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भारत सरकार ने गैर बासमती चावल पर लगाया प्रतिबंध, इन देशों की करेगा प्रभावित

भारत सरकार ने गैर बासमती चावल पर लगाया प्रतिबंध, इन देशों की करेगा प्रभावित

केंद्र सरकार के इस निर्णय से बहुत सारे देशों में चावल की किल्लत हो जाएगी। दरअसल, भारत विश्व का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है। भारत से बहुत सारे देशों में चावल की आपूर्ति होती है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि केंद्र सरकार द्वारा बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है। केंद्र सरकार के इस निर्णय से बहुत सारे देशों में चावल की किल्लत हो जाएगी। विशेष रूप से उन देशों में जो चावल के लिए प्रत्यक्ष तौर पर भारत पर आश्रित हैं। सामान्य तौर पर भारत विश्व का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है। बतादें, कि से अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका समेत एशिया महादेश के भी बहुत सारे देशों में चावल का निर्यात किया जाता है।

केंद्र सरकार ने चावल के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध

जानकारों ने बताया है, कि भारत में खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर रोकथाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने नॉन बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। क्योंकि चावल भारत में अधिकांश लोगों का भोजन है। सबसे विशेष बात यह है, कि भारतीय लोग नॉन बासमती चावल का ही सबसे ज्यादा सेवन करते हैं। यदि नॉन बासमती चावल का निर्यात सुचारू रहता तो, इसकी कीमतों में भी बढ़ोतरी हो सकती थी। ऐसे में आम जनता का पेट भरना मुश्किल हो जाता। यही वजह है, कि केंद्र सरकार ने कुछ दिनों के लिए नॉन बासमती चावल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। ये भी पढ़े: पूसा बासमती चावल की रोग प्रतिरोधी नई किस्म PB1886, जानिए इसकी खासियत

नेपाल में इस वजह से बढ़ने वाले चावल के दाम

भारत से सर्वाधिक नॉन बासमती चावल का निर्यात चीन, नेपाल, कैमरून एवं फिलीपींस समेत विभिन्न देशों में होता है। अगर यह प्रतिबंध ज्यादा वक्त तक रहता है, तो इन देशों में चावल की किल्लत हो सकती है। विशेष कर नेपाल सबसे ज्यादा असर होगा। क्योंकि, नेपाल भारत का पड़ोसी देश है। उत्तर प्रदेश एवं बिहार से इसकी सीमाएं लगती हैं। फासला कम होने के कारण नेपाल को यातायात पर कम लागत लगानी पड़ती है। अगर वह दूसरे देश से चावल खरीदता है, तो निश्चित तौर पर निर्यात पर अत्यधिक खर्चा करना पड़ेगा। इससे नेपाल पहुंचते-पहुंचते चावल की कीमतें बढ़ जाऐंगी, जिससे महंगाई में भी इजाफा हो सकता है।

भारत ने बीते वर्ष टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था

बतादें, कि ऐसा बताया जा रहा है, कि गैर- बासमती चावल पर प्रतिबंध लगाए जाने से भारत से निर्यात होने वाले करीब 80 फीसदी चावल पर प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, केंद्र सरकार के इस कदम से रिटेल बाजार में चावल की कीमतों में गिरावट आ सकती है। साथ ही, दूसरे देशों में कीमतें बढ़ जाऐंगी। एक आंकड़े के अनुसार, विश्व की तकरीबन आधी आबादी का भोजन चावल ही है। मतलब कि वे किसी न किसी रूप में चावल खाकर ही अपना पेट भरते हैं। अब ऐसी स्थिति में इन लोगों के लिए चिंता का विषय है। बतादें, कि विगत वर्ष भारत ने टूटे हुए चावल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
केंद्र सरकार द्वारा नॉन बासमती चावल के निर्यात पर बैन लगाने से अमेरिका में हलचल

केंद्र सरकार द्वारा नॉन बासमती चावल के निर्यात पर बैन लगाने से अमेरिका में हलचल

केंद्र सरकार द्वारा भारत की जनता को सहूलियत प्रदान करने के लिए विगत सप्ताह एक निर्णय लिया गया। वर्तमान में इस निर्णय का प्रभाव अमेरिका के सुपरमार्केट्स में दिखना चालू हो चुका है। 

केंद्र सरकार ने चावल की कीमतों में आ रहे उछाल पर रोक लगाने के उद्देश्य से विगत सप्ताह नॉन बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। अब सरकार के इस निर्णय का प्रभाव अमेरिका में दिखना चालू हो गया। 

दरअसल, चावल निर्यात प्रतिबंधित होने से विश्वभर के बहुत सारे देशों में किल्लत उत्पन्न हो सकती है। लिहाजा इनकी कीमतें भी बढ़ जाऐंगी। 

ऐसी स्थिति में अमेरिका के लोग चावल खरीदने के लिए सुपरमार्केट्स के बाहर कतार लगाकर खड़े हो रहे हैं। अमेरिका के सुपरमार्केट में चावल खरीदने के लिए भीड़ जुट रही है। 

भारत चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश माना जाता है। वर्तमान में भारत सरकार ने देश के अंदर चावल की कीमतें कम करने के लिए यह फैसला लिया है। अब इस फैसले का असर अमेरिका ही नहीं बल्कि विश्व के विभिन्न देशों में देखने को मिल सकता है।

भारत सबसे ज्यादा इन देशों में चावल का निर्यात करता है

भारत नॉन बासमती चावल का निर्यात बहुत सारे देशों में करता है। इनमें अमेरिका के अतिरिक्त नेपाल, फिलीपींस और कैमरुन जैसे देश भी शम्मिलित हैं। 

एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की आधी जनसंख्या का मुख्य भोजन चावल को ही माना जाता है। वर्तमान में सामान्य बात यह है, कि एक्सपोर्ट न होने की स्थिति में इन देशों में चावल की कमी होगी। माँग एवं आपूर्ति के खेल के चक्कर में इनके भाव बढ़ने निश्चित हैं।

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भारत ने नॉन बासमती चावल के निर्यात पर बैन लगा रखा है

अमेरिका में काफी बड़ी संख्या में भारतीय लोग रहते हैं। विगत सप्ताह में भारत ने जब नॉन बासमती चावल के निर्यात पर बैन लगाने का फैसला किया था, तो अमेरिका के सुपरमार्केट्स में चावल की कमी दर्ज हो गई थी। 

रअसल, लोग अधिक से अधिक मात्रा में चावल खरीदने के लिए काफी ज्यादा भीड़ लगा रहे हैं। यह बहुत ही आम बात है, कि जब विश्व का सबसे ज्यादा राइस एक्सपोर्टर देश चावल के निर्यात को रोक देगा तो मांग और आपूर्ति निश्चित रूप से प्रभावित होगी। इससे चावल की विदेशो में कीमतें काफी बढ़ जाऐंगी।

अमेरिका में किस वजह से मचा हड़कंप

अमेरिका के अंदर काफी बड़ी तादाद में भारतीय रहते हैं। पिछले हफ्ते भारत सरकार ने जब ये फैसला किया तो अमेरिकी की कुछ जगहों पर नॉन बासमती चावल की आपूर्ति में कमी आने लगी। 

लिहाजा लोग ज्यादा से ज्यादा चावल खरीदने के लिए अमेरिका के सुपरमार्केट्स पर भीड़ लगाने लग रह हैं। इन्हें पता है, कि अब चावल की कीमतें अभी और बढ़ जाऐंगी। यहां के सुपरमार्केट्स में लोगों के मध्य चावल खरीदने की होड़ सी लग चुकी है।

भारत सरकार ने यह फैसला क्यों लिया है

भारत में बीते कुछ दिनों से टमाटर, अदरक जैसी सब्जियों की कीमतों में निरंतर बढ़ोत्तरी हुई है। टमाटर और सब्जियों के उपरांत चावल के भाव भी निरंतर बढना चालू हो गए हैं। 

विशेष रूप से नॉन बासमती चावल के भाव में 10 से 18 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। ऐसे में सरकार ने यह निर्धारित किया है, कि इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाया जाए जिससे कि कीमतों में और इजाफा ना हो सके।

केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध को हटाया, प्याज किसानों में खुशी की लहर

केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध को हटाया, प्याज किसानों में खुशी की लहर

प्याज किसानों के लिए एक बड़ी खुशी की खबर है। केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात को हरी झंडी दिखा दी है, जिससे किसानों को काफी सहूलियत मिलेगी। दरअसल, बीते कुछ वर्षों से प्याज किसानों की दिक्कत-परेशानियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं। 

2022 में प्याज की कीमतो में गिरावट के पश्चात किसानों के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई थी। हालात ये थे की किसानों को अपना प्याज 1 से 2 रुपये किलो तक में बेचने को मजबूर होना पड़ा था। 

2023 के मध्य तक स्थिति ऐसी ही थी। प्याज की कम कीमत के चलते किसान लागत तक नहीं वसूल पा रहे थे। हालांकि, अगस्त 2023 में प्याज की कीमतों में सुधार देखने को मिला और भाव तेजी से बढ़े। 

परंतु, बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने 8 दिसंबर 2023 को प्याज के नियमित आयात पर 40% प्रतिशत की इम्पोर्ट ड्यूटी लगा दी थी। लेकिन इससे भी बात नहीं बनी, तो सरकार को मजबूरन कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्याज के निर्यात पर बैन लगाना पड़ा था। जो 31 मार्च तक जारी रहेगा।

प्याज निर्यात को केंद्र की हरी झंडी

प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगने के बाद, महाराष्ट्र की मंडियों में प्याज का थोक मूल्य 4000 रुपये प्रति क्विंटल से 800 से 1000 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गया था। इस वजह से किसानों की परेशानियां और अधिक बढ़ गई थीं। 

क्योंकि, प्याज को बर्बाद होने से बचाने के लिए कृषकों को लागत से कम कीमत पर प्याज बेचने पर मजबूर होना पड़ा था। लेकिन, लोकसभा चुनाव से पूर्व केंद्र सरकार ने एक बार फिर प्याज निर्यात को हरी झंडी दिखा दी है। 

इन देशों में प्याज निर्यात को मंजूरी मिली 

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि प्याज के एक्सपोर्ट पर रोक लगाने के 85 दिन बाद, केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट को हरी झंडी दिखाई है। सरकार ने सशर्त प्याज एक्सपोर्ट को मंजूरी दी है। 

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वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में जारी की गई एक अधिसूचना के मुताबिक, भारत से संयुक्त अरब अमीरात और बांग्लादेश को प्याज एक्सपोर्ट किया जाएगा। 

दोनों देशों को एक कुल मिलाकर 64,400 टन प्याज निर्यात किया जाएगा। मीडिया खबरों की मानें तो भूटान, मारीशस और बहरीन जैसे देशों में भी प्याज निर्यात को मंजूरी मिली है। इन देशों में तकरीबन 4700 टन प्याज भारत से निर्यात किया जाएगा।