दूध का काम किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। यदि आपके पास गांव देहात में अच्छी खासी जमीन है, तो आप दूध का काम चालू कर सकते हैं। दूध के कार्य में काफी धन एवं यह कृषि व्यवसायों में सबसे ज्यादा मुनाफे का व्यवसाय है। इसे आरंभ करने के लिए काफी ज्यादा निवेश की भी आवश्यकता नहीं पड़ती एवं मुनाफा भी काफी जम कर होता है।
शहद का काम यानी मधुमक्खी पालन
दुसरे नंबर पर शहद का काम आता है। शहद का काम जिसको हम मधुमक्खी पालन भी कहते हैं, काफी ज्यादा साफ काम है। मधुमक्खी पालन करने के दौरान आप केवल शहद से ही धन अर्जित नहीं करते हैं। उसके साथ-साथ मोम, पराग, प्रापलिस, रॉयल जैली और विष इत्यादि के माध्यम से भी आप मोटा धन अर्जित कर सकते हैं। इस कार्य को आप काफी कम धन लगा कर भी चालू कर सकते हैं।
फूलों की खेती
बाजार में फूलों की मांग प्रति दिन बढ़ रही है। पहले फूल केवल पूजा पर उपयोग होते थे। परंतु, अब हर फंक्शन में इस्तेमाल होते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि फूलों की कीमत किसानों को काफी अच्छी मिल जाती है। साथ ही, फूलों की पैदावार भी किसी अन्य फसल से कहीं अधिक होती है। एक बार किसी फूल का पौधा लग गया तो वह तीन से चार बार फूल देकर ही जाता है।
बिहार राज्य में सरकार की ओर से मधुमक्खी पालन करने के इच्छुक किसानों को 90 प्रतिशत तक की सब्सिड़ी दी जाती है। शहद के लिए कॉलोनी समेत मधुमक्खी बॉक्स, मधु निष्कासन यंत्र और प्रसंस्करण के लिए सामान्य श्रेणी के कृषकों को 75 प्रतिशत तक सब्सिड़ी दी जाती है। वहीं, एससी-एसटी श्रेणी के कृषकों को 90 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है।
ये भी पढ़े: मधुमक्खी पालन को बनाएं आय का स्थायी स्रोत : बी-फार्मिंग की सम्पूर्ण जानकारी और सरकारी योजनाएं
मधुमक्खी पालन किस प्रकार करें
मधुमक्खियों को रखने के लिए कृषकों को कार्बनिक मोम (डिब्बे) की व्यवस्था करने की आवश्यकता पड़ती है। इसमें 50 हजार से लेकर 60 हजार मधुमक्खियां एक साथ रखी जाती हैं। ये मधुमक्खियां लगभग एक क्विंटल शहद की पैदावार करती हैं।
शहद उत्पादन से शानदार मुनाफा होगा
बाजार में शुद्ध शहद का भाव 700 से लेकर 100 रुपये प्रति किलो तक रहता है। अगर आप प्रति बॉक्स 1000 किलो शहद की पैदावार करते हैं, तो प्रति माह में लाखों रुपये बचा सकते हैं।
मधुमक्खी पालन में कितना खर्चा आता है
विशेषज्ञों की मानें तो 10 पेटी से मधुमक्खी पालन की शुरुआत की जा सकती है। इसमें लगभग 40 हजार रुपये तक की लागत आती है। मधुमक्खियों की तादात भी हर एक साल बढ़ती है। जितनी अधिक मधुमक्खियां बढ़ती हैं, शहद उत्पादन भी उतना ही ज्यादा होता है। साथ ही, मुनाफा उसी हिसाब से कई गुना तक बढ़ जाता है।
बिहार सरकार शहद उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए किसानों को 75,000 मधुमक्खी के बक्से और छत्ते देगी। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि डीबीटी पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसान ही इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। बक्से के साथ ही मधुमक्खी पालक छत्ता भी प्रदान किया जाएगा। छत्ते में रानी, ड्रोन और वर्कर्स के साथ 8 फ्रेम उपस्थित होंगे। सभी फ्रेमों की भीतरी दीवार मधुमक्खियों और ब्रुड्स से पूर्णतय ढंकी होगी। इसके साथ ही शहद निकलाने के लिए मधु निष्कासन यंत्र पर भी अनुदान दिया जाएगा।
अगर किसान इसे व्यवसाय के रूप में करते हैं, तो इसके बहुत सारे लाभ हैं। वहीं, इससे फसलों के परागण में भी काफी सहायता मिलती है। इससे फसल का उत्पादन बढ़ता है। किसान मधुमक्खी पालन करके उससे निकले शहद को बाजारों में बेचकर काफी बेहतरीन मुनाफा भी कमा सकते हैं।
योजना का लाभ उठाने के लिए इस तरह आवेदन करें
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सर्वप्रथम उद्यान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाना होगा। इसके बाद होम पेज पर योजना का विकल्प चयन करें। इसके बाद आप एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना पर क्लिक करें। फिर मधुमक्खी पालन के लिए आवेदन करें। इसके बाद रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाएगा। इसके बाद मांगी गई सारी जानकारी को ध्यानपूर्वक भर दें। समस्त जानकारी भरने के पश्चात आप सबमिट कर दें। फिर आपका सफलतापूर्वक आवदेन जमा हो जाएगा।