रामलीला मैदान में 'किसान मजदूर महापंचायत' के लिए किसानों का जमावड़ा शुरू
पंजाब भर से बड़ी संख्या में किसान 800 से ज्यादा बसों, ट्रकों और बहुत सारी ट्रेनों में सवार होकर बुधवार को दिल्ली की तरफ बढ़ने लगे हैं। आज सुबह से ही पंजाब और अलग-अलग जगहों से किसान दिल्ली के राम लीला मैदान में जुट रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा, किसान समूहों का एक गुट, दिल्ली के रामलीला मैदान में 'किसान मजदूर महापंचायतआयोजित कर रहा है। यहां केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ "लड़ाई तेज करने" के लिए एक प्रस्ताव पारित होने की संभावना है।
समाचार एजेंसी पीटीआई को अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने इस शर्त के साथ किसानों के जमावड़े की मंजूरी दी है, कि महापंचायत में न तो 5,000 से ज्यादा लोग शामिल होंगे और न ही कार्यक्रम स्थल के पास ट्रैक्टर ट्रॉलियों को अनुमति दी जाएगी।
एसकेएम, जिसने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर 2020-21 के किसानों के विरोध का नेतृत्व किया था। इन्होंने कहा है, कि पंजाब के 50,000 से ज्यादा किसानों के इस कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है।
ये भी पढ़ें: किसानों के 13 फरवरी 'दिल्ली चलो मार्च' के आह्वान पर दिल्ली बॉर्डर पर धारा 144 लागू
इस किसान संगठन ने कहा है, कि रामलीला मैदान में शांतिपूर्ण सभा होगी और सरकार के सामने अपनी सभी मांगें रखी जाएंगी।
किसान भाई बस और ट्रक में सवार होकर दिल्ली पहुंचे
पंजाब भर से बड़ी तादात में किसान 800 से अधिक बसों, ट्रकों और कई ट्रेनों में सवार होकर बुधवार को दिल्ली की ओर बढ़ने लगे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, गुरुवार सुबह से ही पंजाब और अलग-अलग जगहों से किसान दिल्ली के राम लीला मैदान में जुट रहे हैं।
दिल्ली के कई क्षेत्रों में यातायात काफी प्रभावित होगा
पुलिस ने कहा कि गुरुवार को रामलीला मैदान में किसानों के इकठ्ठा होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में यातायात काफी प्रभावित हो सकता है। गौतम बौद्ध नगर पुलिस ने बुधवार को दिल्ली में प्रस्तावित किसानों के विरोध के मद्देनजर नोएडा-दिल्ली मार्गों पर यातायात की गति धीमी होने की संभावना के बारे में यात्रियों को आगाह किया है।
ये भी पढ़ें: संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को भारत बंद का किया आह्वान
दिल्ली कूच करने की मांग कर रहे, किसानों के चल रहे विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए दिल्ली की तीन सीमाओं - सिंघू, टिकरी और गाज़ीपुर - पर अर्धसैनिक बलों की भारी संख्या में तैनाती की गई है। पिछले एक महीने से सैकड़ों किसान अभी भी पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर बैठे हुए हैं।