मसालों की कीमत में एक वर्ष दौरान कितना उछाल आया (मसालों की कीमत किलो में है) |
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मसाले | बीते वर्ष का रेट | होलसेल रेट | रिटेल प्राइस |
जीरा | ₹300 | ₹700 | ₹1000-1200 |
हल्दी | ₹80-90 | ₹160 | ₹300 |
लाल मिर्च | ₹110-120 | ₹260 | ₹400 |
लौंग | ₹600 | ₹1100 | ₹1500-1800 |
दालचीन | ₹500 | ₹700 | ₹1100-1400 |
सौंठ | ₹130 | ₹500 | ₹700-800 |
भारत ने आयुर्वेद को संपूर्ण विश्व में फैलाया है। आयुर्वेद का जिक्र हमारे पुराणों एवं कथाओं में रहा है और आज के इस वैज्ञानिक युग में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
आज की फार्मास्युटिकल एवं एफएमसीजी कंपनियां जो हमारे लिए औषधियां एवं सौंदर्य प्रसाधन की सामग्रियां निर्मित करती है। इनका भी रुझान आयुर्वेद की दिशा में काफी तीव्रता से बढ़ा है।
आयुर्वेद हमारे शरीर को रोगों के उपचार एवं स्वस्थ मन के लिए काफी विशेष माना जाता है। आज हम आपको इस आधुनिक युग में इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ आयुर्वेदिक औषधियों के विषय में बताने जा रहे हैं।
इसका इस्तेमाल महिलाओं के गर्भ से संबंधित बीमारी, माहवारी में समस्याएं जैसी परेशानियों के लिए रामबाण साबित होती है।
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इसके एंटी कैंसर एवं एंटी ट्यूमर युक्त गुणों की वजह से इसका बेहद ही अधिक उपयोग किया जाता है। इसका प्रतिदिन सेवन करने से तनाव, अनिद्रा, ब्लड प्रेशर एवं मधुमेह जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।
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यह महिलाओं को गर्भ के दौरान दी जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण जड़ी बूटी है। आयुर्वेद में इन सभी जड़ी बूटियों को सीरप और चूर्ण दोनों रूप से इस्तेमाल किया जाता है।
इसका सेवन दवाओं की भांति सुबह-शाम गर्म पानी दूध के साथ किया जाता है। आयुर्वेद में बीमार आदमी के इलाज के लिए जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाता है। एक आदमी की दीर्घ आयु और बेहतर जीवन के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।