यादा समय तक अक्षय रहता हैं इसीलिए इसे अक्षयवट के नाम से भी जाना जाता है।
बरगद के पेड़ के उपयोगी भाग कौन से हैं
सिर्फ बरगद का पेड़ ही नहीं बल्कि इसकी जड़े, पत्ते और छल भी उपयोगी हैं। इन सभी का उपयोग आयुर्वेदिक दवाइयों के लिए किया जाता हैं। बरगद के पेड़ के उपयोग से कफ ,नाक, कान या बालों की समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
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बरगद के पेड़ से होने वाले फायदे
बरगद के पेड़ की जड़ ,फूल और पत्तों में कुछ ऐसे तत्व भी पाए जातें हैं, जो मानसिक बिमारियों के इलाज में सहायता प्रदान करते है। बरगद का पेड़ त्वचा सम्बन्धी रोगों में भी सहायता प्रदान करता है। इस पेड़ की कोपलों में अत्यधिक इम्युनिटी पायी जाती हैं ,जो किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य को संतुलित बनाये रखने में सहायता प्रदान करती है।
बरगद का पेड़ हैं दाँत और मसूड़ों के दर्द में लाभकारी
बरगद के पेड़ की जड़ ,छाल और पत्तों में बहुत से ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो सूजन और बैक्टीरिया को नष्ट करने में सहायक होते हैं। बरगद के पेड़ की जड़ों को चबाकर नरम करके इसका इस्तेमाल दातुन की तरह किया जाता है। यह दाँतो में होने वाली सडन को कम करने में सहायक होता है।
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बवासीर के रोग में हैं बरगद का पेड़ सहायक
बरगद के पेड़ से बवासीर जैसे रोगों में राहत मिलती है। बरगद के पेड़ के पत्तों में सेरिन ,शुगर और रेजिन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं ,जो बवासीर के रोग में राहत प्रदान करता हैं। इसलिए हम कह सकते हैं बरगद के पेड़ का दूध बवासीर रोग में अपनी एहम भूमिका निभाता है।
मधुमेह बीमारी के रोकथाम में सहायक
बरगद के पेड़ की जड़ में शुगर को कम करने वाले बहुत से तत्व पाए जाते हैं। मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए इसकी जड़ो का अर्क बनाकर पानी में मिलाकर पीना चाहिए। ये मधुमेह जैसी बीमारीओं के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करता है।
खुजली की समस्याओं में हैं लाभकारी
कभी कभी हमारी त्वचा पर बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो जाता हैं ,जिसकी वजह से हमे खुजली जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। इस समस्या से बचने के लिए हम बरगद के पत्तों का लेप बनाकर अपनी त्वचा पर लगा सकते है। साथ ही बरगद के पेड़ से मिलने वाली छाल का लेप बनाकर इसका इस्तेमाल कर सकते है। यह खुजली की समस्या से राहत दिलाने में सहायक साबित होती है।
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बरगद के पेड़ से होने वाले नुकसान
बरगद के पेड़ से मिलने वाले बहुत से उपयोग है, लेकिन उन्ही के साथ बहुत से नुकसान भी है। बरगद के पेड़ के किसी भी भाग का उपयोग डॉक्टर के परामर्श बिना न करें। बीमारी के अनुसार ही बरगद के अलग अलग भागो का उपयोग करें। ज्यादा मात्रा में उपयोग करने से स्वास्थ्य सम्बंधित बीमारियाँ भी हो सकती है।
त्वचा पर एलर्जी या इन्फेक्शन का होना
जिन लोगो की त्वचा ज्यादा सेंसिटिव होती है, उन्हें कम मात्रा में इसका उपभोग करना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति द्वारा बरगद का रोजाना उपयोग किया जा रहा है , और उसे अपने शरीर पर एलर्जी , लाल धब्बे या फुन्सी देखने को मिलती है ,तो उसे बरगद का उपयोग नहीं करना चाहिए। या किसी और बीमारी का आभाष होता है , तो उसी वक्त बरगद का उपयोग करना बंद कर दे।
दवाओं के साथ ना करें बरगद का उपयोग
जो लोग पहले से किसी प्रकार की दवाइयों का उपयोग कर रहे है, उन्हें बरगद के किसी भी प्रकार के भाग का उपयोग नहीं करना चाहिए। दवाइयों के साथ इसका उपयोग न करें , स्वास्थ्य सम्बंधित बीमारियां हो सकती है। यदि दोनों का एक साथ उपयोग किया जाता है। इससे शरीर में इन्फेक्शन और कोई दुष्प्रभाव भी पड सकता है। इसीलिए इसका उपयोग डॉक्टर के परामर्श द्वारा करें।
बरगद के पेड़ के बहुत से फायदे और गुण भी हैं। साथ ही आपको बता दिया गया हैं की किन अवस्थाओं में बरगद के पेड़ का उपयोग नहीं करना चाहिए। अगर आप इस लेख में बताये गए बरगद के गुणो से प्रभावित हुए हैं और इसका उपयोग करना चाहते है। तो इस लेख में दी गयी जानकारी को अच्छे से पढ़ ले।बरगद के पेड़ का इस्तेमाल बहुत प्राचीन समय से स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जा रहा है। बरगद के जड़ों और पत्तो का इस्तेमाल दिमाग को स्वास्थ्य बनाने के लिए भी किया जाता है।