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सेब की फसल

सेब की फसल इस कारण से हुई प्रभावित, राज्य के हजारों किसानों को नुकसान

सेब की फसल इस कारण से हुई प्रभावित, राज्य के हजारों किसानों को नुकसान

बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से किसानों को जमकर नुकसान पहुँचा रही है। हिमाचल प्रदेश में विगत 6-7 दिनोें से हो रही बारिश और ओलावृष्टि की वजह से सेब की फसलों को काफी ज्यादा हानि पहुंची है। खरीफ की भांति रबी का सीजन भी किसान भाइयों के लिए बेहतर नहीं रहा है। मार्च में हुई बारिश, ओलावृष्टि के चलते गेहूं और सरसों की फसल चौपट हो गई थी। इसके अतिरिक्त अन्य राज्यों में भी बारिश-ओलावृष्टि से फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं। वर्तमान में ऐसे ही खराब मौसम की वजह से सेब के बर्बाद होने की बात सामने आ रही हैं। सेब को महंगी एवं पहाड़ी राज्यों की विशेष फसल मानी जाती है। ऐसी स्थिति में इस फसल के क्षतिग्रस्त होने के चलते किसानों की चिंता बढ़ गई हैं। किसान भाई काफी परेशान हैं, कि उसके नुकसान की भरपाई किस प्रकार की जाए। यह भी पढ़ें : कृषि विज्ञान केंद्र पठानकोट द्वारा विकसित सेब की किस्म से पंजाब में होगी सेब की खेती

इस राज्य में ओलावृष्टि से हुआ नुकसान

मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को हानि हो रही है। कुल्लू की लग घाटी, खराहल घाटी और जनपद के ऊपरी क्षेत्रों में फसलों को बेहद हानि हुई है। बहुत से स्थानों पर काफी बड़ी संख्या में कच्चे सेब ही पेड़ से नीचे गिर चुके हैं। यहां तक कि उनकी टहनियां तक भी टूट गई हैं।

फसल में 80% प्रतिशत तक हानि की आशंका

लगातार बारिश, अंधड़ एवं ओलावृष्टि का प्रभाव सीधे सीधे फसलों व फलों पर देखने को मिल रहा है। जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग के माध्यम से नुकसान हुई फसल का सर्वेक्षण करना चालू कर दिया गया है। इसी कड़ी में स्थानीय किसानों ने बताया है, कि बारिश 6 से 7 दिन से निरंतर हो रही है। ऐसी हालत में 50 से 80 प्रतिशत तक हानि होने की संभावना है।

राज्य में बढ़ती ठंड और बारिश से हजारों की संख्या में किसान बर्बाद

सेब की अब फ्लावरिंग हो रही है। इस घड़ी में हुई बारिश और बढ़ी ठंड की वजह से सेब के फूलों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। फलदार पौधे, मटर,नाशपाती, प्लम सहित बाकी सब्जियों पर भी इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। खबरों के मुताबिक, घाटी में लगभग 30 हजार हेक्टेयर में बागवानी हो रही है। जिससे लगभग 75 हजार परिवार प्रत्यक्ष रूप से खेती से जुड़े हैं। अब ऐसी हालत में इन परिवारों को भारी नुकसान हुआ है।
हिमाचल प्रदेश के किसानों के फायदे के लिए केंद्र सरकार ने अहम फैसला लिया

हिमाचल प्रदेश के किसानों के फायदे के लिए केंद्र सरकार ने अहम फैसला लिया

वर्ष 2021 में केंद्र सरकार ने बाजार इंटरवेंशन योजना के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर में किसानों से सीधे सेब की खरीद की थी। इससे किसान भाइयों को काफी घाटे का सामना नहीं करना पड़ा था। बतादें, कि उन्हें उनकी फसल का सही भाव मिला था। यही कारण है, कि अब हिमाचल के किसानों ने केंद्र सरकार के समक्ष सेब की खरीदारी शुरू करने की मांग की है। हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादक किसानों के लिए खुशखबरी है। हिमाचल प्रदेश सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने नाफेड के माध्यम से सेब की खरीद करने के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है। यह कमेटी हिमाचल सरकार की मांग की समीक्षा करेगी। वहीं, इसके बाद केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगी। ऐसा कहा जा रहा है, कि रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार धान-गेहूं की भांति किसानों से नाफेड के माध्यम से सेब की खरादारी करने के लिए निर्णय ले सकती है। इससे कृषकों को सेब की अच्छी कीमत मिल सकेगी।

हिमाचल प्रदेश में सेब की फसल को हानि

दरअसल, इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में
सेब की फसलों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। अत्यधिक बारिश होने से सेब के बहुत से बागान भूस्खलन की चपेट में आकर जमीदोंज हो गए। इससे किसानों को काफी ज्यादा आर्थिक नुकसान हुआ है। साथ ही, बेमौसम बारिश होने की वजह से सेब के फल भी पेड़ पर ही सड़ गए। इसके चलते भी उत्पादन काफी प्रभावित हुआ है। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश में बारिश से बहुत सारी सड़कें ध्वस्त हो गईं। यही वजह है, जो बागों से सेब मंडियों तक समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।

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केंद्र सरकार ने एक कमेटी का गठन कर दिया है

प्रदेश के स्थानीय किसानों का कहना है, कि एक तो पहले मौसम ने फसल को बर्बाद कर दिया है। अब मार्केट में सेब की सही कीमत नहीं मिल रही है। इससे उन्हें काफी घाटा उठाना पड़ रहा है। अब ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार को धान-गेहूं की तर्ज पर किसानों से सेब की भी सीधी खरीदारी करनी चाहिए। यही कारण है, कि किसानों की मांग पर हिमाचल सरकार ने केंद्र से नाफेड के जरिए सेब की खरीद शुरू करने की मांग रखी है। इसके बाद केंद्र सरकार ने एक कमेटी का गठन कर दिया।

हिमाचल प्रदेश की कितने प्रतिशत हिस्सेदारी है

बतादें, कि कश्मीर के उपरांत सबसे ज्यादा सेब का उत्पादन हिमाचल प्रदेश में किया जाता है। यह सेब की पैदावार के मामले में भारत के अंदर दूसरे स्थान पर आता है। हिमाचली सेब की आपूर्ति केवल देश में ही नहीं, बल्कि पड़ोसी देश नेपाल में भी होती है। मुख्य बात यह है, कि भारत में उत्पादित कुल सेब में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत तक होती है।