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केंद्रीय स्तर से हरियाणा, पंजाब सहित इन राज्यों में भीगे गेहूं की होगी खरीद

केंद्रीय स्तर से हरियाणा, पंजाब सहित इन राज्यों में भीगे गेहूं की होगी खरीद

केंद्र सरकार की तरफ से गेहूं खरीदी चालू कर दी गई है। साथ ही, मार्च में हुई बारिश से अधिकांश किसानों का गेहूं भीग गया था। केंद्र सरकार द्वारा नवीन नियमोें के अंतर्गत 20 प्रतिशत तक भीगा गेहूं खरीदने की छूट दी प्रदान की गई है।

भारत के विभिन्न राज्यों में गेहूं की कटाई चालू हो चुकी है। कटाई के उपरांत मौसम को ध्यान में रखते हुए किसान शीघ्र ही मंडी में गेहूं बेचने के लिए जा रहे हैं। साथ ही, हाल में हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों का काफी गेहूं भीग गया था।

किसान चिंतिति थे, कि भीगे गेहूं को किस प्रकार मंडी में विक्रय किया जाए। वर्तमान में उसी को लेके केंद्र सरकार की तरफ से कदम पहल की जा रही है। 

गेहूं खरीद को लेकर भीगे गेहूं के लिए जो नियम सख्त थे। अब केंद्र सरकार द्वारा उनमें काफी राहत दे दी गई है। किसानों को गेहूं बेचने के लिए ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।

केंद्र के स्तर से कई राज्यों में भीगे गेंहू खरीदी पर राहत

मार्च माह में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि से पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में गेहूं की फसल को काफी मोटी हानि पहुंची थी। किसानों का गेहूं काफी ज्यादा भीग गया था। 

राज्य के किसान केंद्र सरकार से गेहूं खरीद में सहूलियत देने की मांग कर रहे थे। अब तीनों राज्यों के लिए केंद्र सरकार के स्तर से गेहूं खरीद हेतु बनाए गए नियमों में ढ़िलाई की गई है। इसका यह अर्थ है, कि किसान वर्षा से प्रभावित गेहूं को भी एमएसपी पर विक्रय कर पाएंगे।

कितने फीसद तक भीगा गेंहू खरीदेंगी गेंहू एजेंसियां

गेहूं खरीद के संदर्भ में केंद्र सरकार काफी चिंतित है। केंद्र सरकार का यह प्रयास रहा है, कि विगत वर्ष के सापेक्ष में किसी भी परिस्थिति में गेहूं की खरीद न हो पाए। 

इस वजह से सरकार का प्रयास है, कि जैसा भी गेहूं मंडियों में बिक्री के लिए पहुंच रहा है। उसको किसानों से खरीद लिया जाए। नवीन नियमों के अंतर्गत एफसीआई और बाकी एजेंसियों से कहा गया है, कि 20 प्रतिशत तक भीगा गेहूं एजेंसियों द्वारा खरीदा जा सकता है। 

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लाखों हेक्टेयर गेहूं की फसल हुई प्रभावित

एक आंकड़ें के मुताबिक, इस वर्ष मार्च में हुई वर्षा से भारत भर में 11 लाख हेक्टेयर में बोई गई गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। इससे 1.82 लाख किसान प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं। 

फिलहाल, केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान में 20 फीसद के भीगे गेहूं के अनुरूप खरीद के लिए कहा गया है। मध्य प्रदेश सरकार भी इसी नियम के आधार पर कार्य कर रही है। वहां भी काफी राहत प्रदान कर दी गई है।

विगत वर्ष की तुलना में गेंहू खरीदी का लक्ष्य कम

देश में गेहूं खरीद शुरू कर दी गई है। केंद्र सरकार द्वारा रबी मार्केर्टिंग सीजन 2023-24 में 341.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जबकि विगत वर्ष यह लक्ष्य 444 लाख मिट्रिक टन था। 

इस बार गेहूं खरीद में अच्छी खासी गिरावट आ रही है। ऐसे में कम गेहूं खरीद से खुद केंद्र सरकार परेशान है। घरेलू खपत का प्रबंधन करना भी केंद्र सरकार के लिए चुनौती होगा।

यह राज्य सरकार किसानों की क्षतिग्रस्त फसल को खरीदने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी देगी 

यह राज्य सरकार किसानों की क्षतिग्रस्त फसल को खरीदने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी देगी 

किसानों को हमेशा किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ता है। बीते दिनों प्रचंड गर्मी उसके बाद तेज बारिश से लाखों हेक्टेयर में खड़ी रबी सीजन की फसलें चौपट हो गई हैं। फसल क्षति की पूर्ति के लिए यूपी सरकार के माध्यम से खराब फसल की खरीद सहित कृषि निवेश राहत धनराशि देने की घोषणा की है। इस वर्ष का मार्च का महीना कृषकों हेत अत्यंत नुकसानदायक साबित हुआ है। बेमौसम बारिश ने मध्य एवं उत्तर भारत में तबाही मचा दी है। फरवरी माह में अचानक तापमान अधिक होने की वजह से सरसों के साथ गेहूं की फसल को भी हानि पहुँच रही थी। परंतु, उसके बाद मार्च की बारिश से किसानों के परिश्रम को पूर्णतय विफल कर दिया है। खेतों में कटाई हेतु तैयार खड़ी गेहूं एवं सरसों के साथ-साथ मसूर व चना की फसलें बुरी तरह से प्रभावित हो गईं। किसानों पर विपदा की भांति आई इस संकट के समय में विभिन्न राज्य सरकारों ने किसानों को सहायता धनराशि के तौर पर मुआवजा देने की घोषणा तो कर दी। परंतु, किसान भाइयों हेतु बर्बाद हुई फसल चिंता का कारण बन चुकी है। ऐसे में प्रभावित किसानों की इस समस्या का निराकरण कर दिया गया है। हाल ही में यूपी की योगी सरकार ने अपने प्रदेश में बारिश एवं आंधी से क्षतिग्रस्त हुई फसलों को खरीने का ऐलान किया है।

किसानों की आधी से ज्यादा फसल चौपट हो चुकी है

यदि हम फसल के नुकसान पर नजर डालें तो मार्च के दूसरे पखवाड़े में बेमौसम बारिश की वजह से गेहूं एवं सरसों की फसल में 50 प्रतिशत से अधिक हानि की अटकलें लगाई जा रही हैं। उत्तर प्रदेश के 10 जनपदों में हुई फसल हानि के आकलन के अनुरूप कृषि विभाग के अधिकारियों ने 34,137 हेक्टेयर फसल बर्बादी होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। ये भी पढ़े: अगर बरसात के कारण फसल हो गई है चौपट, तो ऐसे करें अपना बीमा क्लेम बेमौसम बारिश से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले जनपदों में उन्नाव, हमीरपुर, झांसी, प्रयागराज, चंदौली, आगरा, बरेली, वाराणसी और लखमीपुर खीरी शम्मिलित हैं। सरकार द्वारा कराये गए 15 मार्च तक के सर्वेक्षण में यह पाया गया है, कि मार्च के प्रथम पखवाड़े में मौसम परिवर्तन से प्रत्यक्ष रूप से 1.02 लाख किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है।

बागवानी फसलों को भी झेलना पड़ा है नुकसान

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्च के समापन के दो दिनों में बदली परिस्थितियों से पूरे प्रदेश के कृषि क्षेत्र पर बेकार तरह प्रभावित हुई है। विशेष रूप से अलीगढ़, बरेली, सीतापुर, उन्नाव, सोनभद्र, हमीरपुर, संभल, मुरादाबाद और पीलीभीत में ओलावृष्टि से तैयार कटी हुई फसलें चौपट हुई हैं। इनमें से विभिन्न जनपदों में आलू की खुदाई चल रही थी। वहीं, आम के पेड़ पर बौर आ रहे थे। परंतु, खेत में सुखाने हेतु रखे हुए आलू तो बर्बाद हुए ही, आम के बौर भी पेड़ों से झड़कर भूमि पर गिर चुके हैं। किसानों के अतिरिक्त बागवान भी आम के उत्पादन के संबंध में काफी चिंतित हैं।

योगी सरकार ने फसल क्षति का सर्वेक्षण करने के दिए आदेश

किसानों के लिए आफत बनी बेमौसम बारिश का कहर अभी तक जारी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा पहले पखवाड़े में मूसलाधार बारिश के पूर्वानुमान की जानकारी दी गई थी। इधर आज भी बहुत सारे क्षेत्रों में फसल कटाई एवं नई फसल की बुवाई का कार्य सुचारू है। ऐसी स्थितियों पर ध्यान देते हुए योगी सरकार द्वारा फसल नुकसान का सर्वेक्षण करने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके आधार पर कृषि निवेश राहत सहायता धनराशि भी मुहैय्या कराई जाएगी।