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Telangana

इस राज्य के कृषि क्षेत्रफल में हुई वृद्धि भारत के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गयी है

इस राज्य के कृषि क्षेत्रफल में हुई वृद्धि भारत के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गयी है

भारत के तेलंगाना राज्य में खेती के दायरे और क्षेत्रफल में निरंतर वृद्धि देखने को मिल रही है। वर्तमान में रकबे में इजाफा होकर 2.40 करोड़ एकड़ पर पहुँच गया है। राज्य सरकार द्वारा कृषकों को कृषि से जुड़ी बहुत सारी योजनाओं का फायदा प्रदान किया जा रहा है। देश में खेती किसानी के विषय में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है। देश के प्रत्येक राज्य में फसल के क्षेत्रफल में वृद्धि देखने को मिल रही है। समस्त राज्य सरकारों का एक ही उद्देश्य है, कि नवीन, उन्नत व आधुनिक तकनीकों के माध्यम से कृषि करने हेतु किसानों को बढ़ावा देती हैं। इसलिए सरकार किसानों को आर्थिक छूट देकर कृषि यंत्र भी मुहैय्या करा रही हैं। दक्षिण भारत के राज्य तेलंगाना में भी एग्रीकल्चर क्षेत्र का दायरा बढ़ रहा है। तेलंगाना राज्य सरकार द्वारा प्रेषित अधिकारिक आंकड़ों ने राज्यवासियों की खुशी बढ़ा दी है।

भारत के तेलंगाना राज्य के कृषि क्षेत्र में हुई 2.40 करोड़ एकड़ की बढ़ोत्तरी

तेलंगाना राज्य सरकार की तरफ से कृषि क्षेत्र के अधिकारिक आंकड़े प्रेषित किए हैं। दरअसल, तेलंगाना राज्य पूर्व में आंध्र प्रदेश का भाग था। दीर्घ काल से तेलंगाना राज्य को एक सुरक्षित राज्य निर्मित करने की मांग की जा रही थी। तेलंगाना को 2 जून 2014 को स्वतंत्र तौर पर राज्य बना दिया गया। आंकड़ों के मुताबिक, तेलंगाना राज्य के गठन के दौरान राज्य का कृषि क्षेत्र 1.31 करोड़ एकड़ था। वर्तमान में प्रदेश का कृषि क्षेत्र बढ़कर के 2.40 करोड़ एकड़ पर पहुँच चुका है। तेलंगाना राज्य निरंतर कृषि क्षेत्र में उन्नति के पथ पर चल रहा है।

तेलंगाना राज्य सरकार ने इस योजना के लिए खर्च किए करोड़ों

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कृषि क्षेत्र को सुदृण और मजबूत करने हेतु लाखों करोड़ रुपये का व्यय किया जा रहा है। तेलंगाना राज्य सरकार ने मात्र तीन योजनाओं हेतु अत्यधिक व्यय किया है। आपको बतादें कि रायबंधु, 24 घंटे मुफ्त विघुत एवं सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण हेतु 2.16 लाख करोड़ से ज्यादा व्यय कर एक अद्भुत संरचना का निर्माण किया है। राज्य सरकार द्वारा इन योजनाओं से होने वाले विकास की जानकारी ली जा रही है और मुआयना किया जा रहा है।


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तेलंगाना राज्य के अधिकाँश किसानों का खेती की तरफ रुझान

मुख्यमंत्री ने बताया है, कि आजकल खेती किसानी को करना एक कम आय वाले व्यवसाय के रूप में माना जाता है। परंतु ऐसा नहीं है, यदि कृषि आधुनिक ढंग व आधुनिक तकनीकों के माध्यम से की जाए तो खेती भी एक अच्छी आय का व्यवसाय होता है। किसान कृषि के माध्यम से काफी मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। इसलिए अधिकाँश लोगों को कृषि से जुड़ना चाहिए। इससे आपका भविष्य उज्जवल हो सकता है। राज्य सरकार का हमेशा प्रयास रहेगा कि पूर्ण भारतीय किसानों के मन में कृषि क्षेत्र के प्रति जागरूकता एवं दिलचस्पी को बढ़ाना है।

भारत के लिए तेलंगाना प्रेरणा का स्त्रोत

तेलंगाना सरकार खेती किसानी की उन्नति की ओर निरंतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया है, कि कृषि क्षेत्र में पुनः दम फूंकने हेतु विभिन्न प्रकार के क्रिया-कलाप जारी कर दिए गए हैं। इनके अंतर्गत डेयरी मवेशियों, हरे फसल वाले खेत, अनाज के ढेर एवं मीठी मृदा की महक वाले तेलंगाना राज्य के गाँव की कृषि क्षेत्र में बढ़ोत्तरी को प्रदर्शित कर रहे हैं। प्रदेश में खेती-किसानी की वृध्दि संपूर्ण भारत हेतु एक आदर्श के रूप में कार्य कर रही है।
यह राज्य सरकार किसानों से 2970 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से हजारों टन ज्वार खरीदेगी

यह राज्य सरकार किसानों से 2970 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से हजारों टन ज्वार खरीदेगी

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने ज्वार की खरीद के लिए सरकारी एजेंसी मार्कफेड को आदेश भी दे दिया है। मुख्यमंत्री के आदेश देने के बाद मार्कफेड ज्वार की खरीद की तैयारियों में जुट गई है। तेलंगाना राज्य में ज्वार की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश के ज्वार किसानों को अपनी फसल को बेचने के लिए इधर उधर चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। तेलंगाना सरकार की तरफ से यह घोषणा की गई है, कि सरकार प्रदेश के कृषकों से 2970 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से ज्वार की खरीद करेगी। साथ ही, इस खबर से ज्वार की खेती करने वाले कृषकों के मध्य खुशी की लहर है। किसानों का कहना है, कि सरकार के इस फैसले से उन्हें बेहद लाभ होगा। फिलहाल, ज्वार की धनराशि से धान की खेती बेहतर ढ़ंग से कर सकेंगे। वह इन रुपयों से धान की खेती में समयानुसार खाद डाल सकेंगे।

तेलंगाना सरकार मोटे अनाज को प्रोत्साहन दे रही है

किसान तक के अनुसार, तेलंगाना राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की सरकार प्रदेश में मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहन देना चाहती है। यही कारण है, कि उसने इस प्रकार का फैसला लिया है, जिससे कि किसान धीरे- धीरे मोटे अनाज की खेती की तरफ बढ़ सकें। दरअसल, तेलंगाना सरकार मोटे अनाज के रकबे को बढ़ाने के उद्देश्य से कृषकों को निःशुल्क बीज भी वितरित किए जा रहे हैं। वर्तमान में ज्वार की खरीद किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। राज्य में इस बार ज्वार की संपूर्ण उपज को सरकार द्वारा खरीदा जाएगा।

तेलंगाना सरकार राज्य के किसानों से कितने हजार टन ज्वार खरीदेगी

विशेष बात यह है, कि राज्य सरकार द्वारा ज्वार की खरीद चालू करने के लिए सरकारी एजेंसी (मार्कफेड ) को आदेश भी दे दिया है। आदेश मिलते ही सरकारी एजेंसी ज्वार की खरीद की तैयारियों में जुट गई हैं। इस बार तेलंगाना सरकार की तरफ से कृषकों से 65500 टन ज्वार की खरीद करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए सरकार द्वारा मार्कफेड को बैंक गारंटी दिया जाएगा। सरकार मार्कफेड को 220 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी प्रदान करेगी। जिससे कि ज्वार की खरीद में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो सके।

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किसानों ने काफी बड़े पैमाने पर ज्वार का उत्पादन किया है

तेलंगाना राज्य में किसान बड़े पैमाने पर मोटे अनाज की खेती किया करते है। इस बार राज्य में लगभग एक लाख किसानों द्वारा 51395 हेक्टेयर में ज्वार की खेती की गई है। विकराबाद, गडवल, असिफाबाद, निरमल, कामारेड्डी, अदिलाबाद और नारायणपेट जनपद में किसानों ने सबसे ज्यादा ज्वार की खेती की है। ऐसे में सरकार के इस फैसले से लगभग एक लाख किसानों को सीधा लाभ होगा। उनके खाते में 2970 रुपये प्रति क्विंटल की दर धनराशि पहुंचाई जाएगी।

सर्वाधिक ज्वार का उत्पादन किस राज्य में होता है

जानकारी के लिए बतादें, कि विगत वर्ष तेलंगाना में रबी सीजन के दौरान 35,600 हेक्टेयर में ज्वार का उत्पादन किया था। परंतु, इस बार कृषकों ने मिलेट मिशन के अंतर्गत बड़े रकबे में ज्वार की बुवाई की है। रबी फसल सीजन 2021-22 में तेलंगाना के किसानों ने 48 लाख टन ज्वार की पैदावार की थी। ऐसी स्थिति में भारत में आंध्र प्रदेश के अंदर सर्वाधिक ज्वार का उत्पादन किया जाता है।
धान की एमएसपी में वृद्धि से किसानों को होगा काफी फायदा

धान की एमएसपी में वृद्धि से किसानों को होगा काफी फायदा

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मार्केटिंग सीजन 2023-23 के लिए खरीफ की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य अधिक करने का निर्णय किया गया है। केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी का कहना है, कि इस निर्णय का सबसे ज्यादा लाभ तेलंगाना के किसानों को होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई। इसके चलते आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने 2023-24 मार्केटिंग सीजन हेतु खरीफ की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) इजाफा करने पर मुहर लगा दी है। इस पर केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी का कहना है, कि सरकार के इस निर्णय से तेलंगाना के धान से लेकर मक्का, सूरजमुखी एवं कॉटन किसानों को काफी लाभ होगा।

तेलंगाना भारत का दूसरा सर्वोच्च धान उत्पादक राज्य है

तेलंगाना से आने वाले केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया केंद्र सरकार साल 2014 से निरंतर एमएसपी में वृद्धि कर रही है। तेलंगाना भारत का दूसरा सबसे बड़ा धान उत्पादक राज्य है। अब धान के एमएसपी में बढ़वार होने का फायदा यहां के किसान भाइयों को मिलेगा। राज्य में उत्पादित की जाने वाली प्रमुख फसलों की एमएसपी में 2014 से 2023 के मध्य 60 से 80 फीसद तक की वृद्धि हुई है।

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इन फसलों के उत्पादकों को काफी लाभ है

जी. किशन रेड्डी ने बताया है, कि प्रदेश में मक्का, धान, सूरजमुखी और कपास की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। बतादें, कि साल 2014 से अब तक सूरजमुखी के बीजों की एमएसपी में सर्वाधिक 80 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। साथ ही, कपास किसानों को लाभ पहुंचाने एवं तेलंगाना के हैंडलूम एवं टेक्सटाइल क्षेत्र को प्रोत्साहन देने में भी एमएसपी बढ़ाने का योगदान है। कपास की एमएसपी 2014 से अब तक 75 प्रतिशत तक बढ़ गई है। अन्नदाता मतलब कि कृषकों की आमदनी भी 2014 के पश्चात से बढ़ी है। तेलंगाना धान का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। साथ ही, मक्का का भी काफी उत्पादन करता है। इन दोनों फसलों की एमएसएपी में 60 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

इन फसलों की एमएसपी कितनी है

तेलंगाना में उत्पादित होने वाली प्रमुख फसलों में धान-सादा की एमएसपी 2014 में 1360 रुपये प्रति क्विंटल थी। वर्तमान में यह 61 प्रतिशत बढ़कर 2183 क्विंटल पर पहुँच गई है। साथ ही, धान-ग्रेड ए पूर्व में 1400 रुपये क्विंटल था, जो कि फिलहाल 2203 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। मतलब कि 57 प्रतिशत का इजाफा।

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इसी प्रकार मक्का की दर 1310 रुपये से 60 प्रतिशत बढ़कर 2090 रुपये क्विंटल, सनफ्लावर सीड की 3750 रुपये से 80 प्रतिशत बढ़कर 6760 रुपये क्विंटल, कॉटन (मीडियम स्टेपल) की 3750 रुपये से 77 प्रतिशत बढ़कर 6620 रुपये क्विंटल और कॉटन (लॉन्ग स्टेपल) की 4050 रुपये से 73 प्रतिशत बढ़कर 7020 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।

किसानों को कितना लाभ मिलेगा

केंद्र सरकार का यह निर्णय आम बजट 2018-19 की उस घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को फसलों की औसत लागत पर 50 प्रतिशत अधिक के समतुल्य करना था। तेलंगाना में उत्पादित होने वाली फसलों के साथ भी कुछ ऐसा हुआ है। प्रदेश में धान-सादा का औसत खर्चा 1455 रुपये क्विंटल है। वहीं, एमएसपी 50 प्रतिशत ज्यादा 2183 रुपये है। उधर मक्का की लागत 1394 रुपये है और एमएसपी 2090 रुपये क्विंटल, सनफ्लावर सीड की लागत 4505 रुपये है एवं एमएसपी 6760 रुपये एवं कॉटन (मीडियम स्टेपल) की लागत 4411 रुपये और एमएसपी 6620 रुपये क्विंटल है।
इस राज्य सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर किसानों का कर्ज माफ किया

इस राज्य सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर किसानों का कर्ज माफ किया

हिंदुस्तान के इस बार 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस पर राज्य सरकार ने किसानों को बड़ी खुशखबरी प्रदान की है। यदि आप भी तेलंगाना के किसान हैं, तो आपको भी कर्ज से आजादी मिल गई है। तेलंगाना सरकार ने स्वतंत्रा दिवस के अवसर पर किसानों को 5,809.78 करोड़ रुपये का तोहफा दे दिया है। भारत भर में केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार की ओर से किसानों को समय-समय पर विशेष तोहफा दिया जाता रहा है। इस बार 15 अगस्त पर राज्य सरकार ने किसानों को बड़ी खुशखबरी प्रदान की है। यदि आप भी किसान हैं, तो आपको भी कर्ज से आजादी मिल गई है। तेलंगाना सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किसानों को 5,809.78 करोड़ रुपये का तोहफा प्रदान किया है। राज्य सरकार ने 9 लाख से अधिक किसानों को 1 लाख रुपये तक का एग्री लोन माफ करने का निर्णय लिया है।

किसानों का 1 लाख से कम का कर्जा माफ किया

मीडिया खबरों के अनुसार, राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा है, कि 1 लाख रुपये से कम कर्जा वाले कृषकों के कर्ज को माफ किया जा रहा है। राज्य सरकार ने 99,999 रुपये तक के कर्ज का भुगतान बैंकों को करने का फैसला किया जाएगा।

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पुनः सरकार बनने पर वादा किया था

तेलंगाना सरकार का कहना है, कि 9,02,843 किसानों के लिए 5,809.78 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जिसके पश्चात किसानों के नाम से ये पैसा तुरंत जमा कर दिया जाएगा। 2018 में निरंतर दूसरी बार सत्ता में आने के बाद में राज्य सरकार ने 1 लाख रुपये की फसलीय लोन को माफ करने का वादा किया था।

जानिए कितने किसानों को लाभ मिला है

बतादें, कि राज्य के मुख्यमंत्री ने 2 अगस्त को किसानों की कर्ज माफी की योजना को पूरा करने का निर्णय लिया था, जिसको सरकार ने पूरा कर दिया है। 50,000 रुपये तक का कर्जा लेने वाले 7,19,488 किसानों के मामले में बैंकों को 1,943.64 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इसके अतिरिक्त 99,999 रुपये तक की कर्ज राशि को निपटाने के लिए नए आदेश जारी किए गए। कुल 16,66,899 किसानों को इसका लाभ प्राप्त हुआ है।
किसानों को तेलंगाना सरकार ने नवीन मंच देकर दिया तोहफा

किसानों को तेलंगाना सरकार ने नवीन मंच देकर दिया तोहफा

तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी और उघोग मंत्री केटी रामाराव ने भारत का प्रथम कृषि डेटा एक्सचेंज (एडेक्स) और कृषि डेटा प्रबंधन ढांचे (एडीएमएफ) की पेशकश की है। एक सरकारी बयान में बताया गया है, कि कृषि क्षेत्र के लिए डिजिटल सार्वजनिक ढांचे (डीपीआई) के रूप में विकसित ए-डेक्स - तेलंगाना सरकार, विश्व आर्थिक मंच और भारतीय विज्ञान संस्थान के मध्य की साझेदारी है। किसानों के लिए सरकार की तरफ से विभिन्न तरह की योजनाऐं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को बेहद राहत प्रदान करने का काम किया जा रहा है। साथ ही, किसानों को आर्थिक सहयोग भी सरकार की तरफ से दिया जाता है। इसके अतिरिक्त किसानों की आजीविका में भी सकारात्मक सुधार लाने का कार्य सरकार की तरफ से किया जा रहा है। इस दौरान सरकार की तरफ से बड़ा ऐलान किया गया है। दरअसल, तेलंगाना सरकार की तरफ से एक विशेष पेशकश की गई है, जिससे किसानों को लाभ मिलने की आशा है।

कृषि डेटा एक्सचेंज की किसने पेशकश की है

तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी एवं उद्योग मंत्री केटी रामाराव ने भारत का प्रथम कृषि डेटा एक्सचेंज (एडेक्स) और कृषि डेटा प्रबंधन ढांचे (एडीएमएफ) की पेशकश की है। एक सरकारी बयान में बताया गया है, कि कृषि क्षेत्र के लिए डिजिटल सार्वजनिक ढांचे (डीपीआई) के रूप में विकसित ए-डेक्स - तेलंगाना सरकार, विश्व आर्थिक मंच एवं भारतीय विज्ञान संस्थान के मध्य की साझेदारी है।

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कृषक भाइयों की आजीविका में सुधार लाने की कोशिश

मंत्री का कहना है, कि ‘‘एडीईएक्स और एडीएमएफ दोनों उद्योग और स्टार्टअप के जरिए कृषि डेटा के उचित और कुशल उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सही मंच प्रदान करते हैं और विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में डेटा अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा देते हैं। ये पहल तेलंगाना को खाद्य प्रणालियों में परिवर्तन लाने और किसानों की आजीविका में सुधार करने के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने में सहायता करती हैं।”

संपूर्ण तेलंगाना में विस्तार किया जाएगा

परियोजना के चरण-एक में ए-डेक्स मंच वर्तमान में खम्मम जनपद में तैनात किया गया है। समय के साथ संपूर्ण राज्य में इसका विस्तार किया जाएगा। साथ ही, यह उम्मीद की जा रही है, कि इस तरह से किसानों की आमदनी में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है। साथ ही, उनके रहन-सहन में भी आगामी दिनों में सुधार देखने को सकता है।
प्रियंका गांधी ने फसल एमएसपी की गारंटी और कर्ज माफी का ऐलान किया

प्रियंका गांधी ने फसल एमएसपी की गारंटी और कर्ज माफी का ऐलान किया

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने तेलंगाना में चुनाव प्रचार के दौरान एक बड़ी घोषणा कर ड़ाली है। उन्होंने कहा है, कि तेलंगाना राज्य के किसान कर्ज की वजह से काफी ज्यादा परेशान हैं। क्योंकि उन्हें वर्तमान सरकार की तरफ से किसी तरह की कोई सहायता नहीं मिल रही है। प्रियंका गांधी ने जनता और विशेषकर राज्य के कृषकों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि तेलंगाना में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करके कांग्रेस सरकार बनाती है, तो किसानों को फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी मिलेगी। यदि कांग्रेस तेलंगाना में अपनी सरकार बना लेती है, तो किसानों को धान का एमएसपी 2500 रूपये प्रति क्विंटल , सोयाबीन के लिए 4,400 रुपए, मक्का के लिए 2,200 रूपए , गन्ना के लिए 4000 रुपए, अरहर के लिए 6700 रुपए और कपास के लिए 6500 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी निर्धारित करेगी।

किसानों के साथ-साथ कृषि मजदूरों को भी तोहफा

इसके अतिरिक्त उन्होंने ये भी कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस के सत्ता में आते ही किसानों के अच्छे दिन शुरू हो जाएंगे। इसके साथ-साथ कांग्रेस महासचिव ने और भी कई बड़े ऐलान किए हैं, जिनके अंतर्गत महिलाओं को प्रति महीने ₹2500 रु के साथ ही 500 रु में गैस सिलेंडर और फ्री बस यात्रा की सुविधा दी जाएगी, वहीं किसानों को सालाना 15 हजार रूपये आर्थिक सहायता के तौर पर प्रदान किए जाएंगे। वहीं, कृषि मजदूरों के लिए ये राशि 12 हजार रूपये वार्षिक निर्धारित की गई है। इसके अलावा 200 यूनिट मुफ्त बिजली, घर बनाने के लिए मुफ्त जमीन और 5 लाख रूपये के साथ ही बुजुर्गों को मासिक पेंशन के तौर पर 4 हजार रूपये देने का ऐलान किया गया है।

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एमएसपी के लिए गारंटी कानून

जैसा कि सब जानते हैं, कि किसान विगत काफी समय से एमएसपी के लिए गारंटी कानून निर्मित करने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस का यह दाव विधानसभा चुनाव में उसे जीत दिलाने की दिशा में एक बड़ा निर्णय साबित हो सकता है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि तेलंगाना में 30 नवंबर को 119 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होने वाले हैं, जिसका परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किया जाएगा। किसानों के लिए किए गए वादों को पूरा करेगी या नहीं ये एक अलग बात है, लेकिन किसान के लिए इन घोषणाओं का वास्तविकता में तब्दील होने बेहद जरूरी है। क्योंकि, भारत एक कृषि प्रधान देश है।