जानिए खुरपका-मुंहपका रोग के लक्षण और उसका बचाव
बरसात का सीजन आते ही पशुओं में खुरपका मुंहपका रोग का संक्रमण तेज हो जाता है। इस रोग के निदान के लिए राज्य सरकार नि:शुल्क वैक्सीनेशन अभियान चलाती हैं लेकिन गाभिन पशुओं को वैक्सीन न लगाने की पृवृत्ति के चलते रोग संक्रमण एक पशु से दूसरे पशुओं में फैलता है। कई राज्यों में इस रोग का संक्रमण दिखने लगा है। दिल्ली के नजदीकी इलाकों में रोग संक्रमण की खबरें आने लगी हैं। उत्तर प्रदेश में वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है।खुरपका—मुंहपका रोग के लक्षण
रोग का प्रभाव नाम के अनुरूप होता है। इस रोग के संक्रमण के साथ ही पशु के खुरों व मुंह में घाव व छाले हो जाते हैं। इसके कारण पशु को एक दो दिन तेज बुखार भी आ सकता है। छाले होने के कारण पशु चारा भी खाना बंद कर देता है। यदि दुधारू पशु है तो उसका दुुग्ध उत्पादन भी प्रभावित होने लगता है। पशु लंगड़ाकर चलने लगता है। यदि देखभाल व उपचार समय पर न मिले तो खुुरों के मध्य में कीड़े तक पड़ जाते हैं। पशु मुंह में छालों के कारण लगातार लार गिराने लगता है। इस रोग में सामान्यत: पशु मरता तो नहीं लेकिन स्थिति बेहद खराब हो जाती है। रोग प्रभाव में आने वाला दुधारू पशु ठीक होने के बाद भी आसानी से पूरे दूध पर नहीं आता। पशु की प्रजनन क्षमता प्रभावित होने के कारण वह समय से गर्मी में नहीं आता। कुल मिलाकर कीमती पशु आधी कीमत का भी नहीं रहता।ये भी पढ़ें: भारतीय स्टेट बैंक दुधारू पशु खरीदने के लिए किसानों को देगा लोन