Ad

pack house

विदेशों में लीची का निर्यात अब खुद करेंगे किसान, सरकार ने दी हरी झंडी

विदेशों में लीची का निर्यात अब खुद करेंगे किसान, सरकार ने दी हरी झंडी

लीची बिहार की एक प्रमुख फसल है। पूरे राज्ये में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। बिहार के मुजफ्फरपुर को लीची उत्पादन का गढ़ माना जाता है। यहां की लीची विश्व प्रसिद्ध है, इसलिए इस लीची की देश के साथ विदेशों में भी जबरदस्त मांग रहती है। लीची को लोग फल के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। साथ ही इससे जैम बनाया जाता है और महंगी शराब का निर्माण भी किया जाता है। जिससे दिन प्रतिदिन बिहार की लीची की मांग बढ़ती जा रही है। बढ़ती हुई मांग को देखते हुए सरकार ने प्लान बनाया है कि अब किसान खुद ही अपनी लीची की फसल का विदेशों में निर्यात कर सेकेंगे। अब किसानों को अपनी फसल औने पौने दामों पर व्यापारियों को नहीं बेंचनी पड़ेगी। अगर भारत में लीची के कुल उत्पादन की बात करें तो सबसे ज्यादा लीची का उत्पादन बिहार में ही किया जाता है। यहां पर उत्पादित शाही लीची की विदेशों में जमकर डिमांड रहती है। इसलिए सरकार ने कहा है कि किसान अब इस लीची को खुद निर्यात करके अच्छा खास मुनाफा कमा सकेंगे। इसके लिए सरकार ने मुजफ्फरपुर जिले के चार प्रखंडों में 6 कोल्ड स्टोरेज और 6 पैक हाउस का निर्माण करवाया है। इसके साथ ही 6 पैक हाउस को निर्देश दिए गए हैं कि वो किसानों की यथासंभव मदद करें। इन 6 पैक हाउस में प्रतिदिन 10 टन लीची की पैकिंग की जाएगी, जिसका सीधे विदेशों में निर्यात किया जाएगा।

ये भी पढ़ें:
खुशखबरी: बिहार के मुजफ्फरपुर के अलावा 37 जिलों में भी हो पाएगा अब लीची का उत्पादन
बिहार लीची एसोसिएशन के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया है कि निर्यात का काम बिहार लीची एसोसिएशन देखेगी, तथा इस काम में किसानों की यथासंभव मदद की जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले मुजफ्फरपुर में मात्र एक प्रोसेसिंग यूनिट की व्यवस्था थी, लेकिन अब मांग बढ़ने के कारण सरकार ने जिले में 6 प्रोसेसिंग यूनिट लगवा दी हैं। अगर भविष्य में कोल्ड स्टोरेज और पैक हाउस की मांग बढ़ती है तो उसकी व्यवस्था भी की जाएगी। जिससे किसान बेहद आसानी से अपने उत्पादों को विदेशों में निर्यात कर पाएंगे। बिहार के कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि इस प्रोजेक्ट को बागवानी मिशन के तहत लॉन्च किया गया है। जिससे किसानों को अपने उत्पादों को मनचाहे बाजार में एक्सपोर्ट करने में मदद मिले। लीची की प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर 4 लाख रुपये का खर्च आता है, जिसमें 50 फीसदी सब्सिडी सरकार देती है। ऐसे में अगर किसान चाहें तो खुद ही लीची की प्रोसेसिंग यूनिट लगा सकते हैं और खुद के साथ अन्य किसानों की भी मदद कर सकते हैं। उत्पादन को देखते हुए आने वाले दिनों में जिलें में लीची की प्रोसेसिंग यूनिट्स में बढ़ोत्तरी होगी।

ये भी पढ़ें:
लीची की वैरायटी (Litchi varieties information in Hindi)
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि वर्तमान में मुजफ्फरपुर के मानिका, सरहचियां, बड़गांव, गंज बाजार और आनंदपुर में कोल्ड स्टोरेज और पैक हाउस खोले गए हैं। जहां लीची को सुरक्षित रखा जा सकेगा। इनका उद्घाटन आगामी 19 मई को किया जाएगा। किसानों को मदद करने के लिए बिहार लीची एसोसिएशन, भारतीय निर्यात बैंक और बिहार बागवानी मिशन तैयार हैं। ये किसानों को यथासंभव मदद उपलब्ध करवाएंगे, ताकि मुजफ्फरपुर की लीची का विदेशों में बड़ी मात्रा में निर्यात हो सके।
सब्जियों-फलों के पैकिंग का बिजनेस शुरू करने पर मिलेगा 2 लाख रुपये का अनुदान, यहां करें आवेदन

सब्जियों-फलों के पैकिंग का बिजनेस शुरू करने पर मिलेगा 2 लाख रुपये का अनुदान, यहां करें आवेदन

भारत में खेती किसानी एक अनिश्चितता भरा व्यवसाय है। जिसमें किसान को कभी भी घाटा लग सकता है। देश का किसान सबसे ज्यादा मौसम की मार से प्रभावित होता है। इसके साथ ही अगर किसी फसल की बाजार में उपलबद्धता ज्यादा हो जाती है तो भी किसानों को नुकसान होता है। बाजार में फसल की जरूरत से ज्यादा सप्लाई होने पर उसकी मांग घट जाती है और किसानों को मन के मुताबिक भाव नहीं मिलते। जिससे किसानों को घाटा होता है। अब इस घाटे से निपटने के लिए बिहार की सरकार ने किसानों को मदद देने का ऐलान किया है। बिहार सरकार के कृषि विभाग ने कहा है कि सब्जियों और फलों की सुरक्षित पैकिंग के लिए पैक हाउस निर्माण पर अब राज्य की सरकार किसानों को सब्सिडी मुहैया करवाएगी। ताकि किसान भाई अपनी फसलों को अच्छे से पैक करके अन्य राज्यों की मंडियों में बेंच सकें। ये भी पढ़े: विदेशों में लीची का निर्यात अब खुद करेंगे किसान, सरकार ने दी हरी झंडी बिहार के कृषि विभाग ने बताया है कि सरकार पैक हाउस का निर्माण करने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है। इस तरह के पैक हाउस निर्माण में अधिकतम 4 लाख रुपये की लागत आती है। जिसमें से 2 लाख रुपये सरकार किसानों को अनुदान के रूप में देगी। इसके साथ ही यदि किसान एफपीओ/एफपीसी से जुड़े  हैं तो उन्हें अधिकतम लागत का 75 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। जो अधिकतम 3 लाख रुपये तक हो सकता है। बिहार सरकार यह अनुदान एकीकृत बागवानी मिशन योजना के अंतर्गत दे रही है। योजना का लाभ लेने के लिए किसान बिहार सरकार की बागवानी विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए किसान को बिहार का नागरिक होना अनिवार्य है। इसके साथ ही किसान के पास खुद के नाम कृषि योग्य भूमि भी होनी चाहिए। आवेदन करते वक्त किसान अपने साथ आधार कार्ड, पेन कार्ड, बैंक खाता पासबुक, पासपोर्ट साइज़ फोटो, खेती वाली जमीन के कागजात और मोबाइल नंबर जरूर रखें। यह सभी ब्योरा आवेदन के साथ संलग्न करना होगा। बिहार सरकार के कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि राज्य सरकार लगातार किसानों की सहायता करने का प्रयत्न कर रही है ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा लाभ कमा सकें। हाल में राज्य सरकार ने किसानों को कोल्ड स्टोरेज के निर्माण पर भी बम्पर सब्सिडी देने का वादा किया था। अभी तक कई किसानों ने इस स्कीम का लाभ उठाया है।