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मेरीखेती द्वारा किसान पंचायत का भव्य आयोजन किया गया, सरकारी वैज्ञानिकों द्वारा किसानों की सभी समस्याओं पर चर्चा

मेरीखेती द्वारा किसान पंचायत का भव्य आयोजन किया गया, सरकारी वैज्ञानिकों द्वारा किसानों की सभी समस्याओं पर चर्चा

मेरीखेती द्वारा जनपद बुलंदशहर के नरसेना गांव में आयोजित की गई किसान पंचायत में कृषि से संबंधित बड़े बड़े कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस पंचायत में गौ संरक्षण और मशीनरी के माध्यम से जैविक खेती की महत्ता के विषय में कृषि विशेषज्ञों एवं किसानों के बीच संवाद हुआ। इस किसान पंचायत के दौरान कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को गौ संरक्षण करने से होने वाले अनेकों फायदों के बारे में बेहतर ढ़ंग से जानकारी प्रदान की। इसके साथ साथ मशीनरी के माध्यम से किस तरह कृषि की जाए इसके संबंध में भी किसानों को बहुत सारी सलाह और महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। मांगेराम त्यागी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किसान यूनियन ने किसानों को गौ संरक्षण और आधुनिक मशीनरी से जैविक खेती करने के लिए आग्रह किया। साथ ही, उन्होंने मेरीखेती का आभार किया कि वह हर महीने किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के बीच एक कड़ी का कार्य करती है। डॉ विपिन कुमार एसोसिएट डायरेक्टर एग्रोनोमी कृषि विज्ञान केंद्र गौतम बुद्ध नगर ने किसानों को जैविक खेती से होने वाले लाभ और इसकी जरूरत को लेकर किसानों से वार्तालाप किया। उन्होंने कहा कि जैविक खेती से मृदा की उर्वरक शक्ति बने रहने के साथ साथ जन मानस की सेहत भी ठीक रहेगी।

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डॉ रेशु सिंह सह प्राध्यापक पादप सुरक्षा एवं प्रभारी अधिकारी कृषि विज्ञान केंद्र बुलंदशहर ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वह अच्छा बीज, उर्वरक का संतुलित प्रयोग, उन्नत कृषि विधियों को अपनाना तथा सिंचाई की सुनिश्चित व्यवस्था आदि जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को सदैव कृषि विशेषज्ञों के सलाह मशवरा से करें। इससे उनको खेती किसानी में अच्छे परिणाम हांसिल होंगे। डॉ सी.बी. सिंह फॉर्मर सीनियर साइंटिस्ट कृषि विज्ञान IARI रीजनल स्टेशन पूसा बिहार & एक्स जॉइंट डायरेक्टर कृषि मंत्रालय भारत सरकार ने किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीकों के विषय में काफी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि किसानों को अधिक मुनाफा पाने के लिए पारंपरिक खेती की लीक से हटकर आधुनिक एवं नवीन कृषि तकनीकों का उपयोग करना चाहिए। डॉ राजपाल सिंह प्रोफेसर अमर सिंह कॉलेज लखोटी बुलंदशहर ने किसान पंचायत में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान एवं पशुपालकों को गौ संरक्षण पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। क्योंकि गौवंश आदिकाल से खेती किसानी का अभिन्न भाग रहा है। आज गाय के गोबर से नवीन व आधुनिक मशीनरी द्वारा बायोगैस प्लांट, पेंट और ना जाने कितने प्रकार के उत्पाद किए जा रहे हैं। यदि गौ संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया गया तो आगामी समय में दूध की जगह मिलावटी जहर पीने को मिलेगा। डॉ. प्रशांत सिंह सहायक प्रोफेसर मृदा और जल संरक्षण इंजीनियरिंग, नई दिल्ली में आईएआरआई से एम.टेक और पीएचडी ने किसानों से वार्ता करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में बेहतरीन उत्पादन अर्जित करने के लिए मृदा एक प्रमुख कारक होती है। इसलिए किसानों को फसल का चयन करने से भी पहले मृदा का परीक्षण अवश्य करना चाहिए। साथ ही, अत्यधिक उत्पादन की चाहत में इतना भी नहीं भूलें कि मृदा को जहरीले रसायनों से काफी नुकसान होता है। कुछ समय तक अच्छा उत्पादन मिल सकता है। लेकिन उसके पश्चात मृदा जहरीली और बंजर भी हो सकती है। इसलिए जैविक खाद का उपयोग करना सेहत और मिट्टी दोनों के लिए अच्छा होता है।
मेरीखेती ने दिसंबर माह की किसान पंचायत का भव्य आयोजन किया

मेरीखेती ने दिसंबर माह की किसान पंचायत का भव्य आयोजन किया

 मेरीखेतीडॉटकॉम द्वारा आयोजित मासिक किसान पंचायत का आयोजन प्रति माह देश के विभिन्न स्थानों पर किया जाता है। मेरीखेती किसानों की कृषि वैज्ञानिकों तक पहुँच बनाने के लिए प्रति माह किसान पंचायत का आयोजन करती है। मेरीखेती ने दिसंबर माह की किसान पंचायत का आयोजन ग्राम दुल्हेरा चौहान जिला मेरठ में किया था। इस पंचायत में बड़े-बड़े अनुभवी कृषि वैज्ञानिक जैसे सी.बी सिंह रिटायर्ड ICAR पूसा, TMU डायरेक्टर-केहर सिंह और सुधीर चौधरी सहायक अधिकारी सोलन कृषि विभाग उत्तराखंड ने किसानों को खेती करने के अद्भुद तकनीकों के बारे में बताया। साथ ही, किसानों की स्थानीय भौगोलिक समस्याओं को सुना एवं उनका संभव समाधान भी बताया। 

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मेरीखेती किसान पंचायत: ग्राम पंचायत हसनपुर (मथुरा) में पूसा के कृषि वैज्ञानिक और किसानों की हुई पंचायत: केहर सिंह रिटायर्ड MTU डायरेक्टर का कहना है, कि किसानों को आजकल खेती में कम उर्वरक इस्तेमाल करने की आवश्यकता है। उर्वरकों का कम इस्तेमाल करने से खेती की उर्वरक क्षमता पर बेहतर असर पड़ता है। किसानों को संबोधित करते हुए केहर सिंह ने कहा कि किसानों को संगठित होकर लड़ने की बेहद आवश्यकता है। अगर किसान इकट्ठे होकर कृषि उत्पादन करेंगे तो उनको खाद, बीज और बिक्री मूल्य सब एकदम शानदार मिल सकेगा।    डॉ सी,बी सिंह रिटायर्ड ICAR पूसा ने किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बदलते जमाने में कृषि की नवीन पद्धतियों एवं तकनीकों के ऊपर बल देने को कहा। डॉ सी.बी सिंह का कहना है, कि अगर किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करें तो ये उनके लिए बेहद लाभकारी साबित होगा। खेती-किसानी से जुड़े समस्त कार्यों को कृषि वैज्ञानिक बेहद ही ज्यादा तथ्यात्मकता के साथ करते हैं। इसलिए किसानों को अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र पर जाकर उनसे सलाह लेकर कृषि करनी उचित रहेगी।