केंद्र सरकार ने इस खरपतवार नाशी केमिकल के आयात पर लगाया बैन
भारत सरकार की तरफ से कम कीमत वाले 'ग्लूफोसिनेट टेक्निकल' के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत भर में यह निर्णय 25 जनवरी, 2024 से ही लागू कर दिया गया है। बतादें, कि 'ग्लूफोसिनेट टेक्निकल' का उपयोग खेतों में खरपतवार को हटाने के मकसद से किया जाता है। यहां जानें ग्लूफोसिनेट टेक्निकल पर रोक लगाने के पीछे की वजह के बारे में।
भारत के कृषक अपने खेत की फसल से शानदार उत्पादन हांसिल करने के लिए विभिन्न प्रकार के केमिकल/रासायनिक खादों/ Chemical Fertilizers का उपयोग करते हैं, जिससे फसल की उपज तो काफी अच्छी होती है। परंतु, इसके उपयोग से खेत को बेहद ज्यादा हानि पहुंचती है। इसके साथ-साथ केमिकल से निर्मित की गई फसल के फल भी खाने में स्वादिष्ट नहीं लगते हैं। कृषकों के द्वारा पौधों का शानदार विकास और बेहतरीन उत्पादन के लिए 'ग्लूफोसिनेट टेक्निकल' का उपयोग किया जाता है। वर्तमान में भारत सरकार ने ग्लूफोसिनेट टेक्निकल नाम के इस रसायन पर प्रतिबंध लगा दिया है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि सरकार ने हाल ही में सस्ते मूल्य पर मिलने वाले खरपतवारनाशक ग्लूफोसिनेट टेक्निकल के आयात पर रोक लगा दी है। आंकलन यह है, कि सरकार ने यह फैसला घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से किया है।
ग्लूफोसिनेट टेक्निकल का इस्तेमाल किस के लिए किया जाता है
किसान ग्लूफोसिनेट टेक्निकल का उपयोग खेतों से हानिकारक खरपतवार को नष्ट करने या हटाने के लिए करते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ किसान इसका इस्तेमाल पौधों के शानदार विकास में भी करते हैं। ताकि फसल से ज्यादा से ज्यादा मात्रा में उत्पादन हांसिल कर वह इससे काफी शानदार कमाई कर सकें।
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ग्लूफोसिनेट टेक्निकल केमिकल का आयात प्रतिबंधित
ग्लूफोसिनेट टेक्निकल केमिकल पर प्रतिबंध का आदेश 25 जनवरी, 2024 से ही देश भर में लागू कर दिया गया है। ग्लूफोसिनेट टेक्निकल केमिकल पर प्रतिबंध को लेकर विदेश व्यापार महानिदेशालय का कहना है, कि ग्लूफोसिनेट टेक्निकल के आयात पर प्रतिबंध मुक्त से निषेध श्रेणी में किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा है, कि यदि इस पर लागत, बीमा, माल ढुलाई मूल्य 1,289 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा होता है, तो ग्लूफोसिनेट टेक्निकल का आयात पूर्व की भांति ही रहेगा। परंतु, इसकी कीमत काफी कम होने की वजह से इसके आयात को भारत में प्रतिबंधित किया गया है।