Ad

weather update today

IMD ने इस मानसून में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना जताई है

IMD ने इस मानसून में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना जताई है

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इस वर्ष के मानसून सीजन का आँकलन जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष मानसून सीजन में सामान्य से ज्यादा वर्षा होगी।

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मानसून सीजन 2024 को लेकर अपना अनुमान जारी किया है। आईएमडी ने भविष्यवाणी की है, कि इस बार मानसून सीजन में सामान्य से ज्यादा बरसात होगी। 

IMD ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी साझा की है। आईएमडी का कहना है, कि मॉनसून की बारिश सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान है। यह अनुमान 104% प्रतिशत तक जताया गया है।

अल-नीनो की स्थिति कैसे रहेगी और इसका प्रभाव कैसे कम होगा ?

आईएमडी का कहना है, कि इस वर्ष अल-नीनो की स्थिति मध्यम रहेगी। अल-नीनो धीरे-धीरे कमजोर होगा और मॉनसून की शुरुआत तक न्यूट्रल हो जाएगा। 

मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून की शुरुआत से ला-नीना सक्रिय हो जाएगा, जो कि अल-नीनो के विपरीत प्रभाव दिखाता है।

मौसम विभाग के कहने के अनुसार अल-नीनो के प्रभाव को रोकने में इंडियन डायपोल ओशन (आईओडी) पूरी तरह सक्रिय रहेगा। 

सरल शब्दों में कहें तो, पश्चिमी हिंदी महासागर का पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में बारी-बारी से गर्म व ठंडा होना ही हिंद महासागर द्विध्रुव यानी (आईओडी) कहलाता है। इससे अच्छी खासी मात्रा में वर्षा देखने को मिलेगी। 

भारत के कुछ पूर्वी एवं अन्य इलाकों को छोड़कर, इस बार बारिश सामान्य से ज्यादा होने की संभावना है। जानकारी के लिए बतादें, कि शानदार बरसात के लिए आईओडी का पॉजिटिव होना आवश्यक माना जा रहा है। 

ये भी देखें: आखिर क्या होता है अल-नीनो जो लोगों की जेब ढ़ीली करने के साथ अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करता है

मौसम विभाग ने अग्रिम तौर पर कहा है, कि दक्षिण-पश्चिम के प्रदूषकों के बढ़ने पर आईओडी सक्रिय होगा और इससे बारिश बढ़ेगी।

आईएमडी के अनुसार कितनी बरसात होनी है ?

आईएमडी के अनुसार, इस वर्ष 104 प्रतिशत तक बारिश होने का अनुमान है, जो कि सामान्य से ज्यादा है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि अगर मानसून में बारिश 90% प्रतिशत से कम हो तो इसे कम बारिश ही माना जाता है। 

इसी प्रकार 90 से 96% प्रतिशत बारिश सामान्य से कम, 96 से 104 प्रतिशत बारिश को सामान्य, 104 से 110 प्रतिशत बारिश को सामान्य से ज्यादा और 110 से अधिक मॉनसूनी बारिश में दर्ज किया जाता है। 

ये भी देखें: मानसून की धीमी रफ्तार और अलनीनो बढ़ा रहा किसानों की समस्या

मौसम विभाग का कहना है, कि केवल उत्तर-पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कुछ इलाकों को छोड़ दें तो सब जगह सामान्य से अधिक वर्षा होगी।

सितंबर के महीने में सबसे ज्यादा वर्षा होने की भविष्यवाणी   

मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून के मौसम जून से सितंबर के मध्य 106% प्रतिशत वर्षा हो सकती है। यह सामान्य से काफी अधिक है। महीने के अनुरूप इस साल मॉनसून के पहले माह जून में लगभग 95% प्रतिशत वर्षा दर्ज होगी। 

वहीं, जुलाई के महीने में 105% प्रतिशत बारिश होगी। इसके बाद अगस्त में थोड़ी कम 98% प्रतिशत वर्षा होगी। इसके उपरांत सबसे ज्यादा वर्षा की उम्मीद सितंबर माह में 110% प्रतिशत तक है। 

होली के समय ऐसा रहने वाला है मौसम

होली के समय ऐसा रहने वाला है मौसम

भारत में आजकल निरंतर मौसमिक परिवर्तन की स्थिति देखी जा रही है। जहां गुजरे दिनों फरवरी के माह में ही गर्मी ने अपना कहर मचाना आरंभ कर दिया था। साथ ही, मार्च के पूर्व सप्ताह में मौसम की स्थिति थोड़ी नाजुक है। देशभर में मौसम ने एक बार पुनः अपना रंग परिवर्तित किया है। मार्च माह की शुरुआत ही दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश में धीमी बारिश एवं बूंदाबांदी  हुई, जिसके उपरांत मौसम काफी अच्छा हो गया है। जहां फरवरी माह से ही गर्मी ने खुद का भयंकर रूप प्रदर्शित करना आरंभ कर दिया था। तब वही फिलहाल मार्च माह में मौसम अच्छा बना हुआ है। मार्च के प्रारंभिक दिनों में सुबह एवं शाम के समय मौसम में हल्की सर्दी बनी हुई है। जिसकी वजह से बढ़ता तापमान दिक्कत नहीं कर रहा है। हालांकि, दिन गुजरने के साथ ही कड़ी धूप में बाहर जाना लोगों के लिए चुनौती सा हो रहा है।

होली पर मौसम कैसा रहने वाला है

इस माह होली का पर्व है। होली में फिलहाल एक सप्ताह से भी कम वक्त शेष है। ऐसी परिस्थिति में इसी कड़ी में सवाल है, कि आखिरकार होली के वक्त मौसम कैसा रहेगा। क्या होली के दिन बरसात होगी अथवा फिर गर्मी से लोग तपेंगे ? मौसम विभाग के अनुसार इस मार्च माह के चालू होते ही भारत के विभिन्न राज्यों में
गर्मी का अलर्ट जारी कर दिया है। होली तक प्रचंड गर्मी से लोगों को राहत मिलती रहेगी। परंतु, होली के तुरंत उपरांत मौसम में गर्मी बढ़ जायेगी। साथ ही, न्यूनतम एवं अधिकतम तापमान में इजाफा देखने को मिलेगा। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, ताजा पश्चिमी विक्षोभ 4 मार्च तक पश्चिमी हिमालय तक पहुंचने की संभावना है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में धीमी बरसात पाई जाएगी।

इन राज्यों में बारिश व बर्फबारी की आशंका है

वेदर एजेंसी स्काईमेट वेदर के हिसाब से आने वाले 24 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड एवं जम्मू कश्मीर के बहुत से इलाकों में हल्की से मध्यम बरसात की आशंका है। इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में बर्फबारी के साथ-साथ एक या दो जगहों पर प्रचंड वर्षा देखने को मिल सकती है। ये भी पढ़ें: सावधान: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में ऐसा मौसम रहने वाला है

आज मौसम कैसा रहने वाला है

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज दिन के वक्त गगन में आंशिक तौर से बादल छाए रहने एवं बेहद हल्की वर्षा अथवा बूंदाबांदी होने की आशंका जताई गई है। आज उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं पंजाब के उत्तरी इलाकों में एक-दो जगहों पर गरज सहित बौछारें पड़ने का अनुमान व्यक्त किया गया हैं। इसके साथ ही आगामी 48 घंटों के चलते उत्तर पश्चिमी भारत में न्यूनतम तापमान के अंदर 2 से 3 डिग्री की गिरावट देखी जा सकती है।
मौसम विभाग: यूपी में आने वाले दिनों में होगी हल्की बारिश

मौसम विभाग: यूपी में आने वाले दिनों में होगी हल्की बारिश

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि जून महीने का आरंभ हो चुका है। दिल्ली NCR समेत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में मौसम में राहत बनी हुई है। उत्तर प्रदेश के बहुत सारे जिलों में बारिश-बूंदाबांदी की वजह से लोगों को गर्मी से राहत मिली है। इसी कड़ी में अगले सप्ताह के मौसम को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। रविवार से उत्तर प्रदेश के मौसम में पुनः परिवर्तन देखने को मिलेगा। उत्तर प्रदेश में आगामी 4-5 दिनों तक बादल होने के साथ पूर्वांचल एवं बुंदेलखंड के बहुत सारे भागों में बूंदाबांदी होने की संभावना है। यह भी पढ़ें : मौसम विभाग के अनुसार इस बार पर्याप्त मात्रा में होगी बारिश, धान की खेती का बढ़ा रकबा

मौसम विभाग ने क्या कहा है

मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ नरेश कुमार ने कहा है, कि, ‘ईरान पर पश्चिमी विक्षोभ की वजह आगामी 4-5 दिनों में पश्चिमी हिमालयी इलाकों में बारिश की संभावना है। गले दो दिनों में यूपी एवं दिल्ली एनसीआर में वर्षा होने की आशा है। इसके उपरांत तापमान बढ़ने की संभावना है।’ विगत कुछ दिनों में देखा गया है, कि उत्तर प्रदेश का मौसम परिवर्तित हो रहा है। कुछ जनपदों में वर्षा हो रही है, तो कुछ जनपदों में भीषण गर्मी पड़ रही है। परंतु, कल से ही जनता को गर्मी से राहत मिलने की आशा है।

फिर से गर्मी बढ़ने की संभावना हुई तेज

साथ ही, मौसस में हो रहे परिवर्तन के मध्य यह भी संभावना जताई गई है, कि 15 जून के पश्चात एक बार फिर गर्मी अपना प्रकोप दिखाएगी। 15 जून तक राज्य में भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है। राज्य के विभिन्न जनपदों में 3 दिन तक गर्म हवाओं की चेतावनी जारी की गई है। इस दौरान तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक ही रहेगा।
आने वाले दिनों में मौसम के चलते किसानों को नुकसान या होगा शानदार लाभ

आने वाले दिनों में मौसम के चलते किसानों को नुकसान या होगा शानदार लाभ

जैसा कि हम सब जानते हैं, कि सर्दियों ने फिलहाल दस्तक दे दी है। वर्तमान में तापमान फसलों के अनुकूल होने पर फायदा होगा। वहीं, तापमान अनुकूल ना होने की वजह से फसल में झुलसा जैसी समस्या का खतरा हो सकता है। भारत में फिलहाल मौसम में बदलाव हो रहा है। गर्मियों के पश्चात अब तीव्रता से सर्दी के मौसम ने दस्तक दे ड़ाली है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल भारत में मानसून काफी सामान्य रहा। मानसून का सामान्य रहना कृषकों के लिए काफी शानदार समाचार था। दरअसल, इसकी वजह से फसलों को शानदार बारिश मिली जिसके परिणामस्वरूप फसलों का उत्पादन भी अच्छा हुआ।  राजधानी दिल्ली की बात की जाए तो आज सुबह तापमान में कमी देखी गई, जिससे ठंड भी बढ़ी है। IMD के अनुसार, तो दिल्ली में दिसंबर के प्रथम सप्ताह का तापमान सामान्य रहेगा। वहीं, तापमान में ज्यादा गिरावट की संभावना काफी कम है। मौसम विभाग के अनुसार, 4 दिसंबर तक राजधानी दिल्ली का अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस है। वहीं, न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा। 

आने वाले दिनों में ठंड बढ़ने से फसलों को होगा फायदा  

खबरों की मानें तो आगामी दिनों में ठंड काफी बढ़ेगी। फसलों में ठंड से तब तक लाभ होता है, जब तक तापमान फसल की सहनशीलता के अनुकूल हो। सर्दी के दिनों में फसलों में रोगों एवं कीटों का संक्रमण कम होता है। फसलों में पौष्टिक तत्वों का संचय भी काफी बढ़ता है। साथ ही, फसलों का उत्पादन भी बढ़ जाता है। साथ ही, जब फसलों के मुताबिक तापमान नहीं होता है, तो ऐसी स्थिति में हानि होती है। अत्यधिक ठंड की वजह से फसलों का रंग तथा आकार परिवर्तित हो सकता है। फसलों में सूखा, झुलसा जैसी परेशानियां सकती हैं। 

ये भी पढ़ें:
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई राज्यों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया
इसके अतिरिक्त फसलों की पैदावार कम हो जाती है। किसानों के लिए मौसम की ज्यादा जानकारी के लिए IMD की आधिकारिक वेबसाइट अथवा फिर मोबाइल ऐप का उपयोग कर सकते हैं। इससे वह वक्त रहते ही मौसम की जानकारी हांसिल हो पाऐगी। साथ ही, किसान भाई अपनी फसलों की सुरक्षा कर सकते हैं। 

किसान भाई फसल से बेहतर उत्पादन पाने के लिए इन उपायों को अपनाऐं 

किसान भाई अपनी फसलों से बेहतरीन उत्पादन पाने के लिए फसलों की बुवाई सही समय पर करें। इसके साथ-साथ फसलों की नियमित तौर पर सिंचाई करें।  फसलों को कीटों एवं रोगों से संरक्षित करने के लिए समय-समय पर दवाओं का छिड़काव अवश्य करें। ठंड के दौरान फसलों को ढ़कने के लिए प्लास्टिक की चादर या शेड का उपयोग अवश्य करें।