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योगी सरकार ने मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना के लिए 75 से 350 करोड़ का बजट तय किया

Published on: 22-Jul-2023

लोकसभा चुनाव से पूर्व उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए योगी सरकार ने महत्वपूर्ण योजना लागू की है। यह योजना किसानों की एक बड़ी समस्या का समाधान करेगी। योगी सरकार अभी तक बुंदेलखंड में लागू सोलर फेंसिंग योजना को संपूर्ण राज्य में मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना के रूप में लागू करने की तैयारी कर रही है। गौरतलब कि निराश्रित पशुओं की समस्या को लेकर विपक्ष समय-समय पर सरकार पर हमले करता रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा बना था। तब भाजपा के लिए प्रचार करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी मंच से यह आश्वासन दिया था कि राज्य सरकार इस समस्या से निपटने का इंतजाम करेगी।

यूपी में सोलर फेंसिंग योजना जारी है

बुंदेलखंड में निराश्रित पशुओं की समस्या को देखते हुए वहां बुंदेलखंड पैकेज के अंतर्गत सोलर फेंसिंग योजना लागू की गई है। सोलर फेंसिंग में किसानों की फसल को पशुओं से सुरक्षित रखने के लिए खेतों को बाड़ से घेरा जाता है। बाड़ में सौर ऊर्जा के जरिए से 12 वोल्ट का करेंट प्रवाहित होता है। इससे केवल पशुओं को झटका लगता है, उन्हें कोई हानि नहीं पहुंचती है। पशु के बाड़ से टकराने पर हल्के करंट के साथ सायरन की आवाज भी होती है। इससे मवेशी और जंगली जानवर जैसे कि नीलगाय, सुअर, बंदर आदि खेत मे खड़ी फसल को क्षति नहीं पहुंचा पाऐंगे। ये भी पढ़े: इन राज्यों की सरकारें खेत के चारों तरफ ताराबंदी करवाने के लिए दे रही हैं सब्सिडी

योजना का बजट 350 करोड़ रुपये है

मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना को संपूर्ण प्रदेश में राज्य सरकार की योजना के तौर पर लागू करने की तैयारी है। योजना के लिए प्रस्तावित बजट 75 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 350 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसके लिए सरकार लघु-सीमांत किसानों को प्रति हेक्टेयर खर्चा का 60 प्रतिशत अथवा 1.43 लाख रुपये का अनुदान भी देगी। कृषि विभाग इस योजना का ड्राफ्ट तैयार कर चुका है। जल्दी ही इस योजना को कैबिनेट से स्वीकृति दिलाने की तैयारी है। कैबिनेट की मंजूरी के पश्चात इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। ये भी पढ़े: महंगी तार फैंसिंग नहीं, कम लागत पर जानवर से ऐसे बचाएं फसल, कमाई करें डबल

चारागाहों को कब्जों से मुक्त कराने हेतु भी अभियान चल रहा है

पशु खेत में खड़ी फसल का नुकसान तब ज्यादा करते हैं, जब उनको अपने आसपास खाने के लिए कुछ नहीं मिलता है। अगर चारागाह हों तो मवेशी खेतों की ओर नहीं जाएंगे। चरागाहों को कब्जों से मुक्त कराने हेतु पशुपालन और दुग्ध विकास विभाग 11 जुलाई से अभियान संचालित कर रहा है, तो 25 अगस्त तक चलेगा।

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