Published on: 31-Jan-2023
घाटियों एवं नदियों में उत्पादित होने वाले कृषि उत्पादों को चिन्हित किया जा रहा है। ताकि नदी के नाम से ब्रांड वैल्यू (Brand Value) निर्मित की जाए। इस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय कृषि उत्पादों को पहचान दिलाने में खास मदद मिलेगी।
विगत कुछ वर्षों के अंतर्गत भारत के कृषि उत्पादों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति हांसिल की है। भारत के अनाजों, फल, सब्जी इत्यादि खाद्य उत्पादों की विदेशों में काफी मांग है। इनकी ब्रांड वैल्यू (Brand Value) विकसित करने के लिए एपीडा (APEDA) ने भी एक प्रमुख भूमिका निभाई है। दरअसल, यह एपीडा (APEDA) की ही एक सफल कोशिश है, कि वर्तमान भारत के कृषि उत्पादों का विश्वभर में एक सम्मान और विश्वास बढ़ गया है।
कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने में एपीडा (APEDA) का योगदान काफी सराहनीय है। वर्तमान में भारतीय कृषि उत्पादों की ब्रांड वैल्यू विकसित करने हेतु कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद और निर्यात विकास प्राधिकरण मतलब कि एपीडा (APEDA) द्वारा एक नई योजना निर्मित की गई है। जिसके अंतर्गत भारतीय नदियों की घाटियों में उत्पादित होने वाले कृषि उत्पादों की नदियों के नाम से ही ब्रांडिंग (Branding) की जानी है।
भारतीय कृषि उत्पादों को नदियों के नाम पर बेचा जाएगा
व्यावसायिक पथ की रिपोर्ट के अनुसार, गोदावरी, गंगा, ब्रह्मपुत्र और कावेरी सहित भारत की प्रमुख नदियों के घाटी में उत्पादित होने वाले कृषि उत्पादों का चयन किया जा रहा है। एपीडा के अध्यक्ष एम अंगमुथु का कहना है, कि हमारे समीप एक से बढ़के एक कृषि एवं खाद्य उत्पादों की श्रंखला है। इनमें से कई सारे कृषि उत्पादों द्वारा स्थानीय एवं राज्य स्तर पर अपनी पहचान स्थापित की है। कुछ कृषि उत्पादों को जीआई टैग (GI tag) भी मिला है। इस रणनीति को आगे बढ़ाते हुए एपीडा एक शानदार एग्री प्रोडक्ट्स का बाजार विकसित करने जा रहा है, जिनकी ब्रांडिंग नदियों के नाम पर की जाएगी। इस प्लान के तहत भारतीय नदियों का नाम या टैग लाइन इस्तेमाल करके इन कृषि उत्पादों को बेचने की योजना है।
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भारतीय रेस्टोरेंट बनेंगे एपीडा (APEDA) का सहारा
मीडिया खबरों के अनुसार, भारतीय कृषि उत्पादों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ इनकी उपलब्धता एवं उपभोग में भी वृद्धि हेतु एपीडा वर्तमान में विदेश में उपलब्ध भारतीय रेस्टोरेंट पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसी सन्दर्भ में एपीडा के अध्यक्ष एम अंगमुथु का कहना है, कि भारत के जीआई टैग उत्पादों को विदेशी भूमि पर अधिक तबज्जो मिल रही है। दुनियाभर के बाजार में ऐसे उत्पादों को बेहतर प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है। इसी कड़ी में विगत वर्ष हमने 101 से अधिक जीआई टैग उत्पादों को विदेशों में निर्यात किया है। कृषि उत्पादों के निर्यात में वृद्धि हेतु फिलहाल एपीडा विदेश में उपस्थित भारतीय रेस्त्रां के समन्वय से योजना तैयार कर रहा है। इसके पीछे की वजह भारत के कृषि उत्पादों की मांग की वृद्धि में इनकी अहम भूमिका होती है। आपको बतादें, कि दूसरे देशों में लगभग 1.5 से अधिक भारतीय रेंस्त्रा हैं।