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इन कृषि यंत्रों पर सरकार दे रही है भारी सब्सिडी, आज ही करें आवेदन

इन कृषि यंत्रों पर सरकार दे रही है भारी सब्सिडी, आज ही करें आवेदन

सरकार लगातार किसानों कि आय बढ़ाने पर काम कर रही है। इसके लिए सरकार समय-समय पर किसानों को बहुत सारी मदद प्रदान करती है। 

इसमें सीधे तौर पर आर्थिक सहायता और सब्सिडी भी होती है, जिससे देश के किसान भाई लगातार लाभान्वित हो रहे हैं और सरकार द्वारा चलाई जा रही स्कीमों के माध्यम से अपनी आय बढ़ा रहे हैं।

कृषि की मशीनरी पर इस राज्य की सरकार दे रही है बम्पर सब्सिडी

केंद्र सरकार के साथ-साथ अब राजस्थान की सरकार अपने राज्य के किसानों को खेती की मशीनरी पर बम्पर सब्सिडी दे रही है। 

किसान भाई आवेदन करके बहुत आसानी से सीड ड्रिल/सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल, डिस्क प्लाऊ/ डिस्क हैरो, रोटोवेटर, मल्टी क्रॉप  थ्रेसर, रिज फरो प्लांटर/ मल्टी क्रॉप  प्लांटर/ ट्रेक्टर ऑपरेटेड रिपर, चिजल प्लाऊ जैसी मशीनों पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। 

इसके लिए किसान के नाम खुद की कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए, साथ ही यदि कृषि यंत्र ट्रैक्टर द्वारा संचालित होता है तो ट्रैक्टर का रजिस्‍ट्रेशन किसान के नाम होना चाहिए। 

राजस्थान के कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि राज्य सरकार के द्वारा एक प्रकार के कृषि यंत्र पर 3 साल में सिर्फ एक बार ही सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही एक किसान एक साल में अधिकतम 3 कृषि यंत्रों पर ही सब्सिडी प्राप्त कर सकेगा। 

साथ ही किसानों को सब्सिडी तब प्रदान की जाएगी जब किसान राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित निर्माता या विक्रेता से कृषि यंत्र की खरीदी करेंगे। राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित कृषि यंत्रों निर्माता या विक्रेताओं की सूची 'राज किसान साथी' पोर्टल पर उपलब्ध है।

सब्सिडी प्राप्त करने के लिए ऐसे करें आवेदन

किसान भाई कृषि यंत्रों पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही किसान भाई सब्सिडी प्राप्त करने के लिए 'राज किसान पोर्टल' में भी आवेदन कर सकते हैं। 

आवेदनकर्ता के पास आवेदन के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता, पासपोर्ट साइज़ फोटो, मोबाइल नंबर, जमाबंदी की नकल, जाति प्रमाण पत्र, जमीन के कागजात, ट्रैक्टर का पंजीयन प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज होना जरूरी हैं। आवेदन करते समय इन सभी दस्तावेजों की स्कैन कॉपी किसान को लगानी होगी। 

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कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि आवेदन करने के उपरांत कृषि पर्यवेक्षक/सहायक कृषि अधिकारी द्वारा कृषि उपकरण का सत्यापन किया जाएगा। 

साथ ही किसान को उपकरण खरीदी का बिल अधिकारियों को दिखाना होगा। इसके बाद यदि अधिकारी पूर्ण रूप से संतुष्ट होते हैं तो वो किसान का नाम आगे भेज देंगे। 

जिसके कुछ दिनों बाद किसान के बैंक खाते में सब्सिडी की राशि आ जाएगी। सब्सिडी की इस योजना का लाभ उठाकर किसान भाई खेती बाड़ी में काम आने वाले कृषि यंत्र बेहद आसानी से और कम दामों में खरीद सकते हैं। 

यह कृषि यंत्र किसानों को खेती में सहूलियत प्रदान करेंगे, साथ ही इससे किसानों को कृषि कार्य में मेहनत भी कम करनी पड़ेगी, जिससे उत्पादकता बढ़ेगी और किसानों की आय में भी इजाफा होगा।

यह राज्य सरकार कृषकों को कृषि यंत्र खरीद पर अच्छा-खासा अनुदान प्रदान कर रही है

यह राज्य सरकार कृषकों को कृषि यंत्र खरीद पर अच्छा-खासा अनुदान प्रदान कर रही है

मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से किसानों के हित में ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत कृष उपकरणों और मशीनों को खरीदने पर 30 से 50 फीसद तक अनुदान मुहैय्या करा रही है। आधुनिक दौर में खेती विज्ञान पर आधारित हो चुकी है। खेती को सुगम और सरल बनाने कि लिए प्रतिदिन नवीनतम मशीनों का आविष्कार किया जा रहा है। इन मशीनों के इस्तेमाल से वक्त की भी बचत होती है। साथ ही, खेती पर किए जाने वाले खर्चे में भी काफी सहूलियत मिलती है। इन्हीं वजहों के चलते अलग- अलग राज्य सरकारें अपने- अपने राज्यों में कृषि यंत्रों की खरीद हेतु बेहतरीन अनुदान देती हैं। जिससे किसान भाईयों को खेती करने में किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो पाए। कृषि जागरण के अनुसार, मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से किसानों को ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत कृषि मशीनों की खरीद पर अच्छी-खासी सब्सिडी देने की घोषणा की है। दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सरकार भी इस बात से सहमत है, कि वर्तमान में खेती तकनीक पर आधारित हो गई है। अगर किसान भाइयों को आधुनिक और नवीन मशीनों की खरीद पर आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की जाए, तो बाकी राज्यों के कृषकों से पीछे रह जाएंगे। दरअसल, कृषि यंत्र अत्यंत महंगे मिलते हैं। समस्त किसान इन्हें खरीदने के लिए सक्षम नहीं होते हैं। इसी बात को ध्यान में रखकर एमपी सरकार द्वारा कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान प्रदान करने का निर्णय लिया है।

इन यंत्रों की खरीद पर कितने प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा

मध्य प्रदेश सरकार ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत कृषि ऊपकरणों एवं मशीनों की खरीद पर 30 से 50 प्रतिशत तक अनुदान मुहैय्या करा रही है। इससे कृषकों को श्रू मास्टर, मल्चर, सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, सुपर सीडर, क्रॉप रीपर, हैप्पी सीडर और जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर की खरीद करने पर 40 से 60 हजार रुपये का अनुदान मुहैय्या करा रही है। साथ ही, मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से अनुदान की घोषणा करने पर किसानों के मध्य प्रशन्नता की लहर है। किसान भाइयों को यह उम्मीद जताई है, कि इन यंत्रों की सहायता से खेती करने पर अच्छी उपज मिल सकेगी।

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जितने भी विकसित देश हैं सब मशीनों के सहयोग से खेती करते हैं

आज की तारीख में जितने भी विकसित देश हैं, वहां यंत्रों एवं मशीनों की सहायता से खेती-किसानी की जा रही है। रूस, अमेरिका और कनाड़ा समेत बहुत सारे विकसित देशों में किसान अकेले ही यंत्र की सहायता से सैंकड़ों एकड़ में उत्पादन कर रहे हैं। अगर भारत में समस्त किसानों के पास कृषि यंत्र की उपलब्धता हो जाए, तब यहां के कृषक भी पश्चिमी देशों के किसानों की भाँति बेहतरीन ढंग से खेती कर सकेंगे। बतादें, कि मध्य प्रदेश के अतिरिक्त दूसरे प्रदेश भी कृषि यंत्रों की खरीद पर वक्त-वक्त पर अनुदान मुहैय्या करा देते हैं। साथ ही, विगत फरवरी माह में पंजाब सरकार द्वारा कृषि यंत्रों की खरीद करने पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की घोषणा की थी। जनरल कैटेगरी में आने वाले किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान धनराशि प्रदान की जा रही थी। साथ ही, बाकी श्रेणी के कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान था।
इस राज्य में 108 कृषि यंत्रों की खरीद पर किसानों को अनुदान दिया जाएगा

इस राज्य में 108 कृषि यंत्रों की खरीद पर किसानों को अनुदान दिया जाएगा

बिहार सरकार द्वारा कृषि यंत्र खरीदने पर अनुदान देने के लिए योजना का आरंभ किया है। राज्य सरकार की तरफ से इस योजना के लिए कुल 4,87,67,796 रुपये का बजट आवंटित किया हुआ है। बिहार सरकार इस बजट के अनुरूप कुल 108 कृषि यंत्रों पर किसानों को अनुदान धनराशि प्रदान करेगी। जैसा कि सब जानते हैं, कि देश की राज्य सरकारें निरंतर किसानों की आमदनी दोगुनी करने के मिशन के लिए विभिन्न तरह की योजनाओं को चला रही हैं। बिहार सरकार कृषकों के लिए खेती को और भी ज्यादा सुगम बनाने के लिए तकनीक पर विशेष बल दे रही हैं। साथ ही, सरकार ने इस क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए कृषि यंत्रों पर 80 फीसद तक के अनुदान की घोषणा की है। राज्य सरकार द्वारा यह योजना कृषि में तकनीक को प्रोत्साहित करने और किसानों को कम खर्चे में अधिक मुनाफे को मन्देनजर रखते हुए जारी की है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि वर्तमान में इस योजना का फायदा सिर्फ गया जनपद के मूल निवासी किसान ही उठा पाएंगे। बिहार सरकार ने इस योजना के लिए समकुल 4,87,67,796 रुपये का बजट भी पास किया हुआ है। राज्य सरकार इस धनराशी के अनुरूप कुल 108 कृषि यंत्रों पर किसानों को अनुदान धनराशि प्रदान करेगी।

इन खास कृषि यंत्रों पर रहेगी निगरानी

बिहार सरकार द्वारा कृषि यंत्र के लिए इस योजना के अंतर्गत 4,87,67,796 रुपये के बजट की धनराशि को आवंटित किया गया है। राज्य सरकार इसके लिए कुल 108 प्रकार के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी देगी। इस अनुदान में कुछ खास कृषि यंत्रों पर विशेष बल दिया जायेगा, इनके अंतर्गत स्ट्रा बेलर, स्ट्रा रीपर एवं रीपर कम बाईंडर, हैपी सीडर और सुपर सीडर आदि होंगे। बिहार सरकार यह धनराशि अनुदान के लिए कुल धनराशि का 33 फीसद खर्च करेगी।

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अद्यतन मालगुजारी रसीद से ही सब्सिड़ी मिलेगी

राज्य सरकार की इस योजना के अंतर्गत फायदा लेने वाले कृषकों के लिए अद्यतन मालगुजारी रसीद दिखाना अत्यंत जरूरी होगा। दरअसल, बिहार सरकार ने यह नियम सिर्फ 20 हजार रुपये से ज्यादा के कृषि यंत्रों की खरीद पर रखा है। मालगुजारी रसीद के लिए किसान 2022-23 अथवा 2021-22 में से कोई भी एक साल की रसिद दिखा कर योजना का फायदा प्राप्त कर सकते हैं। परंतु, यदि किसानों ने तात्कालिक रसीद भी अर्जित की हुई है, तो वह रसीद भी योजना लाभ के लिए मान्य रहेगी। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि यदि किसानों के पास किसी भी साल की रसीद मौजूद नहीं है एवं वह इस योजना का फायदा उठाना चाहते हैं, तो उनको जनपद के कृषि समन्वयक के द्वारा सत्यापन कराना आवश्यक होगा। 20 हजार से कम के यंत्रों के लिए एलपीसी अथवा 3 सालों में से कोई एक रसीद लगाने का प्रावधान नहीं है। इस तरह के उपकरणों की खरीद करने पर किसान सीधे-तौर पर फायदा उठा सकते हैं।

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आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी

कृषकों को इस कृषि यंत्र अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन फार्म मेकेनाईजेशन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (OFMAS) पोर्टल पर जाकर अप्लाई करना होगा। लेकिन यह आवश्यक नहीं है, कि आवेदन करने के उपरांत किसानों को अनुदान मिल ही जाए। यह भी संभव है, कि उनको यह अनुदान का लाभ न भी मिल पाए। दरअसल, राज्य सरकार ज्यादा आवेदन की परिस्थिति में ऑनलाइन लॉटरी के प्रावधान को रखेगी। इसमें भी कई किसानों को नंबर के मुताबिक प्रतीक्षा में रखा जायेगा।