Ad

atta price

सरकार आटा सस्ता करने की पहल कर रही है, अब तक 8 प्रदेशों में इतने लाख मीट्रिक टन बिका गेंहू

सरकार आटा सस्ता करने की पहल कर रही है, अब तक 8 प्रदेशों में इतने लाख मीट्रिक टन बिका गेंहू

भारत में गेहूं एवं आटे के भाव को कम करने की पहल आरंभ हो गई है। प्रथम दिन आठ प्रदेशों में 8.88 लाख मीट्रिक टन गेहूं का विक्रय हुआ है। खरीदार तय भावों पर ही आमजनता को गेहूं-आटा बेचेंगे। भारत में बड़ी गेहूं एवं आटे के भावों ने केंद्र सरकार की दिक्कत बढ़ा रखी हैं। विभिन्न राज्यों में गेहूं का मूल्य 40 से 50 रुपये प्रति किलो ग्राम तक पहुंच गया है। साथ ही, केंद्र सरकार द्वारा पहल की जा रही है कि इसको वह 30 रुपये प्रति किलोग्राम के तक कर सके। गेहूं का भाव यदि कम होता है, तो निश्चित तौर पर आटे की कीमत भी कम होगी। यदि भाव कम हुए तो आमजनता का घरेलू बजट नहीं बिगड़ेगा। इस बात को लेके विभिन्न राज्यों में फिलहाल गेहूं विक्रय आरंभ कर दिया गया है।

प्रथम दिन 22 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा गया है

गेहूं के भावों को संतुलित करने हेतु केंद्र सरकार द्वारा भारतीय खाद्य निगम को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ई-नीलामी के माध्यम से बड़े एवं छोटे गेहूं व्यापारियों को गेहूं विक्रय किया जा रहा है। बुधवार को एफसीआई के स्तर से खुले बाजारों में सर्वप्रथम ई-नीलामी के जरिए से गेहूं का विक्रय किया गया। 25 लाख मीट्रिक टन भंडारण में से 22 लाख मीट्रिक टन गेहूं की प्रस्तुति दी गई। ये भी देखें: केंद्र सरकार ने गेंहू के भावों को नियंत्रण करने के लिए जारी की यह योजना

भारत में 8.88 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा जा चुका है

भारत में गेहूं खरीदने के लिए में छोटे और बड़े समस्त व्यापारी दिलचस्पी व्यक्त कर रहे हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक, प्रथम दिवस ई-नीलामी में हिस्सा लेने हेतु 1100 से अधिक व्यापारी पहुंच गए हैं। सब की तरफ से छोटी बड़ी बोली लगाई गई। पहले दिन देश के 22 राज्यों के अंदर 8.88 लाख मीट्रिक टन गेहूं विक्रय किया गया। मार्च माह के दूसरे सप्ताह तक बुधवार को पूरे देश में ई-नीलामी से गेहूं को बेचा जाता रहेगा।

आमजनता को 29.50 रुपये प्रति किलो की दर से गेंहू विक्रय किया जाएगा

भारत सरकार गेहूं के भावों पर काबू पाने हेतु 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं बाजार में उतारेगी। जिसमें से 25 लाख टन गेंहू सीधे चक्की कारोबार से जुड़े कारोबारियों को प्रदान किया जाएगा। केंद्र द्वारा एनएएफईडी, केंद्रीय भंडार और एनसीसीएफ जैसी सहकारी समितियों एवं महासंघ को बिना ई-नीलामी के बिक्री हेतु 2,350 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। साथ ही, आमजनता को आटा 29.50 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जाएगा। एनसीसीएफ इस योजना के अंतर्गत 7 राज्यों में 50,000 मीट्रिक टन गेहूं भंडारण को उठा सकता है।
एफसीआई के प्रयास से आटे की कीमतों में आई फिर गिरावट

एफसीआई के प्रयास से आटे की कीमतों में आई फिर गिरावट

एफसीआई के जरिए से आटे का भाव लगातार निरंत्रण में किया जा रहा है। अब तक 33 लाख मीट्रिक टन गेंहू का विक्रय किया गया है। नतीजतन फिर से गेंहू के भाव में गिरावट देखने को मिली है। गेहूं और आटे के भाव में निरंतर बढ़ोत्तरी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा उठाए गए अहम कदमों का प्रभाव फिलहाल भूमि पर देखने को मिल रहा है। इसलिए ही गेहूं की कीमत में कमी हुई है। जानकारों ने बताया है, कि खुदरा बाजार में गेहूं का भाव कम हो गया है। असलियत में जनवरी माह में अचानक गेहूं और आटे का मूल्य काफी हद तक बढ़ा हुआ था। इस वजह से खाद्यान उत्पादों की कीमत काफी महंगी हो गई थीं। ऐसी हालत में फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने ई- नीलामी के जरिए खुद बाजार में गेहूं बेचने का निर्णय लिया। ये भी देखें: केंद्र सरकार ने गेंहू के भावों को नियंत्रण करने के लिए जारी की यह योजना खबरों के अनुसार, एफसीआई द्वारा 33 लाख मीट्रिक टन गेंहू बेचने की वजह से खुदरा बाजार में गेंहू के भाव में 6 से 8 रुपए किलो की गिरावट आई है। विशेष बात यह है, कि इस बात की पुष्टि स्वयं रोलर मिल फेडरेशन के प्रेसिडेंट एस प्रमोद कुमार द्वारा की गई है। उनका कहना है कि आटे के भाव में आई गिरावट की मुख्य वजह एफसीआई द्वारा बेचा गया गेंहू है। इसके चलते आटा 32 से 35 रुपए किलोग्राम हो गया है।

अचानक जनवरी में गेंहू के बढ़े भाव को एफसीआई ने किया नियंत्रित

आपको याद दिलादें कि जनवरी माह में आकस्मिक गेंहू के भाव में बढ़ोत्तरी हो गई थी। निश्चित रूप से इसकी वजह से आटा के दाम भी खूब बढ़ गए थे। जो आटा 30 से 35 रुपये किलो में बिकता था, उस आटे का भाव 40 से 45 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से हो गया था। इससे आम जनता काफी प्रभावित हुई थी उनके रसोई का बजट खराब हो गया और उनकी थाली से रोटी तक गायब हो गई थी। ऐसी स्थिति में महंगाई की वजह से केंद्र सरकार भी काफी चिंता में पड़ गई। जिसके उपरांत एफसीआई द्वारा गेहूं की ई-नीलामी आरंभ की गई। इससे महंगाई पर रोकथाम लगाई गई है।

इस वर्ष होगी गेंहू की बेहतरीन पैदावार : केंद्र सरकार

केंद्र सरकार का कहना है, कि गर्मी के बढ़ने का गेहूं की फसल पर कोई प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। फिलहाल, किसान भाइयों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। केंद्र सरकार के अनुमानुसार, इस वर्ष गेहूं की फसल की बेहतरीन पैदावार हो सकती है। सरकार के अनुसार, 108-110 लाख मैट्रिक टन गेहूं का उत्पादन होने की संभावना है। साथ ही, गेहूं की कीमत एमएसपी से अधिक ही रहने वाली है। साथ ही, आपको बतादें कि मध्य प्रदेश में 25 मार्च से गेहूं की खरीद चालू हो जाएगी। वहीं, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत बाकी राज्यों में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद चालू होनी है। .