Ad

Mango price

अत्यधिक गर्मी होने से बाजार में फलों की उपलब्धता में आएगी कमी

अत्यधिक गर्मी होने से बाजार में फलों की उपलब्धता में आएगी कमी

आजकल गर्मी बढ़ने की वजह से भारत के विभिन्न क्षेत्रों में फलों एवं सब्जियों के उत्पादन में 10 से 30% फीसद तक की कमी देखने को मिलेगी। जैसे-जैसे गर्मी पास आ रही है। भारत में सब्जियों और फलों के उत्पादन का संकट बढ़ता दिख रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, आगामी दिनों में फल एवं सब्जियों के भाव सातवें आसमान पर हैं। इसका यह कारण है, कि वक्त से पूर्व गर्मी में बढ़ोत्तरी होने से फलों और सब्जियों के उत्पादन में करीब 30% प्रतिशत तक की गिरावट हो सकती है। नतीजतन इसका प्रभाव फलों के राजा आम पर वर्तमान से ही पड़ना शुरू हो गया है। किसानों के अनुसार, इस बार आम की बौर एवं फलों में काफी गिरावट देखने को मिली है। साथ ही, तापमान में अधिक वृद्धि होने की वजह से नींबू, तरबूज, केले, काजू और लीची की फसल भी प्रभावित हुई है।

(IIHR) के डायरेक्टर एसके सिंह ने इस विषय पर क्या कहा है

बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर रिसर्च (IIHR) के डायरेक्टर एसके सिंह के अनुसार, गर्मी में अचानक वृद्धि की वजह से भारत के विभिन्न क्षेत्रों में फलों एवं सब्जियों के उत्पादन में 10 से 30% तक की कमी हो सकती है। इसकी वजह समय से पहले गर्मी का होना है। इसकी वजह से आम, लीची, केले, अवाकाडो, कीनू, और संतरे की फसल प्रभावित हुई है। फरवरी माह का औसत तापमान भारत में 29.5 डिग्री सेल्सियस रहा था जो कि एक रिकॉर्ड है।

आपूर्ति में गिरावट आने की संभावना है

मौसम विभाग के जरिए मार्च से मई माह के मध्य भारत के नार्थ वेस्ट क्षेत्रों में गर्म हवा चलने की संभावना जताई गई है। वहीं, गर्मी में वृद्धि होने की वजह से सब्जियां वक्त से पूर्व पक रही हैं। इसी कारण से सब्जियों की आपूर्ति आवश्यकता से अधिक हो सकती है। लेकिन, कुछ समयोपरांत इसमें गिरावट भी हो सकती है। साथ ही, इसकी आपूर्ति में कमी आने से सब्जियों के भाव में वृद्धि देखने को मिलेगी।

ये भी पढ़ें:
युवक की किस्मत बदली सब्जियों की खेती ने, कमाया बेहद मुनाफा

भारत में अधिक आबादी होने से फलों व सब्जियों की होगी किल्लत

जैसा सा कि हम सब भली भाँति जानते हैं, कि भारत एक बड़ी आबादी वाला देश है। इसलिए यहां खाद्यान आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें काफी सजग और जागरूक रहती हैं। इसके साथ ही भारत एक कृषि प्रधान देश भी है। उपरोक्त में सब्जिओं और फलों के विषय में जैसा वर्णन किया गया है। उसका एक कारण यहां की घनी आबादी भी है। यदि अनाज और बागवानी फसलों में कमी आती है, तो इसका प्रत्यक्ष रूप से इसका असर आम जनता पर पड़ता है।
मालदा आम के किसानों को झटका, मात्र तीन रुपये किलो बिक रहे हैं ये आम

मालदा आम के किसानों को झटका, मात्र तीन रुपये किलो बिक रहे हैं ये आम

गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है। इस मौसम के शुरू होते ही देश में आम की बहार आ जाती है। इन दिनों बाजार में बंगाल का मशहूर मालदा आम आने लगा है। लेकिन आम की फसल आने के साथ ही मालदा आम के किसानों को बड़ा झटका लगा है। पश्चिम बंगाल में यह आम मात्र 3 रुपये किलो बिक रहा है। जिससे किसान बेहद परेशान हैं और उन्हें लंबा घाटा लग रहा है। मालदा आम की गिरती हुई कीमत को देखते हुए मंडियों में भी व्यापारी इसे खरीदने से कतरा रहे हैं। अभी बाजार में कच्चे मालदा आमों की भारी आवक हो रही है। कच्चे मालदा आम का उपयोग आचार बनाने में किया जाता है। अगर पिछले कई सालों के रिकार्ड को देखा जाए तो ये आम अच्छी खासी कीमत पर बिकते थे। लेकिन इस साल इन आमों के दाम नहीं मिल पा रहे हैं। पानी के आभाव में ये आम पेड़ से सूखकर नीचे गिर रहे हैं, इससे इनकी क्वॉलिटी पर फर्क पड़ रहा है। यह भी एक कारण है जिसकी वजह से आम के उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं। पहले इस आम की बाजार में कीमत 50 रुपये किलो तक होती थी, लेकिन इस साल इनकी कीमत 3 रुपये किलो से भी कम है। जिसके कारण किसानों के साथ-साथ व्यापारी भी निराश हैं। भीषण गर्मी के कारण फसल भी खराब हो रही है। जिसके कारण किसानों का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है।

ये भी पढ़ें:
आम की खास किस्मों से होगी दोगुनी पैदावार, सरकार ने की तैयारी
मालदा आम को फाजली आम के नाम से भी जानते हैं। इसका उत्पादन मुख्य तौर पर पश्चिम बंगाल में किया जाता है। यह आम की बेहद लोकप्रिय किस्म है, जो खासकर मालदा जिले में उगाई जाती है। बढ़ती हुई मांग और अच्छे भाव के कारण अब इस आम की किस्म की खेती बिहार, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी की जाने लगी है। यह आम बेहद स्वादिष्ट आमों में से गिना जाता है। मालदा आम हरे-पीले और कई जगहों पर लाल रंग में भी पाया जाता है। यह बेहद रसीला आम होता है, जिसमें रेशे होते हैं। इसका स्वाद मीठा होता है और यह साइट्रस गुणों से भरपूर होता है। वर्तमान में मालदा जिले की लगभग 33,450 हेक्टेयर भूमि पर इस आम की खेती की जाती है। जो लगातार बढ़ रही है। हर साल इस आम के रकबे में बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है। इस आम की भारत के साथ-साथ विदेशों में भी मांग है, इसलिए इसे बड़े पैमाने पर निर्यात किया जाता है। पश्चिम बंगाल के लोगों का कहना है कि इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया को मालदा आम बेहद पसंद थे, इसलिए वो हर साल भारत से ये आम मंगवाया करती थीं। पश्चिम बंगाल के लोग कहते हैं कि जो व्यक्ति एक बार मालदा आम खा लेता है, उसे फिर दूसरे आम पसंद नहीं आते।
जर्दालु आम की इस बार बेहतरीन पैदावार होनी की संभावना है

जर्दालु आम की इस बार बेहतरीन पैदावार होनी की संभावना है

जर्दालु आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बताया है, कि प्रत्येक वर्ष तुड़ाई करने के उपरांत ट्रेन से जर्दालु आम को दिल्ली रवाना किया जाता है। साथ ही, विगत वर्ष इंग्लैंड एवं बहरीन समेत बहुत सारे देशों में इसका निर्यात किया गया था। संपूर्ण भारत में विभिन्न प्रजाति के आम की खेती की जाती है। कहीं का मालदा आम प्रसिद्ध है, तो कहीं का दशहरी आम अपने स्वाद के लिए जाना जाता है। परंतु, भागलपुर में उत्पादित किए जाने वाले जर्दालु आम की बात ही कुछ और है। इसका नाम कानों में पड़ते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। इसके चाहने वाले लोग स्पेशल ऑर्डर देके इसे खाने के लिए मंगवाते हैं। जर्दालु के चाहने वाले प्रति वर्ष बेसब्री से इस भागलुपरी आम के पकने की प्रतीक्षा करते रहते हैं। इस बार जर्दालु आम के चाहने वाले लोगों का इंतजार शीघ्र ही समाप्त होने वाला है। क्योंकि अगले माह से जर्दालु आम का विक्रय शुरू होने वाली है।

भागलपुर में जर्दालु आम का बेहतरीन उत्पादन होता है

किसान तक की खबरों के अनुसार, मई माह के आखिरी सप्ताह से जर्दालु आम की बिक्री चालू हो जाएगी। ऐसी स्थिति में जर्दालु प्रेमी इसके स्वाद का खूब लुफ्त उठा सकते हैं। जर्दालु आम का स्वाद अन्य आम की तुलना में बेहद स्वादिष्ट होता है। इसका सेवन करने से शरीर को विभिन्न प्रकार के विटामिन्स मिलते हैं। बिहार के भागलपुर जनपद में इसका बड़े स्तर पर उत्पादन किया जाता है। विशेष बात यह है, कि जर्दालु आम को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ- साथ राज्यपालों को भी उपहार स्वरुप दिया जाता है। इस आम का सेवन मधुमेह के रोगी भी कर सकते हैं। यह एक प्रकार से शुगर फ्री आम होता है। यह भी पढ़ें : मिर्जा गालिब से लेकर बॉलीवुड के कई अभिनेता इस 200 साल पुराने दशहरी आम के पेड़ को देखने…

जर्दालु आम अपनी मनमोहक सुगंध की वजह से जाना जाता है

यही कारण है, कि बिहार सरकार वर्ष 2007 से भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं समस्त राज्यों के राज्यपालों व एलजी को जर्दालु आम उपहार स्वरुप भेज रही है। जर्दालु आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष अशोक चौधरी का कहना है, कि प्रत्येक वर्ष तुड़ाई करने के उपरांत ट्रेन के जरिए जर्दालु आम को दिल्ली पहुँचाया जाता है। साथ ही, विगत वर्ष इंग्लैंड एवं बहरीन समेत बहुत से देशों में इसका निर्यात किया गया था। यदि इस आम की गुणवत्ता के पर प्रकाश डालें, तो इसकी सुगंध बेहद ही मनमोहक होती है। यह खाने में भी सुपाच्य फल है।

किसानों को इस वर्ष जर्दालु आम की बेहतरीन पैदावार मिलने की उम्मीद

अशोक चौधरी का कहना है, कि इस वर्ष जर्दालु आम के बेहतरीन उत्पादन की आशा है। मई के आखिरी सप्ताह में इसकी तुड़ाई आरंभ हो जाएगी। इसके उपरांत यह बाजार में ग्राहकों के लिए मौजूद हो जाएगी। बतादें, कि साल 2017 में जर्दालु आम को जीआई टैग हांसिल हुआ था। इसके उपरांत से इसकी मांग बढ़ गई है। दरअसल, इस बार भी बेहतरीन पैदावार होने की आशा है। ऐसी स्थिति में इसका निर्यात विदेशों में भी किया जाएगा।