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स्मार्ट फार्मिंग

एशिया की सबसे बड़ी कृषि मंडी भारत में बनेगी, कई राज्यों के किसानों को मिलेगा फायदा

एशिया की सबसे बड़ी कृषि मंडी भारत में बनेगी, कई राज्यों के किसानों को मिलेगा फायदा

नई दिल्ली। अब खेती में भी आधुनिकीकरण के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नई तकनीक और नई किस्म इस्तेमाल में लाई जा रहीं हैं। किसान भी अब परंपरागत खेती को छोड़कर स्मार्ट फार्मिंग पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। भारत में भी कृषि-विस्तार तेजी से चल रहा है। अब जल्दी ही भारत में एशिया की सबसे बड़ी कृषि मंडी शुरू होने जा रही है। जिससे देश के 15 से ज्यादा राज्यों के किसानों को सीधा फायदा मिलेगा। देश में अब तक बड़े पैमाने पर खेती की जाती रही है। बाजार में भाव ज्यादा अच्छा नहीं मिल सका है। लेकिन अब सरकार ने किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए एशिया का सबसे बड़ा बाजार अपने ही देश मे तैयार कर दिया है।

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केन्द्र सरकार ने 14 फसलों की 17 किस्मों का समर्थन मूल्य बढ़ाया एशिया की सबसे बड़ी कृषि मंडी हरियाणा के गन्नौर में बनने जा रही है। जिसमें किसानों को बहुत ही जल्द फल-फूल, सब्जी और अनाजों का एकल बाजार मुहैया कराया जाएगा। इस पहल से देश के 15 से ज्यादा राज्यों के करोड़ों किसान बिना किसी तनाव के अपनी उपज बेचकर अच्छी बचत कर सकेंगे।

कब होगी एशिया की सबसे बड़ी कृषि मंडी की शुरुआत ?

- माना जा रहा है कि साल 2022 के सितंबर माह में एशिया की सबसे बड़ी कृषि मंडी की शुरुआत होने जा रही है। सरकार और प्रशासन की ओर से कृषि मंडी की लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।

कृषि मंडी बनाने में कितनी लागत आई है ?

- हरियाणा में बनने वाली एशिया की सबसे बड़ी कृषि मंडी में करीब 8 हजार करोड़ की लागत आई है। मंडी में मुख्यरूप से बागवानी फसलें जैसे फल-फूल, सब्जियों के साथ-साथ डेयरी उत्पादों को बड़ी मात्रा में खरीदा व बेचा जाएगा।

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कृषि मंडी के प्रमुख उद्देश्य

1- इस कृषि बााजार को सप्लाई चेन, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस, रेल परिवहन और ऑनलाइन मार्केटिंग की सुविधाओं से भी जोड़ा जायेगा। 2- बाजार के अंदर ही किसानों और मंडी में काम करने वाले लोगों के लिये ठहरने, लोडिंग वाहनों की पार्किंग, व्यापारियों के लिये सुविधाजनक दुकानें और रेफ्रिजरेटर गाड़ियों का प्रबंधन भी होगा। 3- इस मंडी में अंतर्राष्ट्रीय बाजार मानकों के अनुसार निर्यात के लिये भी कृषि जिंसों की खरीद-बिक्री की जायेगी। 4- करोड़ टन की क्षमता वाली इस मंडी में फल, फूल, सब्जियां, अनाज, डेयरी प्रॉडक्ट्स का व्यापार किया जा सकेगा. इस कृषि बाजार में मछलियों के लिए अलग से एयर कंडिशनिंग बाजार बनाया जायेगा -------- लोकेन्द्र नरवार
जानें CHATGPT ने कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्त्व के बारे में क्या कहा है

जानें CHATGPT ने कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्त्व के बारे में क्या कहा है

आज हम आपको कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) के उपयोग के विषय में बताने वाले हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस किस तरह मदद कर सकता है, इस सवाल पर ChatGPT का कहना है, कि AI कृषि के क्षेत्र में विभिन्न तरह से कार्य कर सकता है। आज के दौर में निरंतर एआई मतलब कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) का उपयोग बढ़ता जा रहा है। प्रत्येक कार्य में लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता लेने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में सवाल यह है, कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस खेती में किस प्रकार से किसानों की सहायता कर सकता है। जब हमने ChatGPT जो खुद एक चैटबॉट है, उससे इस सवाल का जवाब मांगा तो उसने हमें विभिन्न रोचक बातें बताईं। जिनके बारे में जानना आपके लिए भी काफी आवश्यक है।

अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कृषि डेटा विश्लेषण कर किसानों की काफी सहायता करता है

एआई कृषि क्षेत्र से संबंधित डेटा को विश्लेषण करके फसलों की मौसम पैटर्न, मात्रा एवं विकास के संकेतों को समझ सकता है। इससे कृषकों को फसल प्रबंधन, प्रीक्टिव एनालिटिक्स, उपयुक्त खेती तकनीकों की अनुशंसा और कृषि निर्माण प्रबंधन की सलाह मिलती है।

एआई द्वारा अनुप्रयोग और संचालन विधि के विकास में मदद मिलती है

एआई खेती में किसानों को विभिन्न खेती अनुप्रयोगों और कृषि यंत्रों के लिए संचालन विधि विकसित करने में सहायता कर सकता है। यह दौर श्रम और संसाधनों की बचत करके फायदेमंद एवं स्वतंत्र खेती प्रथाओं का विकास करने में सहायता करता है। ये भी पढ़े: इन कृषि यंत्रों पर सरकार दे रही है भारी सब्सिडी, आज ही करें आवेदन

ऑटोमेशन और रोबोटिक्स कृषि क्षेत्र में क्या सहयोग करता है

बतादें, कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) खेती में ऑटोमेशन और रोबोटिक्स के इस्तेमाल से किसानों की मेहनत के साथ-साथ समय की बर्बादी को रोकने में काफी मदद मिलती है। रोबोट के जरिए किसान के खेत में कई उपयोगी कार्यों को संभव किया जा सकता हैं। जैसे कि बीजारोपण, फसल के लिए पानी का वितरण, जैविक उर्वरक का छिड़काव और कीटनाशक छिड़काव।

एआई कृषि उत्पादों की गुणवत्ता का निर्धारण करने में मदद करता है

एआई (AI) कृषि के अंदर उत्पादों की गुणवत्ता का निर्धारण करने में सहायता कर सकता है। इससे फसलों की गुणवत्ता एवं मात्रा को नियंत्रण में किया जा सकता है। बाजार में उनकी कीमतों को ज्यादा सुविधाजनक किया जा सकता है।

एआई समस्या निवारण करने के लिए काफी मदद कर सकता है

एआई (AI) खेती में किसानों को उनकी परेशानियों का निराकरण करने के लिए सहायता कर सकता है। इससे उनको बीमारियों का प्रबंधन, जैविक उर्वरक और कीटनाशक आदि के विषय में कई सारे तरीकों की सलाह और उपाय मिलते हैं। आजकल बदलते समय के साथ-साथ आधुनिकता भी बढ़ती चली जा रही है। देश में लगभग समस्त कार्य क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग होना शुरू हो गया है।