किसान रबी सीजन में इन पांच उन्नत सब्जियों की खेती से शानदार उपज हांसिल कर सकते हैं

रबी सीजन की उन्नत पांच सब्जियों की फसल लहसुन, शिमला मिर्च, टमाटर, आलू और मटर कृषकों को कम वक्त और कम लागत में शानदार उत्पादन देंगी। कृषकों के द्वारा सीजन के मुताबिक, विभिन्न प्रकार की विभिन्न फसलों की खेती की जाती है, जिससे कि किसान कम समयावधि में ज्यादा उत्पादन के साथ-साथ  शानदार मुनाफा हांसिल कर सकें। यदि आप भी फसलों से शानदार लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो ऐसे में आपको अपने खेत में सीजन के मुताबिक खेती करनी चाहिए।  बतादें, कि इस समय रबी का सीजन चल रहा है, तो ऐसे में कृषक अपने खेत में रबी सीजन की फसलों को लगा सकते हैं। इसी कड़ी में आज हम भारत के किसानों के लिए रबी सीजन की टॉप पांच उन्नत सब्जियों की फसलों की जानकारी देने वाले हैं। जो कि कम वक्त में बेहतरीन पैदावार देने में सक्षम हैं, जिन रबी सीजन की सब्जियों की हम बात कर रहे हैं, वह लहसुन, शिमला मिर्च, टमाटर, आलू और मटर है।

रबी सीजन में उगाई जाने वाली पांच उन्नत सब्जियों की फसल

शिमला मिर्च की खेती  

शिमला मिर्च की खेती से शानदार उपज पाने के लिए कृषक को पॉलीहाउस अथवा लो टनल विधि का इस्तेमाल करना चाहिए। शिमला मिर्च के उन्नत बीजों से नर्सरी तैयार कर कृषक 20 दिन के उपरांत ही पौधों की रोपाई करना प्रारंभ कर सकते हैं। इसके साथ ही यूरिया की 25 किग्रा. अथवा नाइट्रोजन की 54 किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से डालें।

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टमाटर की खेती 

किसान भाई टमाटर की भी पॉलीहाउस में सुगमता से रोपाई कर सकते हैं। टमाटर की फसल में कीट-रोग नियंत्रण का विशेष रूप से ध्यान रखें। क्योंकि इसकी फसल में शीघ्रता से रोग लग जाते हैं। शानदार उत्पादन के लिए फसल में 40 किग्रा नाइट्रोजन, 50 किग्रा फास्फेट, 60-80 किग्रा पोटाश के साथ जिंक 20-25 किग्रा, 8-12 किग्रा बोरेक्स का उपयोग करें।

आलू की खेती 

आलू के कंदों को बनने के लिए 20 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे ज्यादा होता है। बतादें, कि जैसे-जैसे तापमान में बढ़ोतरी होती है, वैसे-वैसे ही कंदों का निर्माण होना भी कम होने लगता है। इस वजह से सर्दियों के समय में आलू की खेती कृषकों के द्वारा सर्वाधिक की जाती है। ठंडों के माह में इसकी बिजाई, उत्पादन और भंडारण बेहद सुगम होता है। यदि देखा जाए तो आलू की समस्त किस्में 70 से 100 दिनों के समयांतराल में पककर तैयार हो जाती हैं।

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मटर की खेती   

मटर के बीज को उत्पादित होने के लिए 22 डिग्री सेल्सियस के तापमान की आवश्यकता होती है। बीज के अंकुरित होने के पश्चात इसके अच्छे विकास फली में शानदार दाने पड़ने हेतु 10 से 15 सेल्सियस के मध्य का तापमान होना चाहिए। मटर की बिजाई करने के लिए 35 से 40 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ की मात्रा में इस्तेमाल करें। इसके अतिरिक्त बिजाई करने से पूर्व कप्तान अथवा थीरम 3 ग्राम या कार्बेनडाज़िम 2.5 ग्राम से प्रति किलो बीज का उपचार करें। ऐसा करने से पैदावार क्षमता में 8 से 10 फीसद तक की बढ़ोतरी होती है।

लहसुन की खेती  

लहसुन एक प्रकार की औषधीय खेती होती है। किसानों को इसकी बिजाई करने के लिए 500-700 किग्रा प्रति हेक्टेयर की बीज पर्याप्त है। इसका शानदार उत्पादन हांसिल करने के लिए कृषकों को लहसुन की बिजाई के वक्त कतार विधि का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही, लहसुन के कंदों का उपचार भी अवश्य करना चाहिए। इसके पश्चात खेत में 15x7.5 सेमी के फासले पर इसकी बिजाई करना आरंभ करें।