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Laser Land Leveler

कंप्यूटर मांझा किसानों के लिए  बना वरदान

कंप्यूटर मांझा किसानों के लिए बना वरदान

कंप्यूटर मांझा उन किसान भाइयों के लिए वरदान बन कर सामने आया है जो कई पीढ़ियों से अपने खेत के ऊबड़-खाबड़ होने से परेशान हैं। लागत लगाते-लगाते थक गये हैं कि खेत चौरस होने का नाम ही नहीं ले रहा है। लाखों रुपये ट्रैक्टर वालों को दे चुके हैं। लेकिन खेत में सुधार होने की कोई संभावना दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। किसान भाई आप भी यदि ऐसी ही समस्या से परेशान हैं तो ये मशीन आपके लिए बहुत ही अच्छी  है। कहीं-कहीं ऐसे भी खेत देखने को मिले हैं कि एक कोने पर पानी न ठहरने की वजह से फसल सूख जाती है तो दूसरे कोने में तालाब बन जाता है और वहां की फसल डूब जाती है। विवश होकर किसान भाइयों को आधे-अधूरे खेत में खेती करनी होती है। ऐसे किसानों के लिए कम्प्यूटर मांझा साक्षात कुबेर का खजाना बनकर सामने आया है। आइये जानते हैं कि कम्प्यूटर मांझा क्या चीज है और कैसे ऊबड़-खाबड़ खेतों की एक-एक इंच जमीन को समतल बना देता है।


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कंप्यूटर मांझा क्या है (what is computer manja)

किसान भाइयों, कम्प्यूटर मांझा के नाम से मशहूर लेजर लैण्ड लेवलर ऐसी मशीन है, जो किसी भी प्रकार के खेत की असमतल जमीन को चौरस यानी समतल बनाती है। यह कम्प्यूटर और लेजर से जुड़ी हुई मशीन ट्रैक्टर के माध्यम से चलाई जाती है। इस मशीन से चाहे जितना खराब खेत हो, बहुत ही अच्छी तरीके से समतल बनाया जाता है। इस मशीन का एक हिस्सा, जिसे लेजर ट्रांसमीटर कहते हैं, उसको खेत के एक कोने में तिपाये के ऊपर लगा दिया जाता है। इस मशीन का दूसरा हिस्सा ट्रैक्टर से जोड़ दिया जाता है और ट्रैक्टर में एक कम्प्यूटर की तरह की मशीन लगा दी जाती है। जिसमें यह तिपाये वाली मशीन लेजर यानी किरणों के माध्यम से कमांड यानी आदेश देता रहता है। ये लेजर ट्रांसमीटर पूरे खेत की निगरानी करके ट्रैक्टर पर लगी मशीन को बताता रहता है कि कहां पर ऊंचा है और कहां पर नीचा है। यानी कहां से मिट्टी निकालनी है और कहां पर डालनी है। छोटे-छोटे गड्ढों और बड़ी-बड़ी खार्इं को भी इसी तरह भरता रहता है। यह कंप्यूटर सिस्टम तब तक अपना आप काम करता रहता है जब तक खेत पूरी तरह से समतल न हो जाये।  काम पूरा हो जाने पर यह मशीन अपने आप ही रुक जाती है। कम्प्यूटर मांझा

कम्प्यूटर मांझा में क्या क्या लगा होता है

किसान भाइयों आइये जानते हैं क कम्प्यूटर मांझा नाम की इस मशीन में क्या-क्या चीजें होतीं हैं
  1. लेजर ट्रांसमीटर : इस मशीन का यह दिमाग होता है, जो पूरा काम दूसरी मशीन से कराता है। यह छोटी सी मशीन होती है जिसे खेत के एक कोने पर तिपाई लगा कर उस पर फिट कर दिया जाता है और इसे बैटरी द्वारा चलाया जाता है। ये खेत के विभिन्न हिस्सों की स्थिति के बारे में ट्रैक्टर पर लगी दूसरी मशीन को लेजर के माध्यम से निर्देश देता रहता है और वो मशीन इसके निर्देशों के अनुसार खेत में काम करती रहती है।
  2. ड्रैग स्क्रैपर/बकेट: ट्रैक्टर के पीछे लगा बड़ा सा एक यंत्र होता है, जो खेत में अपने ब्लेड से मिट्टी को काटता है और उसमें 7 फिट लम्बी और 4 फिट गहरी एक जगह बनी होती है जिसमें मिट्टी इकट्ठा होती रहती है और उसे गड्ढे वाली जगह में भरा जाता है। इसे बकेट या बाल्टी भी कहा जाता है।
  3. लेजर रिसीवर: ट्रैक्टर के पीछे लगे से बड़े यंत्र पर एक लम्बा सा पाइप लगा होता है, उसके ऊपर एक यंत्र लगा होता है जिसे लेजर रिसीवर कहते हैं। यह लेजर रिसीवर खेत के कोने में लगी मशीन से लेजर प्राप्त करता है।
  4. कंट्रोल बॉक्स: ट्रैक्टर में चालक के पास एक छोटा सा कम्प्यूटर की तरह का एक बॉक्स लगा होता है। इसमें लेजर रिसीवर द्वारा मिल रहे संकेतों को दिखाया जाता है। चालक को इस बॉक्स को देखकर यह पता चलता है कि किस तरह के निर्देश मिल रहे हैं और उसे क्या करना है। कब और कहां पर ट्रैक्टर ले जाना है।
  5. हाइड्रोलिक सिस्टम: ट्रैक्टर का हाइड्रोलिक सिस्टम का उपयोग उसके पीछे लगी लेवलिंग बकेट को ऊपर-नीचे करनेके लिए किया जाता है।


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कम्प्यूटर मांझा की विशेष जानकारी

  • किसान भाइयों इस मशीन की टेकनीक के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। खेत के कोने पर लगा लेजर ट्रांसमीटर ट्रैक्टर के पीछे लगे लेजर रिसीवर को 700 मीटर की दूरी तक किरणें भेज सकता है। जिसके आधार पर यह मशीन काम करती है।
  • इस मशीन का दूसरा महत्वपूर्ण हिस्सा है लेजर रिसीवर, जो लेजर ट्रांसमीटर से प्राप्त किरणों को चालक के पास लगे कंट्रोल बॉक्स में इलेक्ट्रिकल सिग्नल यानी बिजली के बटनों को जला-बुझाकर संकेत देता है।
  • कंट्रोल बॉक्स फिर इस मशीन में लगे हाइड्रोलिक सिस्टम को ऊपर-नीचे करने के संकेत देता है। यह एक सेकेंड मे कई बार हाइड्रोलिक सिस्टम और इन्फ्रारेड बीम को ऊपर-नीचे करने की कार्रवाई करता है।
  • लेजर लेवलिंग मशीन दोहरे ढलान वाले लेजर से काम करती है, उसे ब्लेड जमीन से लगकर अपना काम अच्छी तरह से कराती है। जमीन को इस तरह समतल बना दिया जाता है कि वहां पर पानी न भर सके।
  • लेजर ट्रांसमीटर जरूरत पड़ने पर लेजर बीम को 360 डिग्री यानी गोले के आकार में घुमा कर काम करा सकता है।
  • लेजर रिसीवर सिस्टम बीम को निर्देश देता रहता है जिससे अपने आप ही समतल बनाने का कार्य होता रहता है। लेजर मशीन को दो दिशाओं में चलाया जाता है और चालक को मशीन को छूना भी नहीं पड़ता है और सारा काम हो जाता है।
  • इस मशीन को चलाने के लिए कम से कम 50-55 हार्स पॉवर वाला ट्रैक्टर चाहिये। मशीन को चलाने से पहले की ट्रैक्टर की सर्विस करा लेनी चाहिये अन्यथा मशीन को चलाने में दिक्कत भी आ सकती है।
कम्प्यूटर मांझा की विशेष जानकारी

कम्प्यूटर मांझा के प्रयोग के क्या-क्या लाभ हैं

कम्प्यूटर मांझा से खेत की जमीन समतल होने से किसान भाइयों को अनेक तरह के लाभ प्राप्त होते हैं, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:-
  1. सबसे बड़ा लाभ यह है कि आपकी बेकार जमीन समतल होने के बाद एक अच्छा खेत बन जाता है, खेती का प्रबंधन करके कोई भी अच्छी फसल ली जा सकती है।
  2. सिंचाई में जो पानी इधर-उधर बह जाता था या भर जाता था,वो सब बचता है। सिंचाई में पानी भी कम लगता है। इससे किसान भाइयों का समय व पैसा तथा मेहनत बचती है।
  3. बीज, खाद, कीटनाशक आदि में भी काफी बचत होती है।
  4. खेत की जुताई, बुवाई आदि में किये जाने वाले इंधन के खर्चे में बचत होती है
  5. खेत के समतल होने से उसमें नमी बराबर बनी रहती है, जिससे अधिक से अधिक खेती की जा सकती है
  6. केवल धान की एकाध किस्म ही पानी में तैयार होती है, बाकी सभी तरह की फसलों के लिए जलनिकासी वाले खेत की जरूरत किसान भाइयों को होती है जो इस लेवलर मशीन से पूरी हो जाती है।
  7. जल निकासी की व्यवस्था होने से खेत की मिट्टी भी भुरभुरी हो जाती है जिससे किसी भी उपज की खेती आसानी से की जा सकती है।
  8. भूमि के समतल होने से सिंचाई में लगभग 35 प्रतिशत का फायदा होता है।
  9. समतल होने से खेती योग्य जमीन का हिस्सा भी बढ़ जाता है, कहने का मतलब बेकार जमीन भी खेती के योग्य बन जाती है।
  10. खेती करने मे किसान भाइयों की मेहनत, समय व पैसा की काफी बचत होती है
  11. सिंचाई में होने वाला खर्च तो बचता ही है और उचित प्रबंधन से खेतों में पैदावार 50 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।

सरकारी सब्सिडी का भी है प्रावधान

भारत सरकार ने कृषि कार्य को बढ़ावा देने के लिए किसान भाइयों को अनेक सुविधाएं देने की कई योजनाएं बनाई हैं। अधिक पैदावार के लिए कृषि संयंत्रों की खरीद पर सरकार की ओर से सब्सिडी की अनेक योजनायें हैं। प्रत्येक राज्य की सरकार अपने-अपने राज्य के किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी देतीं हैं। किसान भाइयों को चाहिये कि वे अपने-अपने राज्य के कृषि विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क करके सब्सिडी के बारे में जानकारी प्राप्त करें और उसका लाभ उठायें।

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किसान भाई उठा सकते हैं दोहरा लाभ

कम्प्यूटर माझा से किसान भाई दोहरा लाभ उठा सकते हैं। पहला कि अपने खेत को समतल बनाकर स्वयं खेती का लाभ उठा सकते हैं। दूसरे कॅप्यूटर मांझा को किराये पर भी चलवा सकते हैं। इससे काफी लाभ मिलता है।

लागत व आमदनी

कम्प्यूटर मांझा खरीदने में लगभग 3 लाख रुपये की लागत आती है। इसमें सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जाता है। किसान भाई इसे खरीद कर इसका उपयोग कर सकते हैं। साथ ही अपने आसपास के क्षेत्रों में इस मशीन को किराये पर चलायेंगे तो काफी लाभ होगा। कई जानकार लोगों का कहना है कि इस मशीन की गर्मियों के मौसम में उस समय अधिक डिमांड होती है, जब सारे खेत खेती कटने के बाद खाली हो जाते हैं। बताया जाता है कि इस मशीन को 700 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से चलाया जाता है। एक दिन में यदि 10 से 12 घंटे चली तो 7 से 8 हजार रुपये प्रतिदिन की आमदनी हो सकती है। यदि दो महीने मशीन इसी तरह चली तो लगभग 5 लाख रुपये की आमदनी हो सकती है। यदि इसे कम से कम में भी माना जाये तो दो से ढाई लाख रुपये की आमदनी तो कहीं नहीं गयी है।
गेहूं कटाई के बाद खेत की जुताई के लिए आधुनिक कृषि यंत्र

गेहूं कटाई के बाद खेत की जुताई के लिए आधुनिक कृषि यंत्र

आधुनिकता के चलते भारतीय कृषि क्षेत्र में बैलों की जगह कई प्रकार के कृषि यंत्रो और मशीनों ने ले ली है। उपकरण खेती के बहुत सारे बड़े से बड़े कार्यों को आसान बनाते हैं। 

साथ ही, लागत को भी कम करने का कार्य करते हैं। बुवाई से लगाकर कटाई तक के कार्यों को सुगम बनाने में कृषि यंत्र अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। बुवाई के लिए खेत को तैयार करने के लिए किसान ट्रैक्टर द्वारा रोटावेटर या कल्टीवेटरका इस्तेमाल करते हैं। 

ये उपकरण मिट्टी की उपरी परत की हल्की जुताई करते हैं, जिससे बुवाई करना काफी सरल हो जाता है। आइए जानते हैं जुताई के लिए कुछ महत्वपूर्ण और लाभदायक कृषि यंत्रों के बारे में। 

मोल्ड बोर्ड हल 

मोल्ड बोर्ड हल को किसानों के बीच मिट्टी पलट हल के नाम से भी जाना व पहचाना जाता है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बनाये रखने के लिए जरूरी है कि इसे पलटा जाये। 

मिट्टी पलटने तथा खरपतवार को नीचे दबाने के लिए मोल्ड बोर्ड हल (Mould Board Plough) ज्यादा गहरी जुताई करते हैं। मिट्टी को भी पलटते हैं, जिससे सतह पर मौजूद खर-पतवार और अन्य फसल अवशेष बेहतर तरीके से दब जाते हैं। 

बतादें, कि 2 फाल वाले प्लाऊ को संचालित करने के लिए ट्रैक्टर की हॉर्स पावर 35 से 45 हॉर्स पॉवर होनी चाहिए। इस प्लाऊ की कार्य क्षमता 1.5 हेक्टेयर तक प्रति दिन होती है। 

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साथ ही, 3 फाल वाले प्लाऊ को चलाने के लिए ट्रैक्टर की हॉर्स पावर 40 से 50 एचपी होनी चाहिए। इस हल के साथ किसान 2 हेक्टेयर तक प्रति दिन कार्य कर सकते हैं। 

इस कृषि उपकरण का इस्तेमाल गर्मी के मौसम में खेत की गहरी जुताई के लिए, ढैचा/सनई आदि हरी खाद वाली फसल को मिट्टी में पलटकर मिलाने के लिए भी किया जाता है। 

डिस्क प्लाऊ

डिस्क प्लाऊ  (Disc Plough) भी एक मिट्टी पलटने वाला हल है और यह मोल्ड बोर्ड हल की अपेक्षा ज्यादा गहराई तक जुताई करने में सक्षम होता है। किसान इस यंत्र का इस्तेमाल भारी मृदा को पलटने के लिए करते हैं। इसमें आपको दो या तीन फाल देखने को मिल सकते हैं।

खेतों में ज्यादा खरपतवार और गहरे फसल अवशेष को काटने तथा पलटने में इस यंत्र का इस्तेमाल किया जाता है। ट्रैक्टर की क्षमता के अनुसार इस यंत्र से 40 से 50 सेंटीमीटर की गहराई तक जुताई की जा सकती है। इस कृषि यंत्र की कार्य क्षमता प्रतिदिन 1.5 से 2 हेक्टेयर है। 

चिसेल प्लाऊ 

चिसेल हल (Chisel Plough) बिना सतह वाली मृदा को अस्त व्यस्त किये और सतह पर मौजूद फसल अवशेषों को यथावत रखते हुए बहुत गहरी चीरे लगाई जा सकती हैं। इस यंत्र के साथ 1 मीटर की गहराई तक जुताई कर सकते हैं। 

ऐसा करने से स्थाई तौर पर सतह के नीचे की जल निकासी सुनिश्चित की जा सकती है। मिट्टी पलट हलों के मुकाबले में चिजेल हल के इस्तेमाल से मिट्टी की सतह पर किसी तरह का कार्य नहीं किया जाता है, जिससे हवा या पानी की वजह मिट्टी के कटाव को रोका जा सकता है। 

लेजर लैंड लेवलर 

खेत की जुताई और सिंचाई करने से जमीन असमतल हो जाती है, जिससे मृदा के पोषक तत्व का असामान्य वितरण और सिंचाई जल में वृद्धि जैसी दिक्कतें खड़ी होने लग जाती हैं। 

समय-समय पर खेत के समतलीकरण की आवश्यकता को सटीक और कम में वक्त में पूरा करने के लिये लेजर लैंड लेवलर (Laser Land Leveler) का इस्तेमाल किया जाता है। इस मशीन में लेजर किरणों की सहायता से पीछे लगे बकेट को काबू करके जमीन को एकसार किया जा सकता है। 

जानें लेजर लैंड लेवलर मशीन की खासियत, कीमत और लाभ के बारे में

जानें लेजर लैंड लेवलर मशीन की खासियत, कीमत और लाभ के बारे में

खेत की मृदा से फसल का शानदार उत्पादन हांसिल करने के लिए किसानों को अपने खेत में कृषि मशीन लेजर लैंड लेवलर का उपयोग करना चाहिए। इससे खेत की मृदा एकसार होगी। 

साथ ही, मृदा में नमी एवं पोषक तत्वों का भी अभाव नहीं होगा। फसल से शानदार उत्पादन हांसिल करने के लिए खेत की मृदा का भी अच्छा होना काफी आवश्यक है। 

इसके लिए किसान अपने खेत में विभिन्न प्रकार के कार्यों को करते हैं। परंतु, आज हम खेत की मृदा को फसल के योग्य बनाने के लिए एक शानदार कृषि मशीन की जानकारी लेकर आए हैं, जिनका नाम लेजर लैंड लेवलर है। 

बतादें, कि इस मशीन का उपयोग खेत की मृदा को एकसार करने के लिए किया जाता है। यदि आपके खेत की मृदा एकसार नहीं हैं, तो इसे खेत की मृदा में नमी एवं पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इसकी वजह से किसानों को उनकी फसल की बेहतरीन उपज हांसिल नहीं हो पाती है।

इस प्रकार लेजर लैंड लेवलर मशीन संचालित की जाती है

खेत में लेजर लैंड लेवलर मशीन को चलाने से पूर्व किसान को अपने खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए। साथ ही, मृदा में लगभग पांच फीसद तक नमी बनी रहनी चाहिए। 

इस बात का भी विशेष ध्यान रहे, कि खेत में खरपतवार एवं घास इत्यादि नहीं होनी चाहिए। लेजर लैंड लेवलर मशीन ट्रैक्टर के द्वारा खेत में चलाई जाती है। 

क्योंकि, इसको ट्रैक्टर के पीछे लगाकर खेत की मृदा को एकसार बनाया जाता है। यह कृषि मशीन एक से दो घंटे में एक एकड़ भूमि की मृदा को एकसार बना सकती है।

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लेजर लैंड लेवलर मशीन से क्या-क्या लाभ होते हैं

  • लेजर लैंड लेवलर मशीन को खेत में चलाने के पश्चात फसल का उत्पादन लगभग एक समान होता है।
  • फसल के उत्पादन में 10-15 फीसद तक की बढ़ोतरी।
  • सिंचाई के दौरान 30-35 प्रतिशत पानी की खपत कम होगी।
  • खेत में एक बार उपयोग होने के पश्चात 2-3 वर्ष तक खेत की मृदा सुरक्षित बनी रहती है।
  • इसके इस्तेमाल से किसान कम लागत में ही बेहतरीन उत्पादन हांसिल कर सकते हैं।

लेजर लैंड लेवलर मशीन की कितनी कीमत होती है

लेजर लैंड लेवलर मशीन की कीमत के बारे में बात करें तो किसानों के लिए यह लेजर लैंड लेवलर मशीन की कीमत काफी ज्यादा किफायती होती है। साथ ही, भारतीय बाजार में इस कृषि मशीन की कीमत तकरीबन 1.35 लाख रुपये से चालू होती है।