असम चाय उद्योग के लिए पहली फ्लश फसलों का उत्पादन सामान्यतयः मार्च और अप्रैल में किया जाता है।
“पहला फ्लश अब अच्छा रहा है, क्योंकि असम के सभी हिस्सों में बारिश हो रही है। मार्च की फसल पिछले साल की तुलना में बेहतर होनी चाहिए। पिछले साल फसल देरी से शुरू हुई थी। इस साल इसकी शुरुआत जल्दी हो गई है, जो अच्छी बात है। पिछले सप्ताह तक पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में वर्षा की कमी थी। अब निश्चित तौर पर यह आगे बढ़ गया है।"
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प्रथम फ्लश फसल असम में कुल चाय उत्पादन का तकरीबन 10% है। हालांकि, असम चाय उद्योग हेतु दूसरा फ्लश ज्यादा जरुरी है, क्योंकि यह प्रीमियम किस्म होती है। दूसरी फ्लश फसलें सामान्यतः मई एवं जून में उत्पादित की जाती हैं।
2022 में, असम चाय का उत्पादन 687.93 मिलियन किलोग्राम रहा था। वहीं, 2021 में यह 667.73 मिलियन किलोग्राम था। 2021 में उत्पादन वर्ष के आरंभिक माहों (जनवरी, फरवरी और मार्च) के साथ-साथ 2020 के बाद (अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर) के समय कम वर्षा की वजह से कम था।
“खरीदार मार्च में असम चाय उत्पादन पर इतना निर्भर नहीं हैं। आगे चलकर कीमतें अप्रैल और मई में हुए उत्पादन पर निर्भर करेंगी। जहां तक मैं देखता हूं बाजार अभी भी भूखा नहीं है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि सर्दियों के दौरान खपत उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ी थी, जो तुलनात्मक रूप से गर्म थी।"
भूत जोलोकिया मिर्च गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में हुई शामिल
भूत जोलोकिया मिर्च को दुनिया की सर्वाधिक तीखी मिर्च के रूप में जानी जाती है। इसका उत्पादन भारत के नागालैंड में किया जाता है। इसके तीखेपन स्वाद की वजह से भूत जोलोकिया मिर्च को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल है। वर्ष 2007 में इसे रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। नागालैंड में अधिकाँश किसान इसकी खेती किया करते हैं। साथ इसको विश्व के विभिन्न देशों में मिर्च को निर्यात किया जाता है। भारत की भूत जोलोकिया की मांग विदेशों तक से भी रहती है।
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भूत जोलोकिया मिर्च कितने दिन में तैयार हो जाती है
भारत के नागालैंड की यह प्रसिद्ध भूत जोलोकिया मिर्च 75 से 90 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। अगर हम आकार की बात करें तो मिर्च की ऊंचाई 50 से 120 सेंटीमीटर तक होती है। इसका उत्पादन पहाड़ों पर काफी अच्छी तरह से होता है। सामान्य मिर्च की तुलना में लाल मिर्च लंबाई में छोटी होती है। अगर इसकी लंबाई की बात की जाए तो यह 3 सेंटीमीटर तक होती है। वहीं चौड़ाई 1 से 1. 2 सेंटीमीटर तक होती है।
भूत जोलोकिया महिलाओं की सुरक्षा करने हेतु भी काम आती है
भूत जोलोकिया की एक और सबसे बड़ी खासियत है। इसका उपयोग सुरक्षा बल एजेंसियों द्वारा आँसू गैस गोला इत्यादि उत्पाद बनाने के लिए भी किया जाता है। साथ ही, इसके तीखी होने की विशेषता के चलते इस मिर्च से स्प्रे भी तैयार की जाती है। इससे महिलाओं के साथ होने वाली बदसलूकी और छेड़खानी में संरक्षण के तौर पर उपयोग करती हैं। बतादें, कि स्प्रे से गले एवं आंखों में जलन होनी चालू हो जाती है। व्यक्ति की खांसी नहीं रुकती और बेहाल हो जाता है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा की सरकार द्वारा राज्य में मादा बछड़ों की तादात बढ़ाने के लिए 1.16 लाख सेक्स्ड सॉर्टेड सीमन खरीदने की योजना तैयार की है। मुख्य बात यह है, कि CM हिमंत ने स्वयं ट्वीट कर के इसकी जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा है, कि सरकार प्रदेश में गाय और भैसों के लिए कृत्रिम गर्भाधान की प्रक्रिया चालू करेगी।
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सेक्स्ड सॉर्टेड सीमन प्रक्रिया
सेक्स्ड सॉर्टेड सीमन एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसके अंतर्गत लैब के अंदर शुक्राणुओं से उसके Y गुणों को अलग कर दिया जाता है। इसके पश्चात इन शुक्राणुओं को गायों एवं भैसों के गर्भ में डाल दिया जाता है। ऐसा करने से गाय एवं भैसों से पैदा होने वाले बच्चे में बछिया के जन्म की संभावना तकरीबन 90% प्रतिशत तक बढ़ जाती है।