जैसा कि हम सब जानते हैं, कि कड़कड़ाती सर्दी का मौसम चल रहा है। किसानों को खेती–किसानी में बहुत सारी समस्याएं आती हैं। ऐसी स्थिति में यदि बारिश हो जाए तो ये समस्या और बढ़ जाती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जनपदों में आगामी एक–दो दिन में बारिश की संभावना है। अब ऐसे में कृषकों के लिए कुछ खास बातें हैं, जिनका विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आगरा, हाथरस, अलीगढ़ और समीपवर्ती हिस्सों में बारिश होने की संभावना है।
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आलू की फसल में झुलसा के लिए अनुकूल मौसम है, तो इना फंगीसाइड का 2 ग्राम प्रति लीटर में छिड़काव अवश्य कर दें। अगर सरसों की फसल में सफेद पत्ती धब्बा रोग होता है, तो 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में कॉपर ऑक्सीक्लोराइड अथवा कार्बेंडाजिम मैनाकोजेब का छिड़काव करें।
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यदि फसल में फूल आ गए हैं, तो किसी तरह के रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग से बचें। किसी भी फसल में फूल आ रहे हैं। वहां रासायनिक छिड़कावों का उपयोग ना करें। फूल की ग्रोथ (बढ़वार) काफी रुक जाऐगी। फूल झड़ जाऐंगे, जिससे दाने और फल नहीं बन पाऐंगे। ऐसी स्थिति में प्राकृतिक तरीकों, धुआं, नमी, नीम का तेल और कंडों की राख का उपयोग करें। इसके अतिरिक्त खेत में मधुमक्खियां पाल रखी हैं और वो उधर आती हैं तो दिन के वक्त रासायनिक छिड़काव नहीं करें वर्ना वो मर जाऐंगे। शाम को मधुमक्खियां छत्तों में लौट आती हैं उस समय इस्तेमाल करें।