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दक्षिण-पश्चिम मानसून ने समय से पहले केरल में दे दी दस्तक

दक्षिण-पश्चिम मानसून ने समय से पहले केरल में दे दी दस्तक

भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से कहा गया कि 29 मई को मॉनसून ने केरल में दस्तक दे दी है, जबकि इसकी शुरुआत की सामान्य तौर पर जून से होती है| भारत मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department - IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, " दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 1 जून की शुरुआत की सामान्य तारीख के मुकाबले रविवार, 29 मई को केरल में प्रवेश किया है| दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने समय से पहले आ गया है |"

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इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है कि 29 मई को मॉनसून ने केरल में दस्तक दे दी है, जबकि इसकी शुरुआत की सामान्य तौर पर 1 जून से होती है| दक्षिण-पश्चिम मानसून को भारत की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था  माना जाता है| लेकिन मौसम विभाग में कहा गया है कि केरल के ऊपर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की शुरुआत के लिए स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं| आगे के लिए भी स्थितियां अनुकूल हैं| दक्षिण पश्चिम मॉनसून अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ रहा है|

अगले पांच दिनों में यहां बारिश हो सकती है :

  1. 30 और 31 मई को उप-हिमालयी क्षेत्र, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी वर्षा की संभावना है|
  2. 29 मई से 01 जून के दौरान असम-मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में बारिश हो सकती है|
  3. केरल और लक्षद्वीप में गरज / बिजली के साथ व्यापक रूप से हल्की / मध्यम वर्षा होने की संभावना है|
  4. अगले 5 दिनों के दौरान आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में छिटपुट भारी वर्षा की संभावना है|
  5. इसके अतिरिक्त कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में अगले 5 दिनों के दौरान हल्की/मध्यम वर्षा की संभावना है. वहीं, अगले 2 दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में बारिश हो सकती है|
  6. जबकि 29 मई को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अलग-अलग जगह ओलावृष्टि की संभावना है|
   
मौसम विभाग के अनुसार इस बार पर्याप्त मात्रा में होगी बारिश, धान की खेती का बढ़ा रकबा

मौसम विभाग के अनुसार इस बार पर्याप्त मात्रा में होगी बारिश, धान की खेती का बढ़ा रकबा

मौसम विभाग के अनुसार इस बार बारिश पिछले बीते हुए सालो की अपेक्षा ज्यादा होगी. इस बार बारिश की कमी के कारण सुखा नही पड़ेगा, न ही पानी के कमी के कारण फसलों का नुकसान होगा. इस बात से किसान बहुत खुश है. क्योंकि बारिश होने से फसल अच्छी होगी. जिसको देखते हुए खरीफ फसल के धन का रकबा बढ़ा दिया गया है. धान की खेती के लिए किसान तेजी से जुटे है. कुछ किसान धान की नर्सरी डाल चुके है वही कुछ किसान नर्सरी जल्द ही डालने वाले है. कृषि विभाग के अनुसार पहले धान की खेती के लिए 35 हजार हेक्टेयर निर्धारित किया गया था. परंतु मानसून को देखते हुए और मौसम विभाग के अनुमान की इस बार बारिश भरपूर होगी, इसकी वजह से 20 हजार हेक्टेयर रकबा बढ़ा दिया गया है. जिस वजह से अब 55 हजार हेक्टेयर में धान की खेती होगी. जिसके लिए 700 क्विटल बीज सरकारी बीज भंडार से बांटा जा चुका है. 200 क्विटल ढैंचा का बीट खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए बीज भंडार से किसानों को बांटा जा चुका है. पैदावार को बढ़ाने के लिए ढैंचा की बुआई की जाती है. किसान इस बार जी जान से लगे है की पैदावार अच्छी हो क्योंकि बीते वर्ष के मुताबिक इस साल गेहूं की पदावर कम हुई है.
सावधान: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में ऐसा मौसम रहने वाला है

सावधान: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में ऐसा मौसम रहने वाला है

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले दिनों में हल्के से मध्यम बादल छाए रहने के कारण हल्की बारिश की संभावना है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान 22.8-25.1 और 8.0-11.8 डिग्री सेल्सियस के बीच है। सापेक्ष आर्द्रता अधिकतम और न्यूनतम सीमा 70-95 और 40-70% के बीच है। हवाओं की दिशा पूर्व, दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम और हवाओं की गति 6.3-11.9 किमी प्रति घंटा रहने की संभावना है। वर्षा की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है, कि वे गेहू, सरसों, सों चना, मटर आदि फसलों में सिंचाई का कार्य स्थगित कर दें। कीटनाशी, रोगनाशी एवं खरपतवार नाशी रसायनों के लिए अलग-अलग अथवा उपकरणों को साफ पानी से धोकर ही प्रयोग करें। कीटनाशी, रोगनाशी एवं खरपतवार नाशी रसायनों का छिड़काव हवा के विपरीत दिशा में खड़े होकर छिड़काव या बुरकाव न करें। छिड़काव यथा सम्भव हो तो सायंकाल के समय करें, छिड़काव के बाद खाने-पिने से पूर्व हाथों को साबुन या हैंडवाश से अच्छी तरह से धो लेना चाहिए तथा कपड़ो को धोकर नहा लेना चाहिए।

फसल व बागवानी से जुड़ी जानकारी

  1. गेंहू

वर्षा की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है, कि वे गेहू की फसलों में सिंचाई का कार्य स्थगित कर दें। बिलम्ब से बोई गई गेहूं की फसल में यदि सकरी व चौड़ी पत्ती वाले, दोनों प्रकार के खरपतवार दिखाई दें। तो इसके नियंत्रण हेतु सल्फोसल्फुरान 75% डब्लू पी ३३ ग्राम/हेक्टेयर या मैट्री ब्यूजिन 70 %डब्लू पी 250 ग्राम / हेक्टेयर की दर से 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव आसमान साफ होने पर करें।
ये भी देखें: गेहूं की फसल में खरपतवार नियंत्रण
  1. सरसों

वर्षा की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है, कि वे सरसों की फसल में सिंचाई का कार्य स्थगित कर दे। आसमान में लगातार बादल छाए रहने के कारण सरसों की फसल में माँहू, चित्रित वग एवं पत्ती सुरंगक कीट का प्रकोप दिखाई देने की संभावना है। अतः इसके रोकथाम हेतु क्लोरपायरीफास 20 % ईसी 1.0 लीटर/हेक्टेयर या मोनोक्रोटोफॉस 36 % एस.एल. की 500 मिली० /हेक्टेयर की दर से 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव आसमान साफ होने पर करें।
  1. चना

समय से बोई गई चने की फसल में खुटाई का कार्य रोक दें। वर्षा की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है, कि वे चने की फसल में सिंचाई का कार्य स्थगित कर दें। कटुआ (कटवर्म) कीट का प्रकोप दिखाई देने की संभावना है। इसके रोकथाम हेतु क्लोरपाइरीफोस 50% ईसी + साइपरमेथ्रिन 5% ईसी 2.0 लीटर/हेक्टेयर की दर से 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव आसमान साफ होने पर करें।
  1. आलू

वातावरण में नमी बढ़ने/बादल छाये रहने और तापक्रम गिरने से आलू की फसल में झुलसा रोग का प्रकोप तेजी से फैलता है। अतः इसके रोकथाम हेतु मैंको मैं जेब या रिडोमिल २.५ ग्राम/लीटर पानी अथवा कॉपर आक्सीक्लोराइड ३.० ग्राम/लीटर पानी का में घोल बनाकर १२-१५ दिन के अन्तराल पर छिड़काव आसमान साफ होने पर करें। आलू की फसल में सिचाई का कार्य स्थगित कर दें ।

पशु संबंधित सलाह

वर्तमान मौसम को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है, कि वे पशुओं को ठंड से बचाने के लिए सुबह-शाम पशुओं के ऊपर झूल डालें। जानवरों को रात के दौरान खुले में न बांधें और रात में खिड़कियों और दरवाजों पर जूट के बोरे के पर्दे लगाएं और दिन के दौरान धूप में पर्दे हटा दें। पशुओं को हरे और सूखे चारे के साथ पर्याप्त मात्रा में अनाज दें। पशुओ को साफ एवं ताजा पानी दिन में ३-४ बार अवश्य पिलायें। पशुओं को साफ-सुथरे स्थान पर रखें।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई राज्यों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई राज्यों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया

भारत में आज मौसम का मिजाज कुछ बदला हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, बहुत सारे राज्यों में आज बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है, जिसके बाद शीतलता का एहसास होगा। वहीं, केरल और तमिलनाडु में भी आने वाले दो दिनों तक भारी बारिश का अंदाजा है। नवरात्रि के दौरान दिल्ली-यूपी समेत अन्य राज्यों में भी मौसम ने तासीर बदल दी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई राज्यों में बारिश की आशंका जताई गई है। वहीं, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक समेत अन्य राज्यों में भी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही उत्तराखंड में बर्फबारी शुरू हो चुकी है। केदारनाथ धाम में बीते रविवार को सीजन की पहली बर्फबारी हुई। जबकि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, मुजफ्फराबाद में हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हल्की बारिश होगी। दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में भी बारिश की संभावना है। इसके अतिरिक्त राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी हल्की बारिश होगी। वहीं, कोकण, गोवा, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, महाराष्ट्र, बिहार समेत पं बंगाल और तटीय कर्नाटक में भारी बारिश की संभावना है।

आगामी 24 घंटों में मौसम कैसा रहेगा

मौसम विभाग के अनुसार, तमिलनाडु, केरल, लक्षद्वीप और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। वहीं, पश्चिमी हिमालय पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। वहीं, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में हल्की से मध्यम बारिश के साथ छिटपुट ओलावृष्टि संभव है। वहीं, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तरी बिहार में हल्की बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है। इसके अतिरिक्त उत्तरी मध्य प्रदेश, दक्षिणी कोंकण एवं गोवा और रायलसीमा में हल्की बारिश की संभावना है।

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दिल्ली में आज मौसम कैसा रहने वाला है

मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में बारिश हो सकती है, जिसके चलते अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री की गिरावट देखी जा सकती है। इसके बाद ठंड का भी एहसास होगा।

यूपी में मौसम का क्या मिजाज रहेगा

मौसम विभाग के अनुसार 17-18 अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश के लगभग 50 जिलों में गरज और चमक के साथ बूंदाबांदी से हल्की बारिश की आशंका है. वहीं रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल और बदायूं में गरज हल्की से मध्यम बारिश होने के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा मौसम

मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के बहुत सारे जिलों में हल्की वर्षा होने की संभावना जताई है। वहीं, विगत 24 घंटों के दौरान राज्य के उज्जैन, ग्वालियर , चंबल एवं जबलपुर संभागों के जनपदों में कहीं-कहीं बारिश हुई है।

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राजस्थान में मौसम कैसा रहेगा

राजस्थान में फिर से बारिश की संभावना हैं। मौसम विभाग के अनुसार, इस सप्ताह के आखिर तक एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। राजस्थान के अधिकतर क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।