किसान कुंभ में आए 9 करोड़ के भैंसे ने खींचा सबका ध्यान
होरिजोन विश्व का सबसे ज्यादा महंगा भैंसा है। जो कि साउथ अफ्रिका में रहता है। इसके सिंघों की लंबाई 56 इंच से अधिक होती है। वहीं, आम भैंसों के सिंघों की लंबाई मुश्किल से 35 से 40 इंच ही हो पाती है। राजस्थान के उदयपुर जनपद में किसान कुंभ का कार्यकम चल रहा है। होरिजोन भैंसा इस कुंभ में सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इस भैंसे का नाम युवराज है, जिसका वजन लगभग 1500 किलो है। बतादें कि बाजार में इसकी कीमत लगभग 9 करोड़ बताई जा रही है। इस भैंसे की लंबाई 9 फीट और ऊंचाई 6 फुट बताई जा रही है। आइए जानते हैं, कि यह किस नस्ल का भैंसा है। इसको पालने में इसके मालिक का कितना खर्चा होता है।
हरियाणा के कर्मवीर युवराज भैंसे के मालिक हैं
यह भैंसा मुर्रा प्रजाति का होता है। इस भैंसे के मालिक का नाम कर्मवीर है। कर्मवीर ने कहा है, कि वह अपने भैंसे युवराज को अपने बच्चे की तरह दुलार करते हैं। साथ ही, इसको कभी भी बेचने के विषय में नहीं सोचते हैं। दरअसल, इस भैंसे को खरीदने के लिए अब तक 9 करोड़ रुपए की कीमत लग चुकी है। परंतु, कर्मवीर ने इतनी बड़ी रकम को भी स्वीकार नहीं किया है। कर्मवीर का कहना है, कि यह भैंसा उनके पुत्र के समतुल्य है। साथ ही, उनकी शान भी है। इस वजह से कर्मवीर उसको किसी भी कीमत पर नहीं बेचेंगे।
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राजस्थान के उदयपुर में हुए कुंभ में लगभग 125 दुकानें लगी हैं
जानकारी के लिए बतादें, कि राजस्थान के उदयपुर जनपद में चल रहे कुंभ में तकरीबन 125 से अधिक दुकानें लगी हुई हैं। वहीं, इस कुंभ में बहुत सारे कृषि विशेषज्ञों ने एक से बढ़कर एक आधुनिक तकनीकों के संबंध में कृषकों एवं पशुपालकों को जानकारी प्रदान की है। गर्मी होने के चलते किसानों के लिए इस मेले में एसी वाले पंडाल की भी बेहतरीन व्यवस्था की गई थी। इस मेले का आयोजन शहर के बलीचा कृषि उपज मंडी सबयार्ड में किया गया है।कर्मवीर अपने भैंसे युवराज को खुराक में क्या देते हैं
बतादें, कि कर्मवीर अपने बेटे की भांति ही भैंसे युवराज से प्यार करते हैं। कर्मवीर खुराक के तौर पर फल, सब्जियां, दूध एवं चारा इत्यादि भरपूर मात्रा में खाने को देते हैं। यही वजह है, कि उनका भैंसा दिखने में बेहद मोटा ताजा और आकर्षक दिखाई देता है। दूर से दूर से लोग युवराज को देखने के लिए कर्मवीर के घर जाते हैं।यह भी पढ़ें: अब खास तकनीक से पैदा करवाई जाएंगी केवल मादा भैंसें और बढ़ेगा दुग्ध उत्पादन