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Avocado

ऐसे एक दर्जन फलों के बारे में जानिए, जो छत और बालकनी में लगाने पर देंगे पूरा आनंद

ऐसे एक दर्जन फलों के बारे में जानिए, जो छत और बालकनी में लगाने पर देंगे पूरा आनंद

वृंदावन। फलों के सेवन से मनुष्य का शरीर स्वस्थ एवं मन आनंदित होता है। आज हम आपको बताएंगे ऐसे एक दर्जन फलों के बारे में जो आप अपनी छत या बालकनी में लगाकर उनसे फल प्राप्त कर सकते हैं और अपने शरीर को स्वस्थ एवं मजबूत बना सकते हैं। अक्सर लोग घर की छत व बालकनी में सब्जियां उगाते हैं, लेकिन आज हम बात करेंगे फलों की। छत या बालकनी में लगे गमलों में रसदार फल आपके आंगन के माहौल को बदल देगा।

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आईए, विस्तार से जानते हैं इन फलों के बारे में:

1. सेब (Apple)

seb ka gooda
  • स्वस्थ रहने के लिए रोजाना एक सेब का सेवन करना बेहद लाभदायक होता है। सेब का वानस्पतिक नाम मालुस डोमेस्टिका होता है। आप इसे आसानी से अपने घर की छत अथवा बालकनी पर कंटेनर में लगा सकते हैं।

2. खुबानी (Apricot)

  • खुबानी का वानस्पतिक नाम प्रूनस आर्मेनियाका माना जाता है। इसकी ऊंचाई 6-7/2-4 फीट होती है। बौनी खुबानी की किस्में लंबी नहीं होती हैं। खुबानी को आप अपने आंगन के गमले में उगा सकते हैं।

3. बेर (Berry)

Berry
  • बेर एक रसदार फल ही नहीं बल्कि इसके फूल भी भव्य होते हैं। बेर का वानस्पतिक नाम प्रूनस सबग होता है। इसकी ऊंचाई 5-8/2-4 फीट होती है। पिक्सी, सेंट जूलियन व जॉनसन बेर की अच्छी किस्म होती हैं।



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4. एवोकैडो (Avocado)

Avocado
  • एवोकैडो (Avocado) का वानस्पतिक नाम पर्सिया अमरिकाना है। जिसकी ऊंचाई 6-9 से 2-4 फीट होती है। एवोकाडो उगाने के लिए अच्छी वायु परिसंचरण वाली बालकनी एक बेहतरीन जगह मानी गई है।

5. स्ट्रॉबेरी (Strawberry)

STRAWBERRY
  • स्ट्रॉबेरी को कम जगह में भी लगाया जा सकता है। और किसी भी जलवायु में उगाए जा सकते हैं। स्ट्रॉबेरी का वानस्पतिक नाम फ्रैगरिया/अनासा माना जाता है। जिसकी ऊंचाई 1 से 2 फीट होती है।

6. ब्लूवेरी (Blueberry)

BLUEBERRY
  • ब्लूबेरी का वानस्पतिक नाम साइनोकोकस हैं। इसकी पौधे की ऊंचाई इसके किस्म पर ही निर्भर करता है। आप हैंगिंग बास्केट में भी ब्लूबेरी को लगा सकते हैं।


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7. नींबू (Lemon)

  • नींबू का वानस्पतिक नाम साइट्रस/लिमोन है। जिसकी ऊंचाई 3-6/2-4 फीट है। एक बौना नींबू का पौधा आपकी छत का सबसे अच्छा केन्द्र बिंदू हो सकता है। जो चमकदार, तिरछे पत्तों, सुगंधित फूलों और रसदार फलों के साथ आकर्षक लगता है।

8. केला (Banana)

केले की खेती
  • केला का वानस्पतिक नाम मूसा होता है। जिसकी ऊंचाई 4-12 से 5-7 फीट हैं। केले का पेड़ बालकनी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। लेकिन इसे गमले में उगाना एक आँगन और छत के बगीचे में संभव है।

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9. आडू (Peach)

PEACH
  • आडू का वानस्पतिक नाम प्रूनस पर्सिका है। इसकी ऊंचाई 5-6 से 2-3 फीट हैं। आप एक बौने आडू के पेड़ को 6 फीट ऊंचाई तक कम कर सकते हैं। आंगन के बगीचे में देसी का स्वाद आपको आनंदित कर देगा। आपको बता दें कि इसे उगाना बेहद आसान है।

10. अमरूद (Guava)

अमरुद उगाने का तरीका
  • अमरूद का वानस्पतिक नाम प्सिडिम गुजावा है। इसकी ऊंचाई 5-8 से 2-4 फीट के बीच होता है। अगर आप गर्म जलवायु में रहते हैं, तो अपनी छत पर एक अमरूद का पेड़ उगाएं। यह एक बर्तन में अच्छा लगेगा और गोपनीयता भी प्रदान करेगा।

11. रास्पबेरी (Raspberry)

Raspberry
  • रास्पबेरी का वानस्पतिक नाम रूबस इडियस है। आपको बता दें कि इस पौधे की ऊंचाई 3-5 से 1-2 फीट होती हैं। रास्पबेरी की झाड़ियाँ डेक गार्डन पर उगने के लिए एक आदर्श फल का पौधा है।

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12. साइट्रस (Citrus)

Citrus
  • साइट्रस का वानस्पतिक नाम साइट्रस है। जिसकी ऊंचाई 4-5/2-4 फीट होती है। आप खट्टे पेड़ों को गमलों में आसानी से उगा सकते हैं। जिनमें संतरा, कुमकुम, कैलमोंडिन, और लाइमक्वेट्स है।

  ------ लोकेन्द्र नरवार

किसान इस विदेशी फल की खेती करके मोटा मुनाफा कमा सकते हैं

किसान इस विदेशी फल की खेती करके मोटा मुनाफा कमा सकते हैं

आज हम आपको दक्षिण मध्य मैक्सिको में पाया जाने वाले एवोकाडो के विषय में बताने जा रहे हैं। बतादें कि एवोकाडो गर्म जलवायु में उत्पादित होने वाला फल है। भारत के भी कुछ इलाकों की जलवायु समान ही है, इस वजह से यहां के किसान इस फल की खेती बड़ी सहजता से कर पाते हैं। आजकल भारत में किसान पारंपरिक खेती को छोड़ कर भिन्न-भिन्न प्रकार की खेती कर रहे हैं। कोई किसान किसी विशेष फल की खेती कर रहा है, तो कोई किसान किसी खास फूल की। परंतु, आज हम आपको एक ऐसे प्रमुख फल की खेती के विषय में बताने जा रहे हैं, जिसकी मांग भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में रहती है। आजकल भारत के किसान भी इस विदेशी फल की खेती कर लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं। यहां तक कि कुछ किसान तो इस विदेशी फल के व्यवसाय से अब तक करोड़पति बन चुके हैं।

यह विदेशी फल मुख्य रूप से कहां पाया जाता है

इस विदेशी फल को एवोकाडो कहा जाता हैं। यह फल विशेष रूप से दक्षिण मध्य मैक्सिको में मिलता है। परंतु, फिलहाल भारतीय किसान इसका जमकर उत्पादन कर रहे हैं। दरअसल, भारत के शहरी बाजार एवं विदेशी बाजार में इस फल की काफी ज्यादा मांग है, जिस वजह से यह काफी ऊंची कीमत पर बेचा जाता है। यह एक ऐसा फल होता है, जिसका बाहरी भाग हरा होता है। वहीं, अंदर का हिस्सा पीला गुद्देदार एक दम मक्खन जैसा होता है। इसके साथ ही इसमें एक बड़ा सा बीज भी मौजूद होता है, जो बेहद सहजता से बाहर निकल जाता है। यह भी पढ़ें: विश्व के इन सबसे महंगे फलों की कीमत जानकर होश उड़ जाएंगे

भारत में इसकी खेती किस तरह से की जा रही है

दरअसल, दक्षिण मध्य मैक्सिको में पाए जाने वाला एवोकाडो गर्म जलवायु में उत्पादित होने वाला फल है। भारत के भी कुछ भागों की जलवायु लगभग ऐसी ही है। जिसके चलते यहां के किसान इस फल की खेती सहजता से कर पाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है, कि एवोकाडो की खेती के लिए सबसे अच्छा तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस है। भारत में केरल, पंजाब, हरियाणा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु का तापमान कुछ इतना ही रहता है। यही कारण है, कि इन क्षेत्रों के किसान आजकल जम कर एवोकाडो का उत्पादन कर रहे हैं। यह भी पढ़ें: ऐसे एक दर्जन फलों के बारे में जानिए, जो छत और बालकनी में लगाने पर देंगे पूरा आनंद

एवोकाडो फल कितना महंगा बिकता है

एवोकाडो की कीमत भारतीय बाजार में विक्रय होने वाले सामान्य फलों से कहीं अधिक है। अब आप यह समझ लीजिए कि एक किलो एवोकाडो का भाव इस समय भारतीय बाजार में तकरीबन 1500 से 2000 रुपये के मध्य है। यही कारण है, कि लोग इस फल को किलो में ना लेने की जगह एक या दो पीस के तौर पर खरीदते हैं। विदेशी बाजार में तो यह फल और भी अधिक बड़े भाव पर बिकता है।