देश के कुल उत्पादन का लगभग 7% अनाज भंडारण के दौरान खराब हो जाता है। लगभग 70% उत्पादन स्थानीय स्तर पर किसानों द्वारा पारंपरिक तरीकों से संग्रहीत किया जाता है।
इन तरीकों में कच्चे कमरों में अनाज भंडारण, बीज व खाद्यान्नों को राख मिलाकर रखना, प्लास्टिक या जूट की बोरियों में संग्रहण, और नीम की पत्तियों या राख के साथ मिट्टी में सुरक्षित रखना शामिल है।
खाद्यान्न को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों की लगभग एक दर्जन प्रजातियाँ हैं। अलग-अलग प्रकार के खाद्यान्नों पर हमला करने वाले कीट भिन्न होते हैं, लेकिन प्रबंधन के उपाय समान रहते हैं।
यहां हम आपको भंडारित अनाज को सुरक्षित रखने के कुछ सुझावों के बारे में जानकारी देंगे जिससे की भण्डारण के दौरान आनाज ख़राब ना हो।
अधिक नमी के कारण कीट पनपते हैं, जिससे बीज और खाद्यान्न की गुणवत्ता और जीवन शक्ति प्रभावित होती है। अत्यधिक नमी फफूंद रोगों को बढ़ावा देती है, जो अंकुरण को कमजोर करती हैं।
तापमान बढ़ने पर कीट अधिक सक्रिय हो जाते हैं, जिससे बीजों की जीवंतता घट सकती है। बीज और अनाज के लिए नमी का स्तर 13% और तिलहन के लिए 8-9% रखना चाहिए।
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खाद्यान्न को कीटों से सुरक्षित रखने के लिए भंडारण से पहले कक्ष और पात्रों को कीट मुक्त करना आवश्यक है।
फसल की कटाई के बाद इन्हें साफ रखना चाहिए ताकि कीटों का प्रकोप न हो। भंडारण कक्ष और पात्र को नियमित रूप से कीट मुक्त करने के उपाय निम्नलिखित हैं:
भंडारण से पहले कमरे, गोदाम या अनाज पात्र को पूरी तरह से साफ करें और दीवारों व फर्श को मिट्टी या सीमेंट से लीपें।
यदि भंडारण कमरे या गोदाम में करना है तो इसे सूखाकर कीटनाशक (जैसे 10 मिलीलीटर क्लोरीन या 5% D.D.T.) का छिड़काव करें।
नई जूट की बोरियों को 50% ई.आर.एस या 5% मालाथियान से उपचारित करें और धोने के बाद 0.5% ग्राम एचसीएच से उपचार करें।
पात्र को 4-5 घंटे खुला रखें, ठंडा करें, और फिर साफ करके इसके बाद ही इसमें बीज अनाज संग्रहीत करें। बाहरी प्रदूषण से बचाने के लिए भण्डारण स्थान को हर तरफ से बंद करें।
आग आपके यहां मिट्टी की दीवारें है, तो दीवारों पर मैलाथियान 50 ईसी या डी.डी.टी. का छिड़काव करें।
अनाज और बीज को भण्डारित करते समय नमी का स्तर 10% से कम रखें ताकि कीट और रोग कम हों।
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फसल कटाई के बाद ही फसल में कीटों का प्रकोप होना शुरु हो जाता है, इसलिए भण्डारण के बाद भंडारित फसलों का ध्यान रखना आवश्यक होता है।
अगर भण्डारण के बाद आपको थोड़ा भी कीटों का प्रकोप दिखाई देता है, तो शुष्क परिस्थिति में एल्यूमीनियम फॉस्फाइड का प्रयोग करें।
बीज और अनाज को सूखा रखने के लिए उचित मात्रा में मैलाथियान का छिड़काव करना चाहिए।
15 दिन के भीतर निरीक्षण करना आवश्यक है ताकि कीट के प्रकोप का प्रारंभिक आकलन किया जा सकें।
पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए कि कोई बाहरी नमी या कीट भंडारित अनाज और बीजों में प्रवेश न कर सकें।