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ai in farming

जानें CHATGPT ने कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्त्व के बारे में क्या कहा है

जानें CHATGPT ने कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्त्व के बारे में क्या कहा है

आज हम आपको कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) के उपयोग के विषय में बताने वाले हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस किस तरह मदद कर सकता है, इस सवाल पर ChatGPT का कहना है, कि AI कृषि के क्षेत्र में विभिन्न तरह से कार्य कर सकता है। आज के दौर में निरंतर एआई मतलब कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) का उपयोग बढ़ता जा रहा है। प्रत्येक कार्य में लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता लेने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में सवाल यह है, कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस खेती में किस प्रकार से किसानों की सहायता कर सकता है। जब हमने ChatGPT जो खुद एक चैटबॉट है, उससे इस सवाल का जवाब मांगा तो उसने हमें विभिन्न रोचक बातें बताईं। जिनके बारे में जानना आपके लिए भी काफी आवश्यक है।

अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कृषि डेटा विश्लेषण कर किसानों की काफी सहायता करता है

एआई कृषि क्षेत्र से संबंधित डेटा को विश्लेषण करके फसलों की मौसम पैटर्न, मात्रा एवं विकास के संकेतों को समझ सकता है। इससे कृषकों को फसल प्रबंधन, प्रीक्टिव एनालिटिक्स, उपयुक्त खेती तकनीकों की अनुशंसा और कृषि निर्माण प्रबंधन की सलाह मिलती है।

एआई द्वारा अनुप्रयोग और संचालन विधि के विकास में मदद मिलती है

एआई खेती में किसानों को विभिन्न खेती अनुप्रयोगों और कृषि यंत्रों के लिए संचालन विधि विकसित करने में सहायता कर सकता है। यह दौर श्रम और संसाधनों की बचत करके फायदेमंद एवं स्वतंत्र खेती प्रथाओं का विकास करने में सहायता करता है। ये भी पढ़े: इन कृषि यंत्रों पर सरकार दे रही है भारी सब्सिडी, आज ही करें आवेदन

ऑटोमेशन और रोबोटिक्स कृषि क्षेत्र में क्या सहयोग करता है

बतादें, कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) खेती में ऑटोमेशन और रोबोटिक्स के इस्तेमाल से किसानों की मेहनत के साथ-साथ समय की बर्बादी को रोकने में काफी मदद मिलती है। रोबोट के जरिए किसान के खेत में कई उपयोगी कार्यों को संभव किया जा सकता हैं। जैसे कि बीजारोपण, फसल के लिए पानी का वितरण, जैविक उर्वरक का छिड़काव और कीटनाशक छिड़काव।

एआई कृषि उत्पादों की गुणवत्ता का निर्धारण करने में मदद करता है

एआई (AI) कृषि के अंदर उत्पादों की गुणवत्ता का निर्धारण करने में सहायता कर सकता है। इससे फसलों की गुणवत्ता एवं मात्रा को नियंत्रण में किया जा सकता है। बाजार में उनकी कीमतों को ज्यादा सुविधाजनक किया जा सकता है।

एआई समस्या निवारण करने के लिए काफी मदद कर सकता है

एआई (AI) खेती में किसानों को उनकी परेशानियों का निराकरण करने के लिए सहायता कर सकता है। इससे उनको बीमारियों का प्रबंधन, जैविक उर्वरक और कीटनाशक आदि के विषय में कई सारे तरीकों की सलाह और उपाय मिलते हैं। आजकल बदलते समय के साथ-साथ आधुनिकता भी बढ़ती चली जा रही है। देश में लगभग समस्त कार्य क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग होना शुरू हो गया है।
इस राज्य में ड्रोन से छिड़काव करने पर किसानों को 50% प्रतिशत छूट

इस राज्य में ड्रोन से छिड़काव करने पर किसानों को 50% प्रतिशत छूट

बिहार राज्य में किसान भाइयों को फसलों पर दवा छिड़काव के लिए मोटा अनुदान दिया जाऐगा। किसान भाई इस अनुदान का लाभ उठाने के लिए कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर ड्रोन के माध्यम से दवा छिड़कने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

​खेत में खड़ी फसल की शानदार उपज पाने के लिए किसान भाई विभिन्न प्रकार के कार्य करते हैं। कृषक फसल अच्छी हो फसल पर कीटों का प्रकोप ना हो इसके लिए उस पर कीटनाशक का स्प्रे करते हैं। आज हम आपको इसी से जुड़ी एक खुशखबरी सुनाने जा रहे हैं। 

फसल सुरक्षा योजना के तहत ड्रोन से छिड़काव पर 50 फीसद छूट 

फसल सुरक्षा योजना में पहली बार ड्रोन के जरिए से कीटनाशकों का छिड़काव शम्मिलित किया गया है। बिहार सरकार किसानों को प्रति एकड़ कीटनाशक छिड़काव करने के लिए 50% प्रतिशत रुपये देगी। कीटनाशकों के छिड़काव के लिए एक सेवा प्रदाता चयनित किया गया है। 15 जनवरी से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई थी।

ये भी पढ़ें: इस राज्य में फसल पर ड्रोन से छिड़काव व निगरानी बिल्कुल मुफ्त में की जाएगी

रैयत एवं गैर-रैयत किसान दोनों ही इसका फायदा प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए कृषकों को आवेदन करने के दौरान शपथ पत्र या पंचायत प्रतिनिधि का सुझाव पत्र भी देना पड़ेगा। योजना के अंतर्गत किसान ड्रोन से छिड़काव को कम से कम एक एकड़ और अधिकतम 10 एकड़ में कर सकता है। 

किसानों की दवा स्प्रे पर कितने रुपए प्रति एकड़ लागत आऐगी  

किसानों को ड्रोन से दवा का छिड़काव करने पर 480 रुपये प्रति एकड़ की लागत आऐगी। सरकार इस पर पचास फीसद यानी 240 रुपये का अनुदान देगी। अन्य 240 रुपये किसान को देने होंगे। किसानों को कृषि विभाग व कृषि वैज्ञानिकों की ओर से अनुशंसित नहीं किए गए कीटनाशकों का उपयोग करना चाहिए। ड्रोन किसानों को आलू, मक्का, गेहूं, दलहन, तिलहन और अन्य फसलों पर कीटों को नियंत्रित करने में सहायता कर सकते हैं। कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को ही योजना का फायदा मिलेगा।

कहाँ करें ड्रोन से दवा स्प्रे के लिए आवेदन ? 

किसान कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर ड्रोन के जरिए दवा छिड़कने के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते वक्त आपको आधार कार्ड, जमीन का रकबा, फसल का प्रकार और जमीन की रसीद देनी होगी। प्राप्त आवेदनों का सत्यापन कृषि समन्वयक, पौधा संरक्षण कर्मी, प्रखंड तकनीकी एवं सहायक प्रबंधक करेंगे। चयनित एजेंसी ड्रोन के माध्यम से दवा का छिड़काव करेगी। ड्रोन से छिड़काव करने से किसानों का स्वास्थ्य खराब नहीं होगा। जबकि मशीनों से छिड़काव करने में ज्यादा पानी, श्रम और धन की जरूरत होती है।