कृषि शिक्षा को एक नई दिशा देनी की बेहद आवश्यकता है
राज्यपाल ने बताया कि यह दौर विवेकपूर्ण कृषि का है। आपको बतादें कि बदलते समय में रोबोटिक्स, बिग डाटा एनालिटिक्स, रिमोट सेन्सिंग, आईओटी एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति का स्वागत किया है। उन्होंने बताया है, कि कृषि विश्वविद्यालयों को स्मार्ट कृषि से संबंधित नई तकनीकों के लिए किसान भाइयों को जागरूक किया जाएगा। मिश्र ने बताया है, कि खराब होते मौसमिक तंत्र, जैव विविधता पर चुनौती एवं सिंचाई के साधनों के अभाव के संबंध में बेहतर सोच रखी है। कृषि शिक्षा को नई दिशा देनी की बेहद आवश्यकता है।
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विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया है
राज्यपाल जी ने प्राकृतिक आपदा बारिश एवं ओलावृष्टि से कृषि पर पड़ रहे दुष्प्रभावों की ओर संकेत करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्रों के अंतर्गत जलवायु बदलाव का विस्तृत अध्ययन किए जाने की राय दी गई है। राज्यपाल ने बताया है, कि कृषि पद्धतियों के पुराने एवं नए ज्ञान का बेहतर उपयोग करते हुए किसान भाइयों के लिए प्रभावी पद्धतियां तैयार करने की जरूरत है, जिससे कि कृषि पैदावार में वृद्धि, खाद्य सुरक्षा के लिए खाद्य उत्पादन एवं भंडारण, पर्याप्त पोषण युक्त खाद्य मुहैय्या कराने के वांछित लक्ष्यों को हाँसिल किया जा सके। इस उपलक्ष्य पर 3 विद्यार्थियों को समेकित कृषि स्नातकोत्तर उपाधियां, 985 विद्यार्थियों को कृषि स्नातक उपाधियां, 32 विद्यार्थियों को पीएचडी, 75 को स्नातकोत्तर तथा आठ विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।
संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को मोटा अनाज दिवस के रूप में मनाया है
आपको हम बतादें कि भारत सरकार के निवेदन पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2023 को मोटा अनाज वर्ष की घोषणा की गई है। साथ ही, केंद्र सरकार भी भारत के अंदर मोटे अनाज की किस्मों की खेती को प्रोत्साहन देना चाहती है। इसके लिए वह किसान भाइयों को प्रेरित कर रही है। विगत माह मोटे अनाज की कृषि को बढ़ावा देने के लिए संसद भवन के अंदर बाजरे से निर्मित व्यंजन प्रस्तुत किया गया था। जिसका पीएम मोदी सहित अन्य मंत्रियों एवं सांसदों ने भी स्वाद चखा था।
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार और बहुत सारी संस्थाएं अपने अपने स्तर से भरपूर प्रयास कर रही हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में 19 मार्च दिन रविवार को हुनर से रोजगार समारोह को संबोधित किया है। इसके अंतर्गत महिलाओं ने वहां अपने-अपने हुनर का प्रदर्शन किया।
आपको बतादें कि मिल्लेट्स से बने उत्पादों को कार्यक्रम के दौरान महिलाओं द्वारा प्रस्तुत किया गया। साथ ही, उन्होंने सफल हुई महिलाओं की जीवन कहानी को भी बताया। वहां आई बहुत सी महिला किसानों ने खुद से बनाई गई बहुत से उपयोगी उत्पादों को समारोह के दौरान माननीय राज्यपाल जी को दिखाया और अपने हुनर व कला का प्रदर्शन भी किया था। महिला किसानों ने राज्यपाल जी के सामने अपनी प्रदर्शनी की है। Merikheti की टीम ने वहां पहुँचकर पुरे समारोह की प्रत्येक गतिविधि को कवर किया।
सरदार वल्लभभाई पटेल प्रौद्योगिकी एवं कृषि विश्वविद्यालय में हुआ समारोह
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल जी ने मेरठ में उपस्थित सरदार वल्लभभाई पटेल प्रौघोगिकी एवं कृषि विश्वविद्यालय में महिलाओं के लिए हुनर से रोजगार कार्यक्रम का समारोह किया गया। इस पूर्वनियोजित महिला किसान सशक्तिकरण समारोह के दौरान कृषि विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारी उपस्थित रहे। राज्यपाल आनंदी बेन ने कृषि विश्वविद्यालय की क्षात्राओं को भी संबोधित किया है।
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मेरीखेती की टीम ने मेरठ में हुए हुनर से रोजगार समारोह को कवर किया
मेरीखेती की टीम ने समारोह में जाकर महिला किसानों के द्वारा की गई प्रदर्शनी को कवर किया। जिसमें अगरबत्ती निर्माता, मोमबत्ती निर्माता, मसालों की पैकिंग, मशरूम उत्पादक आदि महिलाओं की कलाकृतियां एवं उत्पादों को कवर किया है। साथ ही, महिलाओं ने मोटे अनाज को सरकार द्वारा प्रोत्साहन मिलने से प्रेरित होकर मोटे अनाजों से निर्मित उत्पादों को भी प्रदर्शनी में रखा था। महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने इन सभी महिलाओं द्वारा की गई प्रदर्शनी को देखा और उनका उत्साहवर्धन भी किया।
महिला सशक्तिकरण हुनर से रोजगार समारोह में कई दिग्गज हस्तियां मौजूद रही
महिला सशक्तिकरण के लिए आयोजित किए गए इस समारोह में उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, उत्तर प्रदेश के राज्य कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पशुपालन दुग्ध व मत्स्य पालन राज्यमंत्री संजीव बाल्यान, सरदार वल्लभभाई पटेल प्रौद्योगिकी एवं कृषि विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर केके सिंह, पूसा के कृषि वैज्ञानिक डॉ विपिन कुमार आदि कृषि क्षेत्र की दिग्गज हस्तियां उपस्थित रहीं। समारोह में मौजूद महानुभावों ने महिला सशक्तिकरण और उनके परिश्रम व रचनात्मक सोच के बारे में अपने विचार साझा किये।
भागलपुर जनपद को जर्दालु आम की वजह से ही जाना जाता है। भागलपुर में सर्वाधिक जर्दालु आम के बाग पाए जाते हैं। इसको आम की एक अगेती प्रजाति है। वैसे तो आम में मंजर बसंत के उपरांत आने चालू हो जाते हैं। परंतु, इसमें जनवरी माह से ही मंजर आने शुरू हो जाते हैं। बतादें कि 20 फरवरी के उपरांत टिकोले आम का रूप धारण कर लेते हैं, जो कि जून माह से पकने चालू हो जाते हैं। हालांकि, इससे पूर्व यह सेवन करने योग्य बाजार में आ जाते हैं। इस आम आकार भी अन्य किस्मों की तुलना में काफी बड़ा होता है। बतादें, कि इसके एक आम का वजन 200 ग्राम से ज्यादा होता है। साथ ही, इसका छिलका थोड़ा मोटा भी होता है। इस वजह से लोग इसको अचार लगाने में भी बेहद इस्तेमाल किया करते हैं।
25 टन आम का उत्पादन केवल एक हेक्टेयर के बगीचे से होता है
जर्दालु आम को उसके रंग से आसानी से पहचाना जा सकता है। पकने के उपरांत जर्दालु आम का रंग हलका पीला एवं नारंगी हो जाता है। अब इस स्थिति में लोग इसको सहजता से पहचाना जा सकता है। इसमें तकरीबन 67 फीसद गूदा रहता है। रेशा तो बिल्कुल मौजूद नहीं होता है। किसान भाई इसके एक पेड़ से एक सीजन में 2000 फलों की तुड़ाई कर सकते हैं। एक हेक्टेयर के बाग से 25 टन आम का उत्पादन मिलता है।
बतादें, कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर इससे पूर्व भी बहुत सारे नेताओं एवं संवैधानिक पद पर विराजमान लोगों को जर्दालु आम भेजा जा चुका है। बीते वर्ष इसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं राष्ट्रपति को जर्दालु आम उपहार में दिया था। साथ ही, इसको विदेशों में भी नामचीन लोगों को उपहार स्वरुप दिया जाता रहा है।
श्री अन्न किसानों की आय 3000 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 7000-8000 रुपये प्रति क्विंटल हुई है
श्रीमती रक्षिता लडवंती, सीईओ, अलंदभूताई मिलेट्स फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी, कलबुर्गी, कर्नाटक, ने उल्लेख किया कि उनकी सफलता की कुंजी किसान उत्पादक संगठन से कच्चा माल खरीदने हेतु उद्यमियों से जुड़ाव है। उन्होंने कहा कि स्थानीय महिलाओं को मूल्यवर्धित उत्पादों को तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जिसका परिणाम है कि श्री अन्न किसानों की आय 3000 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 7000-8000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।
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डॉ. बीदयाकर राव, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, न्यूट्री हब, भाकअनुसं ने बताया कि भाकअनुसं के द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों के व्यापक प्रसार हेतु मुख्य प्रशिक्षण का प्रारूप तैयार किया जाता है। इसके आधार पर स्थानीय अधिकारियों एवं अन्य लोगों को प्रशिक्षित किया जाता है।
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आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि इस मेले के जरिए किसानों को एक साथ लाने की कोशिश की जा रही है। सरदार वल्लभभाई पटेल विश्वविद्यालय में इस मेले के दौरान गोलू-2 उन्नत नस्ल का भैंसा और डॉग शो मुख्य आकर्षण का केंद्र बने हैं। साथ ही, कृषि मेले का प्रमुख मकसद किसानों की दिक्कत परेशानियों का निवारण करना भी है। इसके अतिरिक्त फल -फूल, सब्जी, नवीनतम तकनीक को प्रोत्साहन देने के लिए यह मंच उपलब्ध कराया गया है।
आज सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में मेले के दौरान मेरठ में महामहिम राज्यपाल महोदया उत्तर प्रदेश, श्रीमती आनंदी बेन पटेल जी द्वारा अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन एवं अवलोकन किया गया। साथ ही, 19वें एशियन गेम्स की पदक विजेत्री बेटीयों पारुल चौधरी एवं किरण बालियान को भी सम्मानित किया गया। मेले के इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार में कृषि राज्य मंत्री श्री बलदेव सिंह औलख जी, @svpuat के कुलपति डॉ के के सिंह जी, कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल समिति के अध्यक्ष डॉ संजय सिंह जी, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती संगीता शुक्ला जी, वरिष्ठ वैज्ञानिकगण, किसान एवं छात्र उपस्थित रहे।