भारत सरकार की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह के परिवार ने सरकार को धन्यवाद कहा है और घोषणा को लेकर खुशी जाहिर की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (9 जनवरी, 2024) को भारत रत्न के लिए तीन और लोगों के नाम की घोषणा की है। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले एम. एस. स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। भारत सरकार की इस घोषणा के बाद उनके घर वालों ने अपनी खुशी जाहिर की है और सरकार का आभार प्रकट किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की बेटी वाणी राव ने कहा कि यह बहुत खुशी का पल है। उन्होंने कहा कि पहले ही ऐसा होना था, लेकिन कहते हैं न कि भगवान के घर देर है, लेकिन अंधेर नहीं है। वानी राव ने आगे कहा, 'बहुत खुशी का दिन है पूरा तेलंगाना खुश है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को मैं धन्यवाद देती हूं। उनकी अच्छी बात है कि कोई कितना कोने में रहता हो, उसको लाइम लाइट में लाना, सम्मान करना वो मोदी जी का बड़प्पन है।'
बीजेपी नेता और पीवी नरसिम्हा राव के पोते एनवी सुभाष ने कहा कि पीएम मोदी ने उन्हें भारत रत्न सम्मान देने का ऐलान किया है, जबकि वह कांग्रेसी थे। उन्होंने कहा, 'मैं 2004 से 2014 तक सत्ता में रहे यूपीए सरकार और खासतौर से गांधी परिवार की निंदा करता हूं कि किसी अवॉर्ड से सम्मानित नहीं किया।' उन्होंने कहा कि वह नरसिम्हा राव को भारत रत्न सम्मान दिए जाने पर काफी खुश हैं और भावुक भी हैं। एनवी सुभाष ने कहा कि हमें लगता था कि इसमें देरी होगी, लेकिन तेलंगाना बीजेपी के प्रयास से ऐसा हो रहा है। उन्होंने तेलंगाना बीजेपी को भी धन्यवाद कहा है।
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पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी ने भी घोषणा को लेकर खुशी जाहिर की है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करके अपनी खुशी जाहिर की है। जयंत चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट साझा करते हुए कैप्शन में लिखा, 'दिल जीत लिया!' भारत सरकार ने इस साल भारत रत्न के लिए पांच लोगों के नाम की घोषणा की है।
3 फरवरी को पीएम मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का ऐलान किया था। उससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को 24 जनवरी को उनकी 100वीं जयंती पर मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 फरवरी को एक्स पर नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा की है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है।
भारत सरकार ने हाल ही में महान कृषि वैज्ञानिक एम.एस स्वामीनाथन को मरणोपरांत किसानों के लिए दिए गए योगदान के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया है। आज फसलों के लिए MSP कानून की मांग कर रहे किसान एम.एस स्वामीनाथन के C2+50% फॉर्मूले के अंतर्गत एमएसपी की धनराशि का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं।
देशभर के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने सहित 12 मांगों के समर्थन में दिल्ली कूच कर रहे हैं। किसानों के लिए कई जगह सीमाओं को सील कर दिया गया है। यह पहली बार नहीं है, कि किसान सड़कों पर उतरें हैं। किसान हमेशा से अपनी मांगों को आंदोलन के माध्यम से उठाते आ रहे हैं। किसान एम एस स्वामीनाथन आयोग की एमएसपी पर की गई सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे हैं। चलिए जानते हैं, स्वामीनाथन आयोग और उसकी सिफारिशों के बारे में।
किसानों की समस्याओं के अध्ययन के लिए नवंबर 2004 में मशहूर कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था। इसे 'नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स' कहा गया था। दिसंबर 2004 से अक्टूबर 2006 तक इस कमेटी ने सरकार को छह रिपोर्ट सौंपी। इनमें कई सिफारिशें की गई थीं।
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स्वामीनाथन आयोग ने अपनी सिफारिश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें उनकी फसल लागत का 50 फीसदी ज्यादा देने की सिफारिश की थी। इसे C2+50% फॉर्मूला कहा जाता है। आंदोलनकारी किसान इसी फार्मूले के आधार पर MSP गारंटी कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं।
मालूम हो कि स्वामीनाथन आयोग ने इस फार्मूले की गणना करने के लिए फसल लागत को तीन हिस्सों यानी A2, A2+FL और C2 में बांटा था। A2 लागत में फसल का उत्पादन करने में सभी नकदी खर्चे को शामिल किया जाता है। इसमें खाद, बीज, पानी, रसायन से लेकर मजदूरी इत्यादि सभी लागत को जोड़ा जाता है।
A2+FL कैटगरी में कुल फसल लागत के साथ-साथ किसान परिवार की मेहनत की अनुमानित लागत को भी जोड़ा जाता है। जबकि C2 में नकदी और गैर नकदी लागत के अलावा जमीन का लीज रेंट और उससे जुड़ी चीजों पर लगने वाले ब्याज को भी शामिल किया जाता है। स्वामीनाथन आयोग ने C2 की लागत को डेढ़ गुना यानी C2 लागत के साथ उसका 50 फीसदी खर्च जोड़कर एमएसपी देने की सिफारिश की थी। अब किसान इसी फॉर्मूले के अंतर्गत उन्हें एमएसपी देने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सरकार और किसानों के बीच फिलहाल इस मुद्दे का कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है।