100 पार हुई प्याज की कीमत पर सरकार इस तरह लगाम लगा रही है
विगत कुछ दिनों में भारत के विभिन्न राज्यों में प्याज की कीमतें 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक हो गई हैं। साथ ही, शुक्रवार को भारत के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार लासलगांव में प्याज का औसत थोक मूल्य पांच दिनों में 24 फीसद गिरकर 3,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। बतादें, कि दिवाली के त्योहार से पूर्व विभिन्न राज्यों में प्याज की बढ़ती कीमत ने उपभोक्ताओं के बीच चिंता बढ़ा दी है। पिछले कुछ दिनों में कई राज्यों में प्याज की कीमतें 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। प्याज की कीमतों में हालिया उछाल को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार की ओर से कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं। साथ ही, उपभोक्ता मामलों के विभाग ने निर्यात में गिरावट और घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ाने के लिए 29 अक्टूबर, 2023 से 31 दिसंबर, 2023 तक प्याज पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) निर्धारित किया जा सकता है।लासलगांव में प्याज की कीमतों में 24 फीसद गिरावट
मीडिया एजेंसी के अनुसार, शुक्रवार को भारत के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार लासलगांव में प्याज की औसत थोक कीमतें पांच दिनों में 24 फीसद गिरकर 3,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं। दरअसल, लासलगांव में प्याज की औसत थोक भाव 3 अक्टूबर को 2,050 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 28 अक्टूबर को 4,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं थीं। प्याज की कीमतों में हालिया उछाल विभिन्न कारणों से हो सकता है, जिसमें घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में सप्लाई की कमी भी शामिल है। ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं प्याज की कीमतों में उछाल के पीछे के संभावित कारण क्या-क्या हैं?ये भी पढ़ें: केंद्र सरकार ने त्यौहार आने से पहले महंगाई पर लगाम लगाने की तैयारी पूरी की इसके अलावा सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज की बिक्री को सीमित करने हेतु प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत कर भी लगाया है। परंतु, दूसरी तरफ प्याज पर कोई भी निर्यात कर नहीं था। इसके साथ ही केंद्र ने प्याज निर्यात के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 66,730 रुपये प्रति टन निर्धारित की गई है। मतलब, कि 31 दिसंबर 2023 तक कोई भी प्याज व्यापारी इससे कम कीमत पर प्याज का निर्यात नहीं कर सकता है।