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pashupalan subsidy

इस राज्य के पशुपालकों को मिलेगा भूसे पर 50 फीसदी सब्सिडी, पशु आहार पर भी मिलेगा अब ज्यादा अनुदान

इस राज्य के पशुपालकों को मिलेगा भूसे पर 50 फीसदी सब्सिडी, पशु आहार पर भी मिलेगा अब ज्यादा अनुदान

उत्तराखंड सरकार अपने राज्य के किसानों का ख्याल रखने में कोई कसर नही छोड़ रही है। राज्य सरकार का प्रयास है, कि राज्य में होने वाली खेती को फायदे का सौदा बनाया जाए तथा जल्द से जल्द किसानों की आय दोगुनी की जाए, ताकि उत्तराखंड के गावों से किसानों और लोगों का पलायन रोका जा सके। इसी कड़ी में उत्तराखंड सरकार नित नई घोषणाएं करती रहती हैं, ताकि किसान अपने आपको इस पर्वतीय राज्य में मजबूती के साथ खड़ा रख पाए। अभी हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने पशुपालकों को राहत देते हुए घोषणा की है, कि सरकार की ओर से भूसे की खरीद पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। सरकार ने यह निर्णय भूसे के बढ़ते हुए दामों को लेकर लिया है। वर्तमान में राज्य में भूसे का दाम 1600 रुपये प्रति क्विंटल है। जिस पर सरकार 800 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी देने जा रही है। इस हिसाब से अब राज्य के किसानों और पशुपालकों को 1 क्विंटल भूसे की खरीद पर मात्र 800 रुपये ही चुकाने होंगे। [embed]https://www.youtube.com/watch?v=wdZnodFWSB8&t=17s[/embed] इसके साथ ही सरकार ने पशु आहार पर मिलने वाले अनुदान में भी बढ़ोत्तरी की है। जहां पहले पशु आहार पर 2 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी दी जाती थी। उसे बढ़ाकर सरकार ने राज्य के मैदानी क्षेत्रों के लिए 4 रुपये प्रति किलो कर दिया गया है। इसी के साथ अब राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में पशु आहार पर मिलने वाली सब्सिडी को बढ़ाकर 6 रुपये प्रति किलो कर दिया गया है।


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सरकारी अधिकारियों ने नोटिफिकेशन के माध्यम से बताया है, कि सहकारिता विभाग की तरह ही अब दुग्ध विकास विभाग के माध्यम से भी पशुपालकों को साइलेज पर 75 फीसद की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। अगर सरकारी आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में 8 लाख से ज्यादा पशुपालक हैं। जो सीधे तौर पर पशुपालन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। इनमें से लगभग 52 हजार दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों से जुड़े हुए हैं। इन सभी की पहचान करके भूसे पर तथा पशु आहार पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इस योजना को कैबिनेट की तरफ से मंजूरी मिल गई है। राज्य सरकार का अनुमान है, कि सरकार के इन फैसलों से राज्य के किसानों और दुग्ध उत्पादकों को फायदा होगा। जिससे उनकी आमदनी में भी बढ़ोत्तरी हो सकेगी। जो राज्य में पशुपालन को बड़े स्तर पर बढ़ाने में सहायक होगा। अगर किसानों की खेती और पशुपालन के माध्यम से आमदनी बढ़ती है, तो यह राज्य में लगातार हो रहे पलायन को रोकने में मददगार साबित हो सकता है।
इस योजना से मिलेगा इतने लाख लोगों को रोजगार का अवसर 50 प्रतिशत अनुदान भी

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यदि पशुपालन तथा डेयरी फार्मिंग के व्यवसाय में कुछ खास करने में रुचि रखते हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है। शीघ्र ही सरकार 50 लाख से अधिक किसानों को इस व्यवसाय हेतु सब्सिडी प्रदान करने जा रही है। कृषि के उपरांत पशुपालन तथा डेयरी व्यवसाय द्वारा कृषकों की आय में बढ़ोत्तरी का कार्य किया है। डेयरी के क्षेत्र में निरंतर बढ़ते फायदे को देखते हुए फिलहाल शहरों से युवा एवं प्रोफेशनल इस व्यवसाय से जुड़ते जा रहे हैं। दूध एवं डेयरी उत्पाद की बढ़ती मांग द्वारा इस व्यवसाय के सफलता का मार्ग प्रसस्त कर दिया है। बतादें, कि इस व्यवसाय के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को रोजगार का अवसर प्राप्त होगा इसके लिए सरकार विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रही है।
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अब शीघ्र ही इस व्यवसाय हेतु कृषकों को 50% प्रतिशत अनुदान भी प्रदान करवाएगी। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने जानकारी देते हुए बताया है, कि देश के युवा एवं किसान वर्तमान में सरकार द्वारा इस योजना का फायदा लेकर अपना स्वयं का व्यवसाय आरंभ कर सकते हैं।

किस तरह का व्यवसाय शुरू किया जाए

कोरोना महामारी के उपरांत से ही खेती किसानी एवं डेयरी क्षेत्र में नवीन स्टार्टअप एवं व्यवसाय देखने को मिले हैं। इन्हीं प्रयासों को देखते हुए वर्तमान में सरकार द्वारा आर्थिक सहायता की तैयारी कर दी है। दूध-डेयरी को प्रोत्साहन देने वाली राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के चलते सुअर, मुर्गी, गाय, भैंस एवं बकरी का ब्रीडिंग फार्म खोलने हेतु अत्यधिक साइलेज यूनिट्स निर्माण हेतु सरकार 50% अनुदान देने जा रही है। अगर आपके डेयरी अथवा पशुपालन से संबंधित व्यवसाय में 50 लाख से लेकर 60 लाख, 1 करोड़ एवं 4 करोड़ व्यय किये जा चुके हैं, तो आपको आधार धनराशि सरकार मुहैय्या कराएगी। इससे संबंधित व्यवसाय हेतु आप कर्ज भी प्राप्त करेंगे तो AHIDF Scheme से प्रीमियम पर 3% प्रतिशत तक की छूट भी प्रदान की जाएगी।

आप किस प्रकार बन सकते हैं आत्मनिर्भर

मीडिया खबरों के अनुसार, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा है, कि मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र में सरकार प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 50 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। इस क्षेत्र में स्वयं का व्यवसाय अथवा स्टार्ट अप करने एवं युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सरकार निरंतर कोशिश किए जा रही है।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना से क्या लाभ होगा

संजीव बालियान ने कहा कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के जरिये देसी नस्ल की गाय के पालन-पोषण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी योजना के चलते पशुओं के इलाज हेतु सरकार द्वारा फिलहाल 4332 से ज्यादा पशु मेडिकल यूनिट भी स्थापित करने की तैयारी की है। युवा, किसान अथवा कोई भी प्रोफेशनल वर्तमान में मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर के इस संबंध में ज्यादा जानकारी ले सकते हैं।