राजस्थान सरकार ने अभी हाल ही में अपना बजट पेश किया. जिसमें सरकार ने छात्रा प्रोत्सहन योजना की सहायता राशि को बढ़ा दिया है. ऐसे में जिन भी बेटियों को कृषि के क्षेत्र में रूचि है, उनके लिए एग्रीकल्चर स्टडीज के लिए 40 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा.
अब तक छात्रा प्रोत्साहन योजना के तहत 11वीं और 12वीं कक्षा की बेटियों को एग्रीकल्चर की पढ़ाई के लिए 5 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलती थी. लेकिन राजस्थान ने अपने आम बजट में 5 हजार की प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर 15 हजार रूपये कर दी गयी है.
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जानिए कितना कितना बढ़ा अनुदान
एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए जहां 12 हजार रुपये का अनुदान मिलता था, वहीं इस अब राशि को बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया गया है.
एग्रीकल्चर में पीएचडी करने वाली छात्राओं को अब तक 15 हजार रुपये का अनुदान मिलता था, जिसे बढ़ाकर 40 हजार रुपये कर दिया गया है.
एग्रीकल्चर के क्षेत्र में पढ़ाई के लिए सरकार की तरफ यह अनुदान हर साल दिया जाता है. लेकिन इस बार राजस्थान सरकार ने अपने आम बजट में इजाफा करते हुए कुल 50 करोड़ के अनुदान का प्रावधान किया है.
हालांकि राजस्थान सरकार की छात्रा प्रोत्साहन योजना का फायदा एग्रीकल्चर की स्टडी करने वाली हर बेटी ले सकती है. लेकिन इसके लिए सरकार ने कुछ योग्यता भी निर्धारित की है. ये योग्यता की है, चलिए जान लेते हैं.
इस स्कीम में आवेदन करने वाली छात्रा का मूल निवास राजस्थान होना जरूरी है.
जो छात्राएं राजस्थान के गांव या शहर में रहती हैं, वो सभी इस योजना का लाभ ले सकती हैं.
आवेदन करने वाली छात्राओं का बैंक में अकाउंट होना जरूरी है.
क्या होने चाहिए दस्तावेज?
छात्रा जा आधार कार्ड होना जरूरी है.
छात्रा का मूल निवास प्रमाण पत्र होना जरूरी है.
छात्रा के पास लास्ट क्लास की मार्कशीट होनी चाहिए.
आवेदक छात्रा के पास संस्था प्रधान का ई साइन प्रमाण पत्र होना चाहिए.
छात्राओं के पास रेगुलर स्टूडेंट संस्था का प्रमाण पत्र होना जरूरी है.
ऐसे करें अप्लाई
रजस्थान की रहने वाली बेटियां जो एग्रीकल्चर सेक्टर की पढ़ाई करना चाहती हैं, वो सभी छात्राएं सरकार की छात्रा प्रोत्साहन स्किन का फायदा ले सकती हैं. इस स्कीम में अप्लाई करने के लिए सबसे पहले राजस्थान सरकार के ऑफिशियल पोर्टल राज किसान साथी पर जाना होगा. इसके अलावा सारे डॉक्यूमेंट तैयार करके ई मित्र केंद्र के जरिये भी अप्लाई कर सकते हैं.
किसानों के पास बिजली, डीजल या फिर ट्रैक्टर से चलने वाला पंप सेट होना जरूरी है.
किसानों के पास जरूरी कागजों में आधार कार्ड, जमीन के कागज और सिंचाई पाइपलाइन के बिल होने चाहिए.
सिंचाई पाइपलाइन की किसानों की खरीद उसी से करनी होगी, जिसका कृषि विभाग में रजिस्ट्रेशन हो.
वाटर टैंक निर्माण में पर मिलगी इतनी सब्सिडी
राजस्थान में खेती करने वाले लगभग हर तबके के किसानों को करीब 100 घन मीटर या फिर 1 लाख लीटर की क्षमता वाले वाटर टैंक के निर्माण करने पर 90 हजार रुपये का अनुदान सरकार देगी. वहीं किसानों को अगर इस योजना का फायदा लेना है तो, उनका नाम कम से कम आधास हेक्टेयर खेती की जमीन होनी जरूरी है. इसके लिए आवर कौन कौन सी चीजों का होना अनिवार्य है, ये जान लेते हैं.
आवेदन करने के लिए किसानों को अपना आधार कार्ड एयर जमीन की जमाबन्दी के कागज जमा करवाने होंगे.
किसानों के आवेदन करने बाद ही कृषि विभाग वाटर टैंक निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी करेगा.
इससे जुड़ी जानकारी किसानों को जिला कृषि विभाग में मोबाइल पर एसएमएस के जरिये दी जाएगी.
जानिए कैसे करें रजिस्ट्रेशन
अगर कोई किसान वाटर टैंक के निर्माण और सिंचाई पाइपलाइन की खरीद करना चाहता है, तो बता दें कि, इससे जुड़े अनुदान की योजनाएं एक दूसरे से अलग अलग हैं. जिनका लाभ पाने के लिए किसानों को किसान साथी पोर्टल रजिस्ट्रेशन करना होगा. जिसके बाद जिला कृषि विभाग रजिस्ट्रेशन का सत्यापन करेगा. अगर सब कुछ ठीक रहा तो, सरकार अनुदान की राशि सीधा किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करेगी.
राजस्थान के किसान अब सिंचाई की समस्या से पाएंगे निजात
राजस्थान भूजल चुनोतियाँ को झेलने वाले राज्यों में से एक है। ऐसी स्थिति में यहां के कृषकों को सिंचाई चुनौतियों का सामना करना होता है। इस वजह से राज्य सरकार द्वारा कृषकों को बढ़ावा देने के लिए ताल-तलाई, जलहौज (पानी की टंकी) की स्थापना की जा रही है।
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राजस्थान सरकार किसानों को इस संकट से निजात दिलाने के उद्देश्य से आर्थिक सहायता कर रही है। जिसके लिए राजस्थान सरकार के माध्यम से किसानों को जलहौज मतलब पानी की टंकी के निर्माण हेतु 60 फीसद का अनुदान उपलब्ध किया जा रहा है। जिसके माध्यम से किसान जलहौज की स्थापना करके बारिश के जल का संचयन कर इसको सिंचाई अथवा बाकी आवश्यक कृषि कार्यों में उपयोग कर सकते हैं।
सरकार किसानों को 90 हजार रुपये देकर टंकी निर्माण में करेगी सहयोग
राजस्थान सरकार की आधिकारिक पोर्टल राज किसान साथी पोर्टल के मुताबिक, राज्य के कृषकों को न्यूनतम आकार 100 घनमीटर अथवा 1 लाख लीटर जलभराव क्षमता वाली पानी की टंकी के निर्माण हेतु ज्यादा से ज्यादा 90 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे।
इस किसान भाइयों को मिलेगा योजना का फायदा
प्रदेश के समस्त श्रेणी के कृषकों को इस योजना का फायदा मिल पाएगा। बशर्ते योजना का फायदा लेने वाले किसानों के समीप आधी हेक्टेयर भूमि एवं सिंचाई का स्रोत होना जरुरी है। इसके साथ ही किसानों के समीप जमाबंदी की नकल अवश्य होनी चाहिए। साथ ही, यह भी ध्यान रहे कि जमाबंदी की नकल 6 माह से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए।
किसान भाई इस तरह ले सकते हैं योजना का लाभ
राजस्थान राज्य के जो भी किसान इस योजना से फायदा उठाना चाहते हैं। वो राजकिसान साथी पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं अथवा वो अपने आसपास के ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
राजस्थान सरकार की तरफ से जारी किए गए इस एप्लीकेशन का लाभ कृषि, बागवानी, पशुपालन और कृषि मार्केटिंग से जुड़े लोगों को मिल सकेगा। अब लोग बेहद आसानी से योजनाओं या सुविधाओं की जानकारी एप्लीकेशन के माध्यम से हासिल कर सकेंगे। राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने बताया है कि इस एप्लीकेशन पर राजस्थान सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी विस्तृत रूप से उपलब्ध है। सरकारी अधिकारियों ने यह भी बताया है कि एप्लीकेशन पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि बागवानी और पशुपालन की जानकारी एक जगह पर उपलब्ध करवा दी गई है ताकि किसान भाइयों को जानकारी प्राप्त करने के लिए परेशान न होना पड़े।
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एप्लीकेशन पर मिलेंगी ये सुविधाएं
राजस्थान के कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि राज किसान सुविधा एप्लीकेशन पर किसानों की सहूलियत के लिए हर तरह की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। अब किसान एप्लीकेशन के माध्यम से कृषि यंत्रों की किसी भी प्रकार की जानकारी हासिल कर सकते हैं साथ ही एप्लीकेशन पर रजिस्टर करके सीधे कृषि यंत्र की बुकिंग करवा सकते हैं। जिससे कुछ दिनों बाद कृषि यंत्र किसान के घर डिलीवर हो जाएगा।
इसके अलावा इस एप पर खेती करने की तकनीकों के वीडियो, मौसम की जानकारी, खाद बीज से संबधित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी। साथ ही उर्वरक, कीटनाशक के विक्रेताओं की लिस्ट, कोल्ड स्टोरेज की जानकारी, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की जानकारी भी उपलब्ध होगी। यह एप्लीकेशन खेती किसानी से जुड़ी हर तरह की जानकारी उपलब्ध करवाता है।
इस एप्लीकेशन कर आसानी से दर्ज करवा सकते हैं फसलों को हुए नुकसान की शिकायत
इन दिनों राजस्थान में आंधी, पानी और ओलावृष्टि की लहर चल रही है। जिसके कारण किसानों की सैकड़ों एकड़ की फसलें तबाह हो गई हैं। साथ ही कई बीमारियों के कारण फसलें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। इन सब को देखते हुए राजसथान सरकार ने इस एप्लीकेशन में फसलों को हुए नुकसान की शिकायत दर्ज करवाने का भी विकल्प दिया है ताकि किसान भाई बिना किसी परेशानी के फसलों को होने वाले नुकसान का ब्यौरा सरकार तक पहुंचा पाएं। जिससे सरकार को किसानों को मुआवजा देने में आसानी हो। इसके लिए सरकार ने इस एप्लीकेशन में फसल बीमा का अलग से कॉलम दिया है।
प्रदेश में बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करते हुए छात्रा प्रोत्साहन योजना जारी की है। जिसके अंतर्गत कृषि विषय पढ़ने वाली बेटियों को छात्रवृत्ति के रूप पर 40,000 रुपये तक का सहायतानुदान प्रदान किया जाएगा। राज्य के नवीन बजट में भी छात्रा प्रोत्साहन योजना की धनराशि को बढ़ा दिया गया है।
इससे ग्रामीण इलाकों में पली-बड़ी किसान परिवारों की बेटियों को काफी सहयोग मिलेगा। हालांकि, शहरी बालिकाओं को भी छात्रा प्रोत्साहन का समतुल्य फायदा प्रदान करने का प्रावधान है।
छात्रा प्रोत्साहन योजना की पात्रता क्या होनी चाहिए
राजस्थान में कृषि संकाय से पढ़ाई करने वाली छात्राओं को 40,000 रुपये तक का सहायतानुदान प्रदान किया जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करने हेतु राज्य सरकार ने पात्रता भी घोषित की है, जिसके अंतर्गत केवल प्रदेश की मूल निवासी छात्राएं ही आवेदन कर सकती हैं।
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आवेदन करने वाली क्षात्राओं के पास खुद का बैंक खाता भी होना चाहिए। जिससे कि सब्सिड़ी की धनराशि खाते में हस्तांतरित की जा सके। छात्रा प्रोत्साहन योजना के नियमानुसार किसी राजकीय अथवा सरकार के मान्यता प्राप्त विद्यालय, महाविद्यालय या विश्वविद्यालय में एग्रीकल्चर क्षेत्र के साथ अध्ययनरत हों।
इन जरुरी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ेगी
छात्रा प्रोत्साहन योजना में आवेदन करने से पूर्व राज किसान पोर्टल वेबसाइट http://rajkisan.rajasthan.gov.in पर जाके विस्तृत से जानकारी ले सकते हैं। चाहें तो स्वयं के जनपद में स्थित कृषि विभाग के कार्यालय में कृषि उपनिदेशक से भी संपर्क साधा जा सकता है।
इस योजना में आवेदन करने वाली छात्राएं एप्लीकेशन फॉर्म के साथ अपना जन आधार कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र, पिछली कक्षा की मार्क शीट अथवा ऑर्गेनाइजेशन के हेड के साइन वाला प्रमाण पत्र एवं स्व-प्रमाणित पत्र, जिसमें कृषि संकाय को परिवर्तित करने के विषय में लिखा हो, आदि दस्तावेज भी अटैच करने पड़ेंगे।
किसानों की आर्थिक सहायता के उद्देश्य से सहकारी समितियां लघुकालीन एवं दीर्घकालीन के कृषि लोन लागू करते हैं। यह कर्ज काफी कम ब्याज दरों पर प्राप्त होता है। परंतु, विभिन्न बार कृषि क्षेत्र में आ रही चुनौतियों या व्यक्तिगत समस्याओं के चलते किसान यह कर्जा उचित वक्त पर नहीं चुका पाते।
काफी दीर्घ मतलब लॉन्ग टर्म कर्ज लेने वाले किसानों सहित ऐसे हालात अधिक देखने को मिलते हैं। यही कारण है, कि दीर्घ कालीन कृषि कोर्पोरेट लोन पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान मुहैय्या कराया जाता है। राज्य सरकार द्वारा बजट 2023-24 के बजट में ब्याज मुक्त फसल लोन और ब्याज अनुदान योजना से जुड़ा ऐलान किया है।
ब्याज अनुदान योजना का लाभ इस प्रकार अर्जित किया जा सकता है
जानकारी के लिए बतादें, कि केवल सहकारी समितियों से ली गई दीर्घकालीन कृषि लोन पर ही ब्याज अनुदान का फायदा प्राप्त होगा। किसान अगर चाहें, तो इस ब्याज अनुदान के लिए ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
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अगर किसान ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं, तो किसान भाई राज किसान साथी पोर्टल पर जाकर विजिट कर सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन करने हेतु अपनी सहकारी विकास बैंक की शाखा अथवा जनपद में कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क साध सकते हैं।
इस दौरान किसान भाइयों को आवेदन पत्र सहित कुछ दस्तावेज भी जमा करवाने होंगे। इनमें बैंक अकाउंट डिटेल्स, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, खेती की जमीन के कागज आदि शम्मिलित हैं।
कृषि से जुड़ी इन चीजों पर कर्ज की ब्याज माफ होगी
किसान भाईयों को दीर्घकालीन कृषि लोन पर न्यूनतम 10 प्रतिशत की दर से ब्याज की अदायगी की जाती थी। जिस पर 5% प्रतिशत अनुदान का ऐलान किया गया था। मतलब कि फिलहाल किसानों को 5% प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा।
यह लोन कृषि इनपुट्स अथवा बाकी सुविधाओं के लिए किसानों को मुहैय्या कराया जाता है। इसमें कुआ विनिर्माण, नाली निर्माण, हौज निर्माण, फार्म पौण्ड निर्माण, कृषि बिजली कनेक्शन, सूक्ष्म सिंचाई सिस्टम, पंपसेट और नलकूप स्थापित करने के लिए लागू किए जाते हैं।
इसके अतिरिक्त कार्बाइन हार्वेस्टर, ट्रैक्टर, थ्रेसर की खरीद हेतु लंबी अवधि के लिए लोन जारी किए जाते हैं, जिनकी ब्याज धनराशि निजी बैंकों के ब्याज की धनराशि से काफी कम होती है।