देश में 5G हुआ लॉन्च, किसानों की बदल जाएगी इस तकनीक से किस्मत
इंतजार खत्म हुआ, आखिरकार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित हुए इंडिया मोबाइल कांग्रेस में दूरसचांर के क्षेत्र में ५जी या 5G तकनीक को देश को समर्पित कर दिया। इस दौरान उन्होंने 5G को उपयोग करके भी देखा। पीएम मोदी ने दिल्ली में बैठे-बैठे स्वीडन में कार चलाकर देखी। मोबाइल कांग्रेस में भाग ले रही रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अम्बानी ने कहा, "हम भले इस इस टेक्नोलॉजी में थोड़ी देर से आये हैं, लेकिन दुनिया में सबसे पहले हम ही अपने देश में इसके पूर्ण विस्तार के लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।" इसके साथ ही अम्बानी ने बताया कि रिलायंस जिओ दिसंबर 2023 तक भारत के कोने-कोने में 5G तकनीक को पहुंचा देगा। जिओ के साथ ही भारती एयरटेल ने 2024 तक इस लक्ष्य को प्राप्त करने का संकल्प दोहराया है।
इंडिया मोबाइल कांग्रेस में 5जी उद्घाटन पीएम श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मोबाइल कांग्रेस में भाग ले रही कंपनियों ने बताया कि 5G तकनीक में इंटरनेट की स्पीड 10GBPS तक बढ़ने वाली है, जो लोगों की ज़िंदगी को पूरी तरह से बदल देगी। चूंकि इस तकनीक से आम लोगों की जिंदगी बहुत ज्यादा बदलने वाली है, इसलिए इसका असर किसानों पर भी पड़ेगा। इस टेक्नोलॉजी की सहायता से किसान भी हाई टेक हो सकते हैं, जिससे वो उत्पादन में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं तथा अपनी फसल का विक्रय भी बहुत आसानी से कर सकते हैं।
विशेषज्ञों ने बताया है कि किसान अब 5G नेटवर्क की मदद से घर बैठे बहुत सारी चीजें कर सकते हैं, जैसे की वो घर बैठे ही अब अपने ट्रैक्टर को संचालित कर सकते हैं, तथा 5G तकनीक से द्वारा वह ट्रैक्टर को आदेश भी दे सकते हैं कि कहां पर कैसे काम करना है। किसान अपने ट्रैक्टर को जुताई बुवाई का आदेश भी दे सकते हैं। इसके साथ ही किसान खेतों में ड्रोन की मदद से कीटनाशकों का छिड़काव भी बेहद आसानी से कर सकते हैं। हाई स्पीड इंटरनेट इसको आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। 5G तकनीक के द्वारा किसानों के लिए खेतों की मैपिंग से लेकर निगरानी तक के कामों को करना बेहद आसान हो जाएगा। इससे खेती में होने वाले जोखिमों से छुटकारा मिलेगा, साथ ही किसानों का बेहद बेशकीमती समय और धन की बचत होगी।
5G तकनीक की सहायता से मंडियों में होगा किसानों को फायदा
सरकार लगातार डिजिटल रूप से किसानों को साक्षर करने का प्रयास कर रही है, और सरकार का उद्देश्य है कि किसान ज्यादा से ज्यादा डिजिटल रूप से सरकार के साथ जुड़ें। इसको देखते हुए सरकार ने ई-नाम(e-NAM) पोर्टल शुरू किया है, जहां खेती बाड़ी, फसल विक्रय और फसल भंडारण से सम्बंधित किसानों को सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त होती है। इसके साथ ही सरकार ने समय-समय पर बहुत सारे एप्प (mobile app) लॉन्च किये हैं ताकि किसान भाई अपनी नजदीकी मंडी से ऑनलाइन माध्यम से जुड़ पाएं। अब मंडियों में फसल बेचने से लेकर बीजों की होम डिलीवरी तक हर कुछ सरकार ऑनलाइन माध्यम से कर रही है। इसलिए ऐसे कामों को बेहद आसान बनाने में हाई स्पीड इंटरनेट अब बहुत ज्यादा मददगार साबित होने वाला है।
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अभी कई क्षेत्रों और गावों में नेटवर्क और इंटरनेट स्पीड की समस्या बनी रहती है। गावों में 5G टेक्नोलॉजी के आने के बाद यह समस्या पूरी तरह से ख़त्म हो जाएगी, जिससे किसान आसानी से ऑनलाइन माध्यम से मंडी डीलरों और बिचौलियों से संपर्क साध पाएंगे। मंडी में फसलों की बिक्री में पारदर्शिता आएगी। साथ ही बिना किसी रुकावट के किसान अपनी फसलों को मनचाही जगह पर बेहतर दामों में बेंच पाएंगे।
5G की मदद से खेती करने वाले किसानों की हो सकेगी ऑनलाइन ट्रेनिंग
इन दिनों भारत में सरकार के साथ ही कई निजी संस्थाएं और NGO किसानों को खेती की ऑनलाइन ट्रेंनिंग उपलब्ध करवा रहे हैं, लेकिन इंटरनेट की धीमी स्पीड होने के कारण इसमें व्यवधान आता है। अब 5G तकनीक के आ जाने से ये बेहद आसान होने वाला है। अब किसान घर बैठे खेती से जुड़े प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। सरकारी संस्थाओं और NGO का उद्देश्य भी यही है कि किसान जल्द से जल्द आत्मनिर्भर बनें और अपनी आय को बढ़ाएं। 5G तकनीक किसानों के आत्मनिर्भर बनने में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।
मौसम आधारित खेती में भी मिलेगा 5G का साथ
खेती किसानी एक अलग तरह का व्यवसाय है, यहां कभी भी मौसम की मार किसान की साल भर की मेहनत बर्बाद कर सकती है। जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। लेकिन 5G की मदद अब इन चीजों में भी मिलने वाली है। अब किसान 5G की मदद से विशेषज्ञों से मौसम आधारित कृषि परामर्श ले सकते हैं, कि कैसे मौसम में या कितनी बरसात या सूखे में कौन सी खेती लाभदायक होगी।
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इसके साथ ही सेंसर आधारित तकनीकों से फसल का सही अपडेट लेकर किसानों का काम बेहद आसान हो जाएगा। प्लांट सेंसर तकनीकों के इस्तेमाल से किसान भाई पौधों का विकास, मिट्टी की संरचना और खेत की जरूरतों का पता बेहद आसानी से लगा पाएंगे। सेंसर तकनीक की मदद से किसान भाई जलवायु या कीट-रोगों की मुसीबतों से पहले से ही सचेत हो जाएंगे। यह सभी चीजें 5 नेटवर्क के माधयम से बेहद आसान होने वाली हैं।
पशुपालन में भी होगा 5G का इस्तेमाल
खेती किसानी के साथ-साथ पशुपालन भी किसानों का एक अहम व्यवसाय है, गावों में ज्यादातर किसान इससे जुड़े हुए हैं। आजकल पशुपालन में किसान भाई पारंपरिक तरीकों के अलावा स्मार्ट डेयरी फार्मिंग की तरफ देख रहे हैं, ताकि किसान भी ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकें। अगर हम स्मार्ट डेयरी फार्मिंग की बात करें तो इसकी मदद से किसानों का काम बेहद आसान हो गया है। पशुपालन में भी किसान सेंसर आधारित तकनीक का इस्तेमाल करके पशुओं की हर एक हरकतों पर नजर रख सकते हैं।
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सेंसर आधारित तकनीक का इस्तेमाल करके किसान गाय, भैंस, बकरी से लेकर मुर्गी और मछलियों के खाने पीने के साथ दूध देने और अंडे देने के क्रियाकलापों को बेहद आसानी से ट्रेस कर सकते हैं। मछली पालन में 5G टेक्नोलॉजी वरदान साबित हो सकती है। अब इस टेक्नोलॉजी की मदद से पानी का तापमान, मछलियों की हलचल की निगरानी करना और उनका प्रबंधन करना पहले की तुलना में बेहद आसान होने वाला है।