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यहां मिल रहीं मुफ्त में दो गाय या भैंस, सरकार उठाएगी 90 फीसद खर्च

यहां मिल रहीं मुफ्त में दो गाय या भैंस, सरकार उठाएगी 90 फीसद खर्च

पशु पालन को सबसे कामयाब और मजबूत आय का जरिया माना जाता है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में ये काफी कारगर है. इस बात से किसानों के साथ साथ सरकारें भी वाकिफ हैं. यही वजह है कि पशु पालन के चलते किसानों की आय को बढ़ाने की कोशिश लगातार की जा रही है. इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश की सरकार भी जनजातीय समाज के बेरोजगारों के लिए पशु पालन से जोड़ने के लिए प्रयासरत है. जानकारी के मुताबिक बता दें कि, एमपी सरकार बैगा, भारिया और सहरिया समाज के बेरोजगारों को पशुपालन से जोड़ने का काम कर रही है. इस समाज के परिवारों को दो गाय या भैंस मुफ्त में दी जाएंगी. इन सबके अलावा पशुओँ को चारे से लेकर उनपर होने वाले सभी तरह के खर्च पर लगभग 90 फीसद तक का खर्चा सरकार करेगी.

जनजातीय समाज की आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने का प्रयास

माना जा रहा है कि, मध्य प्रदेश की सरकार की इस योजना से पशु पालन व्यवसाय में काफी हद तक इजाफा होगा. साथ ही जनजातीय समाज के लोगों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो सकेगा. वहीं मध्य प्रदेश में आवारा पशुओं की भी भरमार है, जिसमें कमी आएगी.

सरकार की तरफ से लोन सुविधा

MOU यानि की एमपी स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक राज्य के किसान भाइयों को दूध देने वाले पशुओं की खरीद पर सरकार 10 लाख रुपये तक का लोन दे रही है. किसानों को यह लोग मध्य प्रदेश कुछ चिन्हित बैंकों से ही मिल सकेगा. ये भी पढ़ें: जाने किस व्यवसाय के लिए मध्य प्रदेश सरकार दे रही है 10 लाख तक का लोन इस योजना के तहत आवेदन करने वाले लोग 2, 4, 6 और 8 दुधारू पशु खरीदने के लिए हर जिले के तीन से चार बैंक की शाखाओं पर लोन की सुविधा मिलेगी. जिसमें से 10 लाख रुपये तक नॉन कोलेट्रल मुद्रा लोन और 60 हजार रूपये का मुद्रा लोन शामिल किया गया है. लाभार्थी को इस लोन को लेने के लिए 10 फीसद का मार्जिन मनी जमा करनी होगी. साथ ही इस लोन को कुल 36 किस्तों में चुकाने की सहूलियत लाभार्तियों को मिलेगी.

जानिए क्या है पूरी योजना

  • मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने इस योजना की घोषणा अपने ट्वीटर हैंडल के जरिये दी है.
  • मुख्यमंत्री सिवराज सिंह चौहान की सरकार ने कहा कि. वो दो गाय या फिर दो भैंस मुफ्त में देगी.
  • इसके आलवा उनके पशुपाल पर होने वाले खर्चे का 90 फीसद भी सरकार की तरफ से दिया जाएगा.
  • मध्य प्रदेश सरकार का मानना है कि, पशु पालन में सरकारी मदद मिलने

से लोगों की आर्थिक स्थिति में काफी हद तक सुधार आएगा.

  • मध्य प्रदेश सरकार यह योजना राज्य के जनजातीय समाज के बेरोजगारों के लिए लेकर आई है.
  • यह योजना राज्य के बैगा, भारिया और सहरिया समाज के लिए लाई गयी है.
  • राज्य में आवारा पशुओं की संख्या में लगाम लग सकेगी.
  • राज्य में पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा जिससे दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा.
एमपी में जनजातीय समाज के लोगों की जनसंख्या एवरेज है. इस समाज की बेहतरी हो, यह सरकार भी चाहती है. जिसके लिए उन्हें इस व्यवसाय से जोड़ा जा रहा है. सहरिया, बैगा और भरिया समाज के ज्यादा से ज्यादा लोग इस व्यवसाय से जुड़े, ऐसी मंशा से सरकार परिवारों को दो भैंस या गाय मुफ्त में देगी. वहीं पशुओं पर आने वाले हर तरीके के खर्च का भी 90 फीसद हिस्सा सरकार के जिम्मे होगा. मध्य प्रदेश पशु पालन विभाग ने सरकार के इस फैसले की जानकारी अपमे ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल पर जारी की है.
सरकार की ओर से किसानों को नायाब तोहफा, बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किये 1090.76 करोड़

सरकार की ओर से किसानों को नायाब तोहफा, बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किये 1090.76 करोड़

पीएम किसान योजना का लाभ देश भर के किसानों को मिल रहा है. लेकिन इस योजना के बाद सरकार की तरफ से किसानों को नायब तोहफा दिया गया है. जिसके तहत किसानों के बैंक अकाउंट में 1090.76 करोड़ की राशि डाली गयी है. यह बड़ी खुशखबरी आंध्र प्रदेश के किसानों की झोली में आई है. सीएम वाईएस जघ्त मोहन रेड्डी ने वाईएसआर रायथू भरोसा पीएम किसान योजना के लिए 1090.76 करोड़ की राशि जारी की है. किसानों की खुशहाली का लक्ष्य और राज्य के कुशल विकास के लिए मुख्यमंत्री जगत मोहन रेड्डी ने इस योजना को धरातल पर उतारने की बात कही है. इतना ही नहीं करीब 51.12 लाख किसानों ने इस राशि का फायदा भी उठाया है. ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि, राज्य की सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को और भी बेहतर और मजबूत बनाने के लिए तरह तरह की योजनाओं पर काम कर रही है. इतना ही नहीं सीएम ने ये भी कहा कि, सरकार द्वारा चलाई जा रही इन योजनओं का लाभ 50 लाख से भी ज्यादा किसानों को हो रहा है.

किसानों की होगी आर्थिक मदद

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल
प्राकृतिक आपदा के चलते किसानों को काफी क्यादा नुकसान हो गया था. जहां भारी बारिश ने खेत में खड़ी फसलों को तबाह भी किया था. ऐसी स्थिति में आर्थिक रूप से परेशान किसानों की मदद के लिए सरकार ने पहल की और सब्सिडी योजना के तहत 76.99 करोड़ रुपये की राशि को जारी किया. इस योजना से लगभग 91 हजार 237 किसानों को फायदा पहुंचाया गया.

योजनाओं पर खर्च हुए इतने करोड़

सरकार की तरफ से किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई गयीं हैं. सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी का कहना है कि, रायथू भरोसा पीएम किसान और इनपुट सब्सिडी के तहत राज्य सरकार ने अब तक 27.062.09 और 1911.78 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं. इतना ही नहीं सत्ता में आने के बाद राज्य सरकार कई कल्याणकारी योजनाओं पर काम कर रही है. जिसपर करीब 1 लाख 45 हजार 750 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है.

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किसानों के खातों में डाली गयी धन राशि

इस साल तीसरी किस्त के रूप में 51.12 लाख किसानों के खातों में दो दो हजार रुपये की धन राशि के हिसाब से कुल 1090 करोड़ रुपये जमा किये जा रहे हैं. इसके अलावा जगतमोहन सरकार ने पिछले चार सालों में हर परिवार को करीब 54 हजार रुपये की मदद भी दी गयी है. सीएम का कहना है कि, मौसम में फसलों के खराब हो जाने पर उस मौसम के अंत में मुआवजा भी दिया जाता है. इसके अलावा उनका ये भी कहना कि, रबी 2022 के सीजन के अंत से पहले ही किसानों के नुकसान को देखते हुए इनपुट सब्सिडी के रूप में लगभग 77 करोड़ रुपये सीधा किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवा रहे हैं. जिसमें 91 हजार 237 किसानों को सीधा सीधा फायदा मिलेगा.
महाराष्ट्र सरकार की इस योजना से किसानों को 1 रुपये ब्याज पर मिलेगा फसल बीमा

महाराष्ट्र सरकार की इस योजना से किसानों को 1 रुपये ब्याज पर मिलेगा फसल बीमा

जलवायु बदलाव के दुष्परिणामों की वजह से फसल को बेहद हानि का सामना करना पड़ रहा था। परंतु, फिलहाल नव वर्ष के बजट से इस चिंता का भी समाधान कर दूर कर दिया गया है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा 1 रुपये ब्याज पर फसल बीमा देने की घोषणा की गई है। आज पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम झेल रहा है। इसका सर्वाधिक दुष्प्रभाव खेती किसानी पर देखने को मिल रहा है। आकस्मिक बारिश, ओले, बाढ़, सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं के चलते फसलें क्षतिग्रस्त होती जा रही हैं। जो कि ऐसी स्थिति है जब स्वयं किसान भी आर्थिक समस्याओं में फंस जाते हैं। देश में भी जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव साफ तौर पर देखने को मिल रहे हैं। बीते वर्ष विभिन्न राज्यों में मौस्मिक मार से काफी फसल हानि देखी गई है। महाराष्ट्र में भी कुछ इसी तरह की परिस्थितियां देखने को मिलीं हैं। किसानों को बड़ी हानि से बचाने हेतु महाराष्ट्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई थी। परंतु, हाल ही में इस परेशानी का स्थायी समाधान निकालते हुए प्रदेश सरकार द्वारा 1 रुपये में फसल बीमा करवाने का ऐलान किया है।

मात्र 1 रुपये ब्याज पर मिल पाएगा फसल का बीमा

देश में प्राकृतिक आपदाओं की वजह से हुई फसल बर्बादी की भरपाई करने हेतु
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जारी की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत किसान स्वयं की फसल के संरक्षण हेतु एक निश्चित बीमा प्रीमियम प्रदान करता है। बदले में हानि होने की स्थिति में बीमा कंपनियों के साथ-साथ केंद्र एवं राज्य सरकारें किसानों की आंशिक भरपाई करती हैं। परंतु, फिलहाल महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य स्तर पर 1 रुपये के ब्याज पर बीमा योजना का ऐलान कर दिया है। इसका सर्वाधिक लाभ उन किसानों को प्राप्त होगा, जो छोटी भूमि पर कृषि करते हैं अथवा बड़ा बीमा प्रीमियम भरने में असमर्थ होते हैं।

राज्य सरकार के द्वारा फसल हानि की भरपाई की जाएगी

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी फसलों हेतु 1.5 फीसद, खरीफ फसलों हेतु 2 फीसद एवं बागवानी फसलों का बीमा करवाने हेतु 5 फीसद बीमा प्रीमियम जमा करना होता है। परंतु, महाराष्ट्र सरकार द्वारा फिलहाल यह चिंता भी समाप्त कर दी गई है। यह भी पढ़ें: PMFBY: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसान संग बीमा कंपनियों का हुआ कितना भला? प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है, कि पूर्व में फसल बीमा योजना का लाभ लेने वाले किसान भाइयों से बीमा की धनराशि का 2 फीसद ब्याज लिया जाता था। फिलहाल, सरकार 1 रुपये में फसल बीमा मुहैय्या करवाने की तैयारी में जुट रही है। इस योजना के अंतर्गत सरकारी खजाने से 3312 करोड़ रुपये का खर्चा किया जाएगा।

महाराष्ट्र राज्य में भी प्राकृतिक कृषि के क्षेत्रफल में होगी वृद्धि

कृषि क्षेत्र में रसायनों के बढ़ते उपयोग से ना केवल मृदा की उपजाऊ क्षमता कमजोर होती जा रही है। साथ ही, रसायन से उत्पादित कृषि उत्पादों से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इसी वजह से फिलहाल अधिकांश राज्य सरकारें प्राकृतिक खेती का मॉडल अपना रही हैं। नव वर्ष के बजट में महाराष्ट्र सरकार द्वारा भी आगामी 3 वर्ष में 25 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाने का निर्णय किया है। इसी योजना के अंतर्गत प्रदेश में 1000 बायो-इनपुट संसाधन केंद्र की स्थापना का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
यह राज्य सरकार किसानों को मुफ़्त में दे रही है गाय और भैंस

यह राज्य सरकार किसानों को मुफ़्त में दे रही है गाय और भैंस

सरकार देश के किसानों की आय को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार समय-समय पर किसानों के लिए नई योजनाएं लॉन्च करती रहती है, जिनसे बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश की सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए प्रदेश के जनजातीय किसानों को पशुपालन से जोड़ने का बेड़ा उठाया है। सरकार का मानना है कि इस पहल से प्रदेश में बेरोजगारी कम होगी और जनजातीय युवाओं को रोजगार भी मिल सकेगा। प्रदेश सरकार की नई स्कीम के तहत  बैगा, भारिया और सहरिया समाज के लोगों को पशुपालन से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सरकार गाय या भैंस मुफ़्त में देगी। सरकारी अधिकारियों ने बताया है कि इस स्कीम के तहत 1500 गायें-भैंसें किसानों को दी जाएंगी। जिनका 90 प्रतिशत खर्च सरकार वहन करेगी। सरकारी अधिकारियों ने बताया है कि प्रदेश सरकार ने साल 2022 से लेकर साल 2024 तक 1500 दुधारू पशु वितरित करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 29 करोड़ 18 लाख रुपये राशि को भी स्वीकृत कर दिया गया है। इसमें से प्रत्येक गाय को खरीदने के लिए एक लाख 89 हजार 250 रुपये की राशि निर्धारित की गई है, जबकि भैंस खरीदने के लिए  2 लाख 43 हजार रुपये की राशि निर्धारित की गई है। गाय क्रय करने में 70 हजार 325 रुपये सरकार की तरफ से दिए जाएंगे जबकि शेष 18 हजार 925 रुपये खुद किसान को देने होंगे। इसी तरह भैंस की खरीदी में 2 लाख 18 हजार 700 रुपये सरकार की तरफ से दिए जाएंगे जबकि बकाया 24 हजार 300 रुपये की राशि को हितग्राही को खुद वहन करना होगा। ये भी पढ़े: अब खास तकनीक से पैदा करवाई जाएंगी केवल मादा भैंसें और बढ़ेगा दुग्ध उत्पादन एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के अधिकारियों ने बताया है कि सरकार इस फैसले से राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ाना चाह रही रही है। कुछ महीनों पहले ही एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक एमओयू साइन किया था जिसके मुताबिक अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया प्रदेश में दुधारू पशुओं को खरीदने के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी गारंटी के प्रदान करेगा। इसके लिए हर जिले में बैंक की 3 से 4 शखाओं का चयन किया गया है जो किसानों को लोन उपलब्ध करवाएंगी। इस राशि से किसान 2 से लेकर 8 दुधारू पशु तक खरीद सकते हैं। सरकार का मानना है कि इस पहल से राज्य में दुग्ध उत्पादन में बढ़ावा होगा, साथ ही किसानों की भी आय तेजी से बढ़ेगी।
अब इस स्कीम के तहत किसानों को मिलेगी 5 हजार रुपये की सहायता राशि, ये किसान होंगे पात्र

अब इस स्कीम के तहत किसानों को मिलेगी 5 हजार रुपये की सहायता राशि, ये किसान होंगे पात्र

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना लागू कर दी है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को 5 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जायेगी। इस योजना का लाभ सिर्फ उन किसानों को ही मिल पाएगा जिन किसानों के पास 5 एकड़ से कम कृषि योग्य भूमि है। 5 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि के मालिकों को इस योजना से बाहर रखा गया है।

यह है मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का मुख्य उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसनों को आर्थिक रूप से संबल बनाना है। इस योजना से ज्यादातर छोटे किसान लाभान्वित होने वाले हैं। इससे उन्हें खेती बाड़ी में आर्थिक समस्याओं का सामना करने में बल मिलेगा। इस योजना के माध्यम से मिलने वाली राशि से किसान भाई कृषि कार्य के लिए
जरूरी उपकरण, खाद, बीज और कीटनाशक खरीद पाएंगे। केंद्र सरकार के साथ-साथ झारखंड की राज्य सरकार भी किसानों की आय को बढ़ाने का प्रयत्न कर रही है। जिसके लिए मुख्यमंत्री के द्वारा समय-समय पर कई योजनाएं लॉन्च की जाती हैं। यह योजना भी उसी उद्देश्य के साथ लागू की गई है। इस सहायता राशि से किसान आगामी फसलों की बुवाई आसानी से कर पाएंगे, जिससे भविष्य में उन्हें अच्छा उत्पादन प्राप्त हो सकता है। अच्छा उत्पादन प्राप्त होने पर किसान अपने परिवार का भरण पोषण भी बेहद आसानी से कर पाएंगे। इस योजना का लाभ उठाने के लिए झारखंड के मूल निवासी (जिनके पास कृषि भूमि 5 एकड़ से कम है) ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत आगामी खरीफ फसल की बुवाई के पहले किसान को उनके बैंक खाते में सहायता राशि उपलब्ध कारवाई जाएगी, ताकि किसान भाई आसानी से खरीफ फसल की बुवाई कर सकें। ये भी पढ़े: किसान भाई ध्यान दें, खरीफ की फसलों की बुवाई के लिए नई एडवाइजरी जारी इस योजना के अलावा झारखंड के किसान केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। केंद्र सरकार की तरफ से हर किसान को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध करवाई जाती है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने किसानों के लिए बहुत सारी योजनाएं चला रखी हैं, जिनका फायदा उठाकर किसान भाई कृषि क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों से किसानों का उत्पादन बढ़ा है और उनकी आय में भी तेजी से वृद्धि हुई है।
सरकार किसान बेटियों को देगी हर साल 40,000 की धनराशि अनुदान स्वरूप दी जाएगी

सरकार किसान बेटियों को देगी हर साल 40,000 की धनराशि अनुदान स्वरूप दी जाएगी

खेती-किसानी और कृषि क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी अधिक करने एवं उनको सशक्त कौशल प्रशिक्षण मुहैय्या कराने की पहल की जा रही है। बेटियों को आधुनिक किसान बनाने के लिए राज्य सरकार 40,000 रुपये की सब्सिड़ी भी दी जा रही है। कृषि क्षेत्र की उन्नति एवं किसानों के कल्याण के लिए पुरे भारत में विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं के माध्यम से किसान एवं किसान परिवारों को आर्थिक-सामाजिक सशक्तिकरण मुहैय्या कराया जा रहा है। खेती-किसानी एवं संबंधित गतिविधियों में महिलाओं की हिस्सेदारी में वृद्धि करने के लिए भी विभिन्न कोशिशें की जा रही हैं। इसी कड़ी में महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है, इन कदमों से महिलाएं आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में राजस्थान सरकार ने भी अनोखी पहल की है।

छात्रा प्रोत्साहन योजना क्या होती है

प्रदेश में बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करते हुए छात्रा प्रोत्साहन योजना जारी की है। जिसके अंतर्गत कृषि विषय पढ़ने वाली बेटियों को छात्रवृत्ति के रूप पर 40,000 रुपये तक का सहायतानुदान प्रदान किया जाएगा। राज्य के नवीन बजट में भी छात्रा प्रोत्साहन योजना की धनराशि को बढ़ा दिया गया है। इससे ग्रामीण इलाकों में पली-बड़ी किसान परिवारों की बेटियों को काफी सहयोग मिलेगा। हालांकि, शहरी बालिकाओं को भी छात्रा प्रोत्साहन का समतुल्य फायदा प्रदान करने का प्रावधान है।

छात्रा प्रोत्साहन योजना की पात्रता क्या होनी चाहिए

राजस्थान में कृषि संकाय से पढ़ाई करने वाली छात्राओं को 40,000 रुपये तक का सहायतानुदान प्रदान किया जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करने हेतु राज्य सरकार ने पात्रता भी घोषित की है, जिसके अंतर्गत केवल प्रदेश की मूल निवासी छात्राएं ही आवेदन कर सकती हैं। ये भी पढ़े: लड़कियों के लिए राजस्थान सरकार का उपहार : कृषि छात्रा प्रोत्साहन योजना, अगर है कागजात तो करें आवेदन और पायें 15 हजार आवेदन करने वाली क्षात्राओं के पास खुद का बैंक खाता भी होना चाहिए। जिससे कि सब्सिड़ी की धनराशि खाते में हस्तांतरित की जा सके। छात्रा प्रोत्साहन योजना के नियमानुसार किसी राजकीय अथवा सरकार के मान्यता प्राप्त विद्यालय, महाविद्यालय या विश्वविद्यालय में एग्रीकल्चर क्षेत्र के साथ अध्ययनरत हों।

इन जरुरी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ेगी

छात्रा प्रोत्साहन योजना में आवेदन करने से पूर्व राज किसान पोर्टल वेबसाइट http://rajkisan.rajasthan.gov.in पर जाके विस्तृत से जानकारी ले सकते हैं। चाहें तो स्वयं के जनपद में स्थित कृषि विभाग के कार्यालय में कृषि उपनिदेशक से भी संपर्क साधा जा सकता है। इस योजना में आवेदन करने वाली छात्राएं एप्लीकेशन फॉर्म के साथ अपना जन आधार कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र, पिछली कक्षा की मार्क शीट अथवा ऑर्गेनाइजेशन के हेड के साइन वाला प्रमाण पत्र एवं स्व-प्रमाणित पत्र, जिसमें कृषि संकाय को परिवर्तित करने के विषय में लिखा हो, आदि दस्तावेज भी अटैच करने पड़ेंगे।
इस राज्य में दीर्घकालीन कृषि कर्ज पर कृषकों को 5 % प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा

इस राज्य में दीर्घकालीन कृषि कर्ज पर कृषकों को 5 % प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा

दीर्घकालीन कृषि लोन में किसानों को अधिक ब्याज भरना पड़ता है, इस वजह से किसानों पर कर्ज का भार काफी बढ़ जाता है। इस समस्या से थोड़ी राहत अदा करते हुए राज्य सरकार की तरफ से दीर्घकालीन लोन पर 5% प्रतिशत ब्याज सब्सिड़ी देने की घोषणा की है। किसानों की आमदनी को दोगुना करने के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हर संभव कोशिशें की जा रही हैं। किसानों को नवीन वैज्ञानिक तकनीकों एवं यंत्रों से अवगत करवाया जा रहा है। खेती-किसानी को आसान करने के लिए विभिन्न कृषि योजनाएं जारी की जा रही हैं। खेती में होने वाले खर्चे को कम करने हेतु कृषकों को स्थिर कृषि से जोड़ा जा रहा है। केंद्र एवं राज्य सरकारें एकमत होकर किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृण व शक्तिशाली बना रही हैं। इसके चलते किसानों पर आर्थिक जोर ड़ालने वाले कर्ज की मार को भी हल्का करने की पहल जारी हो चुकी है। राजस्थान सरकार द्वारा दीर्घ काल हेतु कृषि ऋण पर ब्याज सब्सिड़ी देने की घोषणा की गई है। जिसके लिए ब्याज अनुदान योजना भी लागू की जा रही है।

ब्याज अनुदान योजना क्या होती है

किसानों की आर्थिक सहायता के उद्देश्य से
सहकारी समितियां लघुकालीन एवं दीर्घकालीन के कृषि लोन लागू करते हैं। यह कर्ज काफी कम ब्याज दरों पर प्राप्त होता है। परंतु, विभिन्न बार कृषि क्षेत्र में आ रही चुनौतियों या व्यक्तिगत समस्याओं के चलते किसान यह कर्जा उचित वक्त पर नहीं चुका पाते। काफी दीर्घ मतलब लॉन्ग टर्म कर्ज लेने वाले किसानों सहित ऐसे हालात अधिक देखने को मिलते हैं। यही कारण है, कि दीर्घ कालीन कृषि कोर्पोरेट लोन पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान मुहैय्या कराया जाता है। राज्य सरकार द्वारा बजट 2023-24 के बजट में ब्याज मुक्त फसल लोन और ब्याज अनुदान योजना से जुड़ा ऐलान किया है।

ब्याज अनुदान योजना का लाभ इस प्रकार अर्जित किया जा सकता है

जानकारी के लिए बतादें, कि केवल सहकारी समितियों से ली गई दीर्घकालीन कृषि लोन पर ही ब्याज अनुदान का फायदा प्राप्त होगा। किसान अगर चाहें, तो इस ब्याज अनुदान के लिए ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह भी पढ़ें: ढाई हजार करोड़ रुपए से यूपी की 63 हजार सहकारी समितियां होंगी कंप्यूटरीकृत अगर किसान ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं, तो किसान भाई राज किसान साथी पोर्टल पर जाकर विजिट कर सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन करने हेतु अपनी सहकारी विकास बैंक की शाखा अथवा जनपद में कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क साध सकते हैं। इस दौरान किसान भाइयों को आवेदन पत्र सहित कुछ दस्तावेज भी जमा करवाने होंगे। इनमें बैंक अकाउंट डिटेल्स, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, खेती की जमीन के कागज आदि शम्मिलित हैं।

कृषि से जुड़ी इन चीजों पर कर्ज की ब्याज माफ होगी

किसान भाईयों को दीर्घकालीन कृषि लोन पर न्यूनतम 10 प्रतिशत की दर से ब्याज की अदायगी की जाती थी। जिस पर 5% प्रतिशत अनुदान का ऐलान किया गया था। मतलब कि फिलहाल किसानों को 5% प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा। यह लोन कृषि इनपुट्स अथवा बाकी सुविधाओं के लिए किसानों को मुहैय्या कराया जाता है। इसमें कुआ विनिर्माण, नाली निर्माण, हौज निर्माण, फार्म पौण्ड निर्माण, कृषि बिजली कनेक्शन, सूक्ष्म सिंचाई सिस्टम, पंपसेट और नलकूप स्थापित करने के लिए लागू किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त कार्बाइन हार्वेस्टर, ट्रैक्टर, थ्रेसर की खरीद हेतु लंबी अवधि के लिए लोन जारी किए जाते हैं, जिनकी ब्याज धनराशि निजी बैंकों के ब्याज की धनराशि से काफी कम होती है।
स्वदेशी गाय खरीदने पर यह सरकार दे रही 80 हजार रुपए की धनराशि

स्वदेशी गाय खरीदने पर यह सरकार दे रही 80 हजार रुपए की धनराशि

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ने ‘नंद बाबा दुग्ध मिशन’ के तहत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना शुरू की है. 

इस योजना के तहत इनका उद्देश्य गौ पालकों की आय, रोजगार उपलब्ध कराना, स्वदेशी गायों की नस्लों को बढ़ाना, गौ पालको का स्वदेशी गायों के प्रति रुझान बढ़ाना एवं दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाना है। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गौवंशों के प्रति प्रेम साफ तौर पर देखने को मिलता है। योगी सरकार गोवंशों एवं उनकी सुरक्षा को लेकर नवीन योजनाएं जारी करती रहती हैं। 

साथ ही, पशुपालकों एवं किसानों के हित में योजनाएं एवं अभियान चलाए जाते रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी ने ‘नंद बाबा दुग्ध मिशन’ के अंतर्गत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना चालू की है। 

इस योजना का प्रमुख उद्देश्य यह है, कि यूपी के गौ पालकों की आमदनी बढ़ सके और पशुपालन में रोजगार मुहैय्या कराया जा सके। इसके अतिरिक्त दूसरे राज्यों से स्वदेशी नस्लों की गायों के प्रति गौ पालकों की रूचि बढ़ाई जा सके। साथ ही, दुग्ध उत्पादन में भी बढोत्तरी हो सके। 

साथ ही, योजना को लेकर शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में इस योजना से जुड़ी पात्रता, सब्सिडी के मानक, उद्देश्य एवं स्वरुप को स्पष्ट रुप से दिया गया है।

जानें कौन-सी गायों को खरीदने पर मिलेगा अनुदान

मुख्यमंत्री स्वदेशी योजना के मुताबिक, गौ पालकों को दूसरे राज्यों से थारपारकर, गिर, संकर और साहिवाल नस्ल की गाय खरीदने पर उन्हें ट्रांसर्पोटेशन, ट्रांजिट इंश्योरेंस एवं पशु इंश्योरेंस सहित अन्य सामानों पर खर्च होने वाली धनराशि पर अनुदान प्रदान करेगी। 

गौ पालकों को यह अनुदान दो स्वदेशी नस्ल की गायों को खरीदने पर मिलेगा। यह अनुदान गौ पालकों को कुल लागत धनराशि का 40 प्रतिशत मतलब कि 80 हजार रुपये दिया जाएगा। सबसे पहले यह योजना सिर्फ उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों के मुख्यालय के जनपदों में लागू की जाएगी। इसके उपरांत संपूर्ण राज्य के जनपदों में लागू की जाएगी। 

यह भी पढ़ें: योगी सरकार द्वारा जारी की गई नंदिनी कृषक बीमा योजना से देशी प्रजातियों की गायों को प्रोत्साहन मिलेगा

‘नंद बाबा दुग्ध मिशन’ के तहत जारी की गई नवीन योजना

अपर मुख्य सचिव पशुपालन डॉ. रजनीश दुबे का कहना है कि, ‘नन्द बाबा मिशन के तहत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना जारी की गई है। इसका प्रमुख उद्देश्य सिर्फ राज्य में स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों की तादात और उनकी नस्ल को बढ़ाना। 

जिससे कि राज्य में दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हो सके। साथ ही, प्रदेश दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बन सके। इसके साथ ही राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं एवं महिलाओं को पशुपालन व्यवसाय के लिए बढ़ावा दे कर उन्हें रोजगार मुहैय्या करा सकें। 

दुग्ध आयुक्त एवं मिशन निदेशक शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना का फायदा उठाने के लिए गौ पालक को अन्य दूसरे राज्य से स्वदेशी उन्नत नस्ल की गाय को खरीदना होगा।

यह बीमा बेहद आवश्यक है

दरअसल, इस योजना पर मुख्य विकास अधिकारी शीघ्र ही एक अनुमति पत्र जारी करेंगे। जिसे लाभार्थी को दूसरे राज्य से स्वदेशी नस्ल की गाय खरीदने के लिए जारी किया जाऐगा। 

क्योंकि, गौ पालक या लाभार्थी को गायों के परिवहन में किसी भी प्रकार की परेशानी न खड़ी हो। इसके अतिरिक्त दो स्वदेशी गायों का 3 साल का पशु बीमा एकमुश्त कराना जरूरी है। साथ ही, दूसरे राज्य से अपने राज्य में गाय को लाने के लिए ट्रांजिट बीमा भी कराना अति आवश्यक है। 

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जानिए किन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी

मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को अनुदान गाय की खरीद, ट्रांसपोर्टेशन, ट्रांजिट इंश्योरेंस और पशु इंश्योरेंस, 3 साल का पशु बीमा, चारा काटने की मशीन की खरीद एवं गायों के रखरखाव की सुविधा व शेड के निर्माण पर दी जाएगी। 

विभाग की तरफ से इन समस्त सामानों में गौ पालक का खर्च दो स्वदेशी नस्ल की गायों के लिए 2 लाख रुपये निर्धारित किया गया है। इसका 40 प्रतिशत मतलब कि अधिकतम 80 हजार रुपये अनुदान के रूप में दिये जाएंगे।

केंद्र सरकार की तरफ से चलाई जा रहीं इन तीन योजनाओं से किसानों को आर्थिक लाभ मिलता है

केंद्र सरकार की तरफ से चलाई जा रहीं इन तीन योजनाओं से किसानों को आर्थिक लाभ मिलता है

केंद्र सरकार की तरफ से किसानों के फायदे के लिए बहुत सारी योजनाएं चल रही हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य आर्थिक तौर पर किसानों का विकास करने के साथ-साथ खेती किसानी के दौरान आने वाली चुनौतियों को भी दूर करना है। कृषकों के लिए केंद्र सरकार की तरफ से विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं के जरिए किसानों को विभिन्न तरह का सहयोग मिलता है। आइए जानते हैं, वह कौन सी योजनाएं हैं जो किसानों की आर्थिक तौर पर सहयोग करती हैं। इसके साथ ही खेती से संबंधित बाकी कार्यों में भी सहायता करती हैं।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना

पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत भारत के कृषक भाइयों को हर एक वर्ष में 6 हजार रुपये प्रदान किए जाते हैं। इस योजना के अंतर्गत किसानों को चार किस्तों में ये रुपये हस्तांतरित किए जाते हैं। मतलब कि ये धनराशि कृषकों को 2-2 हजार रुपये की तीन अलग-अलग किस्तों में उपलब्ध कराई जाती है। अगर आप इस योजना का फायदा उठाना चाहते हैं, तो आप आवेदन करने के दौरान बिल्कुल भी गलती ना करें। योजना से संबंधित अत्यधिक जानकारी के लिए किसान भाई पीएम किसान योजना के हेल्पलाइन नंबर 155261 या 1800115526 अथवा फिर 011-23381092 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

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पीएम किसान मानधन योजना

केंद्र सरकार द्वारा जारी पीएम किसान मानधन योजना के अंतर्गत सरकार प्रति माह किसानों को 3 हजार रुपये की पेंशन प्रदान कर रही है। इस योजना का फायदा प्राप्त करने के लिए आवेदन करने के लिए केवल 18 से 40 साल के किसान ही पात्र हैं। जब किसानों की आयु 60 साल हो जाती है, तो उसके उपरांत उनके अकाउंट में तीन हजार रुपये प्रति महीने पेंशन भेजी जाती है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत प्राकृतिक आपदाओं, कीटों एवं बीमारियों की वजह से फसल की क्षति के विरुद्ध किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जाती है। योजना के तहत किसान भाइयों को प्रीमियम का भुगतान करना होता है, जिस पर सरकार सब्सिडी देती है। केंद्र व राज्य सरकार में गैर-सब्सिडी वाली फसलों के लिए 50:50 के अनुपात में प्रीमियम सब्सिडी साझा करती हैं। वहीं, सब्सिडी वाली फसलों के लिए केंद्र सरकार उच्च सब्सिडी हिस्सेदारी प्रदान करती है।
यूपी के बजट में किसानों पर दिया गया है ख़ास ध्यान; जानें क्या है नई घोषणाएं

यूपी के बजट में किसानों पर दिया गया है ख़ास ध्यान; जानें क्या है नई घोषणाएं

यूपी सरकार द्वारा साल 2023-24  के लिए बजट पेश किया जा चुका है. आंकड़ों से पता चला है कि इस बार सरकार ने बजट में 7 लाख करोड़ रुपए का बताया है जो अब तक का सबसे बड़ा बजट है.यह बजट सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा पेश किया गया जिन्होंने सातवीं बार लगातार यह बजट पेश किया है. यूपी सरकार द्वारा लाए गए इस बजट में सबसे पहले और कई महत्वपूर्ण बातें किसानों पर की गई हैं. बजट पेश करते समय सुरेश खन्ना ने कुछ आंकड़े सामने रखे जिनके अनुसार कहा गया है कि यूपी में लगभग 188.40 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है और  इसी के चलते प्रदेश दूध, गन्ना, चीनी प्रोडक्शन और इथेनॉल की आपूर्ति में देश में पहले नंबर पर है.साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि डीवीडी के जरिए किसानों को डायरेक्ट खाते में पैसे भेजने वाला उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसमें किसानों के खाते में सबसे ज्यादा पैसे जमा किए हैं.

इस बजट में किसानों से सीधे तौर पर जुड़ी हुई साथ महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई जो इस प्रकार से हैं;

  1. सरकार द्वारा ‘द मिलियन फार्मर्स स्कूल’’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जिसके तहत किसानों को खेती की नई तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा.साल 2023-24 मैं यूपी सरकार ऐसी 170000 किसान पाठशाला में आयोजित करेंगी जिनमें उन्हें यह जानकारी दी जाएगी.
  2. यूपी सरकार ने नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना के लिए 631 करोड़ 93 लाख रूपए  देने की बात कही है.
  3. यूपी सरकार नेशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चर फार्मिंग योजना को काफी महत्व दे रही है और इसके तहत राज्य में 49 जिलों में प्राकृतिक खेती का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है जो गौ आधारित है. इस बजट में सरकार ने इस योजना को 113 करोड़ 52 लाख रूपए  प्रस्तावित किए हैं.
  4. सरकार ने इस बजट में निजी नलकूपों को सस्ते दरों पर बिजली आपूर्ति करवाने की बात भी कही है और इस योजना को पूरा करने के लिए  1950 करोड रुपए बजट में रखे गए हैं.
  5. यूपी सरकार द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 984 करोड़ 54 लाख रूपए का बजट  रखा गया है.
  6. आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना के लिए भी सरकार ने अच्छा खासा बजट इस बार निकाला है जो 100 करोड रुपए है.
  7. सरकारों को उनकी फ्रॉक का इंश्योरेंस देना भी योगी सरकार का हमेशा से महत्व रहा है और इसीलिए इस बजट में नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस योजना के लिए 753 करोड़ 70 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित है.
  8.  इन सबके अलावा सिंचाई और कृषि शिक्षा के लिए भी सरकार ने अलग से कई तरह की योजनाएं बनाने का फैसला किया है जिनके तहत  बजट का आवंटन किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: सरकार ने जारी किया बजट, आइए जानते हैं इस बजट में क्या है खास बजट पेश करते वक्त यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कृषि और किसानों से संबंधित और भी कई महत्वपूर्ण बातें कहीं.  उन्होंने बताया कि  2017 से 2023 तक 46 लाख 22 हजार गन्ना किसानों को 1 लाख 96 हजार करोड़ रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान किया गया. इस दौरान ना सिर्फ गन्ने की प्रोडक्शन में बढ़ावा हुआ है बल्कि किसानों की आय भी प्रति हेक्टेयर की दर से काफी अच्छी तरह से बढ़ी है. उनके द्वारा बताए गए आंकड़ों से पता चलता है कि अंत फसल की खेती से किसानों को लगभग 25% की आमदनी में बढ़ोतरी हुई है. विपणन वर्ष के दौरान 87 हजार 991 किसानों से 3.36 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया। PFMS पोर्टल के जरिए से 675 करोड़ का भुगतान किया गया है.

जैसा कि बताया गया है कि यूपी एक ऐसा राज्य बन गया है जिसने DBT के जरिए किसानों के खाते में सबसे ज्यादा पैसे  डाले हैं.

आंकड़ों की बात की जाए तो साल 2022- 23 में पीएम सम्मान निधि से 51 हजार 639.68 करोड़ से ज्यादा अमाउंट DBT के जरिए किसानों के खाते में ट्रांसफर की गई. अभी के बजट में किसान पेंशन योजना के लिए 7 हजार 248 करोड़ रूपए का बजट प्रस्तावित है. अर्थशास्त्र एक्सपर्ट डॉक्टर मुलायम सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि  दूध,  गन्ना और चीनी के उत्पादन में यूपी हमेशा से ही नंबर वन रहा है और इसमें कोई दो राय नहीं है. लेकिन उन्होंने सरकार द्वारा डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में पहुंचाए जाने वाली राशि को बहुत ही सराहनीय कदम बताया है. इसके अलावा उन्होंने इस बजट पर एक और टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ने नई घोषणाएं करने की बजाय अपनी पिछली उपलब्धियों को ज्यादा बनवाया है. इसके अलावा उन्होंने छुट्टा गोवंश के रखरखाव के लिए सरकार द्वारा 750 करोड़ रुपए की बजट घोषणा करने को भी किसानों के लिए एक अच्छा कदम बताया है.