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Government Subsidy

यह राज्य सरकार कृषकों को कृषि यंत्र खरीद पर अच्छा-खासा अनुदान प्रदान कर रही है

यह राज्य सरकार कृषकों को कृषि यंत्र खरीद पर अच्छा-खासा अनुदान प्रदान कर रही है

मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से किसानों के हित में ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत कृष उपकरणों और मशीनों को खरीदने पर 30 से 50 फीसद तक अनुदान मुहैय्या करा रही है। आधुनिक दौर में खेती विज्ञान पर आधारित हो चुकी है। खेती को सुगम और सरल बनाने कि लिए प्रतिदिन नवीनतम मशीनों का आविष्कार किया जा रहा है। इन मशीनों के इस्तेमाल से वक्त की भी बचत होती है। साथ ही, खेती पर किए जाने वाले खर्चे में भी काफी सहूलियत मिलती है। इन्हीं वजहों के चलते अलग- अलग राज्य सरकारें अपने- अपने राज्यों में कृषि यंत्रों की खरीद हेतु बेहतरीन अनुदान देती हैं। जिससे किसान भाईयों को खेती करने में किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो पाए। कृषि जागरण के अनुसार, मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से किसानों को ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत कृषि मशीनों की खरीद पर अच्छी-खासी सब्सिडी देने की घोषणा की है। दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सरकार भी इस बात से सहमत है, कि वर्तमान में खेती तकनीक पर आधारित हो गई है। अगर किसान भाइयों को आधुनिक और नवीन मशीनों की खरीद पर आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की जाए, तो बाकी राज्यों के कृषकों से पीछे रह जाएंगे। दरअसल, कृषि यंत्र अत्यंत महंगे मिलते हैं। समस्त किसान इन्हें खरीदने के लिए सक्षम नहीं होते हैं। इसी बात को ध्यान में रखकर एमपी सरकार द्वारा कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान प्रदान करने का निर्णय लिया है।

इन यंत्रों की खरीद पर कितने प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा

मध्य प्रदेश सरकार ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत कृषि ऊपकरणों एवं मशीनों की खरीद पर 30 से 50 प्रतिशत तक अनुदान मुहैय्या करा रही है। इससे कृषकों को श्रू मास्टर, मल्चर, सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, सुपर सीडर, क्रॉप रीपर, हैप्पी सीडर और जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर की खरीद करने पर 40 से 60 हजार रुपये का अनुदान मुहैय्या करा रही है। साथ ही, मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से अनुदान की घोषणा करने पर किसानों के मध्य प्रशन्नता की लहर है। किसान भाइयों को यह उम्मीद जताई है, कि इन यंत्रों की सहायता से खेती करने पर अच्छी उपज मिल सकेगी।

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जितने भी विकसित देश हैं सब मशीनों के सहयोग से खेती करते हैं

आज की तारीख में जितने भी विकसित देश हैं, वहां यंत्रों एवं मशीनों की सहायता से खेती-किसानी की जा रही है। रूस, अमेरिका और कनाड़ा समेत बहुत सारे विकसित देशों में किसान अकेले ही यंत्र की सहायता से सैंकड़ों एकड़ में उत्पादन कर रहे हैं। अगर भारत में समस्त किसानों के पास कृषि यंत्र की उपलब्धता हो जाए, तब यहां के कृषक भी पश्चिमी देशों के किसानों की भाँति बेहतरीन ढंग से खेती कर सकेंगे। बतादें, कि मध्य प्रदेश के अतिरिक्त दूसरे प्रदेश भी कृषि यंत्रों की खरीद पर वक्त-वक्त पर अनुदान मुहैय्या करा देते हैं। साथ ही, विगत फरवरी माह में पंजाब सरकार द्वारा कृषि यंत्रों की खरीद करने पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की घोषणा की थी। जनरल कैटेगरी में आने वाले किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान धनराशि प्रदान की जा रही थी। साथ ही, बाकी श्रेणी के कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान था।
ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस राज्य में मिल रहा 6500 रुपए प्रति एकड़ का अनुदान

ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस राज्य में मिल रहा 6500 रुपए प्रति एकड़ का अनुदान

बिहार सरकार किसानों के हर संभव लाभ हेतु निरंतर कदम उठा रही है। फिलहाल, राज्य सरकार की तरफ से किसानों को 6500 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान देने की घोषणा की है। इससे किसानों को काफी सहूलियत प्राप्त हुई है। जैसा कि हम जानते हैं, कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। क्योंकि, भारत की बड़ी जनसँख्या खेती पर अपने जीवन यापन या आजीविका के लिए निर्भर है। खेती में रसायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी वजह से खेती की उर्वरकता काफी तेजी से समाप्त हो रही है। केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार का प्रयास रहता है, कि किसान खेतों में कैमिकल फर्टिलाइजर का प्रयोग कम करें। इससे खेती की पैदावार दीर्घकाल तक बनी रहेगी। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से आर्गेनिक खेती को प्रोत्साहन देने की विभिन्न कोशिशें कर रही हैं। इस प्रकार की खेती करने के लिए किसानों को रिझाया भी जा रहा है। बिहार सरकार आर्गेनिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए बड़ा कदम उठा रही है।

बिहार में आर्गेनिक खेती से आय में होगा इजाफा

बिहार में आर्गेनिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार निरंतर कदम उठा रही है। अब कृषि विभाग ने ऐलान किया है, कि राज्य में जैविक खेती करने वाले कृषकों की आर्थिक मदद करने के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है। आर्गेनिक खेती से भी किसान को सहायता मिलेगी। इससे जहां पैदावार में वृद्धि आएगी। वहीं, पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुँचेगा।

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6500 रुपये प्रति एकड़ तक अनुदान मुहैय्या किया जाएगा

बिहार के कृषि विभाग का कहना है, कि जैविक प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत किसानों की सहायता की जा रही है। इसके अंतर्गत आर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को 6500 रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता प्रदान की जाएगी। यह धनराशि 2.5 एकड़ तक के कृषकों के लिए है। यूँ समझ लिजिए कि अगर किसान 5 या 10 एकड़ भी खेती करते हैं, तो उनको केवल 2.5 एकड़ के लिए ही सहायता प्रदान की जाएगी। किसान को 16 हजार 250 रुपये प्रोत्साहन धनराशि के तौर पर मुहैय्या कराए जाएंगे। किसी भी प्रकार की मन में शंका है, तो टॉल फ्री नंबर 1800-180- 1551 पर भी कॉल कर सहायता ली जा सकती है।

आर्गेनिक खेती करने से क्या क्या फायदे होते हैं

भारत के अंदर प्राचीन समय से ही जैविक खेती ही की जाती थी। परंतु, ज्यादा उत्पादन एवं अतिशीघ्र फसल की चाहना में अंधाधुंध रसायनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। पहले खेतों में उर्वरकों के रूप में गाय एवं मवेशियों के गोबर का इस्तेमाल होता था। इससे पैदावार काफी अच्छे स्तर से बढ़ती थी। भूमि की उर्वरकता भी काफी बेहतर रहती है। केंद्र और राज्य सरकार का यही प्रयास रहा है, कि किसान खेती की उसी प्राचीन परंपरा को पुनः सुचारू करें।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना की लिस्ट से 81000 अपात्र किसानों का नाम कटा

पीएम किसान सम्मान निधि योजना की लिस्ट से 81000 अपात्र किसानों का नाम कटा

भारत के किसानों की आर्थिक हालत में सुधार करने के लिए भारत सरकार ने पीएम किसान योजना शुरू की। साथ ही, वर्तमान में इसका फायदा भारत के तकरीबन समस्त किसान उठा रहे हैं। भारत सरकार की पीएम किसान योजना के संबंध में तो आप सब लोग अच्छी तरह जानते हैं, कि यह किसानों के लिए कैसे फायदेमंद है। भारत के बहुत सारे किसान इस योजना से जुड़कर आर्थिक लाभ हांसिल कर रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार से प्रति वर्ष 6000 रुपए तीन किस्तों में किसानों के खाते में भेजी जाती हैं। 

किसान 15 वीं किस्त के आने का इंतजार कर रहे हैं

अगर देखा जाए तो भारत के किसानों को अब तक इस योजना की 14वीं किस्त प्राप्त हो चुकी है। वहीं, फिलहाल किसानों को 15वीं किस्त की प्रतीक्षा है। यह अंदेशा लगाया जा रहा है, कि
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की कुछ ही महीनों में 15वीं किस्त भी किसानों के खातों में हस्तांतरित करदी जाएगी। परंतु, भारत सरकार की इस योजना से कुछ किसानों को बाहर रखा गया है। शायद इन्हीं सब वजहों से सरकार की बहुत सी योजनाओं से वर्तमान में धीरे-धीरे देश के किसानों की तादात कम होती जा रही है।

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81000 किसानों को इस योजना के लिए अपात्र माना गया है

दरअसल, बिहार राज्य से एक बड़ा समाचार सामने आ रहा है, कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से प्रदेश के तकरीबन 81,000 किसानों को इस योजना के लिए अपात्र माना गया है, जिसकी वजह से इन्हें इस योजना से बाहर कर दिया गया है। चलिए जानते हैं, कि राज्य के किन किसानों को पीएम किसान योजना से बाहर रखा गया है। 

जानिए किन किसानों को लाभ नहीं मिल पाऐगा।

  • सरकारी पदों पर नियुक्त किसान का परिवार।
  • संस्थागत भूमि धारक।
  • राज्य या केंद्र सरकार के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी व कर्मचारी।
  • 10 हजार रुपए से ज्यादा प्रति माह कमाने वाले किसान भाई।
  • पेंशनभोगी, इंजीनियर, डॉक्टर और वकील परिवार आदि।
  • सिर्फ इन किसानों को मिलेगा योजना का लाभ।
  • छोटे व आर्थिक रूप से कमजोर किसान।
  • भूमिधारी किसान परिवार आदि।
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पीएम किसान योजना में इस तरह आवेदन करें

  • किसानों को इस योजना के अंतर्गत घर बैठे आवेदन करने के लिए पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना पड़ेगा। जहां से वह सहजता से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
  • किसान सूची में इस प्रकार अपना नाम चेक करें।
  • पीएम किसान की लिस्ट में अपना नाम देखने के लिए किसान को सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
  • इसके बाद स्क्रीन के दाएं तरफ 'Beneficiary List' टैब पर जाएं।
  • इसके बाद आप ड्रॉप-डाउन से विवरण चुनें जैसे कि राज्य, जिला, उप-जिला, ब्लॉक और गांव का चयन जरूर करें।
  • इसके बाद आपको गेट रिपोर्ट पर टैब करना है।
  • इसके बाद आपके सामने Beneficiary List डिटेल स्क्रीन पर दिखाई देगी।
  • किसान सहायता के लिए पीएम किसान हेल्पलाइन नंबर
आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि हमारे कृषक भाई इस योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या पर ईमेल आईडी pmkisan-ict@gov.in एवं हेल्पलाइन नंबर- 155261 अथवा 1800115526 पर संपर्क कर सकते हैं।