भंडारण की समस्या से मिलेगी निजात, जल्द ही 12 राज्यों में बनेंगे आधुनिक स्टील गोदाम

जिस हिसाब से भारत में फसलों का उत्पादन होता है, उस हिसाब से भारत में भंडारण (Storage; silos; bhandaran) की अधोसंरचनाएं मौजूद नहीं हैं, जिसके कारण फसलों का समय पर भंडारण नहीं हो पाता और फसलें खेतों में पड़े-पड़े खराब हो जाती हैं। इसके साथ ही फसलों के ट्रांसपोर्टेशन में भी भारी खर्चा होता है, जिसके कारण लागत बढ़ने के साथ ही किसानों का मुनाफा कम हो जाता है। सरकार इस समस्या का समाधान करने के लिए प्रयास कर रही है। इसके तहत सरकार अब 12 राज्यों में 249 आधुनिक स्टील गोदामों का निर्माण करने जा रही है। इसकी जानकारी आज केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट के माध्यम से दी।

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249 आधुनिक स्टील गोदामों के निर्माण के लिए सरकार निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी करने जा रही है। इस निर्माण में करीब 9,236 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है। भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) के सहयोग से जिन 249 आधुनिक स्टील के गोदामों का निर्माण किया जाना है, उनकी भंडारण क्षमता 111.125 लाख मीट्रिक टन के करीब होगी। इन आधुनिक स्टील गोदामों का निर्माण सरकार तीन चरणों में करवाएगी। इसके लिये भारतीय खाद्य निगम 'हब एंड स्पोक' मॉडल (Hub & Spoke model) पर काम कर रहा है, सभी आधुनिक स्टील गोदामों का निर्माण अगले 3-4 साल में कर लिया जाएगा। पहले चरण में सरकार ने 80 स्टील गोदामों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इन गोदामों में 34.875 लाख मीट्रिक टन अनाज का भंडारण हो सकेगा।

सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से वैज्ञानिक भंडारण है लक्ष्य

इन गोदामों के निर्माण के बाद सरकार का लक्ष्य है कि गोदामों में वैज्ञानिक तरीकों से अनाज का भंडारण किया जाए ताकि अनाज खराब न हो और ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रखा रहे। इसके अलावा सरकार इन गोदामों में यह सुनिश्चित करेगी कि निर्माण के साथ-साथ इनके संचालन की जिम्मेदारी भी निजी कंपनियां उठायें। सरकार इन आधुनिक गोदामों में सभी प्रकार की मैनेजमेंट सुविधाएं उपलब्ध करवाने की कोशिश करेगी।

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इन राज्यों को मिलेगी स्टील गोदामों की सौगात

पहले चरण में जिन राज्यों में आधुनिक स्टील के गोदाम बनाये जाने हैं उनमें 9 राज्यों के साथ 1 केंद्र शासित प्रदेश को शामिल किया गया है। इनमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर का नाम शामिल है। सरकार ने बताया है कि इन राज्यों में पहले चरण में 80 गोदाम बनाये जाएंगे, जिनमें लगभग 2,800 करोड़ रुपये का निवेश हासिल हो सकता है। इस योजना में राज्य सरकारें, नीति आयोग, वित्त मंत्रालय, रेल मंत्रालय और इस्पात मंत्रालय भी अपना-अपना योगदान दे रहे हैं। सरकार ने बताया है कि स्टील के इन गोदामों का निर्माण खेतों के नजदीक ही किया जाएगा, ताकि ट्रांसपोर्टेशन में आने वाले किसानों के खर्चों को कम किया जा सके। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों के नजदीक होने पर किसानों को भंडारण में भी काफी सहूलियत मिलेगी।

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इन आधुनिक गोदामों में जमीन की भी बचत होती है। अगर हम भंडारण की बात करें तो पारंपरिक भंडारण की तुलना में स्टील गोदाम के भंडारण में मात्र एक तिहाई जमीन की ही जरुरत होती है। सरकार ने बताया है कि ये भंडारण केंद्र बाद में खरीद केंद्र के तौर भी काम करेंगे।