इस लिस्ट में पांचवां नाम है सरसों का, जिसके न्यूनतम समर्थन मूल्य में 400 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। अब न्यूनतम समर्थन मूल्य के हिसाब से सरसों 5050 रुपये प्रति क्विंटल की जगह 5450 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बिकेगा। सरसों के साथ ही सूरजमुखी के दाम में 209 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है। अब सूरजमुखी 5,441 रुपये प्रति क्विंटल की जगह पर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बिकेगा। इसके पहले खरीफ के सीजन को देखते हुए सरकार ने खरीफ की फसलों में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का ऐलान किया था। जिसके कारण सरकार का न्यूनतम समर्थन मूल्य का बजट बढ़कर 1 लाख 26 हजार करोड़ रुपये हो गया था। खरीफ की फसल में सरकार ने 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी की थी। केंद्र सरकार ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 100 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की थी। जिसके बाद धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,040 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था। धान के साथ ही तिल, तुअर और उड़द जैसी फसलों में भी 300 से लेकर 500 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई थी। अगर हम पिछले साल की रबी फसलों की बात करें तो पिछले साल भी सरकार ने सरसों और मसूर में सबसे ज्यादा 400-400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की थी। इनके अलावा गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों और सूरजमुखी के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी की गई थी। पिछले साल सबसे कम बढ़ोत्तरी जौ के समर्थन मूल्य में की गई थी। यह मात्र 35 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी थी। पिछले साल जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1635 रुपये प्रति क्विंटल था। जौ के साथ चने के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 130 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई थी।
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सर्दियों के दिनों में भी फसलों पर कीड़ों का प्रभाव देखने को मिल सकता है। ऐसी स्थिति में किसान भाइयों को कुछ आवश्यक बातों का खास ध्यान रखना पड़ेगा। बतादें, कि कुछ कृषकों का मानना है, कि सर्दियों के दौरान फसलों के अंदर कीट नहीं लगते हैं। परंतु, सच ये है कि सर्दी के मौसम में भी आपकी फसल पर कीड़े लग सकते हैं। कीड़ों से फल का संरक्षण करने के लिए आपको कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना पड़ेगा।
विशेषज्ञों के मुताबिक, सर्दी के दौरान फसलों में कीट लगने की दिक्कत एक सामान्य बात है। बतादें, कि इस समय तापमान कम होता है, इस कीटों के लगने की घटनाएं कम हो जाती हैं। परंतु, ये पूरी तरह से समाप्त नहीं होते हैं। कुछ कीड़े सर्दियों में भी फसल को काफी हानि पहुँच सकती है, जिनसे संरक्षण के लिए कृषक कुछ विशेष बातों का ध्यान रख सकते हैं।
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