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50 percent subsidy

किसानों को सस्ते में मिलेंगे कृषि यंत्र, सरकार दे रही 50% सब्सिडी

किसानों को सस्ते में मिलेंगे कृषि यंत्र, सरकार दे रही 50% सब्सिडी

पंजाब के किसानों की आय बढ़ाने के लिए पंजाब सरकार काफी कोशिशों में लगी हुई है. जिसके तहत सीएम भगवंत मान की सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला किया है. राज्य की सरकार कृषि के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए पुरजोर कोशिशें कर रही है. इसकी तर्ज पर वो नई से नई तकनीकों को भी बढ़ावा दे रही है. जिस वजह से किसानों को अब सस्ते में कृषि यंत्र उपलब्ध हो जाएंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि पंजाब सरकार ने इन्हीं कृषि यंत्रो पर 50 फीसद तक सब्सिडी देने का फैसला लिया है. बता दें पंजाब सरकार के मुताबिक किसानों को अब परम्परागत खेती की बजाय तकनीकी पर आधारित खेती करने की तरफ रुख करना चाहिए. जिस वजह से उनकी आय में कुछ बढ़ोतरी हो सके. इन्हीं सब बातों को देखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने खेती में उपयुक्त होने वाले यंत्रों की खरीद पर करीब 50 फीसद की सब्सिडी देने का फैसला कर लिया है. ये भी देखें: २०२२-२३ के लिए कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन की प्रकिया जारी : डा. कर्मचंद, हरियाणा वहीं डीसी गुरदासपुर डॉक्टर हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि, राज्य सरकार का किसानों से यह भी आग्रह है कि, किसान अपनी खेती में नये नये यंत्रों का इस्तेमाल करें. ताकि उनकी कमाई पहले से ज्यादा हो सके. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, मान की सरकार कृषि यंत्रीकरण के तहत कृषि और किसान कल्याण विभाग किसानों को 28 फरवरी तक सब्सिडी देगा. इसके अलावा ट्रैक्टर अपट्रेंड, असिस्टेंट स्प्रेयर, ऑटोमेटिक और सेमी ऑटोमेटिक पोटैटो पॉटर, न्यूमेटिक प्लांटर लेजर लैंड लेवलर, पावर वीडर जैसे यंत्रों को अगर किसान खरीदते हैं, तो उन्हें इसके लिए 50 फीसद की भारी सब्सिडी दी जाएगी.

पोर्टल पर मिलेगी डीलर्स की सूची

सरकार की इस योजना का फायदा उठाने के लिए सबसे पहले किसानों को इसके लिए आवेदन करना होगा. जिसके लिए उन्हें इससे सम्बंधित आधिकारिक वेबसाइट https://www.agrimachinerypb.com/ पर विजिट करके अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. जिसने बाद ही उन्हें सब्सिडी का फायदा मिल सकेगा. इसके अलावा कस्टम हायरिंग सेंटर को स्थापित करने के लिए भी पंजाब सरकार सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है. वहीं जानकारी के लिए बता दें कि, लाभार्थियों का चयन वेबसाइट के माध्यम से किया जाएगा. इतना ही नहीं कृषि यंत्रों के निर्माता डीलर्स की सूची भी इसी पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जाएगी. ताकि किसानों को यंत्रों को लेने में आसानी हो.

यहां पर मिलेगी जरूरी जानकारी

डीसी ने बताया कि, जो किसान जरनल कैटेगरी के हैं, अगर वो कृषि उपकरण खरीदते हैं, तो इसके लिए उन्हें 40 फीसद की सब्सिडी दी जाएगी. वहीं अन्य कैटेगरी के किसानों को 50 फीसद सब्सिडी का फायदा मिलेगा. इसके अलावा जो भी कस्टम हायरिंग सेंटर्स की स्थापना करना चाहते हैं, उन्हें 40 फीसद की सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाएगी. इस योजना से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए किसान किसी भी प्रखंड कृषि विभाग या कृषि अभियंता ऑफिस में जाकर संपर्क कर सकते हैं.
इस राज्य में आमदनी दोगुनी करने वाली तकनीक के लिए दिया जा रहा 50 % अनुदान

इस राज्य में आमदनी दोगुनी करने वाली तकनीक के लिए दिया जा रहा 50 % अनुदान

छत्तीसगढ़ राज्य के कृषक बड़े पैमाने पर शेडनेट तकनीक द्वारा फूलों का उत्पादन कर रहे हैं। इससे उनकी आमदनी भी काफी बढ़ गई है। किसान केवल पारंपरिक फसलों की खेती से हटकर फूल उगाकर भी अच्छी आमदनी कर सकते हैं। फूलों की मांग भारत सहित पूरी दुनियाभर में है। यदि किसान भाई शेडनेट तकनीक से फूलों का उत्पादन करें, तब उनको अधिक आमदनी होगी। इस तकनीक से जरिए वर्षभर एक ही खेत में फूल का उत्पादन किया जा सकता है। शेडनेट तकनीक में खर्चा भी कम आता है। ऐसी स्थिति में किसान भाई शेडनेट तकनीक का उपयोग करके अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं। छत्तीसगढ़ जनसंपर्क के अनुसार, छत्तीसगढ़ के किसान बड़े पैमाने पर शेडनेट तकनीक द्वारा फूलों का उत्पादन कर रहे हैं। नतीजतन, उनकी आमदनी भी काफी बढ़ चुकी है। साथ ही, इस तकनीक के चलते फूलों की पैदावार भी बढ़ गई है। विशेष बात यह है, कि यहां के कृषक शेडनेट के अतिरिक्त पॉली हाऊस, ड्रिप और मच्लिंग तकनीक द्वारा भी फूलों की खेती कर रहे हैं। इन किसानों द्वारा उत्पादित फूलों की मांग हैदराबाद, भुवनेश्वर, अमरावती और नागपुर जैसे बड़े शहरों में भरपूर है। 

शेडनेट तकनीक किसानों की मेहनत कम कर देती है

फूलों की खेती करने के लिए शेडनेट तकनीक बेहद फायदेमंद है। इस तकनीक के उपयोग से खेती करने पर फसल में कीट संक्रमण और रोगिक भय नहीं रहता है। अब ऐसी स्थिति में फूलों की पैदावार एवं गुणवत्ता पर असर नहीं पड़ता हैं। विशेष बात यह है, कि दीर्घकाल तक एक ही स्थान पर फसल के लगे रहने से कृषकों को परिश्रम कम करना पड़ता है। इससे उनकी आमदनी भी दोगुनी हो जाती है। 

यह भी पढ़ें: बसंत ऋतु के दौरान फसलों में होने वाले कीट संक्रमण से संरक्षण हेतु रामबाण है यह घोल

छत्तीसगढ़ सरकार शेडनेट तकनीक के लिए 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है

जानकारों के अनुसार, इस तकनीक का उपयोग गर्मी से पौधों को संरक्षण देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। शेडनेट के अंतर्गत आप गर्मी के मौसम में नहीं उगने वाले पौधों का भी उत्पादन कर सकते हैं। साथ ही, बारिश के मौसम में भी शेडनेट के कारण फूल सुरक्षित रहते हैं। परंतु, फिलहाल छत्तीसगढ़ सरकार अपने प्रदेश में इस तकनीक के माध्यम से खेती करने वाले कृषकों को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार इसके लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत संरक्षित खेती हेतु 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है। इस योजना के चलते किसान भाई ज्यादा से ज्यादा 4000 वर्गमीटर में शेडनेट स्थापित कर सकते हैं। 

किसान लगभग 10 लाख रुपये तक की आमदनी कर रही है

छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव जनपद के डोंगरगढ़ विकासखंड में किसान शेडनेट तकनीक के इतेमाल से बड़े पैमाने पर खेती कर रहे हैं। बतादें, कि ग्राम कोलिहापुरी के किसान गिरीश देवांगन ने जरबेरा, रजनीगंधा और गुलाब की खेती कर रखी है। इससे वर्षभर में लगभग 10 लाख रुपये की आमदनी हो रही है। गिरीश देवांगन के अनुसार, उनके गांव में उत्पादित किए जाने वाले फूलों की अधिकांश मांग सजावट के उद्देश्य से हो रही है। इसके अतिरिक्त भुवनेश्वर, हैदराबाद, अमरावती एवं नागपुर में भी इस गांव से फूलों का निर्यात किया जा रहा है।

यह राज्य सरकार सेब की खेती पर किसानों को 50% प्रतिशत अनुदान दे रही है, जल्द आवेदन करें

यह राज्य सरकार सेब की खेती पर किसानों को 50% प्रतिशत अनुदान दे रही है, जल्द आवेदन करें

आजकल बिहार में किसान बड़े पैमाने पर सेब की पैदावार कर रहे हैं। इससे सेब उत्पादक किसानों को लाखों रुपये की आमदनी हो रही है। बतादें, कि दरभंगा, समस्तीपुर, पटना, औरंगाबाद और कटिहार समेत पूरे बिहार में बड़े स्तर पर सेब की खेती की जा रही है। बिहार में किसान फिलहाल पारंपरिक फसलों की खेती के स्थान पर बागवानी फसलों की खेती में अधिक रूचि ले रहे हैं। यही कारण है, कि राज्य सरकार बागवानी फसलों के लिए बंपर अनुदान मुहैय्या कर रही है। बिहार सरकार का कहना है, कि बागवानी फसलों की खेती से किसान भाइयों की आमदनी में काफी वृद्धि होगी। जिससे उनकी स्थिति काफी हद तक सुधरेगी। अतः वे अपने परिवार को बेहतर और समुचित सुविधाएं दे सकेंगे। ऐसे भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने विशेष उद्यानिक फसल योजना के अंतर्गत सेब की खेती करने वाले किसान भाइयों को अनुदान देने का निर्णय किया है।

बिहार में हो रही सेब की खेती

आम तौर पर लोगों की यह धारणा है, कि सेब की खेती केवल हिमाचल प्रदेश और जम्मू- कश्मीर में ही की जाती है। हालाँकि, अब इस तरह की कोई बात नहीं है। फिलहाल, बिहार में किसान बड़े पैमाने पर सेब की खेती कर रहे हैं। इससे किसान भाइयों को लाखों रुपये की आमदनी हो रही है। बतादें, कि कटिहार, दरभंगा, समस्तीपुर, पटना और औरंगाबाद समेत पूरे बिहार में सैंकड़ों की तादात में किसान सेब की खेती कर रहे हैं। यहां के किसान हिमाचल प्रदेश से सेब के पौधे लाकर अपने खेतों में रोप रहे हैं।

बिहार सरकार ने 50 प्रतिशत अनुदान देने की घोषणा की है

सेब की खेती के प्रति किसानों की रूचि को देखते हुए बिहार सरकार ने राज्य में सेब के रकबे का विस्तार करने की योजना बनाई है। बिहार सरकार यह चाहती है, कि किसान भाई ज्यादा से ज्यादा संख्या में सेब की खेती करें। जिससे कि उनकी आमदनी में इजाफा हो सके। साथ ही, राज्य की अर्थव्यवस्था को भी काफी मजबूती मिलेगी। यही वजह है, कि प्रदेश सरकार ने सेब की खेती करने वाले कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का फैसला लिया है। यह भी पढ़ें: यूट्यूब से सीखकर चालू की सेब की खेती, अब बिहार का किसान कमाएगा लाखों

बिहार सरकार किसानों को कितना अनुदान देगी

विशेष बात यह है, कि सरकार ने सेब की खेती करने हेतु प्रति हेक्टेयर इकाई खर्चा 246250 रुपये तय किया है। इसके ऊपर से किसान भाइयों को 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। मतलब कि सरकार किसान भाइयों को 123125 रुपये मुफ्त में प्रदान करेगी। हालांकि, फिलहाल इस योजना का फायदा केवल कटिहार, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बेगूसराय, औरंगाबाद और वैशाली जनपद के किसान ही ले पाऐंगे।

बिहार सरकार इन फसलों पर भी अनुदान दे रही है

बतादें, कि बिहार सरकार राज्य में बागवानी को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न फसलों पर अनुदान प्रदान कर रही है। फिलहाल, सरकार आम, केला, कटहल, पान, चाय एवं प्याज की खेती करने पर भी बेहतरीन अनुदान दे रही है। जानकारी के लिए बतादें, कि इसके लिए किसान भाई उद्यान निदेशालय की ऑफिसियल बेवसाइट पर जाकर आवेदन करें।
इस राज्य में कृषकों के लिए 110 तरह के कृषि यंत्रों पर मिल रही बंपर सब्सिड़ी

इस राज्य में कृषकों के लिए 110 तरह के कृषि यंत्रों पर मिल रही बंपर सब्सिड़ी

कृषि यांत्रिकरण योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले अनुदान के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 10 अक्टूबर, 2023 से शुरू कर दी जाएगी। इस दौरान बिहार राज्य के किसान पंजीकरण कर 110 तरह के कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। खेती-किसानी में मशीनीकरण के आने के उपरांत किसानों की स्थिति में निरंतर बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कृषि कंपनियों के माध्यम से भी किसानों की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए नवीन-नवीन मशीनों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही, भारत सरकार की तरफ से भी कृषि उपकरणों को खरीदने के लिए वक्त-वक्त पर योजनाएं भी जारी की जाती हैं। इसी कड़ी में बिहार सरकार ने प्रदेश के लघु किसानों को कृषि उपकरणों का फायदा उपलब्ध कराने के लिए कृषि यांत्रिकरण योजना की शुरुआत की है।

कृषि यंत्रो पर 40 से लेकर 80 प्रतिशत तक अनुदान

इस योजना के अंतर्गत राज्य के किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए 40 से 80 प्रतिशत तक अनुदान की सुविधा मुहैय्या कराई जाती है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि सरकार की इस योजना के लिए प्रति वर्ष किसानों के आवेदन मांगे जाते हैं। साथ ही, बिहार सरकार ने कृषि यांत्रिकरण योजना को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। बतादें, कि 10 अक्टूबर, 2023 से बिहार राज्य के कृषकों के लिए कृषि यांत्रिकरण योजना में पंजीकरण की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।

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बिहार सरकार की तरफ से 110 कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है

कृषि यांत्रिकरण योजना में बिहार के किसानों को समकुल 110 तरह के बेहतरीन कृषि यंत्रों पर सब्सिड़ी प्रदान की जाती है। खेती-किसानी के ये उपकरण खेती से जुड़े तकरीबन प्रत्येक कार्य को सुगम बनाने में संभव हैं। जैसे कि- खेत की जुताई, बुवाई, निराई-गुड़ाई, सिंचाई, कटाई एवं बाकी बहुत सारे कार्यों को मिनटों में पूर्ण कर सकते हैं। बतादें, कि इन कृषि मशीनों के लिए बिहार सरकार ने वर्ष 2023-24 में लगभग 119 करोड़ रुपये की लागत का प्लान तैयार किया है।

पंजीकरण की प्रक्रिया 10 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी

बिहार राज्य के किसान कृषि यांत्रिकरण योजना के अंतर्गत लाभ उठाना चाहते हैं, तो वह 10 अक्टूबर, 2023 से कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान पाने के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को पूर्ण कर दें। दरअसल, पंजीकरण की यह प्रक्रिया 1 महीने मतलब कि 10 नवंबर, 2023 तक जारी रहेगी। इस दौरान इच्छुक किसान भाई इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।

योजना के लिए बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • बैंक पासबुक
  • मोबाइल नंबर
  • ईमेल आईडी
  • कृषि यांत्रिकरण योजना में पंजीकरण की प्रक्रिया
  • इस योजना का फायदा पाने हेतु इच्छुक कृषकों को बिहार कृषि विभाग पोर्टल की अधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
  • वेबसाइट पर जाने के बाद आपको होम पेज के कृषि यांत्रिकरण योजना विकल्प पर क्लिक करना है। फिर आपको कृषि यांत्रिकरण योजना के अंतर्गत पंजीकरण की प्रक्रिया को पूर्ण करना है।