बदलते मौसम में फसलें तबाह होने पर यहां संपर्क करें किसान
कृषि कार्यों में हमेशा मौसम की अनिश्चितताएं हावी रहती हैं। कभी बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से फसलें तबाह हो जाती है तो कभी तेज गर्मी के कारण फसलें बुरी तरह से प्रभावित होती हैं। फसलों के तबाह होने पर किसानों के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ जाता है जिससे किसान टेंशन में आ आ जाते हैं। इस साल भी खेती किसानी में मौसम की अनिश्चितताएं हावी रही हैं जिसके कारण किसान भाई परेशान हैं। पहले फरवरी में तापमान बढ़ने के कारण गेहूं की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई थी। विशेषज्ञों द्वारा एक बार फिर से गेहूं के उत्पादन में कमी की आशंका जाहिर की जा रही थी। इसके बाद रही सही कसर बिना मौसम वाली बरसात और ओलावृष्टि ने पूरी कर दी है। कई राज्यों में बिना मौसम बरसात और ओलावृष्टि के कारण फसलों में जबरदस्त नुकसान हुआ है। जिसके कारण कई किसानों ने फसलों की कटाई को रोक दिया है साथ ही किसानो द्वारा खेतों में बिछ चुकी फसलों को सुखाने का प्रयत्न किया जा रहा है।गेहूं की फसल को हुआ है भारी नुकसान
बदले हुए मौसम के कारण कई राज्यों में सरसों और चने के साथ गेहूं की फसलों को जबरदस्त नुकसान हुआ है। तेज हवा चलने के कारण गेहूं की फसलें झुक गई हैं यानि पूरी तरह से खेतों में बिछ गई हैं। कृषि विशेषज्ञों ने अब कुछ दिनों के लिए गेहूं की फसल को आराम देने की सलाह दी है।ये भी पढ़ें: सर्दी में पाला, शीतलहर व ओलावृष्टि से ऐसे बचाएं गेहूं की फसल भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि आगामी कुछ दिनों तक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में तेज हवाएं, बारिश, बिजली और ओलावृष्टि का प्रकोप जारी रह सकता है। इसको देखते हुए इन राज्यों की गेहूं के फसलें बुरी तरह से प्रभावित हो सकती हैं। जिससे एक बार फिर से देश में गेहूं के उत्पादन में कमी आ सकती है। साथ ही देश में गेहूं का भंडारण प्रभावित होगा। इसके साथ ही बाजार में गेहूं की उपलब्धता कम होने के कारण गेहूं का निर्यात भी प्रभावित हो सकता है।