उत्पादन करने के बाद फसलों का भंडारण करना एक बहुत बड़ी समस्या है। यह समस्या उन फसलों के लिए कुछ ज्यादा ही बड़ी है जो बागवानी फसलों के अंतर्गत आती हैं। पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान देखा गया कि फसलों का बंपर उत्पादन होने के बावजूद ज्यादतर फसलें उचित भंडारण न होने के कारण खेतों में ही पड़े पड़े खराब हो गईं, जिसके कारण किसानों को भारी घाटा झेलना पड़ा। क्योंकि उन दिनों सभी प्रकार के मार्केट बंद होने के साथ ही मंडियां भी अपनी पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर रही थीं, जिसके कारण किसान अपनी फसलों को मंडियों तक नहीं पहुंचा पाए और फसलें सड़ गईं।
इसके अलावा किसानों के साथ एक बड़ी समस्या ये है कि कई फसलें ऐसी होती हैं, जो कटाई के बाद थोड़ी भी बरसात नहीं झेल पातीं और पानी पड़ते ही उनमें सड़न उत्पन्न होने लगती है। ये किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस प्रकार की समस्या को देखते हुए अब सरकार किसानों की सहायता के लिए आगे आई है। सरकार कई ऐसी योजनाएं चला रही है जिससे किसान अपनी फसलों का भंडारण उचित मात्रा में कर पाएं और जब उन्हें अच्छा भाव मिले तब वो अपनी फसलों को मंडियों में बेच पाएं।
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इसी कड़ी में बिहार सरकार ने किसानों की सहायता करने के लिए प्री कूलिंग यूनिट (Pre Cooling Unit) यानी कोल्ड स्टोरेज (cold storage) लगाने के लिए सहायता प्रदान कर रही है। इसके तहत बिहार सरकार किसानों तथा किसान उत्पादक संगठनों को 18 लाख 75 हजार रूपये तक का अनुदान उपलब्ध करवा रही है, जिससे किसान तथा किसान उत्पादक संगठन एक अच्छे प्री कूलिंग यूनिट का निर्माण कर पाएं, जिसमें वो अपनी फसलों का भंडारण सुरक्षित तरीके से कर सकें। कोल्ड स्टोरेज सब्सिडी योजना के सरकारी निर्देश को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
• यदि किसान और व्यक्तिगत निवेशक इस इकाई को लगाते हैं, तो सरकार अधिकतम लागत 25 लाख रूपये का 50 प्रतिशत, यानी 12 लाख 50,000 रुपये का अनुदान देगी।
• वहीं यदि किसान उत्पादन संगठन (FPO/FPC) प्री कूलिंग कोल्ड स्टोरेज इकाई लगाना चाहता है, तो सरकार उस संगठन को अधिकतम लागत 25 लाख रूपये का 75 प्रतिशत, यानी 18 लाख 75,000 रुपये का अनुदान प्रदान करेगी।
ये भी पढ़ें: जानिए अनाज भंडारण के सुरक्षित तरीकेबिहार राज्य के जो भी किसान तथा किसान उत्पादक संगठन एकीकृत बागवानी विकास मिशन (Mission for Integrated Development of Horticulture (MIDH)) के तहत यह प्री कूलिंग स्टोरेज इकाई लगाना चाहते हैं, वो बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर नियम और कायदे देख सकते हैं और ऑनलाइन माध्यम से अपना आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा जो किसान या किसान उत्पादक संगठन ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ हैं वो अपने जिले के उद्यान विभाग के सहायक निदेशक से भी संपर्क कर सकते हैं और ऑफलाइन माध्यम से अपना आवेदन और दस्तावेज जमा करवा सकते हैं। आवेदन करते समय आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता नंबर, मोबाइल नंबर, फोटो और किसान होने का कोई प्रमाण अपने साथ रखें। ये दस्तावेज आवेदन करते वक़्त साथ में संलग्न करने होंगे।