Ad

upag

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अब यूपी में होगा बोर्ड का गठन

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अब यूपी में होगा बोर्ड का गठन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अब यूपी में बोर्ड का गठन करने की बात कही। सीएम योगी का मानना है कि धरती की रक्षा के लिए प्राकृतिक खेती अपनानी होगी। शीघ्र ही यूपी में इसके बोर्ड के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने कहा कि यूपी में सबसे अच्छा जल संसाधन के साथ-साथ सबसे अच्छी उर्वरा भूमि है। पूरे देश का 12 फीसदी भूभाग यूपी में है। पूरे देश में यूपी 20 फीसदी कृषि उत्पादन करता है।

ये भी पढ़ें: जानिए क्या है नए ज़माने की खेती: प्रिसिजन फार्मिंग

लखनऊ में विश्व बैंक एवं एमएसएमई के तत्वावधान में हुई बैठक में सीएम योगी ने कहा कि ऋषि और कृषि एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। गोवंश आधार था। अब फिर से उसी ओर जाना होगा। कम लागत में केवल प्राकृतिक खेती ही किसानों की आमदनी कई गुना बढ़ा सकती है। यदि प्राकृतिक खेती के बढ़ावा मिले तो स्थिति काफी बेहतर हो सकती है। देश में कृषि पहले नम्बर पर है। और एमएसएमई दूसरे नम्बर पर है। आज प्रदेश में 90 लाख एमएसएमई इकाइयां उपलब्ध हैं। यदि दोनों में एक-दूसरे के साथ बेहतर तालमेल हो जाए तो काफी बेहतर परिणाम आ सकते हैं।

इन स्थानों पर अभियान की शुरुआत हो चुकी है

- यूपी में गंगा के दोनों तटों पर पांच किमी तक खास तौर पर तटवर्ती 27 और बुंदेलखंड के 7 यानी कुल 34 जिलों में प्राकृतिक खेती के लिए अभियान शुरु हो चुका है। जल्दी ही पूरे प्रदेश में इसका विस्तार किया जाएगा।

ये भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में जैविक खेती से बढ़ी किसानों की आमदनी

पीएम मोदी देश को चाहते हैं विषमुक्त

- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते हैं कि पूरा देश विषमुक्त हो जाए। इस अभियान में राज्य सरकारें भी पीएम की मंशा के अनुरूप काम कर रहीं हैं। और लगातार प्रदेश सरकारों की ओर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किया जा रहा है।

किसानों को जागरूक करने के लिए होंगी किसान गोष्ठी

- प्राकृतिक खेती के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए किसान गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें किसानों को प्राकृतिक खेती के फायदे बताए जाएंगे। जल्दी ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। 

 ------- लोकेन्द्र नरवार

भारत सरकार ने एकीकृत योजना का अनावरण किया, जानें इससे किसानों को क्या फायदा होगा

भारत सरकार ने एकीकृत योजना का अनावरण किया, जानें इससे किसानों को क्या फायदा होगा

भारत सरकार द्वारा एकीकृत योजना लॉन्च की गई है। किसानों के हित में आए दिन केंद्र एवं राज्य सरकारें अपने अपने स्तर से योजनाएं जारी करती रहती हैं। इस बार किसानों के लिए केंद्र सरकार ने UPAg लॉन्च की है। आज हम अपने इस लेख में जानेंगे कि क्या एकीकृत योजना से किसानों की आमदनी पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है, कि किसी तरह से किसानों की आय दोगुनी की जाए। कृषि मंत्रालय द्वारा लॉन्च एकीकृत पोर्टल UPAg में कृषि से संबंधित जानकारियां मौजूद होंगी। यह एक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक महत्वपूर्ण अंग बनेगा। भारत सरकार ने देश के किसानों के लिए कृषि से जुड़ा एक यूनिफाइड पोर्टल लॉन्च किया है। यह एकीकृत पोर्टल (UPAg) कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक महत्वपूर्ण घटक है। खेती से संबंधित आकड़ों को इकट्ठा कर यह पोर्टल एक सुचारु सुविधा प्रदान करेगा।

यूनिफाइड पोर्टल का काम क्या है

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि इस पोर्टल का प्रमुख उद्देश्य खेती से संबंधित मानकीकृत एवं सत्यापित आंकड़ों की कमी से जुड़ी चुनौतियों को दूर करना एवं उससे संबंधित सही-सटीक आंकड़ों को प्रस्तुत करना है। यह नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं एवं अंशधारकों के लिए खेती से संबंधित समस्याओं को कम करेगा। भारत सरकार ने UPAg (कृषि सांख्यिकी के लिए एकीकृत पोर्टल) का अनावरण किया है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक, कृषि क्षेत्र में डेटा प्रबंधन को कारगर बनाने एवं खेती से जुड़ी कई तरह की सूचनाओं को सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है। यह पोर्टल एक ज्यादा कुशल एवं उत्तरदायी कृषि नीति ढांचे की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम प्रदान करता है।

ये भी पढ़ें:
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री ने कृषि भवन में ”पीएम किसान चैटबॉट” (किसान ई-मित्र) का अनावरण किया

एकीकृत स्त्रोत का होगा डेटा

भारत सरकार के पास कृषि से जुड़े किसी डेटा की एकीकृत जानकारी नहीं है। साथ ही, खेती से संबंधित विभिन्न स्रोत भी बिखरे हुए हैं। ऐसी स्थिति में इस यूनिफाइड पोर्टल का उद्देश्य डेटा को एक मानकीकृत प्रारूप में समेकित कर इसको ठीक करना है। ताकि उपयोगकर्ताओं के लिए इसे सुगमता से पहुंचाया जा सके। साथ ही, खेती से संबंधित विभिन्न कार्यो की सही और सटीक सुनिश्चित समझ विकसित की जा सके।