Ad

woman farmer

गुरलीन जमीन के छोटे से टुकड़े पर स्ट्रॉबेरी की खेती कर मिशाल बन चुकी हैं

गुरलीन जमीन के छोटे से टुकड़े पर स्ट्रॉबेरी की खेती कर मिशाल बन चुकी हैं

गुरलीन का कहना है, कि उन्होंने ऑनलाइन ही स्ट्रॉबेरी की खेती करना सीखा था। गुरलीन के इस परिश्रम को देखते हुए उनके पिता ने उन्हें सपोर्ट किया। गुरलीन ने बताया कि आरंभ में उन्होंने छोटे से भूमि के टुकड़े से इसकी शुरुआत की थी। परंतु, आज वह ढेड एकड़ भूमि में इसका उत्पादन कर रही हैं। भारत में युवा पीढ़ी की सोच खेती-किसानी के प्रति आहिस्ते-आहिस्ते परिवर्तित हो रही है। बतादें, कि ऐसे बहुत सारे उदाहरण हैं, जहां युवाओं ने शानदान वेतन वाली नौकरी छोड़ खेती का मार्ग पकड़ा है। केवल इतना ही नहीं बहुत सारे युवा खेती कर लाखों की आमदनी कर रहे हैं। कुछ इस प्रकार की ही कहानी है, उत्तर प्रदेश-झांसी की मूल निवासी गुरलीन चावला की, जिन्होंने युवाओं के लिए एक नजीर प्रस्तुत की है। गुरलीन आज सफल ढ़ंग से खेती कर लाखों की आमदनी कर रही हैं। अपने परिश्रम की बदौलत गुरलीन एक बंजर भूमि के टुकड़े से सोना उगल रही हैं। जी हां, आपने सही सुना है, जब गुरलीन ने खेती का प्रारंभ किया था, तब उनके पास एक बंजर भूमि का टुकाड़ा था, जिसे उन्होंने कृषि करने लायक बनाया। वहीं, आज उसी भूमि पर वह अपनी फसल उगा रही हैं।

गुरलीन का सफर लॉकडाउन के दौरान चालू हुआ था  

गुरलीन का कहना है, कि अपनी पढ़ाई संपन्न करने के पश्चात वह कुछ हटकर करना चाहती थी, जिस वजह से उन्होंने बंजर भूमि पर स्ट्रॉबेरी की खेती आरंभ की है। उन्होंने अपने सपनों को पूर्ण करने के लिए दिन-रात परिश्रम किया। गुरलीन ने बताया कि उन्हें इसका आइडिया लॉकडाउन के समय आया, जब वह झांसी में अपने घर पर थीं। उन्हें स्ट्रॉबेरी बेहद पसंद है। परंतु, लॉकडाउन के दौरान स्ट्राबेरी मिलने पर उन्होंने घर पर ही इसे उगाने के विषय में सोचा। गुरलीन ने बतौर प्रयोग पहले घर में कुछ गमलों में इसके बीज रोपे। प्रयोग सफल रहने पर उन्होंने अपने पिता को इसकी जानकारी प्रदान की एवं उनके फॉर्म हाउस में बंजर पड़ी भूमि पर इसकी खेती चालू कर ड़ाली। गुरलीन ने बताया कि आरंभिक समय में उन्होंने छोटे सी भूमि से इसका प्रारंभ किया था। वहीं, आज वह ढेड एकड़ भूमि में इसका उत्पादन कर रही हैं।

ये भी पढ़ें:
किसान ने विपरीत परिस्थितियों में स्ट्रॉबेरी और ब्रोकली की खेती कर मिशाल पेश की

गुरलीन के कार्य की PM मोदी भी सराहना कर चुके हैं  

गुरलीन ने बताया कि उन्होंने झांसी ऑर्गेनिक्स नाम से एक वेबसाइट भी तैयार कर रखी है। जहां लोग ऑनलाइन माध्यम से आर्डर कर सकते हैं। गुरलीन स्ट्रॉबेरी की खेती के साथ-साथ विभिन्न सब्जियों को भी उगा रही हैं। गुरलीन का कहना है, कि उन्होंने ढेड एकड़ भूमि से खेती का आरंभ किया था। वहीं, आज वह 7 एकड़ भूमि पर खेती कर रही हैं। झांसी में स्ट्रॉबेरी की सफलतापूर्वक खेती करने के पश्चात गुरलीन प्रशासन एवं सरकार की सराहना भी प्राप्त कर चुकीं हैं। गुरलीन प्रमुख तौर पर तब चर्चाओं में आईं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 73वें संस्करण में उनका जिक्र किया एवं उनकी जमकर तारीफ की है। गुरलीन का कहना है, कि वह आज सफल ढ़ंग से खेती कर लाखों की आमदनी कर रही हैं। 
मोदी सरकार महिला किसानों को इस योजना के तहत वार्षिक 12 हजार प्रदान करेगी

मोदी सरकार महिला किसानों को इस योजना के तहत वार्षिक 12 हजार प्रदान करेगी

मोदी सरकार शीघ्र महिला कृषकों को काफी बड़ा तोहफा प्रदान कर सकती है। सूत्रों की मुताबिक, 1 फरवरी को प्रस्तुत होने वाले अंतरिम बजट में सरकार महिला कृषकों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की धनराशि दोगुनी करने की घोषणा कर सकती है। लोकसभा चुनाव से पूर्व मोदी सरकार महिला कृषकों को एक बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार महिला किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की धनराशि डबल कर सकती है। यानी कि महिला कृषकों के खाते में 6 की वजाय अब 12 हजार रुपये आऐंगे। PM kisan Yojana के अंतर्गत वर्तमान में लघु और सीमांत कृषकों को वार्षिक 6000 रुपये प्रदान किए जाते हैं, जो दो-दो हजार रुपये की तीन किस्तों में कृषकों के खातों में पहुँच जाते हैं। ये एक तरह की आर्थिक सहायता है जो सरकार द्वारा छोटे किसानों की मदद के लिए दी जाती है।

सरकार द्वारा योजना से महिलाओं का समर्थन पाने की तैयारी

संपन्न हुए देश के 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश के चुनावी वादों पर जनता ने विश्वास जताते हुए भाजपा को अप्रत्याशित जीत दिलाई है। इसमें भाजपा को महिला कृषकों का समर्थन हांसिल करने में "लाडली बहना" और "लाडली लक्ष्मी योजना" की सफलता और एमपी के चुनाव में महिलाओं का भरपूर समर्थन दिलाया। इससे सबक लेकर केंद्रीय भाजपा सरकार अब देश की महिला किसानों का समर्थन प्राप्त करने के लिए उनकी सम्मान निधि को दोगुना करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। 

ये भी पढ़ें: अब किसान ऐप से कर सकेंगे किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की ई-केवाईसी प्रक्रिया


सरकार फरवरी में आने वाले बजट में ऐलान कर सकती है

कृषि मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को एक नवीन श्रेणी में लागू करने की तैयारी चल रही है। इसके तहत महिला कृषकों की सम्मान निधि को 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 12 हजार रुपये किया जा सकता है। इसकी घोषणा आने वाले अंतरिम बजट में हो सकती है, जो 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कृष‍ि मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ने इसकी सारी तैयारी पूर्ण कर ली है। इस संबंध में समस्त राज्यों से लैंड होल्डिंग वाली जमीन की मालिक महिला कृषकों का विवरण भी मंगा लिया गया है। इसके विश्लेषण से सरकारी खजाने पर पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ समेत बाकी पहलुओं पर विचार कर लिया गया है। हालांकि, अब तक इस पर न तो मंत्रालय और न ही सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा की है।


 

क्या इससे प्रभावित होगा सरकारी बजट?

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत 1.40 अरब आबादी में कृषकों की संख्या तकरीबन 26 करोड़ है। इसमें महिला किसानों की हिस्सेदारी तकरीबन 60 % फीसद है। वहीं, इनमें से भी केवल 13% फीसद महिला कृषकों के नाम पर खेती की जमीन है। मतलब कि महज 13 प्रतिशत महिला किसान ही लैंड होल्डिंग रखती हैं। अगर महिला किसानों की सम्मान निधि दोगुनी की जाए, तो केंद्र सरकार को 12 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार वहन करना पड़ेगा। केंद्र सरकार का समकुल अनुमानित बजट तकरीबन 550 अरब डॉलर होता है। इस हिसाब से 12 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बजट के ढांचे को ज्यादा प्रभावित नहीं करेगा।

भारत की सबसे अमीर महिला किसान रत्नम्मा गुंडमंथा की कहानी

भारत की सबसे अमीर महिला किसान रत्नम्मा गुंडमंथा की कहानी

आज हम आपको भारत की सबसे अमीर महिला किसान रत्नम्मा गुंडमंथा जी के बारे में बताएंगे। कर्नाटक के कोलार जिले में स्थित श्रीनिवासपुरा शहर की रहने वाली महिला किसान रत्नम्मा गुंडमंथा खेती-किसानी के साथ-साथ फूड प्रोसेसिंग का काम भी करती हैं। रत्नम्मा गुंडमंथा को इससे सालाना एक करोड़ रुपये से भी अधिक की आमदनी होती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों की आमदनी दोगुनी करने के दृष्टिकोण के अनुरूप, भारत के जो किसान कृषि के माध्यम से बेहतरीन मुनाफा कमा रहे हैं और किसानों के लिए एक आदर्श हैं। 

ऐसे सभी किसानों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान दिलाने के उद्देश्य से महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया अवॉर्ड-2023 शो में भारत के सैकड़ों मिलेनियर किसानों को एमएफओआई अवॉर्ड-2023 से सम्मानित किया गया था।

इस दौरान कर्नाटक के कोलार जिले में स्थित श्रीनिवासपुरा शहर की रहने वाली महिला किसान रत्नम्मा गुंडमंथा को वूमेन फार्मर कैटेगरी में केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला द्वारा ‘नेशनल अवॉर्ड' दिया गया था।

इस दौरान ब्राजील सरकार के सौजन्य से ब्राजील के एम्बेसडर केनेथ फेलिक्स हजिंस्की दा नोब्रेगा द्वारा ‘वूमेन फार्मर’ कैटेगरी में नेशनल अवार्डी फार्मर रत्नम्मा गुंडमंथा को सात दिनों के लिए ब्राजील जाने के लिए टिकट भी दिया गया था।

रत्नम्मा गुंडमंथा कितने एकड़ जमीन पर कृषि करती हैं?

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि महिला किसान रत्नम्मा गुंडमंथा के पास खेती योग्य समकुल 4 एकड़ ही जमीन है, जिसमें ये आम, बाजरा और रेशम के कीड़ों का पालन करती हैं। इनके पास दो एकड़ में आम के बगीचे हैं और एक एकड़ में ये बाजरे की खेती करती हैं। 

इसके अतिरिक्त रत्नम्मा गुंडमंथा एक एकड़ में रेशम के कीड़ों का भी पालन करती हैं। उन्होंने आईसीएआर-केवीके, कोलार द्वारा प्रदान की गई सर्वोत्तम तकनीक को अपने खेतों में अपनाया है। इसके अलावा उन्होंने केवीके, कोलार द्वारा आयोजित कैंपस प्रशिक्षण में पांच दिनों का व्यावसायिक प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है।

रत्नम्मा गुंडमंथा कृषि के साथ और अन्य कार्य भी करती हैं

महिला किसान रत्नम्मा गुंडमंथा कृषि सहित फूड प्रोसेसिंग का भी कार्य करती हैं। कृषि के साथ-साथ अनाज का प्रसंस्करण, आम, बादाम और टमाटर का इस्तेमाल करके अचार और मसाला पाउडर उत्पाद निर्मित करके बेचती हैं।

ये भी पढ़ें: जानिए 'किसानमार्ट' पोर्टल के बारे में जो किसानों की आय दोगुनी करेगा

इसके लिए उन्होंने ICAR-IIHR, बैंगलोर, ICAR-IIMR हैदराबाद और UHS बगलकोट से प्रशिक्षण लेकर उसको अपनी कृषि पद्धतियों में शामिल किया है। बतादें, कि रत्नम्मा ने 2018-19 से अनाज का प्रसंस्करण शुरू किया था। इसके लिए उन्हें सरकार से भी मदद प्राप्त हुई। साथ ही, कृषि विभाग ने भी उनकी काफी मदद की।

महिला किसान रत्नम्मा गुंडमंथा की वार्षिक आय

महिला किसान रत्नम्मा गुंडमंथा वार्षिक तकरीबन 1.18 करोड़ रुपये की आय कर रही हैं। कृषि उत्पादों के साथ-साथ वे अनाज के उत्पादन और अनाज के प्रसंस्करण में भी शामिल हैं। 

रत्नम्मा अनाज और अनाज माल्ट, अनाज डोसा मिक्स, अनाज इडली मिक्स और अन्य आम उत्पाद जैसे आम का अचार, टमाटर का अचार, मसाला पाउडर उत्पाद को तैयार करती हैं।